Gulam vansh ka pratham sultan kaun tha

  1. ख़िलजी वंश
  2. ग़ुलाम वंश
  3. तुगलक वंश का प्रथम सुल्तान कौन बना था?
  4. JaagrukHindi.com: गुलाम वंश :About Gulam Vansh (Qtubuddin Aibak) in hindi
  5. मामलुक वंश या गुलाम वंश का इतिहास एवं संस्थापक
  6. प्रमुख वंश के अंतिम शासक, राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट, Rajvansho Ke Antim Shasak Yaad Karne Ki Trick
  7. गुलाम वंश का इतिहास (1206


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ख़िलजी वंश

khilaji ya khalaji vansh (1290-1320 ee.) jalaluddin ki hatya khilaji vansh ka pratham sultan jalaluddin khilaji, samrajy vistar joona khaan ne 'alauddin khilaji' ki upadhi dharan kar 20 varsh tak shasan kiya. usane patan 1316 ee. ke aranbh mean sultan ki mrityu ho gee. malik kafoor dvara satta par qabiz hone ki koshish usaki mrityu ke sath hi samapt huee. aantim khilaji shasak khilajiyoan ka itihas khilaji kaun the? is vishay mean paryapt vivad hai. itihasakar nizamuddin ahamad ne khilaji ko khilaji yug khilaji mukhyatah sarvahara varg ke the. khilaji yug samrajyavad aur shasak khilaji vansh ke sultanoan ne 1290 se 1320 ee. tak rajy kiya. shasakoan ke nam • • • • • panne ki pragati avastha sanbandhit lekh

ग़ुलाम वंश

vishay soochi • 1 sthapana • 2 gulam vansh ke shasak • 3 shasakoan dvara shasan • 4 gulam vansh ki upalabdhiyaan • 5 sanbandhit lekh sthapana gulam vansh • dilli ke sianhasan par yah vansh 1206 ee. se 1290 ee. tak aroodh raha. isaka sansthapak kutubuddin aibak muhammad gori ka turk das tha. par usaki yogyata dekhakar gori ne use dasata se mukt kar diya. kutubuddin moolat: gulam tha. isalie yah rajavansh gulam vansh kahalata hai. vah 1210 ee. tak gaddi par raha. kahate haian, dilli ki qutubaminar ka nirman-kary usane hi aranbh karaya tha. vah yogy shasak mana jata hai. • is vansh ka doosara prasiddh shasak iltutamish tha jisane 1211 ee. se 1236 ee. tak shasan kiya. usake samay mean samrajy ka bahut vistar hua aur kashmir se narmada tak tatha bangal se siandhu tak ka bhoo-bhag gulam vansh ke adhin a gaya. iltutamish ke bete b de vilasi the. at: kuchh samay bad (1236 ee. mean) usaki putri rajiya begam gaddi par baithi. rajiya b di buddhiman mahila thi. vah mardane vastr pahanakar darabar mean baithati thi. par shadyantroan se apane ko nahian bacha saki aur 1240 ee. mean usaki hatya kar di gee. • isi vansh mean ek aur pramukh shasak hua- sulatan gayasuddin balaban. balaban bhi moolat: iltutamish ka gulam tha isane 1266 se 1287 ee. tak shasan kiya. isake samay mean rajy mean shaanti vyavastha ki sthiti bahut achchhi ho gee thi. amir khusaroan gulam shasakoan ke hi sanrakshit vidvanh the. gulam vansh ke shasak 1206 se 1290 ee. ke madhy 'dilli saltanat' par jin turk shasakoan dva...

तुगलक वंश का प्रथम सुल्तान कौन बना था?

