Haldighati ka yuddh

  1. हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ
  2. हल्दीघाटी का युद्ध
  3. हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था?
  4. Maharana Pratap
  5. हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ
  6. हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था?
  7. हल्दीघाटी का युद्ध
  8. Maharana Pratap
  9. हल्दीघाटी का युद्ध
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हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ

2.3/5 - (46 votes) हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ, कहां हुआ, किसने जीता, इतिहास, कौन जीता, जगह, किसकी विजय हुई, परिणाम (Battle of Haldighati in Hindi, Haldighati Ka Yuddh, Haldighati War, History, Pdf Download) Battle of Haldighati in Hindi– भारत का इतिहास विभिन्न स्त्रोतों पर आधारित है। इसे लिखने में अनेको लोगो का योगदान रहा है। कड़ी दर कड़ी जोड़कर इतिहास बना होता है। इतिहास का लेखन मुख्यतः ज्ञात साक्ष्य पर आधारित होता है। लेकिन भारत के इतिहास में ऐसे अनेक रहस्य उजागर होने शेष है, जो लोगो को नहीं बताया गया है या जिन्हे तोड़ मरोड़ कर लिखा गया है। भारत के इतिहास में अनेक स्थानों पर मुसलमानो का, इस्लामिक आक्रांताओ का महिमामंडन किया गया है। उन्हें नायक के रूप में दिखलाया गया है। उन्हें सम्मानित शब्दों से सम्बोधन किया गया है। ऐसे ही एक तथ्य है हल्दीघाटी का युद्ध। भारत के इतिहास में लिखा गया है और केवल लिखा ही नहीं गया है बल्कि स्कूलों में, कॉलेजों में, यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को पढ़ाया भी गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत हुई थी और महाराणा प्रताप की हार हुई थी लेकिन क्या भारत के इतिहास में लिखी ये बातें सच है। नहीं, बिलकुल भी नहीं। यह विवाद तब प्रकाश में आया जब कुछ समय पहले बीजेपी और कई हिन्दू संघठनो ने इन्हे उठाया गया। लम्बी बहस हुई। फिर इस पर जांच पड़ताल हुई। जिसमें यह साबित हुआ कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत नहीं हुई थी, काफी हद तक यह युद्ध बराबरी पर आकर खत्म हो गया था। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इसे अकबर का विजय और महाराणा प्रताप की हार कहा जाएँ। इसके बाद पाठ्य पुस्तकों में सुधार किये गए। पाठ्य पुस्तकों में सुधार के अलावा भी विभिन्न स्तरों पर सुधार किये गए। भा...

हल्दीघाटी का युद्ध

• • • • • • • • • • • • • • • • • हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ? | When did the Battle of Haldighati take place? | Haldighati ka Yuddh Kab Hua 18 जून 1576 यह वही ऐतिहासिक दिन है जिस दिन वीर शिरोमणि हल्दीघाटी का युद्ध किसके बीच हुआ? | Between Whom did the Battle of Haldighati Take Place? | Haldighati ka Yuddh Kiske Beech Hua हल्दीघाटी का युद्ध मेवाड़ के राणा हल्दीघाटी का युद्ध कहाँ हुआ था? | Where did the Battle of Haldighati Take Place? | Haldighati ka Yuddh Kahan Hua Tha हल्दीघाटी भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध राजस्थान का वह ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ हल्दीघाटी का युद्ध का इतिहास | History of Battle of Haldighati | Haldighati ka Yuddh ka Itihas 1567 में जब अकबर ने लेकिन राणा उदयसिंह ने अकबर अधीनता स्वीकार नहीं की। हज़ारों मेवाड़ियों की मृत्यु के बाद, किले के भीतर के लोगों की और सेना की स्थिति बड़ी ही दयनीय होने लगी। तब किले के रक्षक दल सेना के उच्च पदाधिकारियों और राज्य दरबारियों ने मिलकर राणा उदय सिंह से निवेदन किया कि राणा संग्राम सिंह के उत्तराधिकारी के रूप में आप ही हमारे पास हैं, इसलिए आपकी प्राण रक्षा इस समय आवश्यक है। अत: आप को किले से सुरक्षित निकालकर हम लोग शत्रु सेना पर अंतिम बलिदान के लिए निकल पड़े। जब चित्तौड़ के विध्वंस के चार वर्ष बाद ही 1568 में जब 1572 में प्रताप सिंह को राजा (राणा) का ताज पहनाया गया, तो अकबर ने कई दूतों को भेजा जो महाराणा प्रताप को इस क्षेत्र के कई अन्य राजपूत नेताओं की तरह एक जागीरदार बना देने का प्रस्ताव लाये थे। जब महाराणा प्रताप ने अकबर को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया, तो युद्ध अपरिहार्य हो गया। महाराणा प्रताप और हल्दीघाटी का...

हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था?

विषय सूची • • • • • हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था? | Haldighati Ka Yuddh Kisne Jita Tha हल्दीघाटी और युद्ध राजस्थान स्थित हल्दीघाटी अपनी पीली मिट्टी के कारण एकदम हल्दी की तरह पीली है। यह घाटी 5 किलोमीटर लंबी और 1 किलोमीटर चौड़ी है। मुगल सेना और राजपूत सेना के बीच युद्ध का बिगुल बजा एक और जहां अकबर की तरफ से शक्तिशाली मुगल सेना के लगभग 1 लाख मुगल सिपाही थे। वहीं दूसरी ओर वीर महाराणा प्रताप की तरफ से केवल 20000 की ही राजपूत सेना थी। इस युद्ध में अफगानी भी महाराणा प्रताप का साथ दे रहे थे। अपने कम सैनिक होने के बावजूद दिए वीर महाराणा प्रताप ने कुशल रणनीति के तहत सबसे पहले सेनापति को मारने की योजना बनाई। उनके अनुसार यदि सेनापति को ही मार दिया जाए तो सेना का उत्साह निराशा में बदल जाएगा और मुगलों को पराजित करना आसान हो जाएगा। इसी रणनीति के तहत वीर महाराणा प्रताप की सेना ने काम किया। मेवाड़ सेना का नेतृत्व राम सेन तंवर और उनके बेटे चंद्र सेन कर रहे थे। गौर करने वाली बात यह है कि हल्दीघाटी के इस युद्ध में अकबर ने भाग लिया ही नहीं था। अकबर की ओर से उसके दो सेनापति आसिफ खान और मानसिंह इस युद्ध में भाग ले रहे थे। भीषण नरसंहार हुआ, युद्ध केवल 4 घंटे तक चला और वीर महाराणा प्रताप की सेना ने विशाल मुगल सेना को चारों खाने चित कर दिया। युद्ध के आरंभ में महाराणा प्रताप की सेना जीत रही थी। मुगल सेना का उत्साह कम हो रहा था। तभी अचानक मुगल सेना में अकबर के आने की खबर फैल गई जिससे निराश मुगल सेना में फिर नया उत्साह भर गया। युद्ध का स्वरूप बदलने लगा। महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाथी पर सवार मानसिंह को मारने के लिए महाराणा प्रताप ने चेतक को आदेश दिया। चेतक पूरे...

Maharana Pratap

• Afrikaans • العربية • বাংলা • भोजपुरी • Deutsch • Español • Français • ગુજરાતી • गोंयची कोंकणी / Gõychi Konknni • 한국어 • हिन्दी • Ido • Bahasa Indonesia • ಕನ್ನಡ • कॉशुर / کٲشُر • Қазақша • मैथिली • മലയാളം • मराठी • မြန်မာဘာသာ • Nederlands • नेपाली • नेपाल भाषा • 日本語 • ଓଡ଼ିଆ • ਪੰਜਾਬੀ • پنجابی • پښتو • Português • Русский • संस्कृतम् • Sesotho • Sesotho sa Leboa • Simple English • தமிழ் • తెలుగు • Українська • اردو • Tiếng Việt • Maharani Ajabde Punwar • Phool Bai Rathore • Amarbai Rathore • Jasobai Chauhan • Alamdebai Chauhan • Champabai Jhati • Lakhabai • Khichar Asha Bai • Solankhinipur Bai • Shahmatibai Hada • Ratnawatibai Parmar 22 (including Names Maharana Pratap Singh Sisodiya Father Mother Maharani Jaiwanta Bai Religion (1326–1971) • v • t • e Pratap Singh I, popularly known as Maharana Pratap (c. 9 May 1540 – 19 January 1597), was a Early life and accession [ ] Maharana Pratap was born to Military career [ ] Background [ ] In stark contrast to other Rajput rulers who accommodated and formed alliances with the various Muslim dynasties in the subcontinent, by the time Pratap ascended to the throne, Mewar was going through a long standing conflict with the Battle of Haldighati [ ] Main article: The bloody The forces of Pratap Singh and Mughal Rajput general Man Singh met on 18 June 1576 beyond a narrow mountain pass at Haldighati was a futile victory for the Mughals, as they were unable to kill or capture Pratap, or any of his close family members in Reconquest of Mew...

हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ

2.3/5 - (46 votes) हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ, कहां हुआ, किसने जीता, इतिहास, कौन जीता, जगह, किसकी विजय हुई, परिणाम (Battle of Haldighati in Hindi, Haldighati Ka Yuddh, Haldighati War, History, Pdf Download) Battle of Haldighati in Hindi– भारत का इतिहास विभिन्न स्त्रोतों पर आधारित है। इसे लिखने में अनेको लोगो का योगदान रहा है। कड़ी दर कड़ी जोड़कर इतिहास बना होता है। इतिहास का लेखन मुख्यतः ज्ञात साक्ष्य पर आधारित होता है। लेकिन भारत के इतिहास में ऐसे अनेक रहस्य उजागर होने शेष है, जो लोगो को नहीं बताया गया है या जिन्हे तोड़ मरोड़ कर लिखा गया है। भारत के इतिहास में अनेक स्थानों पर मुसलमानो का, इस्लामिक आक्रांताओ का महिमामंडन किया गया है। उन्हें नायक के रूप में दिखलाया गया है। उन्हें सम्मानित शब्दों से सम्बोधन किया गया है। ऐसे ही एक तथ्य है हल्दीघाटी का युद्ध। भारत के इतिहास में लिखा गया है और केवल लिखा ही नहीं गया है बल्कि स्कूलों में, कॉलेजों में, यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को पढ़ाया भी गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत हुई थी और महाराणा प्रताप की हार हुई थी लेकिन क्या भारत के इतिहास में लिखी ये बातें सच है। नहीं, बिलकुल भी नहीं। यह विवाद तब प्रकाश में आया जब कुछ समय पहले बीजेपी और कई हिन्दू संघठनो ने इन्हे उठाया गया। लम्बी बहस हुई। फिर इस पर जांच पड़ताल हुई। जिसमें यह साबित हुआ कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत नहीं हुई थी, काफी हद तक यह युद्ध बराबरी पर आकर खत्म हो गया था। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इसे अकबर का विजय और महाराणा प्रताप की हार कहा जाएँ। इसके बाद पाठ्य पुस्तकों में सुधार किये गए। पाठ्य पुस्तकों में सुधार के अलावा भी विभिन्न स्तरों पर सुधार किये गए। भा...

हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था?

विषय सूची • • • • • हल्दीघाटी का युद्ध किसने जीता था? | Haldighati Ka Yuddh Kisne Jita Tha हल्दीघाटी और युद्ध राजस्थान स्थित हल्दीघाटी अपनी पीली मिट्टी के कारण एकदम हल्दी की तरह पीली है। यह घाटी 5 किलोमीटर लंबी और 1 किलोमीटर चौड़ी है। मुगल सेना और राजपूत सेना के बीच युद्ध का बिगुल बजा एक और जहां अकबर की तरफ से शक्तिशाली मुगल सेना के लगभग 1 लाख मुगल सिपाही थे। वहीं दूसरी ओर वीर महाराणा प्रताप की तरफ से केवल 20000 की ही राजपूत सेना थी। इस युद्ध में अफगानी भी महाराणा प्रताप का साथ दे रहे थे। अपने कम सैनिक होने के बावजूद दिए वीर महाराणा प्रताप ने कुशल रणनीति के तहत सबसे पहले सेनापति को मारने की योजना बनाई। उनके अनुसार यदि सेनापति को ही मार दिया जाए तो सेना का उत्साह निराशा में बदल जाएगा और मुगलों को पराजित करना आसान हो जाएगा। इसी रणनीति के तहत वीर महाराणा प्रताप की सेना ने काम किया। मेवाड़ सेना का नेतृत्व राम सेन तंवर और उनके बेटे चंद्र सेन कर रहे थे। गौर करने वाली बात यह है कि हल्दीघाटी के इस युद्ध में अकबर ने भाग लिया ही नहीं था। अकबर की ओर से उसके दो सेनापति आसिफ खान और मानसिंह इस युद्ध में भाग ले रहे थे। भीषण नरसंहार हुआ, युद्ध केवल 4 घंटे तक चला और वीर महाराणा प्रताप की सेना ने विशाल मुगल सेना को चारों खाने चित कर दिया। युद्ध के आरंभ में महाराणा प्रताप की सेना जीत रही थी। मुगल सेना का उत्साह कम हो रहा था। तभी अचानक मुगल सेना में अकबर के आने की खबर फैल गई जिससे निराश मुगल सेना में फिर नया उत्साह भर गया। युद्ध का स्वरूप बदलने लगा। महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाथी पर सवार मानसिंह को मारने के लिए महाराणा प्रताप ने चेतक को आदेश दिया। चेतक पूरे...

