ग्राम सभा pdf

  1. (PDF) ग्रामीण राजनीति में ग्राम सभा की भूमिका
  2. NCERT CLASS 6 civics अध्याय : 5 पंचायती राज नोट्स हिंदी में pdf
  3. छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 pdf
  4. Divyang Pension Gram Sabha Prastav Download : ग्राम सभा प्रस्ताव PDF Download
  5. पंचायती राज नोट्स


Download: ग्राम सभा pdf
Size: 57.61 MB

civilhindipedia

स्थानीय स्व-शासन का परिचय-1 (ग्राम सभा क्या है?) (Introduction to local self government- What is Gram Sabha) Posted on January 31st, 2019 ग्राम सभा पंचायती राज और ग्राम विकास का आधार है। लोग ग्राम सभा के मंच का उपयोग स्थानीय शासन और विकास पर चर्चा करने के लिए करते हैं, और गाँव के लिए जरूरत-आधारित योजनाएँ बनाते हैं। पंचायत ग्राम सभा के अधिदेश, पर्यवेक्षण और निगरानी के तहत विकास कार्यक्रमों को लागू करती है। पंचायत के सभी निर्णय ग्राम सभा के माध्यम से लिए जाते हैं और कोई भी निर्णय ग्राम सभा की सहमति के बिना आधिकारिक और मान्य नहीं होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243(b) में इसे परिभाषित किया गया है। ग्राम सभा पंचायती राज व्यवस्था का प्राथमिक निकाय है और सबसे बड़ा निकाय भी। यह एक स्थाई निकाय है। पंचायती राज की अन्य सभी संस्थाएं जैसे कि ग्राम पंचायत, ब्लॉक पंचायत और जिला परिषद का निर्माण निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा होता है जबकि ग्राम सभा मतदाताओं से बनती है। ग्राम सभा द्वारा लिए गए निर्णय किसी अन्य निकाय द्वारा रद्द नहीं किए जा सकते। ग्राम सभा के निर्णयों को निरस्त करने का अधिकार केवल ग्राम सभा में ही निहित होता है। ग्राम सभा के सदस्य- 18 साल से कम उम्र के लोग ग्राम सभा के सदस्य नहीं हो सकते। ऐसे लोग जिनकी उम्र 18 साल हो और वे गांव में रहते हों लेकिन ग्राम पंचायत (ग्रा.पं.) के मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं है, वे भी ग्राम सभा के सदस्य नहीं हो सकते।इसमें ऐसे सभी लोग सम्मिलित होते हैं जिनके नाम पंचायत की निर्वाचन सूची में ग्राम स्तर पर शामिल रहते हैं। ग्राम सभा की तयशुदा बैठकें- राज्य पंचायती राज अधिनियम के अनुसार ग्राम सभा की बैठकें साल में कम से कम दो बार अवश्य होनी चाहिए। लो...

Home

Divyang Pension Gram Sabha Prastav Download :- दोस्तों अगर आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही दिव्यांग पेंशन योजना के लिए आवेदन करना चाहते हो तो आपको ग्राम सभा प्रस्ताव की जरूरत होगी अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से आवेदन कर रहे है तो, ग्राम सभा प्रस्ताव को कैसे डाउनलोड करें और फॉर्म को कैसे … Categories हमारी वेबसाइट sarkariyojanaguru.in में सरकारी योजनाओं से संबंधित जानकारियां दी जाती है लेकिन यह सरकार द्वारा संचालित नहीं है यह सिर्फ एक व्यक्ति विशेष द्वारा चलाई जा रही है इस वेबसाइट का उद्देश्य सही जानकारी देना है यहां पर किसी भी प्रकार का पैसा नहीं लिया जाता है और हमसे गलती होने पर हमें कमेंट में जरूर बताएं धन्यवाद

(PDF) ग्रामीण राजनीति में ग्राम सभा की भूमिका

वर्त्तमान समय में ग्रामीण राजनीति अपने मूल से परिवर्त्तित प्रतीत हो रहा है। देखने को आ रहा है कि ग्रामीण राजनीति में मंच का विषेश महत्व है। मंच उन्हें सषक्त करता है। पंच परमेष्वर की संकल्पना को अपनाने वाली व्यवस्था आज विषेश रूप से प्रभावी प्रतीत हो रहा है। भारत एक ऐसा गणराज्य है जहां षासकों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है।

