गुलजारीलाल नंदा बायोग्राफी

  1. गुलजारीलाल नंदा
  2. गुलझारीलाल नंदा
  3. गुलज़ारीलाल नन्दा की जीवनी
  4. Gulzarilal Nanda Birth Anniversary Former Prime Minister of India Gulzarilal Nanda Could not Pay House Rent
  5. Gulzarilal Nanda profile। गुलजारीलाल नंदा : सादगीपसंद गांधीवादी राजनेता
  6. Gulzarilal Nanda Biography in Hindi
  7. गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय
  8. गुलज़ारीलाल नन्दा
  9. गुलज़ारीलाल नन्दा की जीवनी
  10. गुलझारीलाल नंदा


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गुलजारीलाल नंदा

गुलजारीलाल नंदा का जन्म 4 जुलाई, 1898 को हुआ था और 15 जनवरी, 1998 को उनका निधन हो गया था। वह 1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद और 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे। दोनों अवसरों पर उन्होंने एक महीने से भी कम समय तक काम किया, उनका कार्यकाल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक नए नेता के चुनाव पर समाप्त हुआ। बचपन उनका जन्म 4 जुलाई, 1898 को, अविभाजित पंजाब के सियालकोट में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने लाहौर, आगरा और इलाहाबाद में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने 1920 से 1921 तक इलाहाबाद विश्वविद्यालय में श्रमिक समस्याओं पर एक शोध विद्वान के रूप में काम किया। वह 1921 में बॉम्बे में नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने। उन्होंने उसी वर्ष के दौरान असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए। 1922 में, वह अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन के सचिव बने, जिसमें उन्होंने 1946 तक काम किया। 1932 में उन्हें सत्याग्रह के लिए कैद किया गया, और फिर 1942 से 1944 तक कैद में रहे। उपलब्धियां वह राष्ट्रीय योजना समिति के सदस्य भी थे। वह भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस के आयोजन में काफी हद तक प्रभावशाली थे और बाद में इसके अध्यक्ष बने। 1947 में, वे अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में सरकारी प्रतिनिधि के रूप में जिनेवा गए। मार्च 1950 में, वह योजना आयोग में इसके उपाध्यक्ष के रूप में शामिल हुए। सितंबर के सफल वर्ष में, उन्हें भारत सरकार में योजना मंत्री नियुक्त किया गया। इसके अलावा, उन्हें सिंचाई और बिजली के विभागों का प्रभार भी दिया गया। वह 1952 के आम चुनावों में बॉम्बे से लोकसभा के लिए चुने गए थे और उन्हें योजना, सिंचाई और बिजली के लिए फिर से नियुक्त...

गुलझारीलाल नंदा

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गुलज़ारीलाल नन्दा की जीवनी

जन्म: 4 जुलाई, 1898, पेशावर (आधुनिक पाकिस्तान) मृत्यु: 15 जनवरी, 1998, अहमदाबाद, गुजरात कार्य क्षेत्र: भारत के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलज़ारीलाल नन्दा एक भारतीय राजनेता और शिक्षाविद थे जिन्हें श्रमिक मुद्दों की गहरी पकड़ थी। अपनी साफ़-सुधरी छवि और कांग्रेस पार्टी के प्रति सदैव समर्पित गुलज़ारी लाल नंदा दो बार भारत के कार्यकारी प्रधानमंत्री बनाये गए – पहली बार जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया जबकि दूसरी बार वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री तब बने जब सन 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गयी थी। गुलज़ारी लाल नंदा बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। सादा जीवन उच्च विचार उनके जीवन का सिद्धांत था। राजनीति के अलावा उन्होंने शिक्षा और मजद्दोर संगठन के क्षेत्र में भी कार्य किया। राजनीति में आने से पहले उन्होंने मुंबई के नेशनल कॉलेज में शिक्षण कार्य किया और सन 1922 से 1946 तक वे अहमदाबाद की टेक्सटाइल्स उद्योग में श्रमिक एसोसिएशन के सचिव भी रहे। वह श्रमिकों की समस्याओं को लेकर हमेशा जागरुक और तत्पर रहे और उन समस्याओं के निदान का प्रयास भी करते रहे। प्रारंभिक जीवन गुलज़ारी लाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को सियालकोट (अब पश्चिमी पाकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता बुलाकी राम नंदा तथा माता श्रीमती ईश्वर देवी नंदा थीं। प्राथमिक शिक्षा सियालकोट में ग्रहण करने के बाद नंदा ने लाहौर के ‘फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज’ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। उन्होंने आगरा और अमृतसर में भी अध्ययन किया। उन्होंने कला वर्ग में स्नातकोत्तर किया और क़ानून की स्नातक (एल.एल.बी) उपाधि प्राप्त की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उन्होंने ‘श्रमिक समस्याओं’ पर शोध ...

