ग्राम

  1. Gold Silver Rate Today 14 June 2023 Is Surging Ahead In Local And International Trade Know Latest Rates
  2. ग्राम
  3. ग्राम पंचायत (Gram Panchayat)
  4. ग्राम
  5. ग्रामगत में कौन सा समास है? ग्रामगत का समास
  6. ग्राम श्री कविता का सारांश, भावार्थ, व्याख्या, प्रश्न उत्तर क्लास 9
  7. गाँव या ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं
  8. ग्रामीण समाज का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं


Download: ग्राम
Size: 37.11 MB

Gold Silver Rate Today 14 June 2023 Is Surging Ahead In Local And International Trade Know Latest Rates

Gold Silver Rate: देश के सर्राफा बाजार में आज थोड़ी रौनक है क्योंकि सोना और चांदी दोनों कीमती मेटल्स बढ़े हुए दाम के साथ ऊपरी दायरे में कारोबार कर रही हैं. सोने की तेजी के पीछे ग्लोबल डिमांड को कारण माना जा सकता है और चांदी के लिए औद्योगिक डिमांड ज्यादा देखी जा रही है. देश में आज सोने के दाम क्या हैं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना आज 111 रुपये या 0.19 फीसदी की तेजी के साथ मिल रहा है. इसमें 59329 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट पर खरीदारी की जा सकती है. आज सोने में 59287 रुपये के रेट नीचे में देखे गए थे और इसके ऊपरी स्तर की बात करें तो ये 59370 रुपये तक गया था. सोने के ये दाम इसके अगस्त वायदा के लिए हैं. देश में आज चांदी के दाम क्या हैं मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर चांदी के दाम 270 रुपये या 0.37 फीसदी की ऊंचाई के साथ 72364 रुपये प्रति किलो पर हैं. चांदी में आज नीचे की तरफ 72220 रुपये प्रति किलो तक के लेवल देखे गए थे. चांदी में उच्चतम स्तर देखें तो ये आज 72420 रुपये प्रति किलो तक गई थी. चांदी के ये दाम इसके जुलाई वायदा के लिए हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने-चांदी के दाम कॉमैक्स पर सोने के दाम आज उछाल के साथ ही कारोबार कर रहे हैं. सोना 1.25 डॉलर की बढ़त के साथ 1,959.85 डॉलर प्रति औंस के रेट पर कारोबार कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 23.867 डॉलर प्रति औंस पर मिल रही है और इसके रेट में 0.19 फीसदी की बढ़त देखी जा रही है. देश के चार प्रमुख महानगरों में सोने के दाम जानें दिल्ली में 24 कैरेट शुद्धता वाला सोना 400 रुपये सस्ता होकर 60,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट पर है. मुंबई में 24 कैरेट शुद्धता वाला सोना 400 रुपये सस्ता होकर 60,050 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट पर है. चेन्नई म...

ग्राम

ग्राम १ संज्ञा पुं० [सं०]१. छोटी बस्ती । गाँव । २. मनुष्यों के रहनेका स्थान । बस्ती । आबादी । जनपद । ३. समूह । ढेर ।उ०—सिगरे राज समाज के कहे गोत्रगुण ग्राम । देश सुभावप्रभाव अरु कुल बल विक्रय नाम ।—केशव (शब्द०) ।विशेष—इस अर्थ में यह शब्द केवल यौगिक शब्दों के अंत सेआता है । जैसे,—गुणग्राम ।४. शिव । ५. जाति (को०) । ६. क्रम से सात स्वरों का समूह ।सप्तक (संगीत) ।विशेष—संगीत में सुभीते के लिये षड़ज, मध्यम और गांधारनामक तीन ग्राम निश्चित कर लिए गए हैं, जिन्हें क्रमशःनंद्यावर्त्त, सुभद्र और जीमूत भी कहते हैं और जिनके देवताएक क्रम से ब्रह्मा, विष्णु और शीव हैं । प्रत्येक ग्राम में ग्राम २ संज्ञा पुं० [अं०]एक अंग्रेजी तौल ।

