हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

  1. नेताजी का चश्मा Class 10 Hindi Question Answer
  2. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 10
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  4. NCERT Solutions Class 10 Hindi Kshitiz पाठ 10 नेताजी का चश्मा स्वयं प्रकाश
  5. पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए। from Hindi स्वयं प्रकाश
  6. NCERT Solutions Class 10 Hindi Kshitiz II Chapter 10 नेताजी का चश्मा
  7. Extra Questions for Chapter 10 नेताजी का चश्मा Class 10 Kshitij Hindi


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नेताजी का चश्मा Class 10 Hindi Question Answer

NCERT Solution of Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 Chapter 10 नेताजी का चश्मा Question Answer. Here We Provides Class 1 to 12 all Subjects NCERT Solution with Notes, Question Answer, HBSE Important Questions, MCQ and old Question Papers for Students. Also Read :- • Also Read – • Also Read – NCERT Solution of Class 10th Hindi Kshitij bhag 2/ क्षितिज भाग 2 chapter 10 Netaji ka Chasma Textual Question And Answer Solution. नेताजी का चश्मा Class 10 Hindi प्रश्न उत्तर प्रश्न 1. सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ? उत्तर – चश्मे वाला कोई कैप्टन नहीं था। वह तो एक बुड्ढा एवं दुर्बल आदमी था। सेनानी ना होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन इसीलिए कहते थे क्योंकि उसमें देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। चौराहे पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बिना चश्मे वाली मूर्ति देखकर वह बहुत दुखी था। इसीलिए वह अपनी तरफ से मूर्ति पर चश्मा लगा देता था और उसकी इसी देशभक्ति की भावना को देखकर लोग उसे कैप्टन कहते थे। प्रश्न 2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा – (क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे ? (ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है ? (ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे ? उत्तर- (क) हालदार साहब पहले मायूस इसलिए हो गए थे क्योंकि नेता जी की मूर्ति पर चश्मा नहीं था। कैप्टन की मृत्यु हो चुकी थी और अब उन्हें हर बार नेता जी सुभाष चंद्र बोस की बिना चश्मे वाली मूर्ति को देखना होगा। (ख) मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा यह उम्मीद जगाता है कि लोगों के दिलों में अभी भी देशभक्ति की भावना बची हु...

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 10

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NCERT SOLUTIONS FOR CLASS

The NCERT Solution for Class 10 Hindi includes answers to every question from the NCERT textbook’s exercise. Top students love SWC NCERT Solutions because they are very effective. In general, Class 10 is regarded as the most significant year in a student’s professional development. The NCERT answers for class 10 Hindi were created with the goal of providing students with the most help possible. Writing responses to the class 10 Hindi questions provided in the exercise might be challenging for students for a number of reasons. One should not omit any NCERT textbook content in order to get the highest possible grade. Use the Swastik Classes’ NCERT answers for Hindi class 10 as a resource. Important exam-based questions are covered in depth in each chapter. NCERT SOLUTIONS FOR CLASS-10 HINDI Kshitij CHAPTER-10 SVAYAN PRAKASH – Exercises Chapter-10 Svayan Prakash 1. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ? उत्तर:-चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं रहा परन्तु चश्मेवाला एक देशभक्त नागरिक था। उसके हृदय में देश के वीर जवानों के प्रति सम्मान था। वह अपनी ओर से एक चश्मा नेताजी की मूर्ति पर अवश्य लगाता था उसकी इसी भावना को देखकर लोग उसे कैप्टन कहते थे। 2.1 हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा -हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे ? उत्तर:-हालदार साहब इसलिए मायूस हो गए कि कैप्टन अब मर चुके हैं और उसके समान अब देश प्रेमी कोई बचा न था। नेताजी जैसे देशभक्त के लिए उसके मन में सम्मान की भावना थी। उसके मर जाने के...

