ग्रहों की दृष्टि चार्ट

  1. कुंडली में ग्रहों की दृष्टियां और उच्च
  2. ग्रहों की दृष्टि कितनी घातक या लाभदायक, जानिए भाग 1
  3. Horoscope Today June 14 2023 Read Your Astrological Predictions Aaj Ka Rashifal By Astrologer Suresh Shrimali
  4. ग्रहों की प्रकृति और स्वभाव
  5. क्या उस व्यक्ति का नाम जान सकते है, जिससे मेरी शादी होगी?
  6. लाल किताब और ग्रहों की दृष्टियां
  7. 12 Rashi Swami Grah (12 राशियों के अनुसार उनके स्वामी ग्रह) – Astrologer


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कुंडली में ग्रहों की दृष्टियां और उच्च

Jagannath Rath Yatra 2023: भारत के ओड़िसा राज्य के पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा का प्रतिवर्ष आयोजन होता है। प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा कब, क्यों, कहां और कैसे निकाली जाती है यह देखने के लिए देश विदेश से हजारों भक्त आते हैं। हर कोई इस रथ यात्रा में भाग लेता है। आओ जानते हैं इस यात्रा की 10 खास बातें। Kamdhenu gay ki murti rakhne ke fayde : प्राचीनकाल में कामधेनु नामक एक गाय होती थी जो व्यक्ति की सभी तरह की कामना या मनोकामना पूर्ण कर देती थी। इस गाय को बहुत ही पवित्र माना जाता है। इसे समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में से एक माना जाता है। बहुत से घरों में बछड़े नंदिनी को दूध पिला रही कामधेनु गाय की पीतल की मूर्ति होती है। आखिर इस मूर्ति को कब, कहां और कैसे रखना चाहिए यह भी जानना जरूरी है तभी इसका लाभ मिल सकता है। Dakshin disha ke makan ka vastu : दक्षिण मुखी घर एक समय के बाद बुरा फल देना प्रारंभ करता है। दक्षिण दिशा पर मंगल का प्रभाव रहता है इसलिए मंगल हमारे शरीर में खून, रिश्‍तों में भाई और लड़ाई-झगड़े का सूचक है। यह दिशा यम की दिशा भी मानी गई है। इसलिए इस दिशा का दोष दूर करना होता है। यदि आपका भी घर दक्षिण मुखी है तो जानिए वास्तु के कुछ खास टिप्स, जिन्हें करना जरूरी है। शुभ विक्रम संवत्-2080, शक संवत्-1945, हिजरी सन्-1444, ईस्वी सन्-2023 संवत्सर नाम-पिंगल अयन-उत्तरायण मास-आषाढ़ पक्ष-कृष्ण ऋतु-ग्रीष्म वार-शुक्रवार तिथि (सूर्योदयकालीन)-षष्ठी नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-धनिष्ठा योग (सूर्योदयकालीन)-वैधृति करण (सूर्योदयकालीन)-वणिज लग्न (सूर्योदयकालीन)-वृषभ शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक दिशा शूल-वायव्य योगिनी वास-पश्चिम ग...

ग्रहों की दृष्टि कितनी घातक या लाभदायक, जानिए भाग 1

जन्मकुंडली में कोई भी ग्रह कहीं भी बैठा हो वह दूसरे ग्रह आदि पर दृष्टि डालता है तो उस दृष्टि का प्रभाव शुभ या अशुभ होता है। आप अपनी कुंडली के ग्रहों की स्थिति जानकर उनकी दृष्टि किस भाव या ग्रह पर कैसी पड़ी रही है यह जानकार आप भी उनके अशुभ प्रभाव को जान सकते हैं। जब तक आपको यह पता नहीं है कि कौन-सा ग्रह आपकी कुंडली में अशुभ दृष्टि या प्रभाव डाल रहा है तब तक आप कैसे उसके उपाय कर पाएंगे? अत: जानिए कि किसी ग्रह की कौन सी दृष्टि घातक होती है। सूर्य और चंद्र को छोड़कर सभी ग्रह वक्री होते हैं। वक्री अर्थात उल्टी दिशा में गति करने लगते हैं। जब यह वक्री होते हैं तब इनकी दृष्टि का प्रभाव अलग होता है। वक्री ग्रह अपनी उच्च राशिगत होने के समतुल्य फल प्रदान करता है। कोई ग्रह जो वक्री ग्रह से संयुक्त हो उसके प्रभाव मे मध्यम स्तर की वृद्धि होती है। उच्च राशिगत कोई ग्रह वक्री हो तो, नीच राशिगत होने का फल प्रदान करता है। इसी प्रकार से जब कोई नीच राशिगत ग्रह वक्री होता जाय तो अपनी उच्च राशि में स्थित होने का फल प्रदान करता है। इसी प्रकार यदि कोई उच्च राशिगत ग्रह नवांश में नीच राशिगत होने तो तो नीच राशि का फल प्रदान करेगा। कोई शुभ अथवा पाप ग्रह यदि नीच राशिगत हो परन्तु नवांश मे अपनी उच्च राशि में स्थित हो तो वह उच्च राशि का ही फल प्रदान करता है। चाणक्य नीति आज भी प्रासंगिक है, जिन्होंने भी इस नीति का पालन किया वह सुखी हो गया है। आचार्य चाणक्य ने धर्म, राजनीति, अर्थ, राज्य, देश, जीवन, स्त्री, पुरुष सभी विषयों पर अपने विचार चाणक्य नीति में व्यक्त किए हैं। चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसे लोग होते हैं जिनके साथ रहने से जीवन नरक के रहने जैसा बन जाता है। अत: तुरंत ही ऐसे लोग और स्थान को छोड़ देने में ही भ...

