गुजरात विधानसभा चुनाव 2017

  1. Gujarat Elections 2017 Sanand seat Kanubhai Patel vs Pushpaben Dabhi
  2. गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017
  3. गुजरात विधानसभा चुनाव 2017: देखें
  4. गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम 2017: छठी बार BJP सरकार, यहां देखें कौन जीता कितनी सीट
  5. गुजरात चुनाव: बीजेपी 27 सालों में नहीं जीत सकी ये दर्जनभर सीट, कांग्रेस भी इन चार दर्जन सीटों पर लगातार हारी
  6. Gujarat Election 2017: पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान खत्म, 68 प्रतिशत हुई वोटिंग
  7. Live Gujarat And Himachal Vidhan Sabha Election Results 2017
  8. Gujarat Elections 2017 Sanand seat Kanubhai Patel vs Pushpaben Dabhi
  9. Gujarat Election 2017: पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान खत्म, 68 प्रतिशत हुई वोटिंग
  10. गुजरात चुनाव: बीजेपी 27 सालों में नहीं जीत सकी ये दर्जनभर सीट, कांग्रेस भी इन चार दर्जन सीटों पर लगातार हारी


Download: गुजरात विधानसभा चुनाव 2017
Size: 74.11 MB

Gujarat Elections 2017 Sanand seat Kanubhai Patel vs Pushpaben Dabhi

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. राज्य की चर्चित सीटों में शुमार साणंद सीट से बीजेपी उम्मीदवार कनुभाई पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेसी प्रत्याशी पुष्पाबेन डाभी को 7721 मतों से शिकस्त दी. साणंद विधानसभा क्षेत्र, गुजरात विधानसभा की सीट नंबर 40 है. अहमदाबाद जिले के अंतर्गत आने वाला यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. वर्ष 2012 में साणंद सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. करमसीभाई पटेल ने 73453 वोट के साथ साणंद सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने साणंद विधानसभा क्षेत्र से कनु मकवाणा (कनु पटेल) को उम्मीदवार बनाया था. वहीं, कांग्रेस की ओर से पुष्पा डाभी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही थीं. कमाभाई राठौर (पूर्व धारासभ्य बीजेपी) निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में साणंद से चुनाव लड़ रहे थे. इस सीट पर मतदान 14 दिसंबर को हुए थे. आपको बता दें कि इसी साणंद से चुने गए कांग्रेसी विधायक करमसी पटेल ने अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के दौरान हाथ का साथ छोड़ दिया था और कमल का फूल थाम लिया था. इस बार करमसी पटेल के बेटे कनुभाई पटेल को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था. कमाल की बात यह रही कि 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ये सीट बीजेपी से 4000 से ज्यादा मतों से जीत ली थी. शायद यही वजह है कि कोली-पटेल समाज के बड़े नेता करमसी पटेल को अमित शाह ने कांग्रेस से तोड़ा और कमल का फूल उनके बेटे के हाथ में थमा दिया. साणंद गुजरात के विकास का मॉडल का सबसे बड़ा चेहरा माना जा सकता है. 2008 के पहले इसकी पहचान एक गांव के तौर पर थी और 2008 के बाद साणंद की पहचान देश के सबसे विकसित इलाके के तौर पर की जाती है. साणंद कोली-पटेल बाहुल्य विधानसभा है. जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रे...

गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017

गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017 ← 9 तथा 14 दिसम्बर 2017 बहुमत के लिए चाहिए 92 बहुमत पार्टी • defaultअल्पमत पार्टी नेता नेता बने 2016 2015 नेता की सीट N/A पिछला चुनाव 115 सीट 60 सीटें चुनावपूर्वसीटें 120 43 सीटें जीतीं 99 77 सीटोंमेंबदलाव TBA TBA प्रतिशत TBA TBA TBA TBA गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017 9 तथा 14 दिसम्बर 2017 को दो चरणों में सम्पन्न होंगे। अनुक्रम • 1 पृष्ठभूमि • 1.1 चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन • 1.2 जनसांख्यिकी • 2 परिणाम • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरी कड़ियाँ पृष्ठभूमि [ ] गुजरात, भारत के एक राज्य के रूप में अन्य राज्यों की तरह सरकार की संसदीय प्रणाली का अनुसरण करती है। सरकार विधान सभा के लिए जिम्मेदार है और सत्ता में रहती है, अगर उसके पास बहुमत के सदस्यों का समर्थन होता है। चुनाव फर्स्ट पास्ट द पोस्ट प्रणाली के आधार पर होता है, सबसे ज्यादा मतों वाला उम्मीदवार जीतते हैं, चाहे बहुसंख्यक बहुमत (50% से अधिक) न हों। राज्य के प्रत्येक नागरिक, जो 18 साल से ऊपर हैं, वोट देने के लिए योग्य हैं। राज्य के राज्यपाल फिर सरकार बनाने के लिए सबसे बड़ी पार्टी या गठबंधन के नेता को आमंत्रित करते हैं। वर्तमान गुजरात विधान सभा का कार्यकाल 22 जनवरी 2018 को समाप्त होता है। 2012 में हुए पिछली विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत प्राप्त हुआ और चुनावी प्रक्रिया में परिवर्तन [ ] पूरे गुजरात राज्य में गुजरात विधानसभा चुनाव, 2017 के लिए अंतिम मतदाता सूची क्रम मतदाता वर्ग मतदाता जनसंख्या 1 पुरुष 2,25,57,032 2 महिला 2,07,57,032 3 तीसरा लिंग 169 – कुल मतदाता 4,33,11,321 जनसांख्यिकी [ ] 147 समुदायों को गुजरात में ओबीसी सूची में शामिल किया गया है। गुजरात की जातियाँ जाति जनसंख्या (%) टिप्प...

