गुलदार जानवर

  1. बिजनौर में गुलदार का आतंक मासूम बच्ची को मार डाला जंगली जानवर के सात दिन में छह हमलों से हुईं तीन मौतें
  2. गुलदार क्या होता है? – ElegantAnswer.com
  3. बिजनौर में गुलदार के हमले से किसान की मौत, परिजनों में मची चीख पुकार, farmer dies due henchman attack in bijnor
  4. दुधली में गुलदार जैसे दिखनेवाले जानवर के आतंक, से दहशत में है, ग्रामीण
  5. परिजन बोले
  6. Guldar Terror बिजनौर में गुलदार का आतंक अकेले व्यक्ति पर हमला बोल देता है गीदड़
  7. तेंदुआ का दूसरा नाम क्या है? – ElegantAnswer.com


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बिजनौर में गुलदार का आतंक मासूम बच्ची को मार डाला जंगली जानवर के सात दिन में छह हमलों से हुईं तीन मौतें

बिजनौर में गुलदार का आतंक, मासूम बच्ची को मार डाला, जंगली जानवर के सात दिन में छह हमलों से हुईं तीन मौतें Bijnor News गुलदार के हमले में एक मासूम की फिर से जान चली गई। वन विभाग की टीम पिंजरा लगाकर भूल जाती है। ऐसा ग्रामीणों का आरोप है। पिछले सात दिन में छह हमले गुलदार कर चुका है और तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जागरण टीम, बिजनौर। गुलदार के हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार रात फिर गांव मच्छरमार में गुलदार ने पांच वर्षीय बच्ची पर हमला कर उसकी जान ले ली। गुलदार बच्ची को घर के आंगन में से उठाकर ले गया। पिछले सात दिनों में गुलदार के हमले की यह छठी घटना है, जिसमें दो बच्चियों और एक बुजुर्ग सहित तीन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे और गुलदार की रेकी सब नाकाम साबित हो रहा है। बच्ची की मौत के बाद गांव में आक्रोश घटना के बाद ग्रामीणों में अत्यधिक रोष है, वह बच्ची का शव लेकर बादीगढ़ चौराहे की ओर जाने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। रेहड़ थाना क्षेत्र के मच्छमार में गांव के बाहरी छोर पर टिकेंद्र सिंह का मकान स्थित है। मंगलवार रात लगभग नौ बजे टिकेंद्र सिंह की पांच वर्षीय पुत्री यामिनी खाना खाने के बाद आंगन में आ गई थी। टिकेंद्र के घर में मेन गेट नहीं है। इसी दौरान एक गुलदार आया और बच्ची को उठाकर ले गया।

गुलदार क्या होता है? – ElegantAnswer.com

गुलदार क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंजंगली जानवरों के अवैध व्यापार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रैफिक इंडिया के अनुसार उत्तराखंड में गुलदार ही सबसे ज्यादा मारे जा रहे हैं। पांच सालों में 140 गुलदारों की खाल, हड्डियां व अन्य अंग बरामद किए। गुलदार का सबसे ज्यादा शिकार, उसकी खाल और हड्डियों के लिए किया गया। क्या जगुआर और तेंदुआ के बीच अंतर है? इसे सुनेंरोकेंजगुआर अधिक गठीला और बड़ा होता है। उसके पैर छोटे होते हैं। जगुआर का चेहरा चौकोर होता है, जबकि तेंदुए का गोल। दिन हो या रात, जमीन हो या जल, जगुआर हर समय और हर जगह शिकार कर सकता है। सांप को मारने से क्या नुकसान होता है? इसे सुनेंरोकेंज्योतिषशास्त्र के अनुसार सर्प को मारने से सर्पदोष और पितृदोष लगता है। इन दोषों की वजह से जीवन में कई तरह की परेशानियां, कार्यों में बाधा और संतान संबंधी विषयों में कष्ट मिलता है। खटास कौन सा जानवर है? इसे सुनेंरोकेंइस जानवर की सूचना और वीडियो वन विभाग के अधिकारियों को दिखाया गया। वन विभाग के मुताबिक ये जानवर गुलदार नहीं है बल्कि फिशिंग कैट यानी जंगली बिल्ली है। तेंदुआ में कितना वजन होता है? 31 kgनर, साउथ अफ्रिकास कोस्टल माउंटेन्स पापुलेशन 23 – 27 kgमहिला, सोमालिया पॉपुलेशन तेन्दुआ/द्रव्यमान जगुआर कंपनी का मालिक कौन है? विलियम लॉयन्स विलियम वाल्मस्ले जैगुआर कारें/संस्थापक इसे सुनेंरोकेंJaguar कंपनी का मालिक मार्च 2008 से भारतीय कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड है जिसकी ओनरशिप टाटा फॅमिली के पास है. इस कंपनी की शुरुआत 4 सितम्बर 1922 को William Lyons और William Walmsley ने की थी इससे पहले इसका नाम स्वालो साइडकार कंपनी था और उसके बाद 1935 इसे जगुआर नाम दिया गया था. सांप को मारने से कौन सा पाप लगता है? इसे सुनेंर...