Horoscope Today June 14 2023 Read Your Astrological Predictions Aaj Ka Rashifal By Astrologer Suresh Shrimali

Horoscope Today 14 June 2023, Aaj Ka Daily Horoscope: ज्योतिष के अनुसार 14 जून 2023, बुधवार का दिन महत्वपूर्ण है. आज सुबह 08:49 तक एकादशी तिथि फिर द्वादशी तिथि रहेगी. आज दोपहर 01:41 तक अश्विनी नक्षत्र फिर भरणी नक्षत्र रहेगा. आज ग्रहों से बनने वाले वाशि योग, आनन्दादि योग, सुनफा योग, बुधादित्य योग, अतिगंड योग, गजकेसरी योग का साथ मिलेगा. अगर आपकी राशि वृषभ, सिंह, वृश्चिक, कुंभ राशि है तो शश योग का लाभ मिलेगा. चन्द्रमा मेष राशि में रहेंगे. आज के दिन शुभ कार्य के लिए शुभ समय नोट करीये आज दो समय है. सुबह 07:00 से 09:00 बजे तक लाभ-अमृत का चौघडिया एवं शाम 5.15 से 6.15 बजे तक लाभ का चौघडिया रहेगा. वहीं दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक राहुकाल रहेगा. अन्य राशि वालों के लिए बुधवार का दिन क्या लेकर आ रहा है? आइए जानते हैं आज का राशिफल (Rashifal in Hindi)- मेष राशि (Aries)- चन्द्रमा आपकी राशि में रहेंगे जिससे मन रहेगा शांत. वर्कस्पेस पर सीनियर्स और बॉस के द्वारा कुछ बताया जा रहा है तो उसे गंभीरता से लें, और अपनी कमियों को जानकर उसे सुधारने का प्रयास करें. बिजनसमैन को बिजनेस की प्रगति के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करनी होगी, जिससे वह अच्छे अवसर मिलने पर निवेश कर सके. जनरल और कॉम्पिटिटिव स्टूडेंट्स को एग्जाम के दौरान कठिन चुनौतियां मिल सकती है, जिसे वह अपनी मेहनत और सूझबूझ से पार करने में सफल रहेंगे. फैमिली की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खर्च और खरीदारी करते समय संतुलन बनाकर चलना होगा, बचत की ओर खासतौर पर ध्यान देना होगा. सेहत के मामले में आप कब्ज से संबंधित रोगों के प्रति अलर्ट रहें. लकी कलर- पर्पल,नं-5 वृषभ राशि (Taurus)- चन्द्रमा 12वें हाउस में रहेंगे जिससे विदेशी सम्पर्क से होगा लाभ. ऑफिशि...