ग्राम पंचायत (Gram Panchayat)

प्रत्येक ग्राम सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायत का प्रावधान किया गया है। ग्राम पंचायत ग्राम सभा की निर्वाचित कार्यपालिका है। ग्राम पंचायत का निर्वाचन प्रत्यक्ष रुप से होता है। प्रत्येक पंचायत को उसकी पहली बैठक की तारीख से 5 वर्ष के लिए गठित किया जाता है। पंचायत को विधि के अनुसार इससे पहले भी विघटित किया जा सकता है। यदि ग्राम पंचायत 5 वर्ष से 6 माह पूर्व विघटित कर दी जाती है तो पुनः चुनाव आवश्यक होता है। नई गठित पंचायत का कार्यकाल शेष अवधि के लिए होगा। ग्राम पंचायत की माह में एक बैठक आवश्यक है। बैठक की सूचना कम से कम 5 दिन पूर्व सभी सदस्यों को दी जाएगी । प्रधान तथा उसकी अनुपस्थिति में उप प्रधान किसी भी समय पंचायत की बैठक को बुला सकता है। यदि पंचायत के 1/3 सदस्य किसी भी समय हस्ताक्षर कर लिखित रुप से बैठक बुलाने की मांग करते हैं तो प्रधान को 15 दिनों के अन्दर बैठक आयोजित करनी होगी । यदि बैठक को प्रधान द्वारा आयोजित नहीं किया जाता है तो निर्धारित अधिकारी, सहायक अधिकारी पंचायत बैठक बुला सकता है। ग्राम पंचायत की बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या का 1/3 सदस्यों की उपस्थिति गणपूर्ति (कोरम) के लिए आवश्यक होती है। यदि गणपूर्ति के अभाव में बैठक नहीं होती है तो दोबारा सूचना देकर बैठक बुलाई जा सकती है। इसके लिए गणपूर्ति की आवश्यकता नहीं होती है। ग्राम पंचायत की बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान तथा उसकी अनुपस्थिति में उप प्रधान करता है। इन दोनों की अनुपस्थिति में प्रधान द्वारा लिखित रुप से मनोनीत सदस्य अध्यक्षता करेगा। यदि प्रधान ने किसी सदस्य के मनोनीत नहीं किया है तो बैठक में उपस्थित सदस्य बैठक की अध्यक्षता करने के लिए किसी सदस्य का चुनाव कर सकता है। ग्राम न्यायालय – अधिनियम 2008 12 अप्रैल,...