गुजरात विधानसभा चुनाव 2017: देखें

गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 की मतगणना खत्म हो गई और सभी सीटों पर जीत का ऐलान हो चुका है. अंतिम नतीजों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी ने 99 और कांग्रेस ने77 सीट पर जीत दर्ज की. एनसीपी के 1, भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 और 3 निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है. गुजरात में दो चरणों में चुनाव हुए थे. पहले चरण के लिए 9 दिसंबर, दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को वोट डाले गए थे. गुजरात में दो चरणों में हुए चुनाव में औसतन 68.41 फीसदी मतदान हुआ था. गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 89 सीटों पर वोट डाले गए जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर वोटिंग हुई. बता दें कि 2012 में बीजेपी को 115 सीटें मिली थीं, बीजेपी को 47.9 फीसदी वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस को 2012 में 61 सीटों पर जीत दर्ज की थी, कांग्रेस को 38.9 फीसदी मत मिले थे. देखें सारी सीटों का हाल.... विधानसभा जीते/आगे पार्टी स्थिति प्रांतिज परमार गजेन्द्रसिंह उदेसिंह बीजेपी परिणाम घोषित अंकलेश्वर इश्वरसिंह ठाकोरभाइ पटेल बीजेपी परिणाम घोषित अकोटा सीमाबेन अक्षयकुमार मोहीले बीजेपी परिणाम घोषित अंजार आहिर वासणभाई गोपालभाई बीजेपी परिणाम घोषित अबडासा जाडेजा प्रध्युमनसिंह महीपतसिंह कांग्रेस परिणाम घोषित अमरेली परेश धनानी कांग्रेस परिणाम घोषित अमराईवाडी पटेल हसमुखभाइ सोमाभाइ ( एच. एस. पटेल ) बीजेपी परिणाम घोषित असारवा परमार प्रदिपभाई खनाभाई बीजेपी परिणाम घोषित आंकलाव अमीत चावडा कांग्रेस परिणाम घोषित आणंद कांतीभाई सोढापरमार (भगत) कांग्रेस परिणाम घोषित ईडर कनोडिया हितु बीजेपी परिणाम घोषित उंझा डॉ. आशा पटेल कांग्रेस परिणाम घोषित उधना पटेल विवेक नरोत्तमभाइ बीजेपी परिणाम घोषित उना वंश पुंजाभाई भीमाभाई कांग्रेस परिणाम घोषित उमरगाम पाटकर रमणलाल नानुभाई ब...

गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम 2017: छठी बार BJP सरकार, यहां देखें कौन जीता कितनी सीट

