गोपुरम से आप क्या समझते हैं

  1. राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं? » Rashtravad Se Aap Kya Samajhte Hain
  2. समाजशास्त्र
  3. संगठन से आप क्या समझते हैं
  4. नयी कविता
  5. परिपत्र से आप क्या समझते है? » Paripatra Se Aap Kya Samajhte Hai
  6. शिक्षण क्या है? शिक्षण से आप क्या समझते हैं? What is teaching?
  7. मापन से आप क्या समझते हैं? मापन के प्रकार
  8. गोपुरम से क्या समझते हैं? Answer... MP Board Class


Download: गोपुरम से आप क्या समझते हैं
Size: 3.58 MB

राष्ट्रवाद से आप क्या समझते हैं? » Rashtravad Se Aap Kya Samajhte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। राष्ट्रवाद का मेरा यह मानना है कि आप अपना काम पूर्णतया ईमानदारी से करें यही सच्चा राष्ट्रवाद है अगर आप किसी गवर्नमेंट ऑफिसर हैं तो आप अपना काम बिल्कुल ईमानदारी से करें ना दशरथ ले और जितना टाइम आप को नार्मल लगता है उसे साफ-साफ सबकी हेल्प करें ठीक है और कोई डॉक्टर है तो बिल्कुल इमानदारी से पेशेंट को ट्वीट करें अन्य एसेसरी उसका जो इलाज है उसका खर्चे बचाने की कोशिश करें कि आप जिस सेगमेंट में हो आप ऑफिस लिए जो जिनका जो काम है जैसे सरहद पर रक्षा करने वाले सैनिकों का अपना अलग काम होता है ठीक है जो डॉक्टर होता उसका लक्का माता इंजीनियर होता उसका अलग काम होता है जो गवर्नमेंट सर्वेंट है उसका अलग काम होता है तो आप अपना काम बिल्कुल पुलिस वाला है उसका अलग काम होता है तो अपना काम ईमानदारी से करें वही सही भाषा में राष्ट्रवाद rashtravad ka mera yah manana hai ki aap apna kaam purnataya imaandaari se kare yahi saccha rashtravad hai agar aap kisi government officer hain toh aap apna kaam bilkul imaandaari se kare na dashrath le aur jitna time aap ko normal lagta hai use saaf saaf sabki help kare theek hai aur koi doctor hai toh bilkul imaandari se patient ko tweet kare anya esesari uska jo ilaj hai uska kharche bachane ki koshish kare ki aap jis Segment mein ho aap office liye jo jinka jo kaam hai jaise sarahad par raksha karne waale sainikon ka apna alag kaam hota hai theek hai jo doctor hota uska lakka mata engineer hota uska alag kaam hota hai jo government servant hai us...

समाजशास्त्र

अनुक्रम • 1 आधार • 1.1 इतिहास • 1.2 महत्वपूर्ण व्यक्ति • 1.3 एक अकादमिक विषय के रूप में समाजशास्त्र का संस्थानिकरण • 1.4 प्रत्यक्षवाद और गैर-प्रत्यक्षवाद • 2 बीसवीं सदी के विकास • 3 ज्ञान मीमांसा और प्रकृति दर्शनशास्त्र • 4 समाजशास्त्र का कार्य-क्षेत्र और विषय • 4.1 संस्कृति • 4.2 अपराध और विचलन • 4.3 अर्थशास्त्र • 4.4 पर्यावरण • 4.5 शिक्षा • 4.6 परिवार और बचपन • 4.7 लिंग और लिंग-भेद • 4.8 इंटरनेट • 4.9 ज्ञान • 4.10 क़ानून और दंड • 4.11 मीडिया • 4.12 सैन्य • 4.13 राजनीतिक समाजशास्त्र • 4.14 वर्ग एवं जातीय संबंध • 4.15 धर्म • 4.16 वैज्ञानिक ज्ञान एवं संस्थाएं • 4.17 स्तर-विन्यास • 4.18 शहरी और ग्रामीण स्थल • 5 शोध विधियां • 5.1 सिंहावलोकन • 5.2 पद्धतियों के प्रकार • 5.3 व्यावहारिक अनुप्रयोग • 6 समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञान • 7 इन्हें भी देखें • 7.1 संबंधित सिद्धांत, तरीके और जांच के क्षेत्र • 8 पाद टिप्पणियां • 9 ग्रंथ सूची • 10 अतिरिक्त पठन • 11 बाहरी कड़ियाँ • 11.1 व्यावसायिक संगठन • 11.2 अन्य संसाधन आधार [ ] इतिहास [ ] 1890 में पहली बार इस विषय को इसके अपने नाम के तहत अमेरिका के समाजशास्त्र के तत्व था, पहली बार प्रथम यूरोपीय समाजशास्त्र विभाग की स्थापना 1895 में, L'Année Sociologique(1896) के संस्थापक ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ सोशिऑलजी की जन्मभूमि) में हुआ। समाजशास्त्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग 1893 में शुरू हुआ, जब , जो 1949 में स्थापित अपेक्षाकृत अधिक विशाल प्रत्यक्षवाद और गैर-प्रत्यक्षवाद [ ] बीसवीं सदी के विकास [ ] 20वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में समाजशास्त्र का विस्तार यूरोप में, विशेष रूप से आतंरिक युद्ध की अवधि के दौरान, अधिनायकवादी सरकारों द्वारा और पश्चिम में रूढ...