Gulzarilal Nanda Birth Anniversary Former Prime Minister of India Gulzarilal Nanda Could not Pay House Rent

Gulzarilal Nanda Birth Anniversary Former Prime Minister of India Gulzarilal Nanda Could not Pay House Rent | Gulzarilal Nanda: कहानी पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा की सादगी की, अपने आखिरी दिनों में मकान का किराया भी नहीं दे पाते थे नंदा | Hindi News, Uttar Pradesh Gulzarilal Nanda: कहानी पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारीलाल नंदा की सादगी की, अपने आखिरी दिनों में मकान का किराया भी नहीं दे पाते थे नंदा Gulzarilal Nanda Birth Anniversary:आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी गुलजारीलाल नंदा का जन्मदिवस है इस मौके पर उन्ही से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताते हैं जिसे सुनकर आप उनकी सादगी और व्यक्तित्व के कायल हो जाएंगे.यूं तो आजकल के फ्रेशर भी खूब पैसा कमा लेते हैं, लेकिन दो बार देश के प्रधानमंत्री और लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रहने वाले गुजारीलाल नंदा देश के ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री थे कि अपने आखिरी दिनों में उनके पास ना तो अपना घर था और न ही इतने पैसे थे कि वो जिस मकान में रह रहे थे उसका किराया चुका सकें. Gulzarilal Nanda Birth Anniversary: यूं तो आजकल के फ्रेशर भी खूब पैसा कमा लेते हैं, लेकिन दो बार देश के प्रधानमंत्री और लंबे समय तक केंद्रीय मंत्री रहने वाले गुजारीलाल नंदा देश के ऐसे पूर्व प्रधानमंत्री थे कि अपने आखिरी दिनों में उनके पास ना तो अपना घर था और न ही इतने पैसे थे कि वो जिस मकान में रह रहे थे उसका किराया चुका सकें. आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी गुलजारीलाल नंदा का जन्मदिवस है इस मौके पर उन्ही से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताते हैं जिसे सुनकर आप उनकी सादगी और व्यक्तित्व के कायल हो जाएंगे. किराया नहीं चुकाने पर मकान मालिक ने घर से निकाला एक बार की बा...

Gulzarilal Nanda profile। गुलजारीलाल नंदा : सादगीपसंद गांधीवादी राजनेता

प्रारंभिक जीवन : इनका जन्म पाकिस्तान के सियालकोट (अब पाकिस्तानी पंजाब) में 4 जुलाई 1898 को हुआ था। इनके पिता का नाम बुलाकीराम नंदा तथा माता का नाम ईश्वरदेवी नंदा था। नंदा ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मजदूर समस्या पर रिसर्च स्कॉलर के रूप में काम किया। 1921 में वे नेशनल कॉलेज मुंबई में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर भी रहे। राजनीतिक जीवन : 1921 में गुलजारीलालजी नंदा ने असहयोग आंदोलन में भाग लिया। सत्याग्रह आंदोलन के दौरान 1932 में और भारत छोड़ो आंदोलन के समय 1942-1944 में इन्होंने जेल यात्रा भी की थी। वे मुंबई की कांग्रेस की ओर से विधानसभा में 1937 से 1939 तक और 1947 से 1950 तक विधायक रहे। 1947 में इंटक की स्थापना हुई और इसका श्रेय नंदाजी को जाता है। भारत के योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद पर भी ये 1950-1951, 1952-1953 और 1960-1963 में रहे। वे केंद्र में गृहमंत्री और श्रम व रोजगार मंत्री भी रहे। दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने : नेहरूजी के निधन के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में इनका प्रथम कार्यकाल 27 मई 1964 से 9 जून 1964 व लालबहादुर शास्त्री के निधन के बाद दूसरा कार्यकाल 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक रहा। ये अत्यंत ही अल्प समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। नंदा गांधीवादी विचारधारा के पोषक रहे और लोकतांत्रिक मूल्यों में उनकी गहरी आस्था थी। वे धर्मनिरपेक्ष एवं समाजवादी समाज की कल्पना करते थे। आप आजीवन गरीबों की सहायता के लिए मौजूद रहे। विशेष : नंदाजी गांधीवादी, लोकतांत्रिक मूल्यों के हामी व एक राजनेता होने के साथ ही एक लेखक भी थे। लेखक के रूप में आपने सम ऑस्पेक्ट्स ऑफ खादी, अप्रोच टू द सेकंड फाइव ईयर प्लान, गुरु तेगबहादुर : संत एंड सेवियर, हिस्ट्री ऑफ एडजस्टमेंट इन द अहमदाबाद ट...

