Hanuman bahuk

  1. हनुमान बाहुक
  2. Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक)
  3. Hanuman Bahuk
  4. Hanuman Bahuk: Origin, Significance, and Blessings • Insight Spirituality
  5. हनुमान बाहुक पाठ (Hanuman Bahuk) 2023


Download: Hanuman bahuk
Size: 12.26 MB

हनुमान बाहुक

Lord Hanuman हनुमान बाहुक हिंदीमें श्रीगणेशाय नमः श्रीजानकीवल्लभो विजयते श्रीमद्-गोस्वामी-तुलसीदास-कृत -छप्पय– सिंधु तरन, सिय-सोच हरन, रबि बाल बरन तनु । भुज बिसाल, मूरति कराल कालहु को काल जनु ॥ गहन-दहन-निरदहन लंक निःसंक, बंक-भुव । जातुधान-बलवान मान-मद-दवन पवनसुव ॥ कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट । गुन गनत, नमत, सुमिरत जपत समन सकल-संकट-विकट ॥१॥ स्वर्न-सैल-संकास कोटि-रवि तरुन तेज घन । उर विसाल भुज दण्ड चण्ड नख-वज्रतन ॥ पिंग नयन, भृकुटी कराल रसना दसनानन । कपिस केस करकस लंगूर, खल-दल-बल-भानन ॥ कह तुलसिदास बस जासु उर मारुतसुत मूरति विकट । संताप पाप तेहि पुरुष पहि सपनेहुँ नहिं आवत निकट ॥२॥ -झूलना- पञ्चमुख-छःमुख भृगु मुख्य भट असुर सुर, सर्व सरि समर समरत्थ सूरो । बांकुरो बीर बिरुदैत बिरुदावली, बेद बंदी बदत पैजपूरो ॥ जासु गुनगाथ रघुनाथ कह जासुबल, बिपुल जल भरित जग जलधि झूरो । दुवन दल दमन को कौन तुलसीस है, पवन को पूत रजपूत रुरो ॥३॥ -घनाक्षरी- भानुसों पढ़न हनुमान गए भानुमन, अनुमानि सिसु केलि कियो फेर फारसो । पाछिले पगनि गम गगन मगन मन, क्रम को न भ्रम कपि बालक बिहार सो ॥ कौतुक बिलोकि लोकपाल हरिहर विधि, लोचननि चकाचौंधी चित्तनि खबार सो। बल कैंधो बीर रस धीरज कै, साहस कै, तुलसी सरीर धरे सबनि सार सो ॥४॥ भारत में पारथ के रथ केथू कपिराज, गाज्यो सुनि कुरुराज दल हल बल भो । कह्यो द्रोन भीषम समीर सुत महाबीर, बीर-रस-बारि-निधि जाको बल जल भो ॥ बानर सुभाय बाल केलि भूमि भानु लागि, फलँग फलाँग हूतें घाटि नभ तल भो । नाई-नाई-माथ जोरि-जोरि हाथ जोधा जो हैं, हनुमान देखे जगजीवन को फल भो ॥५॥ गो-पद पयोधि करि, होलिका ज्यों लाई लंक, निपट निःसंक पर पुर गल बल भो । द्रोन सो पहार लियो ख्याल ही उखारि कर, कंदुक...

Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक)

Hanuman Bahuk/हनुमान बाहुक Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक): Lord Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक) is an important and powerful prayer dedicated to Hanuman Ji and was written by Goswami Tulsidas. Shri Tulsidas wrote Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक) when he was suffering from intolerable arm pain and could not find relief by any medicines or mantra and due to the grace of Lord Hanuman ji the terrible pain gone. Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक) contains 44 verses. It is believe that continuous chanting of Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक) for 40 days helps in curing various mental and physical diseases and remove obstacles from our life. Once, Tulsidas had an unbearable pain in one of his arms and shoulders and out of vaat (wind) and was in agony due to eruptions on the skin. Several cures like medicine, amulets, and mantras were tried but the condition worsened day by day. He then composed a Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक) extolling the glory and greatness of Hanuman Ji and prayed Him to cure his body ailments. Miraculously due to the grace of Hanuman Ji, Tulsidas got instant relief from the excruciating pain. Hanuman Bahuk is known as the Hanuman Bahuk (हनुमान बाहुक). It consists of 44 verses. It has two, one, five and 36 verses respectively in the Chhappaya, Jhulna, Savaiya and Ghanakshari metre. After reading and understanding Hanuman Chalisa carefully, it will come to know that Hanuman is the awakened deity of this Kalyug, who is immediately pleased to remove all kinds of suffering of the devo...