संगठन से आप क्या समझते हैं

B. A. III, Political Science I प्रश्न 5. संगठन से आप क्या समझते हैं? संगठन के विभिन्न आधार बताइए। अथवा ‘’ संगठन से आप क्या समझते हैं? इसके मुख्य आधारों को स्पष्ट कीजिए। उत्तर -संगठन लोक प्रशासन का सबसे महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। सामान्य बोलचाल की भाषा में हम कह सकते हैं कि किसी कार्य को योजनाबद्ध ढंग से करना ही संगठन है। दूसरे शब्दों में, कोई कार्य प्रारम्भ करने से पहले उसको भली प्रकार से नियोजित कर लिया जाए, इसी को संगठन कहते हैं। ऑक्सफोर्ड शब्दकोश के अनुसार ' संगठन' शब्द का अर्थ है - किसी वस्तु का व्यवस्थित ढाँचा बनाना अथवा किसी वस्तु का आकार निश्चित करना तथा उसको कार्य करने की स्थिति में लाना। संगठन में तीन तत्त्व निहित हैं यह कार्य किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जाता है, इसमें सहयोग की भावना होती है तथा यह अनेक व्यक्तियों द्वारा किया जाता है। संगठन का अर्थ है — व्यवस्था व्यवस्था में विशेष रूप से व्यक्तियों तथा कार्यों को नियोजित किया जाता है। इस प्रकार संगठन का आशय अनेक व्यक्तियों की ऐसी स्थिति या ढाँचे से है जिसमें वे पहले से निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध रीति से काम करते हैं तथा एक-दूसरे को सहयोग देते हुए अपने निर्धारित कर्त्तव्य का पालन सुव्यवस्थित रूप से करते हैं। प्रबन्धकीय दृष्टिकोण से' संगठन' शब्द का प्रयोग दो अर्थोंमें किया जाता हैं प्रथम अर्थ में संगठन से आशय संगठन के ढाँचे से है। इस अर्थ में संगठन मूलत: ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो औपचारिक सम्बन्धों द्वारा संस्था के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु एक साथ मिलकर प्रयत्न करते हैं। द्वितीय अर्थमें संगठन से आशय एक ऐसी प्रक्रिया से है जो किसी उपक्रम की विभिन्न क्रियाओं को परिभाषित करने, उन्ह...