NCERT Solutions Class 10 Hindi Kshitiz पाठ 10 नेताजी का चश्मा स्वयं प्रकाश

NCERT Solutions Class 10 Hindi पाठ 10 नेताजी का चश्मा स्वयं प्रकाश have been provided below and is also available in Pdf for free download. The पाठ 10 नेताजी का चश्मा स्वयं प्रकाश Class 10 Hindi NCERT Solutions Class 10 Hindi students should refer to the following NCERT questions with answers for पाठ 10 नेताजी का चश्मा स्वयं प्रकाश in Class 10. These NCERT Solutions with answers for Class 10 Hindi will come in exams and help you to score good marks पाठ 10 नेताजी का चश्मा स्वयं प्रकाश NCERT Solutions Class 10 Hindi (ग) जब उन्होंने नेताजी के प्रतिमा की आँखों पर चश्मा लगा देखा तो हालदार साहब के मन की निराशा की भावना अचानक ही आशा के रूप में परिवर्तित हो गयी और उनके ह्रदय की प्रसन्नता आँखों से आँसू बनकर छलक उठी। उन्हें यह विश्वास हो गया कि देशभक्ति की भावना भावी पीढ़ी के मन में भी पूरी तरह भरी हुई है। 3.आशय स्पष्ट कीजिए - "बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने केमौके ढूँढ़ती है।" उत्तर हालदार साहब बार-बार सोचते रहे कि उस कौम का भविष्य कैसा होगा जो उन लोगों की हँसी उड़ाती है जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िंदगी सब कुछ त्याग कर देते हैं।साथ ही वह ऐसे अवसर तलाशती रहती है, जिसमें उसकी स्वार्थ की पूर्ती हो सके, चाहे उसके लिए उन्हें अपनी नैतिकता को भी तिलांजलि क्यों न देनी पड़े।अर्थात आज हमारे समाज में स्वार्थ पूर्ती के लिए अपना ईमान तक बेच दिया जाता है। यहाँ देशभक्ति को मूर्खता समझा जाता है। 4.पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए। उत्तर पानवाला काला, मोटा और खुशमिजाज़ आदमी था| उसके ...

पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए। from Hindi स्वयं प्रकाश

चौराहे पर लगी नेता जी की मूर्ति का मूर्तिकार चश्मा बनाना भूल गया था। बिना चश्मे वाली मूर्ति कैप्टन को बहुत आहत करती थी। इसलिए वह मूर्ति पर अपने पास से चश्मा लगा देता था। जब भी मूर्ति पर से चश्मा उतर जाता वह उसी समय मूर्ति पर चश्मा लगा देता था। इससे पता चलता है कि कैप्टन में देश और देश के नेताओं के प्रति आदर और सम्मान की भावना है। पान वाले की दुकान चौराहे पर नेता जी की मूर्ति के सामने थी। पान वाले का रंग काला था। वह शरीर से मोटा था। उसकी आँखें हँसती हुई थीं। उसकी तोंद निकली हुई थी। जब वह किसी बात पर हँसता तो उसकी तोंद गेंद की तरह ऊपर-नीचे उछलती थी। वह स्वभाव से खुश मिज़ाज था। बार-बार पान खाने से उसके दाँत लाल- काले हो गए थे। वह कोई भी बात करने से पहले मुँह में रखे पान को नीचे की ओर थूकता था। यह उसकी आदत भी बन चुकी थी। पान वाले के पास हर किसी की पूरी जानकारी रहती थी जिसे वह बड़े रसीले अंदाज से दूसरे के सामने प्रस्तुत करता था। हालदार साहब के मन में नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले के प्रति आदर था। जब उन्हें पता चला कि चश्मा लगाने वाला कोई कैप्टन था तो उन्हें लगा कि वह नेता जी का कोई साथी होगा। परंतु पानवाला उसका मजाक उड़ाते हुए बोला कि वह एक लँगड़ा व्यक्ति है इसलिए वह फौज में कैसे जा सकता है। पानवाले का कैप्टन की हँसी उड़ाना अच्छा नहीं लगता है एक वही है जिसने नेता जी की मूर्ति के अधूरे व्यक्तित्व को पूरा किया था। उसके नेता जी के प्रति आदर भाव ने ही पूरे कस्बे की इज्जत बचा रखी थी। पानवाले के मन में देश और देश के नेताओं के प्रति आदर सम्मान नहीं था। उसे तो अपना पान बेचने के लिए कोई न कोई मसाला चाहिए था। यदि ऐसे लोग देश के लिए कुछ कर नहीं सकते तो उन्हें किसी की हँसी उड़ाने का भी अ...