Gujarat Election Chunav Result 2017: गुजरात में बीजेपी ने छठी बार जीत हासिल कर ली है। सभी 182 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। गुजरात में बीजेपी को 99 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली है, वहीं अन्‍य के खाते में 6 सीट गई हैं।संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने बताया कि पर्यवेक्षक के रूप में अरुण जेटली और सरोज पांडे गुजरात जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव नतीजों पर ट्वीट करते हुए हर्ष व्‍यक्त किया है। हिमाचल और गुजरात की जनता को नमन। कई लोग सोचते हैं कि हम गलत दिशा में चले जाते हैं, इस प्रकार से सोचने वालों का भला नहीं होता है। जिसके लिए सोचा जाता है उनका भला नहीं होता है। देश का भी नुकसान होता है। इन चुनाव नतीजों ने एक बात सिद्ध कर दी है कि देश रिफोर्म के लिए तैयार है। जीएसटी के बाद भी बीजेपी की जीत हुई। लोकतंत्र में चुनाव सरकार के काम का लेखा जोखा होता है। हिमचाल प्रदेश में जिस तरह नतीजे दिखाए हैं, वो इस बात का सबूत हैं, कि अगर आप विकास नहीं करते हैं , तो पांच साल के बाद जनता आपको स्वीकार नहीं करती है। हिमाचल प्रदेश की जनता ने विकास के लिए वोट दिया है। गुजरात के चुनाव बीजेपी के इतिहास में ये अभूतपूर्व चुनाव हैं। आज के वातावरण में अगर कोई सराकर दोबार जीतकर आ जाए तो उसकी जीत के बहुत बड़े एडिटोरिल लिखे जाते हैं। किसी सरकार का दोबारा जीतना ये भारत के राजनीतिक विषलेशकों के लिए बहुत ही बड़ा विषय है। मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से गुजरात के चुनाव की विजय एक डबल खुशी का विषय है। जो लंबे समय तक मुखिया रहा हो तो उसके हटने के बाद गिरावट होने की चर्चा होने लगती है, लेकिन आज मेरे लिए खुशी है कि गुजरात के कार्यकर्ताओं ने गुजरात को संभा...

गुजरात चुनाव: बीजेपी 27 सालों में नहीं जीत सकी ये दर्जनभर सीट, कांग्रेस भी इन चार दर्जन सीटों पर लगातार हारी

गुजरात में एससी-एसटी सीटों पर कमजोर रही भाजपा 90 के दशक के बाद कई सीटों पर कमजोर होती गई कांग्रेस 'खाम' फार्मूले से 1985 में कांग्रेस ने जीती थीं 149 सीट नई दिल्ली. गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. यहां चुनावी मुकाबला अब तक भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता रहा है, वहीं यहां की कुछ सीटें ऐसी भी हैं जो कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस जीत नहीं पाई. गुजरात में विधानसभा की लगभग एक दर्जन सीटें ऐसी हैं, जिन्हें पिछले डेढ़ दशक से सत्ता में होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जीतने में विफल रही है. हालांकि इसी अवधि में राज्य की तकरीबन चार दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी जीत का इंतजार कर रही है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1998 से लेकर 2017 तक गुजरात में हुए पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा जिन सीटों को जीत नहीं सकी हैं उनमें बनासकांठा जिले की दांता, साबरकांठा की खेडब्रह्मा, अरवल्ली की भिलोडा, राजकोट की जसदण और धोराजी, खेड़ा जिले की महुधा, आणंद की बोरसद, भरूच की झगाडिया और तापी जिले की व्यारा शामिल हैं. इनमें से दांता, खेडब्रह्मा, झागड़िया और व्यारा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें हैं, जबकि जसडण, धोराजी, महुधा और बोरसड सामान्य श्रेणी में आती हैं. कपराडा में कांग्रेस से लगातार हारी भाजपा वलसाड जिले की कपराडा भी एक ऐसी आरक्षित ‘अनुसूचित जनजाति’ सीट है, जिसे भाजपा 1998 के बाद हुए किसी भी विधानसभा चुनाव में नहीं जीत सकी है. यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के जीतू भाई हरिभाई चौधरी ने यहां से जीत हासिल की थी. परिसीमन से पहले यह सीट मोटा पोंढ...

Gujarat Election 2017: पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान खत्म, 68 प्रतिशत हुई वोटिंग

Gujarat Election/Chunav 2017: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान खत्म हो चुका है और इसमें 68 प्रतिशत वोटिंग हुई। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी की शिकायतों के बीच बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों के बाहर नजर आए। निर्वाचन आयोग को पोरबंदर में ईवीएम मशीनों के ब्लूटथ और वाईफाई से जुड़े होने की शिकायतें मिली थीं। लोग अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्र पहुंचे। 89 निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें बढ़ी हैं। शाम 4 बजे तक भरूच में 61.61 फीसदी, राजकोट में 60.32 फीसदी, कच्छ में 58 फीसदी, तापी में 65 फीसदी, नवसारी में 67 फीसदी और मोरबी में 67.37 फीसदी वोटिंग होने की जानकारी मिली है। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अर्जुन मोधवाडिया ने शिकायत की कि जब वह पोरबंदर जिले के मोधवाड़ा गांव में वोट डाल रहे थे तो मीडियाकर्मी उन्हें कवर कर रहे थे लेकिन एसएसबी जवानों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। मोधवाडिया ने सवाल उठाया कि जब वोट डाल रहे अन्य नेताओं को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों को रोका नहीं जा रहा तो उन्हें कवर कर रहे मीडियाकर्मियों को क्यों रोका गया? पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) की पूर्व संयोजक रेशमा पटेल जब जूनागढ़ जिले के झनझारड़ा गांव में वोट डालने गईं तो पीएएएस के कई समर्थकों ने उनका विरोध किया। रेशमा पटेल बाद में भाजपा में शामिल हो गई थीं। -चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि — All India Radio News (@airnewsalerts) -IANS के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में शनिवार शाम पांच बजे तक 70 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी.बी. स्वैन ने कहा कि ...