बिजनौर में गुलदार के हमले से किसान की मौत, परिजनों में मची चीख पुकार, farmer dies due henchman attack in bijnor

बिजनौर: अफजलगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में बुधवार को खेत की रखवाली कर रहे एक बुजुर्ग किसान पर जंगली जानवर गुलदार ने हमला कर दिया. गुलदार के हमले से बुजुर्ग किसान की मौके पर ही मौत हो गई. सूचना पर पहुंचे परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस और वन विभाग को दी. पुलिस ने शव को कब्जें में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इसके साथ ही मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है. अफजलगढ़ थाना क्षेत्र के गांव के सिरवासू निवासी बुजुर्ग किसान तंगुल सिंह अपने खेतों की रखवाली के लिए खेत में मौजूद थे. इसी दौरान बुधवार की दोपहर के उन पर जंगली जानवार गुलदार ने हमला कर दिया. इस हमले में बुजुर्ग तंगुल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. बुजुर्ग के मौत की सूचना पर मौके पर पहुंचे परिजनों में चीख-पुकार मच गई. परिजनों के साथ ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम से से जंगली जानवर गुलदार को पकड़ने की गुहार लगाई. ग्रामीणों ने बताया कि गुलदार अब तक लगभग 5 लोगों को अपना निवाला बना चुका है. जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है. सूचना पर पहुंची पुलिस वन विभाग की टीम के साथ खेतों में पिंजड़ा व ट्रैप कैमरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही बुजुर्ग के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. सूचना पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारी मोहम्मद अब्बास ने बताया कि जंगली जानवर के हमले से बुजुर्ग किसान की मौत हुई है. इस घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दे दी गई है. इसके साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट के लिए भेज दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा. यह भी पढ़ें-दोस्तों के साथ जन्मदिन की पार्टी मनाने गए दो भाई गंगा में डूबे, परिजनों ने लग...

दुधली में गुलदार जैसे दिखनेवाले जानवर के आतंक, से दहशत में है, ग्रामीण

यह तस्वीर सांकेतिक है,असली नहीं मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र के दुधली पँचायत के किशनपुर ग्रांट ग्राम में पिछले कुछ समय से गुलदार जैसे दिखनेवाले जानवर की सक्रियता ने ग्रामीणों में दहशत पैदा कर दी है। इस जानवर ने अब तक 5 कुत्तों को निवाला बना लिया है। प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि गुलदार ब्लेक लेपर्ड जैसा दिखता है। शुक्रवार को माया देवी का पेमेरियन कुत्ता घर के बरामदे से उठा लिया गया है,कुछ समय पूर्व इनके एक जर्मन शेफर्ड कुत्ते को गुलदार द्वारा उठाया गया था। इसके अलावा पिछले दिनों हाल में दिल बहादुर,प्रकाश भट्ट के भी कुत्ते गुलद्वार द्वारा खाये गए हैं। किशनपुर ग्रांट निवासी प्रेम सिंह का कुत्ता गुलदार द्वारा घर से उठाने का प्रयास किया गया व घायल किया गया है। रात्रि में घटना को अंजाम देने वाले इस जानवर को भली भांति देखा भी नही जा सका है। बस ग्रामीणों का कहना है कि यह जानवर बड़ी फुर्ती से गायब हो जाता है।इस बाबत ग्रामीणों ने कुछ समय पूर्व लच्छीवाला रेंजर को प्रार्थना पत्र देकर गुलदार को पकड़ने हेतु लिखा था। किन्तु कुछ कार्यवाही अभी तक नही हुई है। इसके उलट उन्हें कहा गया है कि आप कुते पालन बन्द कर दीजिए। रेंजर श्री घनानंद उनियाल का कहना है कि यह एक गुलदार ही है जो नरभक्षी नहीं है. मात्र कहते जानवरों का शिकार करता है. उन्होंने बताया की प्रार्थना पत्र के आधार पर वन विभाग के कर्मचारी मुस्तैदी से जुटे हुए है। ग्रामीणों को घबराने की आवशयकता नहीं है सिर्फ अपने जानवर घर के अंदर रखें या कुत्ते आदि न पालें. क्योंकि इन गुलदार की प्रकृति ही छोटे जानवर से अपना पेट भरने की है. दुधली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार ने बताया है कि जिस स्थान पर गुलदार सक्रिय है वहाँ सरकारी इंटर कॉलेज ह...

