गरीबी हटाओ जो पंचवर्षीय योजना

  1. गरीबी: अर्थ तथा कारण
  2. गरीबी हटाओ नारा किस पंचवर्षीय योजना में दिया गया?
  3. आर्थिक नियोजन


Download: गरीबी हटाओ जो पंचवर्षीय योजना
Size: 26.32 MB

गरीबी: अर्थ तथा कारण

Read this article in Hindi to learn about:- 1. गरीबी का अर्थ (Meaning of Poverty) 2. गरीबी रेखा की अवधारणा (Concept of Poverty Line) 3. कारण (Causes) 4. निवारण के प्रयास (Efforts Taken to Reduce). गरीबी का अर्थ (Meaning of Poverty): गरीबी उस समस्या को कहते हैं जिसमें व्यक्ति अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ यथा, रोटी, कपड़ा और मकान को पूरा करने में असमर्थ होता है । अधिक दृष्टिकोण से उस व्यक्ति को गरीब या गरीबी रेखा के नीचे माना जाता है । जिसमें आय का स्तर कम होने पर व्यक्ति अपनी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है । गरीबी के आकलन के लिये विभिन्न देशों में मान्य पारिभाषिक व्यवस्था का प्रयोग किया गया है । भारत में गरीबी एक मूलभूत आर्थिक एवं सामाजिक समस्या है भारत एक जनाधिक्य वाला देश है आर्थिक विकास की दृष्टि से भारत की गिनती विकासशील देशों में होती है । आर्थिक नियोजन की दीर्घावधि के वाबजूद भारत को गरीबी की समस्या से निजात नहीं मिली है । देश की बहुसंख्यक जनसंख्या गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने के लिये मजबूर हे भारत में गरीबी की वास्तविक संख्या ज्ञात करना कठिन है फिर भी विभिन्न संगठनों द्वारा गरीबी रेखा को विभिन्न मापदण्डों के आधार पर परिभाषित किया गया है । गरीबी रेखा की अवधारणा (Concept of Poverty Line) : ADVERTISEMENTS: गरीबी रेखा का आधार कैलोरी ऊर्जा को माना जाता है भारत में छठवीं पंचवर्षीय योजना में कैलोरी के आधार पर गरीबी रेखा को परिभाषित किया गया है । इसके अनुसार गरीबी रेखा का तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्र में 2400 केलोरी तथा शहरी क्षेत्र में 2100 कैलोरी ऊर्जा के प्रतिव्यक्ति उपयोग से है । व्यय के आधार पर गरीबी रेखा सातवीं पंचवर्षीय योजना में गरीबी रेखा 1984-...

गरीबी हटाओ नारा किस पंचवर्षीय योजना में दिया गया?

Explanation : गरीबी हटाओ नारा पांचवी पंचवर्षीय योजना में दिया गया था। बता दे कि 'गरीबी हटाओ देश बचाओ' का नारा 1971 के आम चुनाव में इंदिरा गांधी ने दिया था। इसी नारे का प्रयोग 5वीं पंचवर्षीय योजना में किया गया था। पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-79) का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन के साथ आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था। उल्लेखनीय है कि जनता पार्टी की सरकार ने सत्ता में आने के पश्चात् इस पंचवर्षीय योजना को वर्ष 1978 में ही (1979 के स्थान पर) बंद कर दिया और इसके स्थान पर अनवरत योजना प्रारंभ की, जो केवल (1978-80) दो वर्षों तक ही चल सकी। पहली पंचवर्षीय योजना– इसकी अवधि 1951-56 थी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था- द्वितीय विश्व युद्ध से उत्पन्न असंतुलन को ठीक करना। चौथी पंचवर्षीय योजना– इसकी अवधि वर्ष 1969-74 थी। इसका मुख्य उद्देश्य था-स्थायित्व के साथ विकास करना तथा आत्मनिर्भरता प्राप्त करना। छठी पंचवर्षीय योजना– इसकी अवधि वर्ष 1980-85 थी। यह आगत-निर्गत मॉडल पर आधारित थी। गरीबी निवारण, आर्थिक विकास आदि इसका प्रमुख लक्ष्य था। सातवीं पंचवर्षीय योजना– इसकी अवधि वर्ष 1985-90 थी। इसमें दीर्घकालीन विकास युक्तियों तथा उदारीकरण पर बल दिया गया। Tags :

आर्थिक नियोजन

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर (जून 2019) स्रोत खोजें: · · · · भारत में आर्थिक नियोजन भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है, जिसमें निजी क्षेत्रा एवं सार्वजनिक क्षेत्रा का सह-असितत्व है। भारत में समाजवादी व्यवस्था पर आधारित विकास प्राप्त करने हेतू मार्च 1950 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सांविधक संस्था 'योजना-आयोग का गठन किया। भारत में पंचवर्षीय योजनाओं को लागू करने हेतू योजना आयोग के साथ-साथ सन 1951 में राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया। राष्ट्रीय विकास परिषद (छक्ब्) में सभी राज्यों के मुख्यमंत्राी एवं योजना आयोग के सदस्य शामिल होते है। भारतीय योजना कमीशन को मजबूत बनाने हेतू भारत सरकार ने सन 1965 में राष्ट्रीय योजना परिषद (छच्ब्) का गठन किया। योजना आयोग का प्रमुख कार्य एक ऐसी योजना का निर्माण करना था जो देश के संसाधनों का कुशल एवं संतुलित रूप से उपयोग कर सके। योजना आयोग ने समयावधि 1950-56 के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना का निर्माण किया और इस प्रकार भारत में पंचवर्षीय योजनाओ की आधारशीला रखी गई। प्रधानमंत्राी इसका (योजना आयोग) का पदेन अध्यक्ष होता है तथा वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष की नियुकित करता है जिसका दर्जा (रैंक) केबिनेट मंत्री के समान होता है, वर्तमान में मोटेक सिंह आहलूवलिया योजना आयोग के उपाध्यक्ष हैं। भारत में पंचवर्षीय योजनाओ का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय आय में तीव्र वृद्धि, बचत-निवेश में वृद्धि, आय की असमानताओं को कम करना, संतुलित क्षेत्रीय विकास, रोजगार के अवसरों का निर्माण, स्वयं स्फूर्ति, गरीबी उन्मूलन एवं अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण करना इत्यादि रहा है। भारत पंचवर्षीय योजनाओ का संक्षिप्त विवरण भारत में अब त...