गुरु गोविंद सिंह जयंती 2023

  1. गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परिचय, जयंती व इतिहास
  2. Guru Gobind Singh Jayanti 2023 (Prakash Purab) New Wishes and Status Videos
  3. गुरु गोबिंद सिंह जयंती विशेष: जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें
  4. गुरु गोविंद सिंह जयंती के बारे में महत्वपूर्ण बातें
  5. श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2023, सिख धर्म
  6. गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2023: इतिहास, महत्व और तिथि
  7. गुरु हरगोविंद सिंह जयंती कब है?
  8. 2023 के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों की सूची (Important Days & Jayanti in Hindi)


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गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परिचय, जयंती व इतिहास

खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोबिंद सिंह के जीवन व इतिहास से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें, जयंति रचनाएं, ग्रंथ, युद्ध (Guru Gobind Singh Biography hindi, Jayanti 2022, sikh guru govind ki jivan katha, history, fights, battle) गुरु गोबिंद सिंह सिख समुदाय के दसवें और अंतिम सिख गुरु थे जिन्होंने सिख समाज को एक नई दिशा प्रदान करी। गुरु गोविंद सिंह एक महान आध्यात्मिक गुरु व अद्वितीय योद्धा तथा कवि और एक महान दार्शनिक भी थे। गुरु गोविंद सिंह ने मानवता व धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए कई युद्ध लड़े और कई बलिदान दिये। उन्होंने 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में लगा दिया। • • • • • • • • • • • • • • • • गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती 2023 गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती हर वर्ष २२ दिसंबर को आती है। तथा गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाने का सिखों के आखिरी व दसवें गुरु की गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंति 2023 में 5 जनवरी के दिन है। यह दिन नानकशाही कैलेंडर के अनुसार निर्धारित किया जाता है। गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंती मनाने का उद्देश्य पूरे भारत तथा विश्व में शांति का सन्देश देना है। और गुरु गोविन्द सिंह जी की बहादुरी, उनके द्वारा लगे गए महान युद्धों, उनके द्वारा दिये गये बलिदानों को याद रखने के लिए गुरु गोविन्द सिंह जी की जयंती मनाई जाती है। • गुरु गोबिंद सिंह का जीवन परिचय (Guru Gobind Singh Biography hindi) गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रारंभिक जीवन गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था। उनके पिता का नाम गुरु तेग बहादुर था, जो कि सिख समाज के बहुतबडेयोद्धा थे। लेकिन औरंगजेब गुरु तेग बहादुर को धोखे से कत्ल कर दिया था। इसके...

Guru Gobind Singh Jayanti 2023 (Prakash Purab) New Wishes and Status Videos

Guru Gobind Singh Jayanti 2023 Prakash Purab Guru Gobind Singh Ji Guru Gobind Singh Jayanti This day is also known as the Prakash Parv of Guru Gobind Singh, is the birth anniversary of the tenth Sikh Guru, Guru Gobind Singh. In 2022, it shall be observed on 9 January 2022. Download greetings images and Whatsapp status for this day in Punjabi / Hindi / English. इस बार गुरु गोबिंद सिंह की जयंती 9 जनवरी (Guru Gobind Singh Jayanti) को रविवार के दिन पड़ रही. ਵਹ ਪ੍ਰਗਟਿਓ ਮਰਦ ਅਗੰਮੜਾ ਵਰਿਆਮ ਇਕੇਲਾ । ਵਾਹ ਵਾਹ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਆਪੇ ਗੁਰੁ ਚੇਲਾ ॥ ਕਲਗੀਧਰ ਦਸ਼ਮੇਸ਼ ਪਿਤਾ ਧੰਨ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਜੀ ਦੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਪੁਰਬ ਦੀਆਂ ਆਪ ਸਭ ਜੀ ਨੂੰ ਲੱਖ ਲੱਖ ਵਧਾਈਆਂ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਆਪ ਸਭ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਨਾਮ ਬਾਣੀ ਅਤੇ ਖੁਸ਼ੀਆਂ ਦਾ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਕਰਨ 1 of 1 PLEASE VISIT OUR YOUTUBE CHANNEL FOR VIDEO SAAKHIS, GREETINGS, WHATSAPP STATUS, INSTA POSTS ETC. | Gurpurab Dates 2023 | Sangrand Dates 2023 | Puranmashi Dates 2023 | | Masya Dates 2023 | Panchami Dates 2023 | Dasmi Dates 2023 | | Gurbani Quotes | Gurbani and Sikhism Festivals Greetings | Punjabi Saakhis | Saakhis in Hindi | Sangrand Hukamnama with Meaning | Gurbani and Dharmik Ringtones | Video Saakhis | Categories • 31 • 1 • 1 • 1 • 1 • 1,321 • 13 • 13 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 2 • 1 • 2 • 55 • 489 • 2 • 2 • 2 • 423 • 3 • 2 • 1 • 155 • 1,451 • 63 • 118 • 174 • 1 • 31 • 2 • 2 • 114 • 122 • 6 • 37 • 1 • 1 • 1 • 1 • 1 • 1 • 24 • 3 • 3 • 1 • 1 • 1 • 13 • 6 • 9 • 1 • 2 • 1 • 1 • 1 • 1 • 2 • 1 • 1 • 6 • 6 • 6 • 1 • 85 • 192 • 1 • 186 • 4 • 190 • 30 • 1 • 63 • 113 • 44 • ...