NCERT CLASS 6 civics अध्याय : 5 पंचायती राज नोट्स हिंदी में pdf

ग्राम सभा – ग्राम सभा एक पंचायत के क्षेत्र में रहने वाले सभी व्यस्क की सभा होती है। इस सभा में एक गांव या अधिक गांव भी हो सकते हैं कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो जिसे वोट देने का अधिकार प्राप्त हो और जिसका नाम गांव की मतदाता सूची में हो वह ग्राम सभा का सदस्य होता है। ग्राम पंचायत– एक ग्राम पंचायत कई वार्ड छोटे क्षेत्र मैं बठी होती है प्रत्येक वार्ड अपना एक प्रतिनिधि चुनता है जो वार्ड पंच के नाम से जाना जाता है पंचायत क्षेत्र के लोग मिलकर सरपंच को चुनते हैं जो पंचायत का मुखिया होता है वार्ड पंच और सरपंच मिलकर ग्राम पंचायत का गठन 5 वर्ष के लिए करते हैं सचिव – ग्राम पंचायत का एक सचिव होता है यह ग्राम सभा में ग्राम पंचायत दोनों का सचिव होता है इसका चुनाव नहीं होता सरकार द्वारा नियुक्ति की जाती है इसका कार्य ग्राम सभा में ग्राम पंचायत की बैठक बुलाना और जो भी चर्चा एवं निर्णय हुआ हो उनका रिकॉर्ड रखना होता है। ग्राम पंचायत के कार्य – सड़कों, नालियों, स्कूल, भवनों, पानी के स्रोतों, और अन्य सार्वजनिक उपयोग के भवनों का निर्माण और रखरखाव, स्थानीय कर लगाना और इकट्ठा करना गांव के लोगों को रोजगार देने संबंधित सरकारी योजना लागू करना ग्राम पंचायत की आमदनी के स्रोत – घरों एवं बाजारों पर लगाए जाने वाले कर से मिलने वाली राशि विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा चलाई गई योजनाओं की राशि जो जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा आती है समुदाय के काम के लिए मिलने वाले दान। समितियां – ग्रामसभा काम करने के लिए समितियां बनाती है यह कुछ राज्यों में है इसके सदस्य होते हैं कुछ ग्राम सभा सदस्य और कुछ पंचायत के सदस्य, उदाहरण : निर्माण समिति ग्राम पंचायत ग्रामसभा के प्रति जवाबदेह होती है जिला पंचायत – ज...

छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 pdf

छत्तीसगढ (म.प्र.) भू-राजस्व संहिता, १९५९ : धारा संक्षिप्‍त अध्याय-१ १. संक्षिप्त नाम, विस्तार तथा प्रारम्भ २. परिभाषाएँ अध्याय-२ राजस्व मंडल (बोर्ड) ३. राजस्व मंडल का गठन ४. राजस्व मंडल का प्रधान स्थान तथा उसकी बैठकों के अन्य स्थान ५. मंडल के सदस्यों की सेवा शर्ते ६. वेतन तथा भत्ते ७. मण्डल की अधिकारिता ८. मण्डल की अधीक्षण सम्बन्धी शक्तियां ९. एक सदस्यीय तथा बहुत सदस्यीय न्यायपीठों द्वारा अधिकारिता का प्रयोग १०. संहिता के प्रारम्भ होने के समय विचाराधीन मामले Sanjeev Tiwari, Advocate Chambers of Om Sai Associates (Advocates and Legal Consultants)Office - 1st floor, Gaur Complex, Rajendra Park Chowk, Durg, Chhattisgarh.Rec. - Suryodaya Nagar, Khandelwal Colony, Durg, Chhattisgarh. अध्याय-३ राजस्व अधिकारी, उनके वर्ग तथा शक्तियां ११. राजस्व पदाधिकारी १२. राजस्व पदाधिकारियों पर नियंत्रण १३. सम्भागों, जिलों, उपखंडों तथा तहसीलों को परिवर्तित करने, उनकी रचना करने या उन्हें समाप्त करने की शक्ति १४. लुप्त १५. लुप्त १६. कलेक्टर को नियुक्त करने की शक्ति १७. अपर कलेक्टर को नियुक्त करने की शक्ति १८. सहायक कलेक्टरों, संयुक्त कलेक्टरों तथा डिप्टी कलेक्टरों की नियुक्ति और शक्तियां १९. तहसीलदारों, अपर तहसीलदारों तथा नायब तहसीलदारों की नियुक्ति २०. भू-अभिलेखों अधीक्षक तथा सहायक भू-अभिलेख अधीक्षकों की नियुक्ति २१. अन्य पदाधिकारी २२. उपखंड अधिकारी २३. राजस्व अधिकारियों की अधीनस्थता २४. राज्य सरकार द्वारा राजस्व अधिकारियों की शक्तियों का पदाधिकारियों तथा अन्य व्यक्तियों को प्रदत्त किया जाना । २५. स्थानान्तरण होने पर प्रयोगनीय शक्तियां २६. अस्थायी रिक्ति होने की दशा में कलेक्टर अध्याय-४ राजस्व प...