Hanuman Bahuk

Hanuman Bahuk Hindi Lyrics छप्पय सिंधु तरन, सिय-सोच हरन, रबि बाल बरन तनु । भुज बिसाल, मूरति कराल कालहु को काल जनु ॥ गहन-दहन-निरदहन लंक निःसंक, बंक-भुव । जातुधान-बलवान मान-मद-दवन पवनसुव ॥ कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट । गुन गनत, नमत, सुमिरत जपत समन सकल-संकट-विकट ॥१॥ स्वर्न-सैल-संकास कोटि-रवि तरुन तेज घन । उर विसाल भुज दण्ड चण्ड नख-वज्रतन ॥ पिंग नयन, भृकुटी कराल रसना दसनानन । कपिस केस करकस लंगूर, खल-दल-बल-भानन ॥ कह तुलसिदास बस जासु उर मारुतसुत मूरति विकट । संताप पाप तेहि पुरुष पहि सपनेहुँ नहिं आवत निकट ॥२॥ झूलना पञ्चमुख-छःमुख भृगु मुख्य भट असुर सुर, सर्व सरि समर समरत्थ सूरो । बांकुरो बीर बिरुदैत बिरुदावली, बेद बंदी बदत पैजपूरो ॥ जासु गुनगाथ रघुनाथ कह जासुबल, बिपुल जल भरित जग जलधि झूरो । दुवन दल दमन को कौन तुलसीस है, पवन को पूत रजपूत रुरो ॥३॥ घनाक्षरी भानुसों पढ़न हनुमान गए भानुमन, अनुमानि सिसु केलि कियो फेर फारसो । पाछिले पगनि गम गगन मगन मन, क्रम को न भ्रम कपि बालक बिहार सो ॥ कौतुक बिलोकि लोकपाल हरिहर विधि, लोचननि चकाचौंधी चित्तनि खबार सो। बल कैंधो बीर रस धीरज कै, साहस कै, तुलसी सरीर धरे सबनि सार सो ॥४॥ भारत में पारथ के रथ केथू कपिराज, गाज्यो सुनि कुरुराज दल हल बल भो । कह्यो द्रोन भीषम समीर सुत महाबीर, बीर-रस-बारि-निधि जाको बल जल भो ॥ बानर सुभाय बाल केलि भूमि भानु लागि, फलँग फलाँग हूतें घाटि नभ तल भो । नाई-नाई-माथ जोरि-जोरि हाथ जोधा जो हैं, हनुमान देखे जगजीवन को फल भो ॥५॥ गो-पद पयोधि करि, होलिका ज्यों लाई लंक, निपट निःसंक पर पुर गल बल भो । द्रोन सो पहार लियो ख्याल ही उखारि कर, कंदुक ज्यों कपि खेल बेल कैसो फल भो ॥ संकट समाज असमंजस भो राम राज, काज जुग पूगनि को करतल...