ग्रहों की प्रकृति और स्वभाव

ज्योतिष में कुल 9 ग्रहों की गणना की जाती है। इनमें सूर्य, चंद्र, बृहस्पति (गुरु), शुक्र, मंगल, बुध, ‍श‍िन मुख्य ग्रह तथा राहु-केतु छाया ग्रह माने जाते हैं। इन ग्रहों में सूर्य-मंगल क्रूर ग्रह तथा शनि, राहु व केतु पाप ग्रह माने जाते हैं। सूर्य हमारे नेत्र, सिर और हृदय पर प्रभाव रखता है। मंगल पित्त, रक्त, कान, नाक पर और शनि हड्डियों, मस्तिष्क, पैर-पिंडलियों पर प्रभुत्व रखता है। राहु-केतु का स्वतंत्र प्रभाव नहीं होता है। वे जिस राशि में या जिस ग्रह के साथ बैठते हैं, उसके प्रभाव को बढ़ाते हैं । बृहस्पति, शुक्र, बुध शुभ ग्रह माने जाते हैं। पूर्ण चंद्रमा शुभ कहा गया है। मगर कृष्ण पक्ष की तरफ बढ़ता चंद्रमा पापी हो जाता है। बृहस्पति शरीर में चर्बी, गुर्दे, व पाचन को नियंत्रित करता है। शुक्र वीर्य, आँख व कामशक्ति को नियंत्रण में रखता है। बुध का वर्चस्व वाणी (जीभ) पर होता है। चंद्रमा छाती, फेफड़े व नेत्रज्योति पर अपना प्रभाव रखता है। ग्रहों का कारकत्व : जन्मकुंडली में 12 भाव होते हैं। भावों के नैसर्गिक कारक निम्नानुसार है- सूर्य- प्रथम भाव, दशम भा व चंद्र- चतुर्थ भा व शनि- षष्ठ, व्यय, अष्टम भा व शुक्र- सप्तम भा व मंगल- तृतीय, षष्ठ भा व गुरु- द्वितीय, पंचम, नवम, एकादश भा व बुध- चतुर्थ भा व विशेष- यदि भाव का कारक उस भाव में अकेला हो तो भाव की हानि ही करता है। ग्रहों का स्थान व दृष्टि परिणाम : चंद्र, शुक्र व बुध जिस स्थान पर बैठते हैं, उसकी वृद्धि करते हैं। गुरु ग्रह जिस घर में बैठता है, उसकी हानि करता है मगर जिस घर को देखता है, उसकी वृद्धि करता है। मंगल जहाँ बैठता है व जहाँ देखता (अपने घर के अलावा), सभी को हानि पहुँचाता है। सूर्य अपने स्थान बल के अनुसार लाभ (दशम में सर्वाधिक) देता है,...

क्या उस व्यक्ति का नाम जान सकते है, जिससे मेरी शादी होगी?

यदि आप उस व्यक्ति का नाम जानने के लिए उत्सुक हैं जिससे आप शादी करेंगे, तो ज्योतिष के पास आपके लिए इसका उत्तर हो सकता है। नाम भविष्यवाणी ज्योतिष में एक लोकप्रिय अवधारणा है, जो सदियों से चली आ रही है। जन्म कुंडली विश्लेषण की मदद से ज्योतिषी उस व्यक्ति के नाम का अनुमान लगा सकते हैं जिससे आपकी शादी हो सकती है। यह भी पढ़ें: नाम भविष्यवाणी के लिए जिम्मेदार ग्रह जब आपके भावी जीवनसाथी के नाम की भविष्यवाणी की बात आती है, तो ग्रहों के पहलू ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुंडली चार्ट में ग्रहों की स्थिति विवाह की संभावना को इंगित करती है और आपके भावी साथी की विशेषताओं के बारे में प्रदान करती है। • शुक्र प्रेम, सौंदर्य और रोमांस का ग्रह है। यदि शुक्र आपकी कुंडली के 7वें भाव में है, तो यह विवाह की प्रबल संभावना को दर्शाता है। इसी तरह, यदि शुक्र 5वें या 9वें भाव के साथ एक पहलू में है, तो यह दर्शाता है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति से शादी कर सकते हैं जो कलात्मक, रचनात्मक या आध्यात्मिक है। • बृहस्पति विस्तार, विकास और ज्ञान का ग्रह है। यदि बृहस्पति सप्तम भाव में है या उसके साथ अनुकूल दृष्टि है, तो यह बताता है कि आपका जीवनसाथी उदार, दयालु और बुद्धिमान होगा। इसके अलावा, यदि बृहस्पति दूसरे भाव पर दृष्टि डाल रहा है, तो इसका अर्थ है कि आपका साथी आर्थिक रूप से स्थिर होगा और एक धनी परिवार से संबंधित हो सकता है। • मंगल जुनून, ऊर्जा और क्रिया का ग्रह है। यदि मंगल सप्तम भाव में है, तो यह सुझाव दे सकता है कि आपका जीवनसाथी मुखर, साहसी और आत्मविश्वासी होगा। हालांकि, यदि मंगल का शुक्र या चंद्रमा के साथ एक चुनौतीपूर्ण पहलू है, तो यह संकेत दे सकता है कि आपका साथी गुस्सैल, आक्रामक या स्वामित्व वाला ह...