Gulzarilal Nanda Biography in Hindi

जीवन परिचय वास्तविक नाम गुलजारी लाल नंदा व्यवसाय राजनीतिज्ञ शारीरिक संरचना लम्बाई से० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5’ 10” आँखों का रंग काला बालों का रंग काला राजनीति राजनीतिक पार्टी राजनीतिक यात्रा • वर्ष 1937 में, वह ब्रिटिश राज के अंतर्गत बम्बई विधानसभा के सद्स्य बने। • वर्ष 1937 से 1939 तक, वह बम्बई सरकार में संसदीय सचिव रहे। • वर्ष 1946 से 1950 तक, वह श्रम मंत्री रहे। • वर्ष 1957 के लोकसभा चुनावों में, उन्हें लोकसभा सद्स्य के लिए चुना गया। • वर्ष 1962 में, गुजरात के साबरकंठा निर्वाचन क्षेत्र से उन्हें पुनः लोकसभा सद्स्य के रूप में चुना गया। • वर्ष 1962 से 1963 तक, वह पुनः श्रम और रोजगार मंत्री बने। • वर्ष 1963 से 1966 तक, वह गृह मंत्री रहे। • वर्ष 1967 से 1971 तक, उन्हें पुनः हरियाणा के कैथल (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से लोकसभा सद्स्य के रूप में चुना गया। • वर्ष 1970 से 1971 तक, वह केंद्रीय रेल मंत्री रहे। • 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक, पंडिल जवाहर लाल नेहरू जी के निधन के बाद वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। • 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक, लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद वह पुनः कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने। व्यक्तिगत जीवन जन्मतिथि 4 जुलाई 1898 जन्मस्थान सियालकोट, पंजाब, पाकिस्तान मृत्यु तिथि 15 जनवरी 1998 मृत्यु स्थल अहमदाबाद, गुजरात, भारत आयु (मृत्यु के समय) 99 वर्ष मृत्यु का कारण स्वाभाविक मृत्यु राशि कर्क हस्ताक्षर राष्ट्रीयता भारतीय गृहनगर 23, मैसन बेल्वेदेरे, चर्चगेट, बॉम्बे स्कूल/विद्यालय ज्ञात नहीं महाविद्यालय/विश्वविद्यालय फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज इलाहाबाद विश्वविद्यालय शैक्षिक योग्यता कला में स्नातकोत्तर (फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से) एलएलबी (इलाहाबाद विश्व...

गुलजारी लाल नंदा का जीवन परिचय

जीवन व शिक्षा 4 जुलाई 1898 को सियालकोट (पंजाब) में श्री गुलजारी लाल नंदा का जन्म हुआ था। इनके पिता का नामश्री बुलाकी राम नंदा तथा माता का नाम श्रीमती ईश्वर देवी नंदा था। वे एक हिन्दू परिवार से थे। श्री गुलजारी लाल नंदा को पुस्तकें पढना बहुत पसंद था। इनकी पत्नी का नाम श्रीमती लक्ष्मी देवी था, उनसे श्री गुलजारी लाल नंदा के 2 बेटे जिनका नाम नरेंद्र और महाराज कृष्ण मेहता तथा 1 बेटी थी, जिसका नाम पुष्पा नंदा था। श्री गुलजारी लाल नंदा ने इलाहाबाद, लाहौर और आगरा से अपनी शिक्षा प्राप्त की और 1921 में नेशनल कॉलेज मुंबई में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर बने। श्री गुलजारी लाल नंदा 1921 के असहयोग आंदोलन में शामिल हुए।उन्हें सत्याग्रह की वजह से 1932 में जेल जाना पड़ा और फिर 1942 से 1944 तक भी जेल में रहे। श्री गुलजारीलाल नंदा 1937 में मुंबई विधान सभा के लिए चुने गए और वे 1937 से 1939 तक मुंबई के संसदीय सचिव रहे। श्री गुलजारी लाल नंदा 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक भारत के सबसे पहले कार्यकारी प्रधानमंत्री बने। ये 13 दिन के लिए नए प्रधानमंत्री के चुने जाने तक प्रधानमंत्री बने रहे (पंडित जवाहर लाल नेहरु की मृत्यु के बाद) और उसके बाद श्रीलाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रधानमंत्री बने और कुछ समय बाद श्री लाल बहादुर शास्त्री के अचानक देहांत के बाद फिर से गुलजारी लाल नंदा भारत के कार्यकारी प्रधानमंत्री बने। ये11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक प्रधानमंत्री बने रहे, जबतक भारत के नए प्रधानमंत्री का चुनाव न हो जाए। श्री गुलजारी लाल नंदा ने 29 अगस्त 1963 से 14 नवंबर 1966 तक देश के गृहमंत्री के रुप में भी अपनी सेवाएँ दी। ये भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के मंत्री थे। कार्यवाहक प्रधानमंत्री श्रीगुलजारी लाल नंदा ने...