नयी कविता

अनुक्रम • 1 आरंभ • 2 कथ्य • 3 स्वानुभूति पर जोर • 4 वादमुक्त • 5 परंपरा का अस्वीकार • 6 लघु मानव की प्रतिष्ठा • 7 जिजीविषा • 8 शिल्पगत विशेषताएँ आरंभ [ ] नयी कविता आंदोलन का आरंभ कथ्य [ ] नयी कविता के लिए जगत्-जीवन से संबंधित कोई भी स्थिति, सम्बंध, भाव या विचार कथ्य के रूप में त्याज्य नहीं है। जन्म से लेकर मरण तक आज के मानव-जीवन का जिन स्थितियों, परिस्थितियों, सम्बंधों, भावों, विचारों और कार्यों से साहचर्य होता है, उन्हें नयी कविता ने अभिव्यक्त किया है। नए कवि ने किसी भी कथ्य को त्याज्य नहीं समझा है। स्वानुभूति पर जोर [ ] कथ्य के प्रति नयी कविता में स्वानुभूति का आग्रह है। नया कवि अपने कथ्य को उसी रूप में प्रस्तुत करना चाहता है, जिस रूप में उसे वह अनुभूत करता है। वादमुक्त [ ] नयी कविता वाद-मुक्ति की कविता है। इससे पहले के कवि भी प्रायः किसी न किसी वाद का सहारा अवश्य लेते थे। और यदि कवि वाद की परवाह न करें, किन्तु आलोचक तो उसकी रचना में काव्य से पहले वाद खोजता था-वाद से काव्य की परख होती थी। किन्तु नयी कविता की स्थिति भिन्न है। नया कवि किसी भी सिद्धांत, मतवाद, संप्रदाय या दृष्टि के आग्रह की कट्टरता में फँसने को तैयार नहीं। संक्षेप में, नयी कविता कोई वाद नहीं है, जो अपने कथ्य और दृष्टि में सीमित हो। कथ्य की व्यापकता और सृष्टि की उन्मुक्तता नई कविता की सबसे बड़ी विशेषता है। परंपरा का अस्वीकार [ ] नई कविता परंपरा को नहीं मानती है। लघु मानव की प्रतिष्ठा [ ] मनुष्यों में वैयक्तिक भिन्नता होती है, उसमें अच्छाईयाँ भी हैं और बुराईयाँ भी। नई कविता के कवि को मनुष्य इन सभी रूपों में प्यारा है। उसका उद्देश्य मनुष्य की समग्रता का चित्रण है। नई कविता जीवन के प्रति आस्था रखती है। आज की क्...

परिपत्र से आप क्या समझते है? » Paripatra Se Aap Kya Samajhte Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। परिपत्र से आप क्या समझते हैं दोस्तों परिपत्र का हिंदी में मतलब है वह अधिकारी पथराव जो विशेष तो यह संबंध पदाधिकारी और सदस्य आदि को सूचनार्थ था भेजा जाता है सर्कुलर सर्कुलर ऑफ पात्रा जिसमें किसी को खुश स्मरण करने के लिए कुछ लिखा गया paripatra se aap kya samajhte hain doston paripatra ka hindi me matlab hai vaah adhikari pathrao jo vishesh toh yah sambandh padadhikaari aur sadasya aadi ko suchnarth tha bheja jata hai circular circular of patra jisme kisi ko khush smaran karne ke liye kuch likha gaya परिपत्र से आप क्या समझते हैं दोस्तों परिपत्र का हिंदी में मतलब है वह अधिकारी पथराव जो विशे

शिक्षण क्या है? शिक्षण से आप क्या समझते हैं? What is teaching?