ग्राम

ग्राम इस कलम के ढक्कन का द्रव्यमान लगभग १ ग्राम है। मात्रक सम्बन्धित सूचना संकेताक्षर g मात्रक परिवर्तन 1 g निम्न मात्रक में... समतुल्य होता है... १० -३ १ ग्राम संयुक्त राज्य कस्टोमरी ०.०३५३ ग्राम (ब्रिटिश अंग्रेज़ी में इसे gramme भी लिखा जाता है; g) (यूनानी/लातिनी मूल grámma) SI गुणक [ ] SI गुणकः ग्राम (g) उपगुणक गुणक मान चिह्न नाम मान चिह्न नाम 10 –1 g dg डेसिग्राम 10 1 g dag डेकग्राम 10 –2 g cg सेंटिग्राम 10 2 g hg हेक्टोग्राम 10 –3 g mg मिल्लिग्राम 10 3 g kg किलोग्राम 10 –6 g µg माइक्रोग्राम (mcg) 10 6 g Mg मैगाग्राम ( 10 –9 g ng नॅनोग्राम 10 9 g Gg गिगाग्राम 10 –12 g pg पीकोग्राम 10 12 g Tg टेरग्राम 10 –15 g fg फ़ेम्टोग्राम 10 15 g Pg पेटग्राम 10 –18 g ag एट्टोग्राम 10 18 g Eg एक्सग्राम 10 –21 g zg ज़ेप्टोग्राम 10 21 g Zg ज़ेट्टग्राम 10 –24 g yg योक्टोग्राम 10 24 g Yg योट्टग्राम सामान्य उपसर्ग मोटे अक्षरों में हैं।. सन्दर्भ [ ] • Afrikaans • Aragonés • العربية • الدارجة • Asturianu • Azərbaycanca • تۆرکجه • Basa Bali • Беларуская • Беларуская (тарашкевіца) • Български • বাংলা • Bosanski • Català • 閩東語 / Mìng-dĕ̤ng-ngṳ̄ • Словѣньскъ / ⰔⰎⰑⰂⰡⰐⰠⰔⰍⰟ • Чӑвашла • Dansk • Deutsch • Ελληνικά • English • Esperanto • Español • Eesti • Euskara • فارسی • Føroyskt • Français • Furlan • Frysk • Galego • Avañe'ẽ • 客家語/Hak-kâ-ngî • עברית • Magyar • Հայերեն • Bahasa Indonesia • Ido • Íslenska • Italiano • 日本語 • Jawa • ქართული • Қазақша • 한국어 • Къарачай-малкъар • Kurdî • Кыргызча • Lëtzebuergesch • Lingála • Lietuvių • Latviešu • Македонски • മലയാളം • Bahasa Melayu • Malti • नेपाली • Ne...

ग्रामगत में कौन सा समास है? ग्रामगत का समास

Gramgat mein kaun sa samas hai? Gramgat ka samas-vigrah kya hota hai? ग्रामगत में कौन सा समास है? तत्पुरुष समास – ग्रामगत शब्द में तत्पुरुष समास है। ग्रामगत में समास का उपभेद द्वितीया तत्पुरूष ( कर्म तत्पुरूष ) समास है Gramgat mein kaun sa Samas hota hai? Tatpurush Samas – Gramgat shabd mein Tatpurush Samas hai. ग्रामगत का समास-विग्रह क्या है? Gramgat ka Samas-Vigrah kya hai? ग्रामगत शब्द का समास-विग्रह निम्नानुसार होगा : Advertisement समास (समस्त पद) समास-विग्रह ग्रामगत : ग्राम को गया हुआ Gramgat : Gram ko gaya hua क्योंकि ग्रामगत में तत्पुरुष समास है इसलिए हमने विद्यार्थियों की सहायता के लिए तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण को यहाँ पर संक्षेप में समझाया है। अगर विद्यार्थी तत्पुरुष समास को विस्तार से पढ़ना चाहें तो नीचे दिये गए लिंक (तत्पुरुष समास की परिभाषा – ) पर जा कर पढ़ सकते हैं। Advertisement तत्पुरूष समास ‌– [ सूत्र-प्रायेण उत्तरपदार्थ प्रधानस्तत्पुरूष: ]-जिस समास में उत्तर पद के अर्थ की प्रधानता हो तथा पूर्व पद में द्वितीया से सप्तमी विभक्ति तक का लोप हो , उसे तत्पुरूष समास कहते है। तत्पुरुष समास के उदाहरण – द्वितीया तत्पुरूष ( कर्म तत्पुरूष ) समास के उदाहरण नीचे दिये गए हैं। विद्यार्थियों को इनका लिख लिख कर अभ्यास करना चाहिए। Advertisement समास (समस्त पद) – समास-विग्रह सुखप्राप्त – सुख को प्राप्त वनगमन – वन को गमन परलोकगमन – परलोक को जाना मोक्षप्राप्त – मोक्ष को प्राप्त माखनचोर – माखन को चुरानेवाला चिड़ीमार – चिडियों को मारने वाला चित्तचोर – हृदय को चुराने वाला घरफूँक – घर को फूँकने वाला कठफोड़वा – कांठ को फ़ोड़ने वाला कुंभकार – कुंभ को बनाने वाला समास की परिभ...