Divyang Pension Gram Sabha Prastav Download : ग्राम सभा प्रस्ताव PDF Download

Divyang Pension Gram Sabha Prastav Download :- दोस्तों अगर आप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही दिव्यांग पेंशन योजना के लिए आवेदन करना चाहते हो तो आपको ग्राम सभा प्रस्ताव की जरूरत होगी अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से आवेदन कर रहे है तो, ग्राम सभा प्रस्ताव को कैसे डाउनलोड करें और फॉर्म को कैसे भरना है कहा से फॉर्म को प्रमाणित करना है, ग्राम सभा प्रस्ताव क्या होना है सारी जानकारी आज हम आपको बताने वाले है | अगर आप ग्राम सभा प्रस्ताव का PDF डाउनलोड करना चाहते है और फॉर्म को आपको कैसे भरना है, कौन ग्राम सभा प्रस्ताव बनाता है जानना चाहते है, तो आप सही आर्टिकल को पढ़ रहे है हम आपको सारी जानकारी इस आर्टिकल में देने वाले है आपको आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ना है :- दिव्यांग पेंशन योजना क्या है ? हम सब जानने है, कि दिव्यांग लोगों का जीवन कितना कठिन होता है और उन्हें अपने जीवन को व्यक्ति करने के लिये बहुत परेशानियों का सामना करना पढ़ना है तथा वह दूसरों पर निर्भर रहते है | इन्ही बातों ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार द्वारा दिव्यांग लोगों के लिए कई सारी योजनाएं चलाई जा रही है ऐसे ही एक योजना दिव्यांग पेंशन योजना है, जिसमे दिव्यांग लोगों को आर्थिक सहायता प्रतिमाह 1000₹ पेंशन के रूप में प्रदान किये जाते है | इस योजना की धनराशि सीधे लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाती है | Also Read :- • • • • • Divyang Pension Gram Sabha Prastav Kaise Download Karen दिव्यांग पेंशन योजना का फॉर्म ग्रामीण क्षेत्र से ऑनलाइन भरते समय आपको ग्राम सभा प्रस्ताव ( Gram Sabha Prastav) को अपलोड करना होता है, अगर आप आपको अपलोड नही करते है तो आपकी पेंशन का फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा | ग्राम सभा प्रस्ताव का फॉर्म को नीचे दिया गया...

पंचायती राज नोट्स

पंचायती राज (Panchayati Raj) • लोकतांत्रिक देशों की सबसे बड़ी चुनौती रही है कि कैसे प्रत्येक निर्णय में जनता की सहभागिता को बढ़ाया जाए जिससे वे अपने विकास का रास्ता खुद तय कर सके इसी उद्देश्य को बढ़ावा देने के लिए सत्ता के विकेंद्रीकरण की बात कही जाती है | • गांव में व्याप्त समस्याओं को केंद्रीय स्तर पर बैठकर हल नहीं किया जा सकता है इन समस्याओं को विकेंद्रीयकरण के माध्यम से ही हल किया जा सकता है जिसका सबसे अच्छा माध्यम ग्राम सभाएं हो सकती हैं | स्थानीय स्वशासन की विशेषताएं • जनता अपनी समस्याओं को स्वयं हल कर सकती है | • कार्यों के बंटवारे से केंद्र व राज्य स्तर की सरकारों का बोझ कम होगा | • राजनीतिक चेतना का विकास होता है | • सत्ता के विकेंद्रीकरण से जन कल्याणकारी कार्यों को आसानी से पूरा किया जा सकता है | स्थानीय स्वशासन के जनक • भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक लॉर्ड रिपन 1880 से 1884 ईसवी को माना जाता है इन्होंने 1882 ईस्वी को एक प्रस्ताव पारित कर के स्थानीय शासन के लिए निम्न प्रावधान किए | • स्थानीय बोर्ड को कार्य करने तथा आय के साधन दिए गए • जिला बोर्डों का गठन किया गया | • सरकारी हस्तक्षेप की अनुमति कार्यों की समीक्षा करने तक ही सीमित कर दी गई | • बाद में भारत शासन अधिनियम 1919 के द्वारा स्थानीय स्वशासन को एक हस्तांतरित विषय में परिवर्तित कर दिया गया और इन संस्थाओं को अपने विकास कार्य करने की अनुमति दे दी गई तथा भारत शासन अधिनियम 1935 के द्वारा उन संस्थाओं को और सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया गया | भारत में स्थानीय स्वशासन की पृष्ठभूमि • गांधीजी ग्राम स्वराज्य के पक्षधर थे अतः संविधान सभा ने राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के तहत अनुच्छेद 40 में ग्राम पंचायतों का प्रावधान ...