गुलाबी शहर

  1. आइये जाने गुलाबी शहर जयपुर का इतिहास
  2. जयपुर, गुलाबी शहर
  3. जयपुर जिले का नक्शा
  4. Pink City will celebrate its birthday Jaipur will be 294 years old tomorrow
  5. गुलाबी शहर (gulaabee shahar) Meaning in English


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आइये जाने गुलाबी शहर जयपुर का इतिहास

सवाई जयसिंहजी द्वारा स्थापित इस गुलाबी नगरी की खूबसूरती पूरी दुनिया में मशहूर है। किले, महल और दूसरे कई स्थापत्यों से भरपूर इस नगरी को 1727 में स्थापित किया गया था। दिल्ली से लगभग 267 कि.मी. दूर बसी हुई इस नगरी का इतिहास बारहवीं सदी तक पुराना है। इस समय के दौरान कछवाह जाती के राजपूतोंने अर्वल्ली की पहाडियों में बसे पुराने अंबर के किले को जीत लिया। इस से पहले यहाँ पर सुसावत मीना लोग रहते थे जो की भारत के सबसे बड़े खजाने के रखवाले थे। इस फ़तह के बाद कछवाह राजपूतों ने मुग़लों के साथ मिल कर एक महान राज्य की स्थापना की। इसी कछवाह राजपूतों के कुल में जन्मे सवाई जयसिंहजी ने जयपुर की स्थापना की। एक समय कछवाह राजपूतों का राज्य मेवाड़ से ले कर मारवाड़ तक था। जयसिंहजी ने औरंगजेब के बेटे आज़म शाह को अपने उत्तराधिकार की लड़ाई में मदद की लेकिन आज़म शाहने अपना ताज बहादुर शाह के हाथों में गँवा दिया। उसके बाद आज़म शाह ने जयसिंहजी को सिंहासन से उतारने की मांग की। मुग़लों के साथ मिलकर जयसिंह खुद को फिर से ताज पर स्थापित करने में सफल रहे। उनके शासन में यह राज्य निखरा और बढा। जयसिंहजी ने अंबर के किले के पास जयपुर को स्थापित किया जोकि भारत का सब से पहला सुनियोजित शहर था, जिसे बंगाल के मुख्य वास्तुकार विध्याधर भट्टाचार्यजी ने रूपांकित किया था। विध्याधर भट्टाचार्यजी ने भारत की प्राचीन वास्तुकला-शिल्प शास्त्र और भारत की खगोल विध्या को ध्यान में रख कर जयसिंहजी के साथ मिलकर इस शहर की योजना को लागू किया। ऐसा कहा जाता है की इस शहर की बुनियाद स्वयं राजा जयसिंहजी ने 18 नवम्बर 1727 के दिन रखी थी। शहर के चौराहे, रास्ते, मुख्य जगह, महल, चारों और की दिवालें- यह सब को बनाने में बारीक से बारीक रणनीतिया बनाई गई। सन 1744...

जयपुर

जयपुर भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है जिसे पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है। राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर, अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित है। इस खूबसूरत शहर को अंबर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बंगाल के एक वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद से बनवाया था। यह भारत का पहला शहर है जिसे वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाया गया था। यह शहर अपने विशाल किलों और शानदार महलों के माध्यम से पर्यटकों को शाही राजपूत विरासत को प्रदर्शित करता है। जयपुर | Pic source: Google अपने किलों, महलों और हवेलियों के लिए मशहूर जयपुर शहर दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस समृद्ध विरासत संस्कृति और परंपरा को देखने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग यहां आते हैं। जयपुर शहर महलों और किलों के अलावा अपने मेलों और त्योहारों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां के लोकप्रिय वार्षिक उत्सवों में से एक जयपुर विंटेज कार रैली है जो हर साल जनवरी के महीने में आयोजित की जाती है और हाथी महोत्सव जो हर साल होली के अवसर पर आयोजित किया जाता है। जयपुर साहित्य उत्सव भी एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। हवा महल| Pic source: Google शहर का सबसे आश्चर्यजनक लैंडमार्क अपनी गुलाबी जालीदार खिड़कियों और बालकनियों के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ से शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है, जिसे हवा महल के नाम से जाना जाता है। हवा महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था। इसका इस्तेमाल शाही परिवार की महिलाएं बिना देखे ही शहर में हो रही गतिविधियों को देखने के लिए करती थीं। लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से बनी पांच मंजिला इमारत लाल चंद उस्ताद द्वारा डिजाइन की गई थी, जिन्होंने कई अन्य मुगल इमारतों को भी डिजाइन किया था।...