गुरु गोबिंद सिंह जयंती विशेष: जानें उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें

गुरु गोबिंद सिंह जयंती इस वर्ष 20 जनवरी बुधवार को मनाई जाएगी। सिख धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म को मानने वाले लोग भी इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, गुरु गोविंद सिंह सिख धर्म के दसवें और आखिरी गुरु थे। प्रत्येक वर्ष में गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मोत्सव दिसंबर या जनवरी के महीने में मनाया जाता है। तो आइये गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ बेहद रोचक किस्से और जानकारियाँ। एस्ट्रोसेज वार्ता से दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात गुरु गोबिंद सिंह का जन्म गुरु तेग बहादुर जी के घर जन्मे गुरु गोबिंद सिंह की माता का नाम गुजरी देवी था। बता दें कि, गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म के नौवें गुरु थे। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पटना में हुआ था, और यहीं पर उन्होंने अपनी जिंदगी के लगभग साल व्यतीत किये थे। पटना में जिस घर में गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था ‘तख्त श्री पटना साहिब’ आज उसी जगह पर स्थित है। गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण और रोचक बातें • गुरु गोविंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर जी ने इस्लाम धर्म स्वीकार करने से मना कर दिया था, और इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी। • ऐसे में सिख धर्म में आस्था रखने वाले लोग आज भी गुरु तेग बहादुर जी को एक योद्धा के रूप में मानते और सम्मानित करते हैं। सिख धर्म मानने वाले लोग गुरु गोविंद सिंह के पिता जी को एक आदर्श मानते हैं जिन्होंने धार्मिक आस्था के लिये खुशी-खुशी अपनी जान तक दे दी लेकिन अपना धर्म नहीं बदला। • बताया जाता है कि अपने पिता के हत्यारों को सबक सिखाने के उद्देश्य से ही गोबिंद सिंह जी ने अपने दम पर योद्धाओं की सेना तैयार की थी। • यही वजह है कि गुरु ग...

गुरु गोविंद सिंह जयंती के बारे में महत्वपूर्ण बातें

गुरु गोविंद सिंह सिखों के दसवें और अंतिम गुरु माने गए हैं। उनका जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था। वर्ष 1666 में उन्होंने सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर साहब की इकलौती संतान के रूप जन्म लिया था। वह खालसा पंथ के संस्थापक रहे। यह सिख समुदाय में महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। उन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में गुजार दिया था। उनकी दी गई शिक्षा आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का कारण बनती है। यही वजह है कि सिखों में गुरु गोविंद सिंह की जयंती को लेकर धूम मची रहती है और उसे बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। कौन थे गुरु गोविंद सिंह और क्या थीं उनकी शिक्षाएं तथा ये किस तरह आज भी लोगों के हित में काम करती हैं, यह सब जानने के लिए आइए, आपको उनसे जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों से अवगत कराते हैं। कौन थे गुरु गोविंद सिंह – Who is Guru Gobind Singh गुरु गोविंद सिंह के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने खालसा पंथ की रक्षा के लिए मुगलों का भी सामना किया था। उन्होंने ही सिखों को पांच चीजें बाल, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा धारण करने का आदेश दिया था । इन 5 चीजों को ‘पांच ककार’ कहकर बुलाया जाता है। इन सभी को धारण करना सिखों के लिए अनिवार्य गुरु गोविंद सिंह ने ही कराया था। वह एक ऐसे विद्वान माने जाते थे, जिन्होंने कई रचनाएं कीं, कई ग्रंथ रचे। साथ ही उन्होंने कई भाषाओं का भी विस्तार किया। उनके दरबार में हमेशा ही 52 कवियों और लेखकों की मजलिस जमी रहती थी, जो विचारों का आदान-प्रदान किया करती थी। उन्होंने अपने जीवन काल में संस्कृत, पंजाबी, फारसी और अरबी भाषाएं भी सीखीं। यही नहीं, उन्होंने तलवारबाजी, धनुष-बाण और भाला चलाने की विधा में भी निपुणता हासिल की। गुरु गोविंद सिंह के तेज को लेकर एक कथा प्...

