गर्भपात के बाद सावधानियां

  1. गर्भपात होने के बाद ध्‍यान रखें सेहत से जुड़ी इन बातों का
  2. गर्भपात के बाद कौन
  3. अबॉर्शन के बाद क्या खाना चाहिए, क्या नहीं
  4. गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं
  5. गर्भपात के बाद लक्षण, पहले महीने में गर्भपात के लक्षण, पहली तिमाही में गर्भपात का कारण बनता है, अधूरे गर्भपात के लक्षण क्या है?, अपूर्ण गर्भपात के लक्षण और उपचार, अधूरा गर्भपात में क्या करे, Adhura Garbhpat Ke Lakshan, अधूरा गर्भपात का इलाज, असफल गर्भपात के लक्षण, Adhura Garbhpat Me Kya Kare, गर्भपात के बाद घरेलू उपचार, गर्भपात होने के कारण लक्षण बचाव उपचार और घरेलू उपचार, Garbhpat Hone Ke Lakshan, Garbhpat Ke Karan Lakshan Ilaj Dawa Aur Upchar
  6. गर्भपात होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार
  7. अबॉर्शन कैसे होता है? तरीका और देखभाल


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गर्भपात होने के बाद ध्‍यान रखें सेहत से जुड़ी इन बातों का

गर्भपात का दर्द क्या होता है, यह केवल एक मां समझ सकती है। जन्म देने से पहले ही अपने शिशु को खो देना काफी दर्दनाक अहसास होता है। यह एक महिला के जीवन में होने वाली ऐसी घटना है, जिसके लिए वह कभी तैयार नहीं रहती। गर्भपात की इस घटना से खुद को उभारने के लिए अपनी देखभाल करना बहुत जरूरी है। क्योंकि बच्चा खाने के बाद या मिसकैरेज के बाद एक महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। इसलिए जल्दी ठीक होने के लिए सेहत से जुड़ी कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इस लेख में हम गर्भपात होने के बाद सेहत से जुड़ी कुछ खास सावधानियों के बारे में बात करने वाले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्भपात मानव गर्भधारण में आने वाली समस्याओं में से एक है। आंकड़ों के अनुसार, 12-15 प्रतिशत क्लीनिकल प्रेग्नेंसी मिसकैरेज पर खत्म होती हैं और 17-22 प्रतिशत को गर्भावस्था में ही गर्भपात हो जाता है। जिसके बाद महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम गर्भपात से जूझ रही महिलाओं के लिए गर्भपात होने के देखभाल के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं। साथ ही बताएंगे, कि गर्भपात के बाद आपको अपना ध्यान कैसे रखना है। आमतौर पर गर्भपात अनुवांशिक कारणों और गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं के कारण होता है। ये कारक भ्रूण के विकास को रोकते हैं। इसके अलावा हार्मोनल लेवल, गर्भपात के बाद सेहत से जुड़ी बातों का ऐसे रखें ध्यान –Things to keep in mind after miscarriage in Hindi गर्भपात की घटना आपके शरीर को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर बना देती है। इस दौरान आप हर चीज में दिलचस्पी खो देंगी और खुद को हर चीज से अलग कर लेंगी। अगर आप जल्द ही गर्भपात की घटना से निकलना चाहती हैं, तो खुद क...