शिक्षण से आप क्या समझते हैं? के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शिक्षण क्या है? शिक्षण की विशेषताएं क्या है आदि। शिक्षण क्या है? यह शब्द शिक्षा धातु से बना है, जिसका अर्थ है सीख देना या सिखाना। अर्थात यह एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें एक व्यक्ति द्वारा दुसरे व्यक्ति को ज्ञान प्रदान किया जाता है। दरअसल एक व्यक्ति के द्वारा दुसरे व्यक्ति को ज्ञान देने की क्रिया अपने आप में संपन्न होती है। विचारवादी दर्शन के अनुसार शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति को आत्मनुभूति की ओर बढ़ने में सहायता मिलती है। असल में शिक्षण, शिक्षक तथा विद्यार्थी के बीच होने वाली एक अन्तः क्रिया है ,जिसके परिणामस्वरूप छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन होता है। और उसके ज्ञान में वृद्धि होती है। यथार्थवादी दर्शन में शिक्षण को एक व्यवस्थित क्रिया माना गया है। जिसके द्वारा एक व्यक्ति दुसरे व्यक्ति को विकास प्रक्रिया का अनुसरण करता है। और उसका अनुसरण करता है। शिक्षण की परिभाषाएं रायबर्न के अनुसार (according to Ryburn) ,”शिक्षण एक सम्बन्ध है जो विद्यार्थी को उसकी शक्तियों के विकास में सहायता देता है।” बी.ओ.स्मिथ (B.O. Smith) के अनुसार ,” शिक्षण क्रियाओं की व्यवस्था है जो सीखने की उत्सुकता जाग्रत करती है। ” क्लार्क (Clarke) के शब्दों में ,”शिक्षण वह प्रक्रिया है जिसके प्रारूप तथा परिचालन की व्यवस्था इसलिए की जाती है ,जिसके छात्रों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सके।” के.पी. पांडेय के शब्दों में,”शिक्षण एक व्यवस्थित क्रियाओं का समन्वित रूप है जिसमें अन्तः क्रिया द्वारा शिक्षण सुप्रयास एवं योजनाबद्ध तरीके से पूर्व नियत अधिगम लक्ष्यों की संप्राति हेतु उपस्थित सामाजिक पर्यावरण में कार्यशील होता है।” अधोलिखित परिभाषाओं ...

मापन से आप क्या समझते हैं? मापन के प्रकार

अनुक्रम (Contents) • • • • मापन से आप क्या समझते हैं? (What do you understand by measurement? ) सामान्यतः किसी वस्तु के भार, लम्बाई और आयतन को निश्चित इकाई अंकों में मापने और प्रकट करने की क्रिया को मापन कहते हैं; जैसे—भार को किग्रा में, लम्बाई को मीटर में और आयतन को लीटर में मापते हैं। मापन का क्षेत्र अति व्यापक होता है । इसके क्षेत्र में किसी भी वस्तु, प्राणी अथवा क्रिया की किसी भी विशेषता को शब्दों, चिह्नों अथवा इकाई अंकों में प्रकट करना होता है। ब्रेडफील्ड के शब्दों में, “मापन किसी वस्तु अथवा क्रिया के भिन्न-भिन्न गुणों को चिह्न विशेषों में प्रकट करने की वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा यथा वस्तु अथवा क्रिया के यथा गुणों को संक्षिप्त से संक्षिप्त रूप में प्रकट किया जाता है।” मापन की इस परिभाषा में केवल वस्तुओं और क्रियाओं के गुणों के मापन को ही शामिल किया गया है, प्राणियों के गुणों के मापन को नहीं। यूँ प्राणी भी जगत की वस्तुओं में ही आते हैं परन्तु सामान्य प्रयोग में वस्तुओं से तात्पर्य जड़ पदार्थों से लिया जाता है इसलिए प्राणियों के गुणों के मापन को अलग से दर्शाना आवश्यक है। ब्रेडफील्ड द्वारा प्रस्तुत मापन की इस परिभाषा में मापन के आधार की ओर भी कोई संकेत नहीं है। उसे भी परिभाषा में शामिल करना आवश्यक है। हमारी दृष्टि से मापन को निम्नलिखित रूप में परिभाषित करना चाहिए- मापन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी वस्तु, प्राणी अथवा क्रिया की किसी विशेषता को निश्चित मानदण्डों के आधार पर देखा-परखा और मापा जाता है और उसे मानक शब्दों, चिह्नों अथवा निश्चित इकाई अंकों में प्रकट किया जाता है। मापन चर एवं उनके प्रकार (Measuring Variables and Their Types) मापन की दृष्टि से चरों से तात्पर्...

गोपुरम से क्या समझते हैं? Answer... MP Board Class

Disclaimer We strive continuously to provide as precisely and as timely contents as possible, however, we do not guarantee the accuracy, completeness, correctness, timeliness, validity, non-obsolescence, non-infringement, non-omission, merchantability or fitness of the contents of this website for any particular purpose. Notify us by email if we have published any copyrighted material or incorrect informations.