परिजन बोले

यूपी के फतेहपुर में एक 3 वर्षीय बच्चे का क्षत विक्षत शव नाले में मिला है। मौके पर बच्चे का एक हाथ और सिर मिला है, शरीर का बाकी हिस्सा गायब है। परिजनों ने आशंका व्यक्त की है कि गुलदार ने बच्चे का शिकार किया है। बच्चा कल सुबह 10 बच्चे घर के बाहर से खेलते हुए अचानक गायब हो गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। घटना चांदपुर थाना क्षेत्र के मवई गांव का का है। मवई गांव के रहने वाले वीरेंद्र सिंह का घर गांव के बाहर बना हुआ है। पास में यमुना से जुड़ा नाला बहता है। उनका बेटा शिव उर्फ शिवम (3) शनिवार की सुबह 10 बजे घर के बाहर खेलते समय अचानक गायब हो गया था। जब बच्चे का पिता दोपहर में आया तो बच्चे की खोजबीन शुरू की। कोई जानकारी नहीं हुई तो 2 बजे थाना पुलिस को तहरीर देकर गुमशुदगी दर्ज कराई गई। पुलिस ने गांव के आस पास खोजबीन शुरू की। रात होने के कारण सर्च अभियान रोकना पड़ा। सुबह जब परिजनों और ग्रामीणों के साथ पुलिस ने फिर खोजबीन शुरू की तो आज ुसुबह 7 बजे गांव के बाहर नाले में एक हाथ, सिर और शरीर का कुछ हिस्सा पड़ा देखा। परिजनों समझ गए कि उनके बेटे को कोई जंगली जानवर खा गया है। परिजनों ने डेड बॉडी शिवम की बताई। घर में चीख पुकार मच गई। बच्चे का शव मिलने के बाद गमगीन परिवार के लोग। चाचा बोले- कई दिनों से गांव के पास दिख रहा था गुलदार मृतक बच्चे के चाचा धर्मेंद्र ने बताया कि 3 वर्षीय भतीजा घर से गायब हो गया था। सुबह गांव के बाहर नाले में शव मिला एक हाथ सिर और शरीर का कुछ हिस्सा ही था ऐसा लग रहा कि किसी जंगली जानवर ने मारकर खा लिया है। जिस जगह पर शव मिला है वह नाला यमुना नदी में जाता है। गांव के पास कई दिनों से गुलदार देखा जा रहा था। उसीने बच्चे को ...