Explanation : अलाउद्दीन खिलजी के सेनाध्यक्षों में से गाजी मलिक तुगलक वंश का प्रथम सुल्तान बना था। गियासुद्दीन तुगलक का नाम गाजी तुगलक अथवा गाजी मलिक था, जलालुद्दीन के समय में वह सैनिक था। अपनी योग्यता से वह प्रगति करता गया और 1315 में अलाउद्दीन ने उसे दिपालपुर का सूबेदार और सीमा रक्षक नियुक्त किया। उसी पद पर रहते हुए गाजी मलिक ने खुसरवशाह को समाप्त करके दिल्ली के सिंहासन पर अधिकार कर लिया तथा 8 सितम्बर 1320 ई. को सुल्तान बन गया। Explanation : कालिदास चंद्रगुप्त II के शासनकाल में थे। चंद्रगुप्त द्वितीय अथवा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का शासनकाल 380-412 ईसवी तक रहा। चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपना साम्राज्य विस्तार वैवाहिक सम्बन्ध व विजय दोनों से किया जिसमें नाग राजकुमारी कुबेर • मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सर्वाधिक प्रसिद्ध क्षेत्र कौन था? Explanation : मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सर्वाधिक प्रसिद्ध क्षेत्र बयाना था। 18वीं शताब्द की प्रमुख फसलों में धान, गेहूं, ज्वार-बाजरा इत्यादि थे। धान हिंदुस्तान के अधिकांश क्षेत्रों में उगाया जाता था जिसमें गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गो • मुगल साम्राज्य में नील उत्पादन का सबसे प्रसिद्ध क्षेत्र कौन था? Explanation : गुरु ग्रंथ साहिब में सूफी संत शेख फरीद की रचनाएं संकलित है। पंजाब के सूफी संतों में भक्त शेख फरीद जी का नाम प्रमुखता से आता है। भक्त शेख फरीद जी, बाबा फरीद जी, शेख फरीद जी, बाबा फरीद जी शकरगंज इत्यादि नामों से पहचाने जाने वाले शे • किस सूफी संत के विचारों को सिखों के धर्म ग्रंथ ‘आदि ग्रंथ’ में संकलित किया गया?

JaagrukHindi.com: गुलाम वंश :About Gulam Vansh (Qtubuddin Aibak) in hindi

गुलाम वंश भारत पर गुलाम वंश का प्रथम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक को माना जाता है जिसे मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराकर दिल्ली सल्तनत का शासक नियुक्त किया। गुलाम वंश का शासन काल 1206-1290ई तक है। (क़ुतुबुद्दीन ऐबक) जीवन परिचय क़ुतुबुद्दीन ऐबक का जन्म तुर्क मे हुआ था। इनका बपचन एक कांजी के यह गुजरा जिसने इन्हे धनुर्विद्या और घुड़सवारी की कलाएँ सिखायी। बाद मे ये मोहम्मद गौरी के यहा गुलामी करने लगे। क़ुतुबुद्दीन ऐबक ,मोहम्मद गौरी के साथ कई लड़ाइयों मे भाग लिये तथा इन लड़ाइयों मे अपनी एक अहम भूमिका भी निभायी। क़ुतुबुद्दीन ऐबक का शासन काल 1206-1210 तक रहा। इनकी मृत्यु 1210ई मे लाहौर मे हुयी। महत्वपूर्ण तथ्य • गुलाम वंश का प्रथम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक था। • क़ुतुबुद्दीन ऐबक को लाखबक्श के नाम से जाना जाता हैक्योकि वह लाखों करोडो रुपये दान मे दे देता था। • दानवीर होने की वजह से इसे हातिम कहा जाता था। • क़ुतुबुद्दीन ऐबक को पूरा कुरान याद था इसलिए उसे कुरानबक्शकहा जाता था। •क़ुतुबुद्दीन ऐबक के गुरु का नाम बख्तियार काकी था जिनकी याद मे इसने कुतुब मीनार बनवाया। •क़ुतुबुद्दीन ऐबक के सेनापति का नाम बख्तियार खिलजीथा जिसने बिहार मे स्थित नालंदा विश्वविद्यालय को (1193 ई मे) जला दिया। •क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने अजमेर मे अढ़ाई दिन का झोपड़ा बनवाया। •क़ुतुबुद्दीन ऐबक ने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद का निर्माड करवाया जो दिल्ली मे है। • क़ुतुब मीनार को पूर्ण इल्तुतमिश ने करवाया। तथा फिरोज शाह तुगलक ने इसकी मरम्मत (re-construction) करवाई। • क़ुतुबुद्दीन ऐबक के प्रमुख दरबारी कवि - 1.मीनहाज उस शेराज 2. हसन निजामी। • क़ुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु 1210 मे पोलो (चौगाना) खेलते हुए हुयी। इनका मकबरा इनकी राजधानी लाहौर मे बनाया गया...