Hanuman Bahuk: Origin, Significance, and Blessings • Insight Spirituality

Looking for an in-depth guide on Hanuman Bahuk? Look no further! In this blog post, we will delve into the origin and its significance, as well as the blessings it can bring to your life. Whether you’re a devotee of Hanuman Ji or simply curious about this powerful prayer, this article will provide you with all the information you need. So, without further ado, let’s explore the world of Hanuman Bahuk and its many benefits. 6.2 Final thoughts on the significance of Hanuman Bahuk Introduction Before proceeding into the origin and significance, let’s first look at what Hanuman Bahuk is. and when through whom it came into existence and the importance of Hanuman Ji in Hinduism. What is Hanuman Bahuk? Hanuman Bahuk is an ancient Hindu scripture that contains 44 verses dedicated to Lord Hanuman. It was written by Tulsidas, a 16th-century poet and saint who was a devotee of Lord Ram. It is considered to be a powerful prayer that can help devotees overcome obstacles, illnesses, and challenges in life. It is especially effective in curing physical ailments, and it is often chanted by those seeking healing and protection. The word “ Bahuk” means arm or portion, and the text is named so because it is said to provide strength and support, just like a strong arm. Importance of Hanuman Ji in Hinduism Hanuman Ji, also known as Anjaneya, is one of the most revered and beloved figures in Hinduism. He is worshipped as a symbol of strength, devotion, courage, and selflessness, and his importa...

हनुमान बाहुक पाठ (Hanuman Bahuk) 2023

“हनुमान बाहुक” पाठ के बारे में संपूर्ण जानकारी। हनुमान भक्त तुलसी दास को एक बार अत्यंत पीड़ा हुई और कष्टों से बचने के लिए उन्होंने हनुमान बाहुक लिखा था। यह हनुमान बाहुक (Hanuman Bahuk) एक ऐसा अध्भुत चमत्कारी उपाय है जो हर दर्द हर बीमारी को हमेशा के लिए दूर कर देगा। जी हाँ हनुमान बाहुक की शक्तियां अनंत एवं अपार हैं। सच्ची श्रद्धा से अपने या अपने परिवार जन के लिए हनुमान बाहुक का पाठ करें, हनुमान जी आपके सभी कष्ट दूर करेंगे। छप्पय– HANUMAN BAHUK सिंधु तरन, सिय–सोच हरन, रबि बाल बरन तनु । भुज बिसाल, मूरति कराल कालहु को काल जनु ॥ गहन–दहन–निरदहन लंक निःसंक, बंक–भुव । जातुधान–बलवान मान–मद–दवन पवनसुव ॥ कह तुलसिदास सेवत सुलभ सेवक हित सन्तत निकट । गुन गनत, नमत, सुमिरत जपत समन सकल–संकट–विकट ॥१ ॥ स्वर्न–सैल–संकास कोटि–रवि तरुन तेज घन । उर विसाल भुज दण्ड चण्ड नख–वज्रतन ॥ पिंग नयन, भृकुटी कराल रसना दसनानन । कपिस केस करकस लंगूर, खल–दल–बल–भानन ॥ कह तुलसिदास बस जासु उर मारुतसुत मूरति विकट । संताप पाप तेहि पुरुष पहि सपनेहुँ नहिं आवत निकट ॥२ ॥ झूलना – पञ्चमुख–छःमुख भृगु मुख्य भट असुर सुर, सर्व सरि समर समरत्थ सूरो । बांकुरो बीर बिरुदैत बिरुदावली, बेद बंदी बदत पैजपूरो ॥ जासु गुनगाथ रघुनाथ कह जासुबल, बिपुल जल भरित जग जलधि झूरो । दुवन दल दमन को कौन तुलसीस है, पवन को पूत रजपूत रुरो ॥३ ॥ घनाक्षरी – भानुसों पढ़न हनुमान गए भानुमन, अनुमानि सिसु केलि कियो फेर फारसो । पाछिले पगनि गम गगन मगन मन, क्रम को न भ्रम कपि बालक बिहार सो ॥ कौतुक बिलोकि लोकपाल हरिहर विधि, लोचननि चकाचौंधी चित्तनि खबार सो। बल कैंधो बीर रस धीरज कै, साहस कै, तुलसी सरीर धरे सबनि सार सो ॥४॥ भारत में पारथ के रथ केथू कपिराज, गाज्यो सुनि कुर...