Hans patrika ke pratham sampadak the

  1. राजेंद्र यादव
  2. सरस्वती (पत्रिका)
  3. हिन्दी की प्रमुख पत्र पत्रिकाएं
  4. हिंदी प्रदीप पत्रिका के संपादक कौन हैं?
  5. सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक का नाम


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राजेंद्र यादव

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सरस्वती (पत्रिका)

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हिन्दी की प्रमुख पत्र पत्रिकाएं

हिंदी पत्रिकाओं के नाम, हिंदी पत्रिकाओं की सूची, इंदु पत्रिका के संपादक, प्रकाशित होने वाली पत्र पत्रिकाओं की जानकारी, देश पत्रिका के संपादक का नाम, आजकल पत्रिका का प्रकाशन वर्ष, इन्दु पत्रिका हिन्दी की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं। हिन्दी की पत्र पत्रिकाएं और संपादक और सम्पादन स्थान एवं सम्पादन बर्ष सहित नीचे दी हुई हैं। हिन्दी की प्रमुख पत्र पत्रिकाएं एवं उनके प्रकाशको के नाम परीक्षाओं के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। भारतेन्दु युग की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं और संपादक क्रम पत्रिका का नाम सम्पादक प्रकाशन स्थान प्रकाशन वर्ष 1. कवि वचन सुधा भारतेन्दु हरिश्चन्द्र काशी 1868 ई० 2. हरिश्चन्द्र मैगजीन भारतेन्दु हरिश्चन्द्र काशी 1873 ई० 3. हरिश्चन्द्र चन्द्रिका भारतेन्दु हरिश्चन्द्र काशी 1874 ई० 4. आनन्द कादम्बिनी बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ मिर्जापुर 1881 ई० 5. हिन्दी प्रदीप पं. बालकृष्ण भट्ट इलाहाबाद 1877 ई० 6. ब्राह्मण पं. प्रतापनारायण मिश्र कानपुर 1883 ई० द्विवेदी युग की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं और संपादक क्रम पत्रिका का नाम सम्पादक प्रकाशन स्थान प्रकाशन वर्ष 1. सरस्वती आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी इलाहाबाद 1900 ई० 2. समालोचक चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ जयपुर 1902 ई० 3. इन्दु अम्बिका प्रसाद गुप्त काशी 1909 ई० 4. प्रताप गणेशशंकर विद्यार्थी कानपुर 1913 ई० 5. मर्यादा कृष्णकान्त मालवीय प्रयाग 1909 ई० 6. प्रभा कालूराम खण्डवा 1913 ई० 7. सुदर्शन देवकीनन्दन खत्री काशी 1900 ई० 8. पाटलिपुत्र काशीप्रसाद जायसवाल पटना 1914 ई० 9. अभ्युदय मदनमोहन मालवीय काशी 1907 ई० छायावादी युग की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं और संपादक क्रम पत्रिका का नाम सम्पादक प्रकाशन स्थान प्रकाशन वर्ष 1. चांद रामरख सहगल और चण्डी प्रसाद ‘हृदयेश’ प...

हिंदी प्रदीप पत्रिका के संपादक कौन हैं?

Explanation : हिंदी प्रदीप पत्रिका के संपादक बालकृष्ण भट्ट हैं। निबंधकार, समीक्षक और नाटककार बालकृष्ण भट्ट का जन्म 3 जून, 1848 ई. को इलाहाबाद में हुआ था। पत्रकारिता के क्षेत्र में बालकृष्ण भट्ट का बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने इलाहाबाद से 'हिंदी प्रदीप' नाम का मासिक पत्र निकाला और 33 वर्ष तक उसका संपादन और संचालन करते रहे। यह अपने समय का बड़ा महत्वपूर्ण पत्र माना जाता था और इसका प्रकाशन हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम था। इस पत्र ने अनेक बाधाओं का सामना करते हुए विदेशी सरकार की नीतियों, असामाजिक तत्वों, सामाजिक कुरीतियों, अज्ञानता पूरी शक्ति से सामना किया। 20 जुलाई, 1914 को इलाहाबाद में भट्ट जी का देहांत हो गया। Tags :

सरस्वती पत्रिका के प्रथम संपादक का नाम

सरस्वती हिन्दी साहित्य की प्रसिद्ध रूपगुणसम्पन्न प्रतिनिधि पत्रिका थी। इस पत्रिका का प्रकाशन इलाहाबाद से सन 1900 ई0 के जनवरी मास में प्रारम्भ हुआ था। 32 पृष्ठ की क्राउन आकार की इस पत्रिका का मूल्य 4 आना मात्र था। 1903 ई0 में महावीर प्रसाद द्विवेदी इसके संपादक हुए और 1920 ई0 तक रहे। इसका प्रकाशन पहले झाँसी और फिर कानपुर से होने लगा था। महवीर प्रसाद द्विवेदी के बाद पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, देवी दत्त शुक्ल, श्रीनाथ सिंह, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, देवीलाल चतुर्वेदी और श्रीनारायण चतुर्वेदी सम्पादक हुए। 1905 ई0 में काशी नागरी प्रचारिणी सभा का नाम मुखपृष्ठ से हट गया। 1903 में महावीर प्रसाद द्विवेदी ने इसका कार्यभार संभाला। एक ओर भाषा के स्तर पर और दूसरी ओर प्रेरक बनकर मार्गदर्शन का कार्य संभालकर द्विवेदी जी ने साहित्यिक और राष्ट्रीय चेतना को स्वर प्रदान किया। द्विवेदी जी ने भाषा की समृद्धि करके नवीन साहित्यकारों को राह दिखाई। उनका वक्तव्य है : हमारी भाषा हिंदी है। उसके प्रचार के लिए गवर्नमेंट जो कुछ कर रही है, सो तो कर ही रही है, हमें चाहिए कि हम अपने घरों का अज्ञान तिमिर दूर करने और अपना ज्ञानबल बढ़ाने के लिए इस पुण्यकार्य में लग जाएं। महावीरप्रसाद द्विवेदी ने ‘सरस्वती’ पत्रिका के माध्यम से ज्ञानवर्धन करने के साथ-साथ नए रचनाकारों को भाषा का महत्त्व समझाया व गद्य और पद्य के लिए राह निर्मित की। महावीर प्रसाद द्विवेदी की यह पत्रिका मूलतः साहित्यिक थी और हरिऔध, मैथिलीशरण गुप्त से लेकर कहीं-न-कहीं निराला के निर्माण में इसी पत्रिका का योगदान था परंतु साहित्य के निर्माण के साथ राष्ट्रीयता का प्रसार करना भी इनका उद्देश्य था। भाषा का निर्माण करना साथ ही गद्य-पद्य के लिए खड़ी बोली को ही प्...