गोवर्धन पूजा कितने तारीख की है

  1. Govardhan Puja 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance When Is Govardhan Puja
  2. Goverdhan Puja 2023: कब है गोवर्धन पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और अन्न कूट पूजा विधि
  3. Govardhan Puja 2022: दो घंटे है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, क्या है इस त्योहार का महत्व
  4. गोवर्धन पर्व की क्या मान्यता है
  5. Govardhan Puja Katha
  6. Govardhan Puja 2021 Wishes In Hindi: गोवर्धन पूजा पर इन मैसेज, एसएमएस से दीजिए लोगों को बधाई संदेश
  7. गोवर्धन पूजा 2022


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Govardhan Puja 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi Significance When Is Govardhan Puja

Govardhan Puja: हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है. गोवर्धन पूजा को अन्न कूट का त्यौहार भी कहते हैं. यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में खासकर मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना में इसकी भव्यता और बढ़ जाती है. मान्यता है कि स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल के लोगों को गोवर्धन पूजा के लिए प्रेरित किया था और देवराज इंद्र के अहंकार का नाश किया था. गोवर्धन पूजा की डेट गोवर्धन पूजा हर साल गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त • गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त - 06:29 एएम से 08:43 एएम • अवधि - 02 घंटे 14 मिनट • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 25, 2022 को 04:18 पीएम बजे • प्रतिपदा तिथि समाप्त - अक्टूबर 26, 2022 को 02:42 पीएम बजे गोवर्धन पूजा की विधि गोवर्धन पूजा करने के लिए सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाया जाता है. इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सालभर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है. ये भी पढ़ें Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Goverdhan Puja 2023: कब है गोवर्धन पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और अन्न कूट पूजा विधि

गोवर्धन का त्यौहार हर साल दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है जो श्रीकृष्ण एवं गिरिराज जी को समर्पित होता है।गोवर्धन को सनातन धर्म में विशेष स्थान प्राप्त है जो मुख्य रूप से दिवाली के अगले दिन की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण और गिरिराज महाराज गोवर्धन पर्वत के प्रति श्रद्धा एवं आस्था प्रकट करने के लिए गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है। दीपावली के दूसरे दिन मध्य और उतर भारत में गोवर्धन पूजा करने का विधान है जिसे अन्नकूट भी कहते हैं। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गोवर्धन को पड़वा कहते हैं, साथ ही कुछ स्थानों पर इसे द्यूतक्रीड़ा दिवस भी कहा जाता हैं। गोवर्धन का पर्व प्रकृति और मानव के सीधे संबंध को दर्शाता है और यह दिन दिवाली के उत्सव का चौथा दिवस होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा या अन्न कूट को प्रतिवर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, गोवर्धन का त्यौहार सामान्यरूप से अक्टूबर या नवंबर में आता है। गोवर्धन पूजा 2023 एवं मुहूर्त गोवर्धन पूजा विधि गोवर्धन पूजा के साथ अनेक धार्मिक अनुष्ठान और परम्पराएं जुडी हुई है। इस दिन भगवान कृष्ण और गिरिराज पर्वत का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गोवर्धन पूजा को ऎसे करें : • गोवर्धन पर सर्वप्रथम प्रातः काल जल्दी उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होने के बाद शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। • गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाने के बाद पर्वत के पास ग्वाल-बाल और पेड़ पौधों की आकृति बनाएं,मध्य में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें। • इसके बाद गोवर्धन पर्वत की षोडशोपचार विधि से पूजा करें। अब पूजा के दौरान गोवर्धन पर धूप, दीप, जल, फल, नैवेद्य आदि अर्पित करें, साथ ही...