मामलुक वंश या गुलाम वंश का इतिहास एवं संस्थापक

gulam vans मध्यकालीन भारत का इतिहास, दिल्ली सल्तनत, मामलुक वंश या गुलाम वंश से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य जो परीक्षा की दृष्टि से अति उपयोगी है। Ghulam vansh history in hindi pdf, Gulam vansh information in hindi And Most Important Fact, Gulam vansh Releted Question and Answar, Ghulam vansh ka pratham tatha Antim shasak kaun tha. Gulam vansh ka antim shasak ka naam bataye. गुलाम वंश का संस्थापक कुतुबुद्दीन ऐबक था। कुतुबुद्दीन ऐबक मोहम्मद गौरी का गुलाम था जो निशापुर के प्रधान काजी फखरुद्दीन से मोहम्मद गोरी द्वारा खरीदा गया था। मोहम्मद गौरी की 1206 ईस्वी में उसके किसी शत्रु के द्वारा हत्या कर दी गई। तत्पश्चात मोहम्मद गोरी के कोई उत्तराधिकारी ना होने के कारण दिल्ली सल्तनत का शासक कुतुबुद्दीन ऐबक बना। गुलाम वंश ने दिल्ली सल्तनत कर 1206 ईस्वी से 1290 ईसवी तक राज किया था । कुतुबुद्दीन ऐबक तुर्किस्तान का निवासी था। कुतुबुद्दीन ऐबक अत्यंत साहसी कर्तव्यनिष्ठ एवं स्वामी भक्त प्रकार का व्यक्ति था। इसलिए मोहम्मद गोरी ने कुतुबुद्दीन ऐबक को अस्तबल का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को पराजित कर मारने के बाद कुतुबुद्दीन भारतीय प्रदेशों का सूबेदार भी नियुक्त किया गया था। इस तरह से कुतुबुद्दीन ऐबक ने गुलाम वंश की स्थापना की । Slave dynasty in hindi Ghulam Vansh History In Hindi Pdf गुलाम वंश के शासकों का क्रम एवं कार्यकाल निम्न प्रकार से है। 1-कुतुबुद्दीन ऐबक (1206 ईस्वी-1210 ईस्वी) 2-आरामशाह (1210 ईस्वी-1211 ईस्वी) 3-इल्तुतमिश (1211 ईस्वी-1236 ईस्वी) 4-रुक्नुद्दीन फिरोजशाह (1236 ईस्वी) 5-रजिया सुल्तान (1236 ईस्वी-1240 ईस्वी) 6-बहरामशाह (1240 ईस्वी-1242 ...

प्रमुख वंश के अंतिम शासक, राजवंशों के संस्थापक और अंतिम सम्राट, Rajvansho Ke Antim Shasak Yaad Karne Ki Trick

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गुलाम वंश का इतिहास (1206

गुलाम वंश का इतिहास [ 1206-1290 ] :- साथियों इस लेख के माध्यम से गुलाम वंश के संस्थापक कौन थे ( Gulam Vansh ke sansthapak kaun the ), गुलाम वंश का अंतिम शासक कौन था ( Gulam Vansh ka antim shasak kaun tha ), गुलाम वंश की स्थापना ( Gulam Vansh ki sthapna ), कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम कौन था और गुलाम वंश से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न व गुलाम वंश के पतन के कारण और गुलाम वंश में कितने शासक हुए ( Gulam Vansh mein kitne shasak hue ) तथा दिल्ली सल्तनत का पहला गुलाम राजा कौन था आदि के बारे में इस लेख के माध्यम से जानेंगे ! Page Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • गुलाम वंश का इतिहास सबसे पहले आपको दिल्ली सल्तनत ( 1206-1526 ) के इतिहास के बारे में थोड़ी सी जानकारी होनी चाहिए चलिए हम आपको बताते हैं दिल्ली सल्तनत के पांच राज्य वंश कौन कौन थे आइए देखते हैं ! दिल्ली सल्तनत [ 1206-1526] मोहम्मद गौरी की मृत्यु व बाबर के आने से पहले का समय दिल्ली सल्तनत कहलाता है।इस समय के अधिकांश शासक तुर्क व उनकी दरबारी भाषा फारसी थी। दिल्ली सल्तनत ने 5 राजवंशों पर क्रमशः शासन किया :– (1) गुलाम वंश (2) खिलजी वंश (3) तुगलक वंश (4) सय्यद वंश (5) लोदी वंश दिल्ली सल्तनत का प्रथम राजवंश गुलाम व अंतिम लोदी था। इनमें सर्वाधिक समय शासन तुगलक वंश ने व सबसे कम समय शासन खिलजी वंश ने किया था। ans. 4 गुलाम वंश का इतिहास [1206-1290] इसे दास वंश या मामलुक वंश भी कहते हैं। मामलुक वे संतान होती है जो स्वतंत्र मां-बाप से पैदा होकर किसी भी अधिनता स्वीकार कर ले। मामलुक वंश / गुलाम वंश के शासकों का क्रम निम्न है:– • कुतुब-उद-दीन ऐबक (1206-1210) • आरामशाह (1210-1211) • शम्सुद्दीन इल्तुतमिश (1211-1236) • रुक्नुद्दीन फि...

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