गुलज़ारीलाल नन्दा

अनुक्रम • 1 जन्म एवं परिवार • 2 व्यक्तिगत जीवन • 3 राजनीतिक जीवन • 4 कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद पर • 5 लेखन कार्य • 6 पुरस्कार • 7 निधन • 8 इन्हें भी देखें • 9 बाहरी कड़ियाँ जन्म एवं परिवार [ ] नंदाजी के रूप में विख्यात गुलज़ारी लाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को सियालकोट में हुआ था, और यह सेन परिवार से थे जो अब पश्चिमी पाकिस्तान का हिस्सा है। इनके पिता का नाम बुलाकी राम नंदा तथा माता का नाम श्रीमती ईश्वर देवी नंदा था। नंदा की प्राथमिक शिक्षा सियालकोट में ही सम्पन्न हुई। इसके बाद उन्होंने लाहौर के 'फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज' तथा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। गुलज़ारी लाल नंदा ने कला संकाय में स्नातकोत्तर एवं क़ानून की स्नातक उपाधि प्राप्त की। इनका विवाह 1916 में 18 वर्ष की उम्र में ही लक्ष्मी देवी के साथ सम्पन्न हो गया था। इनके परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री सम्मिलित हुए। व्यक्तिगत जीवन [ ] गुलज़ारी लाल नंदा का भारत के स्वाधीनता संग्राम में योगदान रहा। नंदा का जीवन आरम्भ से ही राष्ट्र के प्रति समर्पित था। 1921 में उन्होंने असहयोग आन्दोलन में भाग लिया। नंदा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने मुम्बई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र के व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। अहमदाबाद की टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री में यह लेबर एसोसिएशन के सचिव भी रहे और 1922 से 1946 तक का लम्बा समय इन्होंने इस पद पर गुज़ारा। यह श्रमिकों की समस्याओं को लेकर सदैव जागरूक रहे और उनका निदान करने का प्रयास करते रहे। 1932 में सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान और 1942-1944 में भारत छोड़ो आन्दोलन के समय इन्हें जेल भी जाना पड़ा। राजनीतिक जीवन [ ] नंदा बॉम्बे की विधानसभा में 1937 से 1939 तक और 1947 से 19...

गुलज़ारीलाल नन्दा की जीवनी

जन्म: 4 जुलाई, 1898, पेशावर (आधुनिक पाकिस्तान) मृत्यु: 15 जनवरी, 1998, अहमदाबाद, गुजरात कार्य क्षेत्र: भारत के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री गुलज़ारीलाल नन्दा एक भारतीय राजनेता और शिक्षाविद थे जिन्हें श्रमिक मुद्दों की गहरी पकड़ थी। अपनी साफ़-सुधरी छवि और कांग्रेस पार्टी के प्रति सदैव समर्पित गुलज़ारी लाल नंदा दो बार भारत के कार्यकारी प्रधानमंत्री बनाये गए – पहली बार जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में उन्हें कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया जबकि दूसरी बार वे कार्यवाहक प्रधानमंत्री तब बने जब सन 1966 में लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो गयी थी। गुलज़ारी लाल नंदा बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। सादा जीवन उच्च विचार उनके जीवन का सिद्धांत था। राजनीति के अलावा उन्होंने शिक्षा और मजद्दोर संगठन के क्षेत्र में भी कार्य किया। राजनीति में आने से पहले उन्होंने मुंबई के नेशनल कॉलेज में शिक्षण कार्य किया और सन 1922 से 1946 तक वे अहमदाबाद की टेक्सटाइल्स उद्योग में श्रमिक एसोसिएशन के सचिव भी रहे। वह श्रमिकों की समस्याओं को लेकर हमेशा जागरुक और तत्पर रहे और उन समस्याओं के निदान का प्रयास भी करते रहे। प्रारंभिक जीवन गुलज़ारी लाल नंदा का जन्म 4 जुलाई 1898 को सियालकोट (अब पश्चिमी पाकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता बुलाकी राम नंदा तथा माता श्रीमती ईश्वर देवी नंदा थीं। प्राथमिक शिक्षा सियालकोट में ग्रहण करने के बाद नंदा ने लाहौर के ‘फ़ोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज’ और इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। उन्होंने आगरा और अमृतसर में भी अध्ययन किया। उन्होंने कला वर्ग में स्नातकोत्तर किया और क़ानून की स्नातक (एल.एल.बी) उपाधि प्राप्त की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उन्होंने ‘श्रमिक समस्याओं’ पर शोध ...

गुलझारीलाल नंदा

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