ग्राम प्रहरी उत्तर प्रदेश ताजा न्यूज़ 2022

  1. योगी की घोषणाः चौकीदार अब कहे जाएंगे ग्राम प्रहरी
  2. Encroachments will be removed during Village Chaupal
  3. यूपी : ग्राम प्रहरी को मिले सामाजिक सुरक्षा, भर्ती के नियम बनें, विधि आयोग ने की कानून बनाये जाने की सिफारिश


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योगी की घोषणाः चौकीदार अब कहे जाएंगे ग्राम प्रहरी

वाराणसी (जेएनएन)। एक तरफ मंच पर सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ तो दूसरी तरफ उनके सामने सुरक्षा-व्यवस्था से जुड़ी अंतिम कड़ी के चौकीदार। प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री ग्राम चौकीदारों के सम्मेलन में शामिल हुए। मान-सम्मान देने के साथ ही उनका उत्साहवर्धन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही संप्रदाय अलग हों लेकिन हम सभी का धर्म एक ही है और वह है राष्ट्रधर्म।पुलिस लाइन में आयोजित ग्राम चौकीदारों के सम्मेलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा कि ग्राम चौकीदार नहीं बल्कि अब यह ग्राम प्रहरी कहे जाएंगे। कहा कि कोई भी कानून मानवीय संबंधों से ऊपर नहीं हो सकता है। ग्राम प्रहरी सरकार की आंख-कान हैं और कानून-व्यवस्था की पहली जिम्मेदारी उनकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन को जमीनी हकीकत से अवगत कराने, प्रत्येक घटना की जानकारी पहुंचाने में अहम भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था को अनुशासित रखना चाहती है। कोई भी कानून मानवीय संबंधों से ऊपर नहीं हो सकता। कानून लोक व्यवस्था के लिए बना है। जिस दिन पुलिस का संवाद जनता से दोस्ताना हो जाएगा, उसी दिन वह इंटेलीजेंस का काम कर सकती है। ग्राम प्रहरियों से संवाद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि आप नींव के पत्थर हैं। प्रदेश में 60 हजार से अधिक ग्राम पंचायत हैं। प्रत्येक ग्राम में अगर एक ग्राम प्रहरी प्रतिदिन या सप्ताह में थानेदार को रिपोर्ट देता है और थानेदार अगर उसे गंभीरता से लेता है तो यकीन मानिए की कानून व्यवस्था कभी बिगड़ेगी नहीं। हमें प्रदेश को विकास के पथ पर आगे ले जाना है जिसके लिए किसी भी सूरत में असामाजिक तत्वों को पनपने नहीं देना है। यह भी पढ़ें: तीन तलाक विधेयक मुस्लिम महिलाओं से द...

Encroachments will be removed during Village Chaupal

गांवों के सार्वजनिक स्थानों पर किए गए अतिक्रमण को लेकर शासन संजीदा हो गया है। अब ग्राम चौपाल के दौरान न केवल ग्रामीणों को योजनाओं से लाभ पहुंचाने का काम किया जाएगा बल्कि ग्रामसभा में अतिक्रमण के शिकार सार्वजनिक स्थलों को कब्जामुक्त कराया जाएगा। इसके लिए आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद भीष्म लाल वर्मा ने डीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश पर इन दिनों गांव की समस्या गांव में समाधान कार्यक्रम के तहत ग्राम चौपाल का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम में अधिकारी ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी देते हुए उन्हें लाभान्वित कराते हैं। ग्राम चौपाल में राजस्व विभाग की रुचि देखने को नहीं मिल रही है। इसके चलते गांवों की सार्वजनिक भूमि जैसे खलिहान, चकरोड, तालाब, चारागाह, अंत्येष्टि स्थल, खेल का मैदान, तालाब आदि पर अतिक्रमण की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं। इसे देखते हुए आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद ने डीएम को पत्र भेजकर ग्राम चौपाल के दौरान राजस्व कर्मी लेखपाल व कानूनगो को भेजते हुए उक्त स्थानों से अवैध कब्जा हटवाने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं अतिक्रमण की रिपोर्ट से राजस्व अनुभाग-2 को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। बहरहाल कुछ भी हो शासन की पहल पर अब डीएम सुजीत कुमार ने ग्राम चौपाल के दौरान राजस्व कर्मी लेखपाल व कानूनगो को प्रतिभाग करने व समस्याओं के निस्तारण का निर्देश जारी कर दिया है। ऐसे में अब ग्रामीणों को सार्वजनिक स्थलों से अतिक्रमण हटवाने के लिए अफसरों के कार्यालय की परिक्रमा नहीं करनी होगी। उन्हें घर बैठे ग्राम चौपाल के दौरान पहुंचने वाले राजस्वकर्मियों से सिर्फ अतिक्रमण के बावत जानकारी देना होगा। शिकायत मिलते ही राजस्वकर्मी सार्वजनिक स्थानों से अतिक्रमण हटव...

यूपी : ग्राम प्रहरी को मिले सामाजिक सुरक्षा, भर्ती के नियम बनें, विधि आयोग ने की कानून बनाये जाने की सिफारिश

राज्य विधि आयोग ने ग्राम प्रहरी की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए उनके लिए कानून बनाए जाने की सिफारिश की है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल ने 21वें प्रतिवेदन के माध्यम से ग्राम प्रहरी के लिए नए कानून का मसौदा प्रदेश सरकार को भेजा है। इसमें ग्राम प्रहरी के लिए सेवा शर्तें तय करते हुए डीएम के माध्यम से चयन की सिफारिश की गई है। विधि आयोग ने है कि राज्य सरकार को ग्राह प्रहरी की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय करनी चाहिए। न्यूनतम आयु और आवश्यक शारीरिक दक्षता के भी मानक तय हों। उसका मासिक मानदेय नियमित रूप से दिए जाने की सिफारिश की है ताकि वह गांव की सुरक्षा के लिए पूरी लगन व तत्परता के साथ अपनी सेवाएं दे सके। ग्राम प्रहरी को सामाजिक सुरक्षा दिए जाने के बारे आयोग ने सिफारिश की है कि ड्यूटी के दौरान और पूरे सेवाकाल में ग्राम प्रहरी की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों के समुचित हितलाभ सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सामूहिक बीमा योजना का लाभ मिलना चाहिए। ग्राम प्रहरियों के बारे में कानून बनाते समय 'ग्राम प्रहरी', 'गांव', 'पुलिस अधीक्षक', 'बीट' व 'नियुक्ति प्राधिकारी' आदि शब्दों को स्पष्ट व समुचित रूप से पारिभाषित किया जाना चाहिए। जिलाधिकारी ग्राम प्रहरी के नियुक्ति प्राधिकारी होंगे। ग्राम प्रहरी गांव में किसी भी तरह की संदिग्ध, अप्राकृतिक, आकस्मिक मृत्यु के बारे में संबंधित पुलिस अधिकारी को तत्काल सूचना देगा। हत्या, लूट, चोरी, बलात्कार, अग्निकांड, हादसे में घर के क्षतिग्रस्त होने, अपहरण, बच्चों व महिलाओं के साथ होने वाले अन्य अपराध आदि की सूचना भी वह तत्काल संबंधित पुलिस अधिकारी को देगा। किसी ऐसे विवाद जिससे गांव में जातीय, साम्प्रदायिक उन्माद भड़कने, दंगा होने की आशंका हो उसके ...