Govardhan Puja 2022: दो घंटे है गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, क्या है इस त्योहार का महत्व

डीएनए हिंदी: Govardhan Puja 2022, Puja Vidhi, Shubh Muhurat and Significance-हर साल हिंदू पंचाग के अनुसार दिवाली (Diwali 2022) के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लेकिन 27 साल बाद सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) के चलते दूसरे दिन नहीं बल्कि तीसरे दिन यानी 26 अक्टूबर को गोवर्धन और अन्नकूट दोनों त्योहार होंगे. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन 56 तरह के पकवानों का श्रीकृष्ण को भोग लगाना शुभ माना जाता है. इन पकवानों को 'अन्नकूट' का प्रसाद कहते हैं, आईए जानते हैं, पूजा विधि, शुभ समय और क्या है कथा ये पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है, अन्नकूट को दिवाली के ठीक अगले दिन मनाते हैं लेकिन इस साल सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जा रही है. गोवर्धन पूजा करने के लिए सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं, कई लोग आकार बनाते हैं और कई लोग तस्वीर से पूजा करते हैं. इसके बाद रोली,चावल,खीर,बताशे, जल, दूध, पान, केसर, मूली,फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें. कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सालभर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है. फिर बछरे या गाय की पूजा होती है. दो घंटे के लिए ही होगी पूजा (Two Hours Shubh Muhurat) दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच सूर्य ग्रहण का ऐसा संयोग कई वर्षों बाद पड़ रहा है.इस साल प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 से मिनट से प्रारंभ होगा और यह 26 अक्टूबर (बुधवार) को दोपहर 2 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी. ये पूजा आप द...

गोवर्धन पर्व की क्या मान्यता है

हिंदू धर्म में शुद्ध और पवित्र गोवर्धन पूजन का अत्यधिक महत्व होता है। यह त्यौहार, प्रकृति और मनुष्यों के प्रति प्रेम और आभार दर्शाने का अत्यधिक असाधारण तरीका है। इसके साथ ही, देशभर में शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन/ second day of the Shukla Paksha, गोवर्धन पूजन या अन्नकूट का विलक्षण और सुंदर त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है। फिर भी, यह विशेष रुप से उत्तर भारत की ब्रजभूमि जैसे मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल और बरसाना का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। साथ ही, गोवर्धन पूजन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। दीपावली के अगले दिन, विशेष रूप से ब्रज में मनाई जाने वाले, इस अद्भुत त्योहार की प्रामाणिकता देखी जा सकती है। फलत:, गोवर्धन पूजन के दौरान गायों के गोधन की पूजा की जाती है। सुंदर प्रसंग यह है कि जैसे देवी लक्ष्मी सभी को सुख, आनंद, समृद्धि और शांति प्रदान करती हैं, उसी तरह शांत और निर्मल गौ माता भी अच्छे स्वास्थ्य और धन को सुनिश्चित करती है। प्राचीन मान्यता के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रज की विनाशकारी मूसलाधार बारिश से सभी को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर लगातार सात दिनों तक उठाया था, तो उसकी छत्रछाया में गोपिकाएं संतुष्ट होकर आनंदपूर्वक ठहरी रही थीं। सातवें दिन, शक्तिवान भगवान श्रीकृष्ण द्वारा विशाल गोवर्धन पर्वत को नीचे रख देने के बाद, प्रत्येक वर्ष अन्नकूट द्वारा गोवर्धन का पूजन करने के लिए इस शुभ और सुंदर पर्व को निर्धारित किया। तब से, इस अद्भुत पर्व को अन्नकूट कहा जाता है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा/ Kartik Shukla Pratipada को, दीपावली के दूसरे दिन, गोवर्धन या गौ पूजन का विशेष महत्व होता है। साथ ही, यह भी माना जाता है कि इस दिन गौ पूजन के बाद, गौ म...