ग्राम श्री कविता का सारांश, भावार्थ, व्याख्या, प्रश्न उत्तर क्लास 9

इस पोस्ट में हमलोग ग्राम श्री कविता का सारांश, ग्राम श्री कविता का भावार्थ व व्याख्या, ग्राम श्री कविता का प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे जो एनसीईआरटी क्लास 9 हिन्दी के 13 से लिया गया है| ग्राम श्री कविता का सार या सारांश ग्राम श्री कविता में पंत ने गाँव की प्राकृतिक सुषमा और समृद्धि का मनोहारी वर्णन किया है। खेतों में दूर तक फैली लहलहाती फसलें, फल-फूलों से लदी पेड़ों की डालियाँ और गंगा की सुंदर रेती कवि को रोमांचित करती है। उसी रोमांच की अभिव्यक्ति है यह कविता। इस कविता में कवि ने प्रकृति का बड़ा ही मनोहारी चित्रण किया है| प्रकृति का वास्तविक सौन्दर्य हमें गांवो में ही देखने को मिलता है| ग्राम श्री का भावार्थ व व्याख्या – फसलों की मखमली, कोमल हरियाली खेतों में दूर-दूर तक फैली हुई है सूरज की किरणें उससे ऐसे लिपट गई हैं जैसे उस हरियाली पर चाँदी की उजली जाली लपेट दी गई हो। कवि तिनकों को हरे तन वाला बताता है। ऐसे हरे तिनकों में हरियाली इस प्रकार समा गई है जैसे नसों में बहता हुआ खून हो। फसलों की हरीतिमा से साँवली हुई धरती के ऊपर विशाल आकाश का कभी न धूमिल पड़ने वाला नीला आकाश (फलक) मानों नीचे झुककर धरती को छू लेना चाहता है। रोमांचित सी लगती वसुधा आई जौ गेहूँ में बाली, अरहर सनई की सोने की किंकिणियाँ हैं शोभाशाली! उड़ती भीनी तैलाक्त गंध फूली सरसों पीली पीली, लो, हरित धरा से झाँक रही नीलम की कलि, तीसी नीली! ग्राम श्री का भावार्थ व व्याख्या – गेहूँ और जौ में जो नव विकसित बालियाँ हैं, अरहर और सनई की पकी फसलों में फलियों के बीच हवा से हिलकर बज उठने वाले गोल सुनहरे दाने हैं, फूली सरसों का पीला रंग और उसके फूलों से हवा में बिखरती तैलीय सुगन्ध है, हरी-हरी धरती से निकलने वाले, नीले फूल सिर पर सजा...

