गठिया रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर

  1. वर्ल्ड आर्थराइटिस डे : आपके जोड़ों का दर्द की वजह गठिया तो नहीं!
  2. अर्थराइटिस के मरीज को दही नहीं खाना चाहिए? गठिया रोग के लिए यह फायदेमंद या नुकसानदेह, डॉक्टर से जानिए सच्चाई
  3. गठिया रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर इन पटना
  4. गठिया रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर Archives
  5. गठिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज


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वर्ल्ड आर्थराइटिस डे : आपके जोड़ों का दर्द की वजह गठिया तो नहीं!

Dr. Biren Nadkarni सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट और होली फैमिली हॉस्पिटल, नई दिल्ली के सीनियर ऑर्थाेपेडिक कंसल्टेंट और जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ बीरेन नादकर्णी से बातचीत पर आधारित आप कैसे जानते हैं कि आपको आर्थराइटिस है आर्थराइटिस के बारे में जागरूकता लाने के उद्देश्य से वर्ल्ड आर्थराइटिस डे का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। गठिया कई प्रकार होते हैं, और सभी के लक्षण भिन्न हो सकते हैं। फिरभी कुछ लक्षण हैं जो अधिकतर मामलों में नजर आते हैं। बुखार, लिम्फ नोड्स में सूजन, वजन में अचानक कमी होना, बहुत ज्यादा थकान महसूस होना, हांथों या पैरों के प्रयोग में परेषानी महसूस होना, चलने में कठिनाई होना या नींद का ना आना। इसके साथ-साथ जोड़ों में दर्द जोड़ों में अकड़न और सूजन महसूस होना चाल की गति में कमी होना जोड़ के आसपास की त्वचा का लाल हो जाना जोड़ों के दर्द के साथ बुखार आना अधिक दर्द की वजह से दैनिक कार्यों में कठिनाई होना पेन किलर्स से भी दर्द में कमी न आना सबसे अधिक मिलते हैं दो तरह के आर्थराइटिस मामले मेडिकल साइंस के अनुसार गठिया के 100 से अधिक प्रकार होत हैं। लेकिन देश में ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटोइडआर्थराइटिस के मामले अधिक सामने आते हैं। अधिकतर मामलों में यह बीमारी बढ़ती उर्म के साथ सामने आती है। कुछ मामलों को छोड़कर ऑस्टियोआर्थराइटिस वृद्ध लोगों ज्यादा देखा जाता है। जिनकी उर्म 50 साल या उससे अधिक है। इसमें जोड़ प्रभावित होने के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द या सूजन होती है। ऑस्टियोआर्थराइटिस शरीर के किसी भी जोड़ में देखा जा सकता है। यह जरूरी नहीं है कि ये सिर्फ पैर के घुटने में ही होगा। हां अधिकतर मामलों में घुटनों और कूल्हों को प्रभावित देखा जाता है। यह उंगलियों या किसी भी जोड़ को भी प्रभावित...

अर्थराइटिस के मरीज को दही नहीं खाना चाहिए? गठिया रोग के लिए यह फायदेमंद या नुकसानदेह, डॉक्टर से जानिए सच्चाई

अर्थराइटिस के मरीजों को जोड़ों में दर्द होता है. अर्थराइटिस के मरीजों को हेल्दी फूड्स खाना चाहिए. अर्थराइटिस या गठिया रोग एक ऐसी बीमारी है, जिसमें जोड़ों में दर्द रहता है. इससे हड्डियां कमजोर होती हैं और कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. गंभीर अर्थराइटिस होने पर लोगों से चलते भी नहीं बन पाता. इस बीमारी के कारण हाथ-पैर या शरीर के किसी भी अन्य अंग के ज्वाइंट के पास दर्द होता है. अर्थराइटिस होने पर मांसपेशियों में कमजोरी और बुखार के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं. आजकल युवा भी अर्थराइटिस के शिकार हो रहे हैं. अर्थराइटिस के 100 से भी अधिक प्रकार होते हैं. अर्थराइटिस बढ़ने पर शरीर के अंगों का आकार बदलने लगता है. अर्थराइटिस में खानपान को लेकर भी कई तरह के मिथ प्रचलन में है. ऐसे ही दही को लेकर भी कुछ मिथ फैले हुए हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं कि अर्थराइटिस होने पर दही का सेवन करना चाहिए या नहीं. इसे भी पढ़ें- कुछ दूर चलने में ही लगने लगती है थकान, इस विटामिन की हो सकती है कमी, 5 लक्षणों से पहचानें, समय रहते करें उपचार क्या अर्थराइटिस के मरीज को दही खाना चाहिए एसएल रहेजा हॉस्पिटल माहिम, मुंबई के अर्थराइटिस के विशेषज्ञ और सर्जन डॉक्टर सिद्धार्थ एम शाह के मुताबिक जो लोग ये मानते हैं कि दही खाने से या खट्टा खाने से अर्थराइटिस बढ़ने लगती है ये एक गलतफहमी है. हालांकि कभी-कभी कुछ लोगों में खट्टे पदार्थ जैसे टमाटर के सेवन से दर्द कुछ समय के लिए बढ़ जाए. लेकिन इससे अर्थराइटिस बढ़ रही है ये अभी तक साबित नहीं हुआ है. दही खाने से अर्थराइटिस बढ़ती है, यह भी किसी रिसर्च में साबित नहीं हुआ. बल्कि दही न खाने से उससे मिलने वाले पोषक तत्व और विटामिंस नहीं मिल पाएंगे. दही में कैल्शियम और बी कॉम्प्लेक्स ...