Guldar Terror बिजनौर में गुलदार का आतंक अकेले व्यक्ति पर हमला बोल देता है गीदड़

बिजनौर, जेएनएन। बढ़ापुर क्षेत्र में गुलदार जंगली जानवर शिकार की तलाश में अक्सर जंगलों से निकलकर ग्रामीण इलाकों की ओर पहुंच जाते है। इस समय गन्ने की खड़ी फसल होने की वजह से जंगली जानवरों को छिपने की जगह आसानी से मिल जाती है। इन खेतों में गुलदार के अलावा गीदड़ भी शरण लिए रहते है। अक्सर गीदड़ भी अकेले व्यक्ति हमला कर देता है। पिछले दो माह में गुलदार कई ग्रामीणों पर हमले कर चुका है। दो सप्ताह पहले गांव भोगपुर निवासी सुखचैन सिंह व भतीजे सेवक सिंह पर गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया था। लगभग तीन सप्ताह पहले गांव बहेड़ी में गुलदार ने जीत सिंह के डेरे पर बंधे गोवंश को निवाला बनाने का प्रयास किया था। वहीं, लगभग डेढ़ माह पहले गांव भोगपुर निवासी हरप्रीत सिंह पर बाजार से खरीदारी कर वापस लौटते समय गुलदार ने हमला कर दिया था। इस घटना के कुछ समय बाद ही वहां से गुजर रहे गांव कुआंखेड़ा निवासी गुरप्रीत व गुजन ङ्क्षसह पर भी गुलदार ने हमला कर घायल कर दिया था। दो माह पहले गांव कोटजुआना में बढ़ापुर निवासी नंदू पाल की चर रही बकरियों पर गुलदार ने हमला कर दिया था। हमले से कई बकरियां जख्मी हो गई थीं। इन घटनाओं के बाद वन कर्मियों ने मौका मुआयना भी किया था। वन कर्मियों की माने, तो अक्सर गीदड़ भी अकेले व्यक्ति हमला कर देता है। सभी हमले गुलदार नहीं कर रहा, बल्कि गीदड़ भी हमलावर हुए हैं। गांव टांडा सिक्कावाला, साहूवाला, वनविटोल, शाहनगर कुराली, लुहारवाली, मदपुरी, कुआंखेड़ा, भोगपुर, वीरभानवाला आदि गांव में जंगली जानवरों को भगाने के लिए वन विभाग की टीमें लगातार गश्त कर रही है। हाथियों को खदेडऩे के लिए आतिशबाजी की जा रही है। -वीरेंद्र सिंह रावत, वन क्षेत्राधिकारी, साहूवाला रेंज नजीबाबाद

तेंदुआ का दूसरा नाम क्या है? – ElegantAnswer.com

तेंदुआ का दूसरा नाम क्या है? इसे सुनेंरोकेंतेन्दुआ (Panthera pardus उचारण: पैन्थेरा पार्डस) पैन्थरा जीनस का एक विडाल (बड़ी बिल्ली प्रजाति) है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है। यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है। लेकिन तेंदुए बहुत शक्तिशाली और चतुर जीव है और इनकी एकाग्रता तो लाज़वाब होती है। तेंदुए क्या खाते हैं? इसे सुनेंरोकेंतेंदुए माँसाहारी जानवर हैं और वे ताज़ा मांस ही खाना पसंद करते हैं। ये इलाके के अनुसार विभिन्न प्रकार के जीवों का शिकार करते हैं। गुलदार जानवर क्या है? इसे सुनेंरोकेंजगुआर बिल्ली परिवार का तीसरा सबसे बड़ा सदस्य है। केवल सिंह और बाघ उससे बड़े होते हैं। लेकिन इस छोटे पैरोंवाले गठीले जानवार में सिंह या बाघ से भी अधिक ताकत होती है। हिम तेंदुआ कहाँ पाया जाता है? इसे सुनेंरोकेंइसकी भौगोलिक वितरण पूर्वी अफगानिस्तान में हिंदू कुश से चलाता है और दक्षिणी साइबेरिया के लिए पामीर पर्वतमाला, काराकोरम और हिमालय के पहाड़ों के माध्यम से, सीमा बयकाल झील के पश्चिम में रूसी अल्ताई पर्वत शृंखला और पहाड़ों को शामिल किया गया है। तिब्बत में, यह उत्तर में अत्त्य्न-तघ् लिए ऊपर पाया जाता है। भारत में तेंदुए की संख्या कितनी है? इसे सुनेंरोकेंताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में तेंदुओं की संख्या 12,852 तक पहुंच गई है। तेंदुआ कितनी तेज भागता है? इसे सुनेंरोकेंये सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है. जगुआर कौन सा जानवर होता है? इसे सुनेंरोकेंजैगुआर (jaguar) फ़ेलिडाए कुल का एक शिकारी मांसाहारी जानवर है जो उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका में पाई जाने वाली इकलौती पैन्थेरा (Panthera) जाति है। सिंह और बाघ के बाद जैगुआर बिल्ली (फ़ेलि...