गर्भपात के बाद कौन

Mousumi Dutta Author | 387 Articles Follow गर्भपात या मिसकैरेज शब्द को तो हम सभी जानते हैं, लेकिन जिस महिला को इस अवस्था से गुजरना पड़ता है, उसके लिए यह अवस्था मानसिक, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत ही गंभीर और दर्दभरा होता है। इस अवस्था में खुद को या किसी अपने को जो अवस्था से गुजर रही है,उसको क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में बहुत कम लोगो को जानकारी होती है। तो आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि गर्भपात या मिसकैरेज हो जाने पर कैसे सेल्फ केयर करनी चाहिए। गर्भपात क्या होता है?। What is a Miscarriage in Hindi? गर्भपात को मिसेकैरेज भी कहा जाता है। इसके अलावा इसको गर्भपात के प्रकार- डॉक्टर गर्भपात होने के प्रकार के आधार पर मरीज की देखभाल करते हैं- मिस्ड मिसकैरेज: इस अवस्था में मरीज को पता ही नहीं होता है कि उसने कब प्रेग्नेंसी खो दी है। वह इस बात से अनजान होती हैं। इस अवस्था में गर्भपात के कोई लक्षण नहीं होते हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड के द्वारा इसका पता चलता है कि भ्रूण के दिल की धड़कन नहीं है। पूर्ण गर्भपात– इस अवस्था में महिला गर्भावस्था खो देती हैं और उनका गर्भाशय खाली हो जाता है। इसमें ब्लीडिंग होता है और फेटल टीशू भी ब्लीडिंग में निकल जाता है। इस बात की भी पुष्टि अल्ट्रासाउंड से होता है। बार-बार गर्भपात होना– इस प्रकार में लगातार तीन बार गर्भपात होता है। थ्रेटेंड मिसकैरेज– इस अवस्था में सर्विक्स का मुँह बंद रहता है, लेकिन ब्लीडिंग और पेल्विक में क्रैम्पिंग होता रहता है। लेकिन प्रेगनेंसी में इससे कोई फर्क नहीं पहुँचता है, सिर्फ लगातार मॉनिटर करने की जरूरत होती है। इनएविटेबल मिसकैरेज– इस अवस्था में मरीज को ब्लीडिंग होता है, ऐंठन भी होता है और सर्विक्स खुलनी (फैलना) ...

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गुरुवार 29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अविवाहित लड़कियों/महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि विवाहित महिलाओं की तरह अविवाहित महिलाएं भी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट के तहत 24 सप्ताह तक बिना किसी की अनुमति के गर्भपात करा सकती हैं। गर्भपात शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों स्तरों पर दर्दनाक होता है। गर्भपात के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानें कि गर्भपात के बाद देखभाल कैसे करें- एक अच्छा और संतुलित आहार लें संतुलित आहार खाना हमेशा आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, लेकिन जब आप ठीक हो रहे होते हैं तो यह और भी महत्वपूर्ण होता है। सुनिश्चित करें कि गर्भपात के बाद आपके आहार में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, आयरन, बी विटामिन और कैल्शियम शामिल हैं क्योंकि आपके शरीर को ठीक होने के लिए इनमें से बहुत से की आवश्यकता होगी। फल और सब्जियां, साबुत अनाज, और कैल्शियम और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ आपके लिए विशेष रूप से अच्छे हो सकते हैं। गर्भपात के बाद महिलाओं को अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, अदरक, लहसुन, तिल, सूखे मेवे, दूध शामिल करना चाहिए। वहीं जंक, प्रोसेस्ड फूड और शुगर ड्रिंक्स से बिल्कुल भी बचें। साथ ही डॉक्टर से सलाह लेने के बाद विटामिन डी, आयरन और कैल्शियम जैसे सप्लीमेंट्स भी लें। शरीर में पानी की कमी न होने दें गर्भपात के बाद शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए हाइड्रेटेड रहना आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, खासकर जब आपका शरीर गर्भपात से उबर रहा हो। सुनिश्चित करें कि आप बहुत सारे तरल पदार्थ ले रहे हैं। जब आप अच्छी तरह से हाइड्रेट होते हैं, तो आपके पेशाब का रंग हल्का पीला होना चाहिए। यदि य...