NCERT Solutions Class 10 Hindi Kshitiz II Chapter 10 नेताजी का चश्मा

उत्तर : चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं रहा परन्तु चश्मेवाला एक देशभक्त नागरिक था। उसके हृदय में देश के वीर जवानों के प्रति सम्मान था। वह अपनी ओर से एक चश्मा नेताजी की मूर्ति पर अवश्य लगाता था उसकी इसी भावना को देखकर लोग उसे कैप्टन कहते थे। प्रश्न : 2.1 हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा – हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे ? उत्तर : हालदार साहब इसलिए मायूस हो गए कि कैप्टन अब मर चुके हैं और उसके समान अब देश प्रेमी कोई बचा न था। नेताजी जैसे देशभक्त के लिए उसके मन में सम्मान की भावना थी। उसके मर जाने के बाद हालदार साहब को लगा कि अब समाज में किसी के भी मन में नेताजी या देशभक्तों के प्रति सम्मान की भावना नहीं है। प्रश्न : 2.2 हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा – मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है ? उत्तर : मूर्ति पर लगे सरकंडे का चश्मा इस बात का प्रतीक है कि आज भी देश की आने वाली पीढ़ी के मन में देशभक्तों के लिए सम्मान की भावना है। भले ही उनके पास साधन न हो परन्तु फिर भी सच्चे हृदय से बना वह सरकंडे का चश्मा भी भावनात्मक दृष्टि से मूल्यवान है। अतः उम्मीद है कि बच्चे गरीबी और साधनों के बिना भी देश के लिए कार्य करते रहेंगे। प्रश्न : 2.3 हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा – हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे? उत्तर : उचित साधन न होते हुए भी किसी बच्चे ने अपनी क्षमता के अनुसार नेताजी को सरकंडे का चश्मा पहनाया। यह बात उनके मन में आशा जगाती है कि आज भी देश में ...

Extra Questions for Chapter 10 नेताजी का चश्मा Class 10 Kshitij Hindi

Here, students will find Important Questions for Class 10 Kshitij Chapter 10 Netaji ka Chasma by Swayam Prakash Hindi with answerson this page which will increase concentration among students andhave edge over classmates. A student should revise on a regular basis so they can retain more information and recall during the precious time. Theseextra questions for Class 10 Hindi Kshitijplay a very important role in a student's life and developing their performance. प्रश्न 1.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी - जवानी जिंदगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुज़रे। कस्बे में घुसने से पहले ही खयाल आया कि कस्बे की हृदयस्थली में सुभाष की प्रतिमा अवश्य ही प्रतिष्ठापित होगी, लेकिन सुभाष की आँखों पर चश्मा नहीं होगा।... क्योंकि मास्टर बनाना भूल गया।... और कैप्टन मर गया। सोचा, आज वहाँ रुकेंगे नहीं, पान भी नहीं खाएँगे, मूर्ति की तरफ़ देखेंगे भी नहीं, सीधे निकल जाएँगे। ड्राइवर से कह दिया, चौराहे पर रुकना नहीं, आज बहुत काम है, पान आगे कहीं खा लेंगे। (क) हालदार साहब के दुखी होने का क्या कारण था ? (ख) गद्यांश में युवा पीढ़ी के लिए निहित सन्देश स्पष्ट कीजिए । (ग) हालदार साहब ने ड्राइवर को क्या आदेश दिया था और क्यों ? उत्तर (क) हालदार साहब दुखी थे क्योंकि वह यह देख रहे थे कि आज लोगों के मन में देशभक्तों, शहीदों के प्रति सम्मान की भावना कम होती जा रही है। लोग स्वार्थी एवं मौकापरस्त होते जा रहे हैं। दे...