हल्दीघाटी का युद्ध

• • • • • • • • • • • • • • • • • हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ? | When did the Battle of Haldighati take place? | Haldighati ka Yuddh Kab Hua 18 जून 1576 यह वही ऐतिहासिक दिन है जिस दिन वीर शिरोमणि हल्दीघाटी का युद्ध किसके बीच हुआ? | Between Whom did the Battle of Haldighati Take Place? | Haldighati ka Yuddh Kiske Beech Hua हल्दीघाटी का युद्ध मेवाड़ के राणा हल्दीघाटी का युद्ध कहाँ हुआ था? | Where did the Battle of Haldighati Take Place? | Haldighati ka Yuddh Kahan Hua Tha हल्दीघाटी भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध राजस्थान का वह ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ हल्दीघाटी का युद्ध का इतिहास | History of Battle of Haldighati | Haldighati ka Yuddh ka Itihas 1567 में जब अकबर ने लेकिन राणा उदयसिंह ने अकबर अधीनता स्वीकार नहीं की। हज़ारों मेवाड़ियों की मृत्यु के बाद, किले के भीतर के लोगों की और सेना की स्थिति बड़ी ही दयनीय होने लगी। तब किले के रक्षक दल सेना के उच्च पदाधिकारियों और राज्य दरबारियों ने मिलकर राणा उदय सिंह से निवेदन किया कि राणा संग्राम सिंह के उत्तराधिकारी के रूप में आप ही हमारे पास हैं, इसलिए आपकी प्राण रक्षा इस समय आवश्यक है। अत: आप को किले से सुरक्षित निकालकर हम लोग शत्रु सेना पर अंतिम बलिदान के लिए निकल पड़े। जब चित्तौड़ के विध्वंस के चार वर्ष बाद ही 1568 में जब 1572 में प्रताप सिंह को राजा (राणा) का ताज पहनाया गया, तो अकबर ने कई दूतों को भेजा जो महाराणा प्रताप को इस क्षेत्र के कई अन्य राजपूत नेताओं की तरह एक जागीरदार बना देने का प्रस्ताव लाये थे। जब महाराणा प्रताप ने अकबर को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया, तो युद्ध अपरिहार्य हो गया। महाराणा प्रताप और हल्दीघाटी का...

Maharana Pratap

• Afrikaans • العربية • বাংলা • भोजपुरी • Deutsch • Español • Français • ગુજરાતી • गोंयची कोंकणी / Gõychi Konknni • 한국어 • हिन्दी • Ido • Bahasa Indonesia • ಕನ್ನಡ • कॉशुर / کٲشُر • Қазақша • मैथिली • മലയാളം • मराठी • မြန်မာဘာသာ • Nederlands • नेपाली • नेपाल भाषा • 日本語 • ଓଡ଼ିଆ • ਪੰਜਾਬੀ • پنجابی • پښتو • Português • Русский • संस्कृतम् • Sesotho • Sesotho sa Leboa • Simple English • தமிழ் • తెలుగు • Українська • اردو • Tiếng Việt • Maharani Ajabde Punwar • Phool Bai Rathore • Amarbai Rathore • Jasobai Chauhan • Alamdebai Chauhan • Champabai Jhati • Lakhabai • Khichar Asha Bai • Solankhinipur Bai • Shahmatibai Hada • Ratnawatibai Parmar 22 (including Names Maharana Pratap Singh Sisodiya Father Mother Maharani Jaiwanta Bai Religion (1326–1971) • v • t • e Pratap Singh I, popularly known as Maharana Pratap (c. 9 May 1540 – 19 January 1597), was a Early life and accession [ ] Maharana Pratap was born to Military career [ ] Background [ ] In stark contrast to other Rajput rulers who accommodated and formed alliances with the various Muslim dynasties in the subcontinent, by the time Pratap ascended to the throne, Mewar was going through a long standing conflict with the Battle of Haldighati [ ] Main article: The bloody The forces of Pratap Singh and Mughal Rajput general Man Singh met on 18 June 1576 beyond a narrow mountain pass at Haldighati was a futile victory for the Mughals, as they were unable to kill or capture Pratap, or any of his close family members in Reconquest of Mew...