जयपुर, गुलाबी शहर

जोधपुर, नीला शहर - Jodhpur, the Blue City जैसे ही आप जोधपुर में प्रवेश करेंगे आपको राजसी मेहरानगढ़ किला दिखाई देगा, जो शहर की सबसे ऊंची इमारतों में से एक है। ये शहर अपने नीले घरों और नीली वास्तुकला के लिए जाना जाता है। घरों को नीले रंग से रंगना शहर में ब्राह्मणों द्वारा शुरू किया गया एक चलन था जो उनकी खासियत को बताता है। अब ये रंग शहर की विशेषता बन चुकी है, जिसकी वजह से ये ब्लू सिटी के रूप में प्रसिद्ध हो गया है। यह भी माना जाता है कि नील रंग कीट भगाने का काम करता है। उदयपुर, व्हाइट सिटी - Udaipur, the White City उदयपुर शहर सफेद इमारतों से घिरा हुआ है, यहां आपको झीलें और खूबसूरत संगमरमर की वास्तुकला वाली इमारतें हैं। इसके अलावा, शहर कई कारणों से 'पूर्व के वेनिस' और 'झीलों के शहर' के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां के महल बेहद लुभावने लगते हैं और हर साल पर्यटकों और यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

जयपुर जिले का नक्शा

पर्यटन के लिहाज से जयपुर भारत के सबसे महत्वपूर्ण शहरों में से है। राजस्थान में स्थित इस शहर को महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18 नवंबर 1727 को स्थापित किया था। जयपुर प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ महान इतिहास की भी धरती है। इसका पर्यटन उद्योग बहुत ही समृद्ध है। गुलाबी शहर के नाम से मशहूर यह शहर राजस्थान की राजधानी भी है। हवाई, सड़क और रेल के मजबूत नेटवर्क के चलते यह दुनिया भर के कई हिस्सों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जयपुर के महल देशी और विदेशी सैलानियों के पसंदीदा स्थान हैं। जयपुर के कई पुराने और उपेक्षित महल और किले अब हेरिटेज होटल मेें तब्दील किए जा चुके हैं। जयपुर के सेवा क्षेत्र की प्रतिष्ठा उसके पर्यटन, रियल स्टेट, बीमा और होटल उद्योग से है। जयपुर राजस्थान में शिक्षा का केंद्र है। इस शहर में कई प्रतिष्ठित काॅलेज हैं जो दुनिया भर के छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। व्यवसायिक डिग्री के अलावा जयपुर में ऐसे कई काॅलेज हैं जो आट्र्स, काॅमर्स और विज्ञान में डिग्री मुहैया कराते हैं। जयपुर के कई काॅलेज अपने शैक्षिक इतिहास और सुविधाओं के लिए जाने जाते हैं। कुछ प्रमुख काॅलेजों में सत्य साईं महिला काॅलेज, श्री खंडेलवाल वैश्य काॅलेज, वैदिक कन्या काॅलेज, शासकीय महाराजा आचार्य संस्कृत काॅलेज, बियानी काॅलेज, भारत लाॅ काॅलेज आदि अन्य हैं। जयपुर का सड़क नेटवर्क सबसे अच्छी तरह से सहेजा गया सड़क नेटवर्क है। भारत के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों से इस शहर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। हवाई, सड़क और रेल के माध्यम से जयपुर उत्कृष्ट तौर पर सबसे जुड़ा हुआ है। इस शहर का रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट राज्य में प्रवेश के प्रमुख केंद्र हैं। जयपुर की यात्रा इसलिए भी और आसान है क्योंकि यह भारत का एक प्...

Pink City will celebrate its birthday Jaipur will be 294 years old tomorrow

Jaipur: जयपुर यानि पिंकसिटी (Pink City) का कल 294वां हैप्पी बर्थडे (Jaipur Birthday) हैं. विरासत और विकास की जुगलबंदी जो इस शहर में है, शायद ही कहीं और हो. जयपुर को बसाने वाले सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh) द्वितीय रहे, जिन्होंने 18 नवम्बर, 1727 को स्थापना की. इस शहर की नींव रखने वाले महाराजा जय सिंह ने एक ऐसे शहर की कल्पना थी, जो न सिर्फ स्थापत्य कला की दृष्टि से बेहतरीन हो बल्कि कला, संस्कृति और फैशन की राजधानी कही जाने वाली पेरिस को भी टक्कर दे सके. जयपुर (Jaipur news) को पूर्व के पेरिस के नाम से भी जाना जाता है. जयपुर कच्छवाहा वंश की राजधानी रहा है. इसकी स्थापना से लेकर आजादी तक कई शासकों ने जयपुर के विकास में अपनी-अपनी सामर्थ्य के हिसाब से योगदान दिया. आजादी के बाद जयपुर ने जबर्दस्त तरक्की की. आज यह शहर यूनेस्को वर्ल्ड हरिटेज की सूची में शामिल है. महाराजा जयसिंह द्वितीय ने जयपुर शहर की स्थापना बड़ी दूरदर्शिता के साथ की थी. शहर की स्थापना के समय ही यहां चौड़ी-चौड़ी सड़कें रखी गई थी. ये सड़कें आज भी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. पहले शहर को चारदीवारी के अंदर यानि कि परकोटे में बसाया गया था लेकिन वक्त के साथ-साथ बढ़ती आबादी के कारण शहर परकोटे से बाहर निकलकर आज कई किलोमीटर दूरी तक फैल गया है. करीब 294 साल में जयपुर ने आधुनिक रूप ले लिया है. अपनी बेजोड़ वास्तुकला के लिए विश्वप्रसिद्ध जयपुर को 'जैपर' के नाम से भी जाना जाता है. हर साल 18 नवंबर को जयपुर का स्थापना दिवस मनाया जाता है. हालांकि इस बार कोविड-19 के चलते बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं होंगे लेकिन परंपरा के तहत हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर मोतीडूंगरी गणेशजी और शहर के प्रवेश द्वार गंगापोल दरवाजे पर विराजमान ग...

गुलाबी शहर (gulaabee shahar) Meaning in English

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