Live Gujarat And Himachal Vidhan Sabha Election Results 2017

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना में मिले रुझानों और नतीजों से साफ हो गया है कि दोनों ही राज्यों में BJP की सरकार बनने जा रही है... गुजरात में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हुआ है, लेकिन BJP को सत्ता से बेदखल करने के लिए काफी नहीं रहा... उधर, हिमाचल में BJP लगभग दो-तिहाई बहुमत हासिल करने जा रही है, और कांग्रेस को गद्दी छोड़नी होगी... हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 सीटों पर 9 नवंबर को चुनाव हुए थे, जबकि गुजरात की 182 सीटों पर दो चरणों में 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को चुनाव हुए थे. गुजरात, हिमाचल चुनाव की मतगणना के LIVE Update... पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा... 30 साल में गुजरात से जातिवाद के जहर को निकाला सबका साथ सबका विकास के रास्‍ते बढ़े साढ़े 6 करोड़ गुजराती एक हैं-नेक हैं गुजरात के विकास का लाभ देश को भी राज्‍यों के विकास से ही देश का विकास विकसित राज्‍यों की ज्‍यादा जिम्‍मेदारी हर राजनीतिक तारजू पर यह विजय असामान्‍य है गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद दिल्‍ली में पार्टी मुख्‍यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्‍होंने कहा... - मध्‍यमवर्ग को सरकार से काफी उम्‍मीदें - विकास के रास्‍ते ही समस्‍याओं का हल संभव - गुजरात हिमाचल ने विकास को चुना - जीएसटी के बाद भी निकाय चुनाव जीते - पहले लोगों को सरकार से अपेक्षा नहीं थी - आज देश नई उम्‍मीदें, नए सपने देख रहा है छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने प्रचार अभियान में कमी को हार का जिम्‍मेदार बताया और इसके लिए पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को दोषी ठहराया. उन्होंने 6,051 वोटों के अंतर से अर्की सीट पर जीत हासिल की. उन्होंने कहा, 'जो भी गलत...

Gujarat Elections 2017 Sanand seat Kanubhai Patel vs Pushpaben Dabhi

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. राज्य की चर्चित सीटों में शुमार साणंद सीट से बीजेपी उम्मीदवार कनुभाई पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेसी प्रत्याशी पुष्पाबेन डाभी को 7721 मतों से शिकस्त दी. साणंद विधानसभा क्षेत्र, गुजरात विधानसभा की सीट नंबर 40 है. अहमदाबाद जिले के अंतर्गत आने वाला यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. वर्ष 2012 में साणंद सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. करमसीभाई पटेल ने 73453 वोट के साथ साणंद सीट पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने साणंद विधानसभा क्षेत्र से कनु मकवाणा (कनु पटेल) को उम्मीदवार बनाया था. वहीं, कांग्रेस की ओर से पुष्पा डाभी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रही थीं. कमाभाई राठौर (पूर्व धारासभ्य बीजेपी) निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में साणंद से चुनाव लड़ रहे थे. इस सीट पर मतदान 14 दिसंबर को हुए थे. आपको बता दें कि इसी साणंद से चुने गए कांग्रेसी विधायक करमसी पटेल ने अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के दौरान हाथ का साथ छोड़ दिया था और कमल का फूल थाम लिया था. इस बार करमसी पटेल के बेटे कनुभाई पटेल को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था. कमाल की बात यह रही कि 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ये सीट बीजेपी से 4000 से ज्यादा मतों से जीत ली थी. शायद यही वजह है कि कोली-पटेल समाज के बड़े नेता करमसी पटेल को अमित शाह ने कांग्रेस से तोड़ा और कमल का फूल उनके बेटे के हाथ में थमा दिया. साणंद गुजरात के विकास का मॉडल का सबसे बड़ा चेहरा माना जा सकता है. 2008 के पहले इसकी पहचान एक गांव के तौर पर थी और 2008 के बाद साणंद की पहचान देश के सबसे विकसित इलाके के तौर पर की जाती है. साणंद कोली-पटेल बाहुल्य विधानसभा है. जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए कांग्रे...