गाँव या ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं

ग्राम या गाँव का अर्थ gramin samuday athva gram ka arth paribhasha visheshta;गाँव सीमित व निश्चित भौगोलिक क्षेत्र मे सीमित संख्या मे, सामान्यतया पाँच हजार से कम,लोगो की बहुत कुछ ऐसी स्थायी बसाहट को कहा जाता है। जिसमे लोगो की जीविका का प्रमुख आधार कृषि होती है। लोगो के बीच घनिष्ठ प्राथमिक संबंध होते है और उनका जीवन परम्पराओं से बहुत अधिक प्रभावित होता है तथा जहाँ परिवर्तन कम और धीमा होता है। ध्यान दे; ग्रामीण समुदाय का अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं ग्राम के अर्थ, परिभाषा और विशेषताएं के बाद इस लेख मे नीचे दी गई है। हालांकि ग्राम और ग्रामीण समुदाय की परिभाषा और विशेषताएं बहुत कुछ हद तक सामान ही है, लेकिन फिर भी हमने आपके बेहतर अनुभव के लिए इन दोनों की परिभाषा और विशेषताएं अलग-अलग इस लेख मे लिखी है। यदि आप चाहें तो ग्राम को छोड़कर सीधे नीचे जाकर ग्रामीण समुदाय की विशेषताएं पढ़ सकते है। गाँव शब्द का प्रयोग आदिकाल से ही किया जा रहा है। तब गाँव का प्रयोग सामाजिक सम्बन्धों को स्थायित्व प्रदान करने वाले संगठन के रूप मे किया जाता था। समाजशास्त्रियों ने गाँव को ग्रामीण समुदाय के रूप मे ही परिभाषित किया है। मेरिल एवं एलड्रीज के अनुसार " ग्रामीण समुदाय के अंतर्गत संस्थाओं और ऐसे व्यक्तियों का संकलन होता है, जो छोटे से केन्द्र के चारो ओर संगठित होते है तथा सामान्य प्रकृतिक हितो मे भाग लेते है। सैण्डरसन के अनुसार ," एक ग्रामीण समुदाय वह स्थानीय क्षेत्र है, जिसमे वहां निवास करने वाले लोगो की सामाजिक अन्तः क्रिया और उनकी संस्थायें सम्मिलित है, जिनमे वह खेतो के चारो ओर बिखरी झोपड़ियों या ग्रामों मे रहते है और जो उनकी सामान्य गतिविधियों का केन्द्र है।" डाॅ. देसाई ," गाँव ग्राम्य समाज की इकाई ह...

ग्रामीण समाज का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं

नमस्कार दोस्तो स्वागत है आप सभी का ग्रामीण सामाजिक संरचना का अर्थ ग्रामीण सामाजिक संरचना एक सुन्दर चित्र प्रस्तुत करती है जिसमें विवाह, परिवार, वंश, गोत्र, नातेदारी, जाति, धर्म, राजनैतिक और आर्थिक समूह, तथा वर्ग शामिल है। जब हम ग्रामीण सामाजिक संरचना की बात करते है तो हमारे मस्तिष्क मे समुदाय का निर्माण करने वाले विभिन्न समूह जैसे, नातेदारी समूह, वंश, गोत्र, बिरादरी, जाति उपजाति तथा वर्ग भी होते है। सामाजिक संरचना हम समाज के व्यवस्थित स्वरूप को कहते है। जिस प्रकार एक माकन ईट, सीमेंट और चूने का केवल ढेर नही होता बल्कि ईट, सीमेंट और चूने का व्यवस्थित स्वरूप होता है। उसी प्रकार सामाजिक संरचना सामाजिक प्रतिमानों, समितियों, संस्थाओं, सामाजिक मूल्यों आदि के व्यवस्थित स्वरूप को सामाजिक संरचना कहा जाता है। ग्रामीण सामाजिक संरचना का अर्थ जाननें के बाद अब हम ग्रामीण समाज का अर्थ जानेंगे, इसके बाद ग्रामीण समाज की परिभाषा और ग्रामीण समाज की विशेषताएं जानेंगे। ग्रामीण समाज का अर्थ (gramin samaj ka arth) जिस समुदाय की अधिकांशतः अवयश्कताओं की पूर्ति कृषि या पशुपालन से हो जाती है उसे ग्रामीण समाज समुदाय के नाम से जाना जाता है। नगर की अपेक्षा गाँव में जनसंख्या का धनत्व बहुत ही कम होता है। गाँव में घनी जनसंख्या न होने के कारण कृषक का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से होता है। ग्रामीण समाज में महानगरीय सभ्यता और बनावटी भौतिक संस्कृति का जाल नहीं बिछा होता। ग्रामीण समाज सरल साधा जीवन व्यत्ती करता है। ग्रामीण समाज की परिभाषा (gramin samaj ki paribhasha) स्मिथ के मुताबिक," कृषक और ग्रामीण समाज प्रायः पर्यायवाची शब्द है।" हेरेल्ड एफ. ई पीके के अनुसार,"ग्रामीण समुदाय परस्पर सम्बन्धित व्यक्तियों का वह समूह ...