लाल किताब और ग्रहों की दृष्टियां

लाल किताब में ग्रहों की दृष्टि के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण विचार दिए गए हैं जिनके अनुसार ग्रहों के प्रभावों को समझा जा सकता है. वैदिक ज्योतिष दृष्टि ग्रह की होती है भाव की नहीं. दूसरे पूर्ण दृष्टि ही मान्य है आधी-अधूरी नही. परन्तु लाल किताब अपने विशेष सिद्धान्त पर कार्य करती है. यहाँ दृष्टि भावों की होती है ग्रहों की नही. भाव विशेष में ग्रह के होने से ग्रह को भाव की दृष्टि मिलती है. उदाहरण के लिए प्रथम भाव सप्तम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखता है. एक और सात तथा चौथे और पांचवें की पूर्ण दृष्टि होती है. पांच और नौ की तीन और ग्यारह की आधी दृष्टि होती है. आठ और छह तथा दो और बारह चौथाई दृष्टि रखते हैं. • प्रथम भाव पूर्ण दृष्टि से सप्तम भाव को देखता है. • चतुर्थ भाव पूर्ण दृष्टि से दशम भाव को देखता है. • तृतीय भाव आधी दृष्टि से नवम एवं एकादश भाव को देखता है. • पंचम भाव आधी दृष्टि से नवम भाव को देखता है. • द्वितीय भाव एक चौथाई दृष्टि से षष्ठ भाव को देखता है. • षष्श्थ भाव एक चौथाई दृष्टि से बारहवें भाव को देखता है. • अष्टम भाव एक चौथाई दृष्टि से बारहवें भाव को देखता है. पूर्ण दृष्टि होने पर ग्रह एक दूसरे के ज्यादा नजदीक आ जाते हैं. आधी दृष्टि होने पर ग्रहों की आपसी ताकत आधी आधी एक दूसरे को मिल जाती है. एक चौथाई दृष्टि होने पर कुछ कम भाग की शक्ति ही एक दूसरे को प्राप्त होती है. दृष्टि संबंधि कुछ अन्य नियम | Other rules for aspecting planets • आठवां भाव उल्टा देख कर भाव दो में अपनी पूर्ण दृष्टि डालता है. • कुण्डली में बुध अगर बारहवें भाव में हो तो वह अपनी दृष्टि छठे भाव में भी डालता है. • शनि यदि छठे भाव में हो तो वह अपना प्रभाव दूसरे भाव में भी डालता है. अन्य दृष्टि तथ्य | Other facts...

12 Rashi Swami Grah (12 राशियों के अनुसार उनके स्वामी ग्रह) – Astrologer

ज्योतिष के अनुसार 12 राशियों और 9 ग्रहों का वर्णन मिलता है | ये सभी 12 राशियाँ इन सभी 9 ग्रहों के द्वारा ही संचालित होती है | यानि प्रत्येक राशि किसी न किसी गृह के अधीन होती है | जिसमें से सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रहों को 2-2 राशियाँ मिलती है | यानि सूर्य और चंद्रमा केवल एक-एक राशि के स्वामी है व अन्य सभी गृह दो – दो राशियों के स्वामी है(12 Rashi Swami Grah)| आइये जानते है कौन सी राशि किस गृह को संबोधित करती है : – 12 Rashi Swami Grah : ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियों को स्वाभाव के अनुसार तीन भागों में बांटा गया है। चर, स्थिर और द्विस्वाभाव राशि। मेष, कर्क, तुला व मकर राशि चर राशि कहलाती हैं। वृषभ, सिंह, वृश्चिक तथा कुम्भ राशि स्थिर राशी होती है एवं मिथुन, कन्या, धनु व मीन राशियां द्विस्वाभाव राशियां होती हैं। इन स्वाभाव के कारण इन राशियों पर अलग अलग प्रभाव पडता हैंl चर राशि- चर का अर्थ चलायमान होता है, जो स्थिर नही है। ये राशियां चंचल व अस्थिरता को दर्शाती है। इनके अंदर धैर्य नही होता अत: ये लम्बी अवधी के कार्यो से दूर रहने की कोशिश करते हैं। चर राशि का प्रभाव व्यक्ति को मोटापा कम ही देता है अर्थात इस राशि का प्रभाव व्यक्ति को दुबला पतला सा बनाता है। शिक्षा में बार-बार बदलाव होता है। ऐसे जातक शारीरिक उर्जा अधिक खर्च करते है, खेल-कूद के शौकिन होते हैं। ज्योतिष में ग्रहों की दृष्टियां :- Graha dristi प्रत्येक ग्रह की सप्तम् दृष्टि को पूर्ण दृष्टि माना गया है लेकिन कुछ ग्रहों की विशेष दृष्टियां भी होती हैं। आईए जानते हैं कि नवग्रहों की दृष्टियां कैसी होती हैं। सूर्य, चन्द्र, बुध व शुक्र की सप्तम् दृष्टि को पूर्ण दृष्टि माना गया है अर्थात् यह ग्रह जिस भाव में स्थित होंग...