हल्दीघाटी का युद्ध

• • • • • • • • • • • • • • • • • हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ? | When did the Battle of Haldighati take place? | Haldighati ka Yuddh Kab Hua 18 जून 1576 यह वही ऐतिहासिक दिन है जिस दिन वीर शिरोमणि हल्दीघाटी का युद्ध किसके बीच हुआ? | Between Whom did the Battle of Haldighati Take Place? | Haldighati ka Yuddh Kiske Beech Hua हल्दीघाटी का युद्ध मेवाड़ के राणा हल्दीघाटी का युद्ध कहाँ हुआ था? | Where did the Battle of Haldighati Take Place? | Haldighati ka Yuddh Kahan Hua Tha हल्दीघाटी भारतीय इतिहास में प्रसिद्ध राजस्थान का वह ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ हल्दीघाटी का युद्ध का इतिहास | History of Battle of Haldighati | Haldighati ka Yuddh ka Itihas 1567 में जब अकबर ने लेकिन राणा उदयसिंह ने अकबर अधीनता स्वीकार नहीं की। हज़ारों मेवाड़ियों की मृत्यु के बाद, किले के भीतर के लोगों की और सेना की स्थिति बड़ी ही दयनीय होने लगी। तब किले के रक्षक दल सेना के उच्च पदाधिकारियों और राज्य दरबारियों ने मिलकर राणा उदय सिंह से निवेदन किया कि राणा संग्राम सिंह के उत्तराधिकारी के रूप में आप ही हमारे पास हैं, इसलिए आपकी प्राण रक्षा इस समय आवश्यक है। अत: आप को किले से सुरक्षित निकालकर हम लोग शत्रु सेना पर अंतिम बलिदान के लिए निकल पड़े। जब चित्तौड़ के विध्वंस के चार वर्ष बाद ही 1568 में जब 1572 में प्रताप सिंह को राजा (राणा) का ताज पहनाया गया, तो अकबर ने कई दूतों को भेजा जो महाराणा प्रताप को इस क्षेत्र के कई अन्य राजपूत नेताओं की तरह एक जागीरदार बना देने का प्रस्ताव लाये थे। जब महाराणा प्रताप ने अकबर को व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत करने से इनकार कर दिया, तो युद्ध अपरिहार्य हो गया। महाराणा प्रताप और हल्दीघाटी का...

हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ

2.3/5 - (46 votes) हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ, कहां हुआ, किसने जीता, इतिहास, कौन जीता, जगह, किसकी विजय हुई, परिणाम (Battle of Haldighati in Hindi, Haldighati Ka Yuddh, Haldighati War, History, Pdf Download) Battle of Haldighati in Hindi– भारत का इतिहास विभिन्न स्त्रोतों पर आधारित है। इसे लिखने में अनेको लोगो का योगदान रहा है। कड़ी दर कड़ी जोड़कर इतिहास बना होता है। इतिहास का लेखन मुख्यतः ज्ञात साक्ष्य पर आधारित होता है। लेकिन भारत के इतिहास में ऐसे अनेक रहस्य उजागर होने शेष है, जो लोगो को नहीं बताया गया है या जिन्हे तोड़ मरोड़ कर लिखा गया है। भारत के इतिहास में अनेक स्थानों पर मुसलमानो का, इस्लामिक आक्रांताओ का महिमामंडन किया गया है। उन्हें नायक के रूप में दिखलाया गया है। उन्हें सम्मानित शब्दों से सम्बोधन किया गया है। ऐसे ही एक तथ्य है हल्दीघाटी का युद्ध। भारत के इतिहास में लिखा गया है और केवल लिखा ही नहीं गया है बल्कि स्कूलों में, कॉलेजों में, यूनिवर्सिटीज में स्टूडेंट्स को पढ़ाया भी गया है कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत हुई थी और महाराणा प्रताप की हार हुई थी लेकिन क्या भारत के इतिहास में लिखी ये बातें सच है। नहीं, बिलकुल भी नहीं। यह विवाद तब प्रकाश में आया जब कुछ समय पहले बीजेपी और कई हिन्दू संघठनो ने इन्हे उठाया गया। लम्बी बहस हुई। फिर इस पर जांच पड़ताल हुई। जिसमें यह साबित हुआ कि हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की जीत नहीं हुई थी, काफी हद तक यह युद्ध बराबरी पर आकर खत्म हो गया था। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इसे अकबर का विजय और महाराणा प्रताप की हार कहा जाएँ। इसके बाद पाठ्य पुस्तकों में सुधार किये गए। पाठ्य पुस्तकों में सुधार के अलावा भी विभिन्न स्तरों पर सुधार किये गए। भा...