अबॉर्शन के बाद क्या खाना चाहिए, क्या नहीं

गर्भपात के बाद महिलाओं के शरीर में दरअसल, गर्भपात के बाद महिलाओं को हैवी ब्लीडिंग होती है, जिसके कारण महिलाएं एनीमिया और शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो सकती हैं. ऐसे में आयरन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से महिलाओं के शरीर में 100 ग्राम पालक में लगभग 2.7 मिलीग्राम आयरन होता है. इसके अलावा, यह (और पढ़ें - myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करना बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपनी पसंदीदा चीजें नहीं खा सकते हैं. हेल्दी आहार के साथ-साथ आप कभी-कभार अपने आहार में थोड़ा बदलाव करके अपनी पसंदीदा चीजें भी खा सकते हैं. बस ध्यान रखें कि इसकी मात्रा कम हो. साथ ही अगर डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह लेकर आप अपनी डाइट को बदलते हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है. (और पढ़ें - गर्भपात के बाद महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से काफी कमजोर हो जाती हैं. इस स्थिति में महिलाओं को बेहतर देखभाल की जरूरत होती है. इसके अलावा, इस दौरान महिलाओं को डाइट पर भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. इस दौरान भरपूर पोषक तत्वों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए, ताकि शरीर में होने वाली कमजोरी को जल्द से जल्द दूर किया जा सके. (और पढ़ें -

गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं

जब भी किसी लेडी का गर्भपात (miscarriage) होता है तो कुछ सामान्य समस्यांए जैसे उल्टी आना, बुखार रहना, ख़ून बहना, पेट में दर्द आदि होती हैं। लेकिन कई बार कुछ लेडी को गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं से कही अधिक गम्भीर समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। जैसे की हीमोररेहेज, एंडोटॉक्सिक शॉक, कंवलशन, गर्भाशय में चोट आदि । यदि गर्भपात के समय परेशानी अधिक न हुई हो तो महिला कुछ दिनों में स्वस्थ हो जाती है। लेकिन यदि समस्याएँ अधिक हों तो गर्भधारण करने में परेशानी होना स्वाभाविक है। अगर किसी लेडी को गर्भपात के बाद नीचे बतायी गयी परेशानियां महसूस हो रही है तो जितना जल्दी हो सके किसी डॉक्टर से सम्पर्क करें। गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं – गर्भपात के बाद होने वाली समस्‍याएं – Problems after miscarriage in Hindi • योनि से बदबूदार चिपचिपा पदार्थ रिसना • तेज़ बुखार आना • पेट में ज़ोरों का दर्द रहना • अधिक और लगातार ख़ून आना • दर्द का कम न होना ऑबर्शन होने पर किसी भी तरह की मानसिक और शारीरिक समस्या के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी बात को अनदेखा नहीं करना चाहिए। गर्भपात के बाद सावधानियां बहुत जरुरी है क्योकि कई बार यह बड़ी समस्या बन सकता है और जानलेवा भी हो सकता है। महिलाओं की मृत्यु के कुछ बड़े कारणों में से गर्भपात भी एक है। इस परेशानी में महिला शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप में कमज़ोर रहती है। इस कारण महिला की देखभाल, खानपान और मानसिक सपोर्ट करना अनिवार्य हो जाता है। गर्भपात शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर बेहद मुश्किल होता है। गर्भपात के समय और बाद में शरीर को भयानक दर्द सहन करना पड़ता है। इस दौरान महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है। हम उन जरूरी बातों का जिक्र कर रहे हैं, जिन...

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गर्भपात होने के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार

Image: Shutterstock गर्भवती महिला के लिए गर्भपात दुखद और डरावना शब्द है। हर महिला चाहती है कि उसका शिशु स्वस्थ और बिना किसी तकलीफ के इस दुनिया में आए, लेकिन कभी-कभी शारीरिक समस्याओं के चलते कुछ महिलाएं गर्भपात का शिकार हो जाती हैं। गर्भपात जितना शारीरिक रूप से तकलीफ देता है, उतना ही मानसिक रूप से महिला को कमजोर बना देता है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भपात से जुड़ी कुछ समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि किसी भी महिला को इसका सामना न करना पड़े। गर्भपात के विभिन्न प्रकार गर्भपात कई तरह के होते हैं और यह आपकी प्रेग्नेंसी की अवस्था पर निर्भर करता है। हर गर्भपात के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। नीचे हम बताने जा रहे हैं कि गर्भपात कितने तरह के हो सकते हैं • मिस्ड गर्भपात (Missed Abortion) : इसमें गर्भावस्था खुद से खत्म हो जाती है। इस दौरान न ही कोई रक्तस्राव होता है और न ही किसी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं। कुछ मामलों में तो गर्भपात होने के बाद भी भ्रूण गर्भ में ही रहता है और इसका पता तब चलता है जब गर्भ में भ्रूण का विकास रुक जाता है। इसका पता अल्ट्रासाउंड से किया जाता है। • पूर्ण गर्भपात (Complete Abortion): नाम की तरह यह गर्भपात पूरी तरह से होता है। इसमें गर्भाशय से भ्रूण पूरी तरह से बाहर आ जाता है। पेट में तेज दर्द होना और भारी रक्तस्राव होना पूर्ण गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं। • अपरिहार्य गर्भपात (Inevitable Abortion) : इसमें रक्तस्राव होता रहता है और गर्भाशय ग्रीवा खुल जाती है, जिससे भ्रूण बाहर आ जाता है। इस दौरान महिला को पेट में लगातार ऐंठन होती रहती है। • संक्रमित (सेप्टिक) गर्भपात : इस दौरान गर्भ में संक्रमण हो जाता है, जिससे गर्भपात होता है। आइए, अब जानत...

अबॉर्शन कैसे होता है? तरीका और देखभाल

Table of contents • • • • • • • • • अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाने के लिए गर्भपात किया जाता है। अगर कोई महिला गर्भपात कराना चाहती है तो उसके मन में गर्भपात की प्रक्रिया को लेकर संशय रहता है। इस लेख में हम गर्भपात की विधि और प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। हम यह भी जानेंगे कि गर्भपात के बाद क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और किन परिस्थितियों में महिलाएं गर्भपात करा सकती हैं। Table of contents • • • • • • • • • गर्भपात क्या है? (Abortion in Hindi) अबॉर्शन गर्भावस्था को खत्म करने की एक प्रक्रिया है। इसे गर्भावस्था की समाप्ति भी कहते हैं। अबॉर्शन के लिए सर्जरी या दवाइयों का सहारा लिया जा सकता है। अधिकांश अबॉर्शन एमटीपी किट (MTP kit) के जरिए किए जाते हैं। इस किट में दो दवाएं होती हैं और उन दवाइयों को लेने से महिला का गर्भ गिर जाता है। यह दवाइयां आप डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं खरीद सकते हैं। अबॉर्शन कैसे होता है? (Abortion Kaise Hota Hai) गर्भपात दो प्रकार से किया जा सकता है: • मेडिकल अबॉर्शन • सर्जिकल अबॉर्शन मेडिकल अबॉर्शन मेडिकल अबॉर्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें गर्भावस्था को खत्म करने के लिए केवल दवा का उपयोग किया जाता है। 10 सप्ताह तक की प्रेगनेंसी को खत्म करने का यह सबसे सुरक्षित तरीका है। मेडिकल अबॉर्शन कैसे होता है? मेडिकल एबॉर्शन में किसी सर्जरी या एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती है। डॉक्टर महिला को गर्भपात की गोली देते हैं और खाने का समय और तरीका बताते हैं। गर्भपात की दवा लेने के बाद महिला का गर्भाशय सिकुड़ता है और गर्भाधान का उत्पाद (Product of conception) योनि के माध्यम से बाहर निकल जाता है। पढ़ें: मेडिकल अबॉर्शन के साइड इफेक्ट मेडिकल अबॉर्शन के निम्न साइडइफेक्ट हो सकते हैं: ...