श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2023, सिख धर्म

सिख या सरदारों की क़ौम को सबसे जिंदादिल क़ौम कहां जाता है | दरअसल सिख शब्द शिष्य शब्द का अपभ्रंश है | गुरुनानक देव द्वारा स्थपित किया गया, यह संप्रदाय आगे चलकर सिख संप्रदाय कहा जाने लगा| गुरुनानक जी के बाद सिखधर्म के 9 गुरु और हुए, जिन्होंनें गुरुनानक जी के बाद सिखधर्म का प्रचार-प्रसार किया | सिख धर्म के दसवें गुरु "गोबिंद सिंह" इस संप्रदाय के अंतिम गुरु हुए | इस वर्ष जनवरी की 5 तारीख को श्री गुरु गोबिंद सिंह की जयंती मनाई जाएगी | जन्म और कथा श्री गुरु गोबिंद सिंह सिखों के नौवें गुरु "गुरु तेगबहादुर" और "माता गुजरी" के पुत्र थे| 1666 ई. में बिहार की राजधानी पटना में गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था | गुरुगोविंद के पिता गुरु तेगबहादुर सिख संप्रदाय के नौवें गुरु के रूप में गुरुगददी सँभालने के बाद आनंदपूर में एक नये शहर की स्थापना करके गुरुनानक की तरह देश भ्रमण में निकल गये | इसी भ्रमण में उन्हें आसाम जाना पड़ा | वहाँ पहुँचने के बीच रास्तों में, वह कई स्थानों से होते हुए गुज़रें और हर जगह सिख संगत स्थापित किया | अमृतसर से आठ सौ किलोमीटर दूर गंगा नदी के किनारे बसे पटना शहर में सिख संगत स्थापित करने के बाद उन्हें लोगों से इतना स्नेह मिला कि,वहाँ के लोगों के आग्रह पर वह अपने परिवार समेत कई दिनों तक पटना में रहें | पटना मे रहते हुए उनकी पत्नी माता गुजरी ने एक बालक को जन्म दिया, जो आगे चलकर सिखों के दसवें गुरु "गुरु गोबिंद सिंह" कहलाये | श्री गुरु गोबिंद के जन्म के समय करनाल शहर में एक मुसलमान फकीर हुआ करता था| वह तप और साधना से इतना पवित्र हो चुका था कि, उसमे से परमात्मा की रोशनी प्रदत होती थी| श्री गुरु गोबिंद के जन्म के समय वह फकीर समाधि में बैठे हुए थे, उसी अवस्था में उन्हें प्...

गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2023: इतिहास, महत्व और तिथि

यह 20 जनवरी आपके कैलेंडर पर सिर्फ एक और छुट्टी नहीं है, यह वास्तव में दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्मदिन है। लोग भक्ति गीत गाते हुए एक दूसरे के बीच मिठाई और एक शीतल पेय - शरबत बांट कर इस दिन को मनाते हैं। गुरुद्वारों के रूप में जाने जाने वाले पूजा स्थलों पर प्रार्थना की जाती है। ऐतिहासिक महत्व गुरु गोबिंद सिंह 10वें और अंतिम मानव सिख गुरु थे। वह अपने पिता के बाद 9 साल की उम्र में सिखों के नेता के रूप में सफल हुए, उनके पिता गुरु तेग बहादुर को औरंगजेब ने मार डाला था। गुरु गोबिंद सिंह एक प्रसिद्ध योद्धा, कवि, आध्यात्मिक गुरु और दार्शनिक भी थे। उन्होंने सिख धर्म में कुछ उल्लेखनीय योगदान दिया जैसे कि खालसा के रूप में जानी जाने वाली सिख सेना की स्थापना और पांच केएस, विश्वास के पांच लेख जो खालसा सिख हर समय पहनते हैं / ले जाते हैं। भारत में यहां मनाए जाने वाले किसी भी अन्य त्योहार की तरह, कई व्यंजन जो इस अवसर के लिए अद्वितीय हैं जैसे इमली चावल पकवान जिसे पुलिगोर कहा जाता है, होलिगे - उगादि पचड़ी के साथ मीठी रोटी - मीठी और खट्टी चटनी तैयार की जाती है और उत्सव के दौरान परोसी जाती है। कविता सत्र आयोजित किए जाते हैं जिसमें स्वयं गुरु गोबिंद सिंह द्वारा लिखित कविता का पाठ किया जाता है। गुरुद्वारा किसी भी धर्म, जाति या पंथ की परवाह किए बिना इस शुभ अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह को सम्मान देने वाले सभी लोगों को लंगर परोसते हैं, लेकिन इससे पहले सभी भक्त गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। गुरुद्वारे इस भव्य उत्सव को देखने और उसमें खुद को शामिल करने के लिए सबसे अच्छी जगह हैं। गुरुद्वारे रोशनी और दीयों से जगमगा रहे हैं। गुरुद्वारों से सड़कों पर विशाल जुलूस निकाले जाते हैं। और, यदि आप गुरु ...