Govardhan Puja Katha

वैसे तो इस त्योहार को मनाने के पीछे कई कारण जुड़े हैं, लेकिन इसका इतिहास श्री कृष्ण की कथाओं से संबंधित होता है। इस साल दिवाली के ठीक अगले दिन सूर्य ग्रहण होने की वजह से यह पर्व 25 अक्टूबर की शाम से शुरू होकर 26 अक्टूबर की सुबह तक मनाया जाएगा। ऐसे में उदया तिथि की मानें तो 26 अक्टूबर को ही पूजा करना शुभ होगा। ऐसी मान्यता है कि गोवर्धन के दिन पूजा की पूर्ण विधि के साथ इसकी कथा पढ़नी भी अनिवार्य है। मान्यता यह भी है कि इस कथा के बिना पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें गोवर्धन पूजा की पूर्ण व्रत कथा के बारे में। गोवर्धन पूजा की कथा गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा के अनुसार द्वापर युग में एक बार देवराज इंद्र को अपने ऊपर अभिमान हो गया था। इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने एक अद्भुत लीला रची। श्री कृष्ण में देखा कि एक दिन सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे थे और किसी पूजा की तैयारी में व्यस्त थे। इसे देखते हुए कृष्ण जी ने माता यशोदा से पूछा कि यह किस बात की तैयारी हो रही है? कृष्ण की बातें सुनकर यशोदा माता ने बताया कि इंद्रदेव की सभी ग्राम वासी पूजा करते हैं जिससे गांव में ठीक से वर्षा होती रहे और कभी भी फसल खराब न हो और अन्न धन बना रहे। उस समय लोग इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट (अन्नकूट का महत्व)चढ़ाते थे। यशोदा मइया ने कृष्ण जी को यह भी बताया कि इंद्र देव की कृपा से ही अन्न की पैदावार होती है और उनसे गायों को चारा मिलता है। इसे जरूर पढ़ें: इस बात पर श्री कृष्ण ने कहा कि फिर इंद्र देव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा होनी चाहिए क्योंकि गायों को चारा वहीं से मिलता है। इंद्रदेव तो कभी प्रसन्न नहीं होते हैं और न ही दर्...

Govardhan Puja 2021 Wishes In Hindi: गोवर्धन पूजा पर इन मैसेज, एसएमएस से दीजिए लोगों को बधाई संदेश

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गोवर्धन पूजा 2022

लेख सारिणी • • • • • • • • गोवर्धन पूजा | Govardhan Pooja गोवर्धन पूजा का शुभ टाइम : गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन की जाती है। गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja Time) या अन्नकूट पूजा असल में गोवर्धन पर्वत की पूजा है। यह पर्वत बृज में स्थित है, इसे गिरिराज पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्वत को श्री कृष्ण ने अपनी अंगुलि पर उठाकर गांव वालों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था। दीपावली के पाँच दिन चलने वाले त्यौहार में धन तेरस, रूप चौदस और दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा या अन्न कूट पूजा का दिन होता है। इसके अगले दिन भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा कब है | गोवर्धन पूजा का मुहूर्त आमतौर पर हर साल दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा। इस साल सूर्यग्रहण दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर 2022 को लगने जा रहा है जिसके चलते गोवर्धन पूजा का त्योहार दिवाली के अगले दिन नहीं बल्कि 26 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 को है। गोवर्धन पूजा को भगवान श्रीकृष्ण की ओर से इंद्र देव को पराजित किए जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वल्लभ सम्प्रदाय (पुष्टिमार्गी), गौड़ीय सम्प्रदाय तथा स्वामीनारायण संप्रदाय के लोगों में इस दिन का विशेष महत्त्व होता है। वैष्णव मंदिरों में छप्पन भोग बना कर भगवान को भोग लगाया जाता है। जिसमें छप्पन प्रकार खाने की वस्तुएँ बनाई जाती है। यह भोग गोवर्धन पूजा का ही प्रतीक होता है। यह अन्न कूट कहलाता है। भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। हजारों की संख्या में लोग इस प्रसाद को पाने के लिए मंदिर पहुँचते है। इस प्रसाद का एक अलग ही स्वाद होता है। ग...