Gujarat Election 2017: पहले चरण की 89 सीटों पर मतदान खत्म, 68 प्रतिशत हुई वोटिंग

Gujarat Election/Chunav 2017: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान खत्म हो चुका है और इसमें 68 प्रतिशत वोटिंग हुई। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी की शिकायतों के बीच बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों के बाहर नजर आए। निर्वाचन आयोग को पोरबंदर में ईवीएम मशीनों के ब्लूटथ और वाईफाई से जुड़े होने की शिकायतें मिली थीं। लोग अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग करने के लिए भारी संख्या में मतदान केंद्र पहुंचे। 89 निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें बढ़ी हैं। शाम 4 बजे तक भरूच में 61.61 फीसदी, राजकोट में 60.32 फीसदी, कच्छ में 58 फीसदी, तापी में 65 फीसदी, नवसारी में 67 फीसदी और मोरबी में 67.37 फीसदी वोटिंग होने की जानकारी मिली है। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता अर्जुन मोधवाडिया ने शिकायत की कि जब वह पोरबंदर जिले के मोधवाड़ा गांव में वोट डाल रहे थे तो मीडियाकर्मी उन्हें कवर कर रहे थे लेकिन एसएसबी जवानों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। मोधवाडिया ने सवाल उठाया कि जब वोट डाल रहे अन्य नेताओं को कवर कर रहे मीडियाकर्मियों को रोका नहीं जा रहा तो उन्हें कवर कर रहे मीडियाकर्मियों को क्यों रोका गया? पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) की पूर्व संयोजक रेशमा पटेल जब जूनागढ़ जिले के झनझारड़ा गांव में वोट डालने गईं तो पीएएएस के कई समर्थकों ने उनका विरोध किया। रेशमा पटेल बाद में भाजपा में शामिल हो गई थीं। -चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि — All India Radio News (@airnewsalerts) -IANS के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में शनिवार शाम पांच बजे तक 70 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने मतदान किया। गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बी.बी. स्वैन ने कहा कि ...

गुजरात चुनाव: बीजेपी 27 सालों में नहीं जीत सकी ये दर्जनभर सीट, कांग्रेस भी इन चार दर्जन सीटों पर लगातार हारी

गुजरात में एससी-एसटी सीटों पर कमजोर रही भाजपा 90 के दशक के बाद कई सीटों पर कमजोर होती गई कांग्रेस 'खाम' फार्मूले से 1985 में कांग्रेस ने जीती थीं 149 सीट नई दिल्ली. गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. यहां चुनावी मुकाबला अब तक भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता रहा है, वहीं यहां की कुछ सीटें ऐसी भी हैं जो कहीं भाजपा तो कहीं कांग्रेस जीत नहीं पाई. गुजरात में विधानसभा की लगभग एक दर्जन सीटें ऐसी हैं, जिन्हें पिछले डेढ़ दशक से सत्ता में होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जीतने में विफल रही है. हालांकि इसी अवधि में राज्य की तकरीबन चार दर्जन सीटें ऐसी हैं, जहां राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी जीत का इंतजार कर रही है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 1998 से लेकर 2017 तक गुजरात में हुए पांच विधानसभा चुनावों में भाजपा जिन सीटों को जीत नहीं सकी हैं उनमें बनासकांठा जिले की दांता, साबरकांठा की खेडब्रह्मा, अरवल्ली की भिलोडा, राजकोट की जसदण और धोराजी, खेड़ा जिले की महुधा, आणंद की बोरसद, भरूच की झगाडिया और तापी जिले की व्यारा शामिल हैं. इनमें से दांता, खेडब्रह्मा, झागड़िया और व्यारा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें हैं, जबकि जसडण, धोराजी, महुधा और बोरसड सामान्य श्रेणी में आती हैं. कपराडा में कांग्रेस से लगातार हारी भाजपा वलसाड जिले की कपराडा भी एक ऐसी आरक्षित ‘अनुसूचित जनजाति’ सीट है, जिसे भाजपा 1998 के बाद हुए किसी भी विधानसभा चुनाव में नहीं जीत सकी है. यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के जीतू भाई हरिभाई चौधरी ने यहां से जीत हासिल की थी. परिसीमन से पहले यह सीट मोटा पोंढ...