गुरु हरगोविंद सिंह जयंती कब है?

वर्ष 2023 में 5 जून, सोमवार को सिख समुदाय में छठवे गुरु, गुरु हर गोविंद साहिब (Guru Hargobind Singh Ji) जी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। सिख धर्म में यह दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। वे सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन सिंह के पुत्र थे। गुरु हर गोविंद सिंह जी का जन्म भारत के बडाली/ अमृतसर में हुआ था। उनकी माता का नाम गंगा था। गुरु हर गोविंद एक परोपकारी एवं क्रांतिकारी योद्धा थे। उनका जीवन-दर्शन जन-साधारण के कल्याण से जुड़ा हुआ था। उन्होंने सिखों को युद्ध कलाएं सिखाने तथा सैन्य परीक्षण के लिए भी प्रेरित किया था। हर गोविंद जी ने मुगलों के अत्याचारों से पीड़ित अनुयायियों में इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास पैदा किया। मुगलों के विरोध में गुरु हर गोविंद सिंह ने अपनी सेना संगठित की और अपने शहरों की किलेबंदी की। उन्होंने 'अकाल बुंगे' की स्थापना की। 'बुंगे' का अर्थ होता है एक बड़ा भवन जिसके ऊपर गुंबज हो। उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के सम्मुख अकाल तख्त अर्थात् ईश्वर का सिंहासन का निर्माण किया। इसी भवन में अकालियों की गुप्त गोष्ठियां होने लगीं। इनमें जो निर्णय होते थे उन्हें 'गुरुमतां' अर्थात् 'गुरु का आदेश' नाम दिया गया। इस कालावधि में उन्होंने अमृतसर के निकट एक किला बनवाया तथा उसका नाम लौहगढ़ रखा। दिनोंदिन सिखों की मजबूत होती स्थिति को खतरा मानकर मुगल बादशाह जहांगीर ने उनको ग्वालियर में कैद कर लिया। गुरु हर गोविंद 12 वर्षों तक कैद में रहे, इस दौरान उनके प्रति सिखों की आस्था और अधिक मजबूत होती गई। वे लगातार मुगलों से लोहा लेते रहे। रिहा होने पर उन्होंने शाहजहां के खिलाफ बगावत कर दी और संग्राम में शाही फौज को हरा दिया। अंत में उन्होंने कश्मीर के पहाड़ों में शरण ली, जहां सन् 1644 ई. ...

2023 के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दिवसों की सूची (Important Days & Jayanti in Hindi)

2023 में आने वाले महत्वपूर्ण दिवस और जयंती की सूची? (List of National & International Days and Anniversary Dates in India) भारत में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण दिवसों का आयोजन प्रत्येक वर्ष जागरूकता फैलाने के लिए या फिर महत्व बताने के मकसद से किया जाता है, साथ ही कई महान लोगों की जयंती एवं पुण्यतिथि (Birth & Death Anniversary) भी पड़ती है। इनमें से कुछ इम्पोर्टेन्ट डेज की तारीख (Date) तो हर साल उसी दिन पड़ती है तो कुछ की तिथि आगे पीछे हो जाती हैं। ऐसे में यहाँ हम आपको 2023 में पड़ने वाले सभी जरूरी राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय दिवसों ( (Important days of India)) एवं जयंतियों तथा पुण्यतिथियों के बारे में बताने जा रहे हैं। Important Days and Dates in 2023 Divas Hindi जरूरी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय दिवस एवं जयंती 2023 (List of Important Days and Dates) यह इम्पोर्टेन्ट नेशनल-इंटरनेशनल डेज की लिस्ट महीने के हिसाब (Month Wise) से बनाई गई है आप 2023 में सभी महीनों (Months) में पड़ने वाले सीधे अपने मनपसंद महीने पर जाने के लिए क्लिक करें • • • • • • • • • • • • जनवरी 2023 के महत्त्वपूर्ण दिवस (January Important days in Hindi) दिनांक जरूरी दिवस 01 जनवरी • • वैश्विक परिवार दिवस 03 जनवरी 04 जनवरी विश्व ब्रेल दिवस 05 जनवरी 06 जनवरी विश्व युद्ध अनाथ दिवस 09 जनवरी प्रवासी भारतीय दिवस 10 जनवरी विश्व हिन्दी दिवस 11 जनवरी • लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि, • राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 12 जनवरी 14 जनवरी सशस्त्र बल वयोवृद्ध दिवस 15 जनवरी 19 जनवरी राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (पोलियो दिवस), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) स्थापना दिवस 23 जनवरी 24 जनवरी • राष्ट्रीय बालिका...