गठिया रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर इन पटना

1.9 Dr. Reyazuddin गठिया रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर इन पटना | Arthritis Doctor in Patna Dr. Nishikant Kumar Degree: MBBS, MS (Orthopedics), DNB (Orthopedics), MNAMS, MESSKA, FAR (ICATME; Spain), FTr(TTSH, Singapore) Call For Appointment Dr. Nishikant Kumar (+91) 9102303511 , (+91) 7544918998 Shahi Hospital (0612) 2682055 Dr. Ashish Kumar Degree: B.Ph.T, MPT(Orthopaedics), MIAP Call For Appointment Dr. Ashish Kumar (+91) 8670420820 Dr. Saurabh Degree: MBBS, MS (Ortho), DNB (Ortho) Call For Appointment Dr. Saurabh (+91) 9955542292 Ortho & Skin Care Clinic (+91) 7779852006 Paras HMRI Hospital (0612) 7107700 Akshat Seva Sadan (+91) 9334961734 Dr. Pratyush Kumar Degree: MBBS, DNB, MNAMS Call For Appointment Dr. Pratyush Kumar (+91) 8130668400 Dr. Pratyush Kumar Clinic (+91) 8130668400 Dr. Ashwini Gaurav Degree: MBBS (Hons) MS (Orthopaedics) Gold Medalist ​ Fellowship in Advanced Hip & Knee Joint Replacement Surgery, Seoul, South Korea ​ Fellowship in Hip Preservation & Pelvic Surgery, Bern, Switzerland Call For Appointment Dr. Ashwini Gaurav (+91) 9162438283, 9486737895 Rajeshwar Hospital (0612) 2355511 Shri Sai Hospital (0612) 2360237 Hoda Bone Hospital (0612) 2252592, (+91) 9709871195 Dr. Ratnesh Singh Degree: MBBS(Cal), M.S.(Orthopedics), Fellowship in Knee Surgery, Switzerland, Clinical Observership in Joint Replacement, Australia Call For Appointment Dr. Ratnesh Singh (+91) 8084366364 Paras HMRI Hospital (0612) 7107700 Sparsh Orthopedics and Dental Clinic (+91) 8084366364 Spars...

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गठिया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार और परहेज

आर्थराइटिस, जोड़ों की अधिक आर्थराइटिस ज्यादातर वयस्कों द्वारा अनुभव किया जाता है जो 65 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, हालांकि, ऐसी भी संभावनाएं हैं कि युवा वयस्कों, बच्चों और किशोरों को भी ऐसा ही अनुभव हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को आर्थराइटिस का अनुभव जल्दी होता है। आजकल काम के दबाव और गतिविधियों में अंतर को देखते हुए कम उम्र की महिलाओं को भी आर्थराइटिस की समस्या हो रही है। इस तथ्य के बावजूद कि आर्थराइटिस के प्रकार मौजूद हैं, लक्षणों में जोड़ों में जकड़न, सूजन, गर्मी, दर्द और लालिमा होने की सबसे अधिक संभावना है। किसी व्यक्ति को आर्थराइटिस है या नहीं, यह समझने के लिए लगातार इस बात की संभावना है कि व्यक्ति में रेड ब्लड सेल्स की संख्या कम हो, जिससे वह एनीमिक हो जाए। यदि इसका ठीक से इलाज नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति जॉइंट्स(जोड़ों) की डेफोर्मिटी के पीड़ित हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए, जो सबसे आम रूपों में से एक है, इसका कारण जोड़ों में कार्टिलेज एक मजबूत लेकिन लचीला कनेक्टिव टिश्यू है जो जोड़ में मौजूद होता है और यह हर बार दबाव पड़ने पर दबाव बनाकर और झटका देकर उसकी रक्षा करता है। यदि कार्टिलेज टिश्यू की सामान्य मात्रा मौजूद नहीं है या कम हो गई है, तो व्यक्ति में किसी भी प्रकार के आर्थराइटिस होने की संभावना अधिक होती है। यहां तक कि कुछ सामान्य स्थिति होने पर(चोट) भी ऑस्टियोआर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं। यह परिवार के सदस्यों के समान चिकित्सा इतिहास के कारण भी हो सकता है। आर्थराइटिस का एक अन्य सामान्य रूप रुमेटीइड आर्थराइटिस है जिसे ज्यादातर एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के रूप में माना जाता है। यदि शरीर का इम्मयून सिस्टम, शरीर में मौजूद टिश्यू पर हमला करता है, तो व्यक्त...