Heart attack ke lakshan in hindi

  1. हार्ट अटैक : लक्षण, कारण, जोखिम एवं
  2. हृदय रोग (दिल की बीमारी) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार
  3. Heart Attack Causes Symptoms In Hindi
  4. हार्ट अटैक व्यायाम, Heart Attack Vyayam, हार्ट अटैक के बाद उपचार, दिल का दौरा पड़ने से जुड़े जरूरी लक्षणों को जानें, दिल का दौरा पड़ने के बाद एहतियात, Dil Ka Dora Padne Ke Lakshan, Dil Ka Dora Padna, हार्ट अटैक लक्षणे, Heart Attack Ke Prakar, Dil Ka Dora Kaise Padta Hai, Heart Attack Aane Ke Karan, एस्प्रिन हृदयाघात से बचाती है क्यों, Heart Attack Ke Karan in Hindi, हार्ट अटैक के कारण, हार्ट अटैक प्रकार कारण लक्षण परहेज़ व्यायाम और बचाव, Dil Ka Daura Padna, Dil Ka Dora Kis Karan Se Hota Hai
  5. हार्ट अटैक के लक्षण
  6. हार्ट ब्लॉकेज के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपाय


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हार्ट अटैक : लक्षण, कारण, जोखिम एवं

संक्षिप्त मैं दिल के दौरे का अवलोकन: दिल के दौरे का जोखिम मानो बढ़ते ही जा रहे है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सभी को दिल के बिमारि से खतरा है। हार्ट अटैक दिल की बिमारियों मैं प्रमुख माना जाता हैं, जो पुरे विश्व मैं तेज़ी से फैल रही है। अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो मृत्यु होने की भी संभावना होती है। हार्ट अटैक के प्रमुख कारण: आयु: पुरुष के लिए 45 वर्ष से ज्यादा, और महिलाओं के लिए 55 वर्ष से अधिक उम्र होने पर दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है। आहार: व्यस्त जीवन शैली के कारण अनियमित आहार, जंक फूड खाना, या अधिक मसालेदार भोजन दिल के दौरे का कारण बनता है। आनुवंशिकी: दिल के दौरे का उच्च जोखिम विरासत में भी मिल सकता है। रक्तचाप: उच्च रक्तचाप के वजह से हृदय पर अनावश्यक तनाव रहती है। मोटापा: अधिक मात्रा में वजन बढ़ जाने से दिल पर ज़ोर पड़ता है। नशा: धूम्रपान और मादक द्रव्यों का सेवन करने वालों को दिल के दौरे का खतरा होता है। मानसिक तनाव: शिफ्ट कार्यरत लोग जो भी तनावपूर्ण कार्य करते हैं, या जो अपने व्यक्तिगत जीवन में लम्बे समय तक तनाव से गुज़रते है वे दिल के दौरे के जोखिम का सामना कर सकते हैं। इनके अलावा, एनजाइन यानि दिल में ऑक्सीजन की कमी, उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर, शरीर की निष्क्रियता और डायबिटीज दिल के दौरे के जोखिम का कारक है। शुरुआती चेतावनियों को कैसे परखें?: दिल का दौरा पड़ने वाले लक्षण व्यक्ति विशेष भिन्न प्रकार के होते हैं। और यहां तक कि एक ही व्यक्ति का दिल का दौरा पिछली बार पड़ा दौरे से अलग हो सकता है। छाती में दर्द या दबाव दिल का दौरा पड़ने का सबसे सामान्य लक्षण है। शुरुआती पहचान और शीघ्र उपचार के लिए दिल के दौरे के लक्षणों को जानना ज़रूरी है। ध्यान रखें...

हृदय रोग (दिल की बीमारी) के लक्षण, कारण, इलाज, दवा, उपचार

हृदय रोग (दिल की बीमारी) क्या है? हृदय रोग (Heart disease) आपके हृदय को प्रभावित करने वाली कई स्थितियों के बारे में बताता है। हृदय रोग में अंतर्गत आने वाले रोगों में रक्त वाहिका रोग, जैसे कोरोनरी धमनी रोग (coronary artery disease), हृदय के धड़कने में होने वाली समस्या (arrhythmias) और जन्म से ही होने वाले हृदय दोष (congenital heart defects), आदि आते हैं। "हृदय रोग" को चिकित्सीय बाशा में अक्सर "कार्डियोवास्कुलर रोग" (cardiovascular disease) कहा जाता है। कार्डियोवास्कुलर रोग आम तौर पर उन स्थिति को संदर्भित करता है, जिनमें रक्त वाहिकाओं के संकुचित या अवरुद्ध होने की वजह से दिल का दौरा, एनजाइना(angina) या स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर कई प्रकार के हृदय रोगों को रोका या ठीक किया जा सकता है। ह्रदय रोग के कितने प्रकार होते हैं? ह्रदय रोग कौन-कौन से हैं? ह्रदय रोग के निम्नलिखित प्रकार होते हैं - • • दिल की विफलता ( • • • • • हृदय वाल्व रोग ( • • • • • myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Hridyas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं। ह्रदय रोग के क्या लक्षण व संकेतहोते हैं? हृदय के सब रोगों में निम्नलिखित में से सब या एक या अधिक समान लक्षण होते हैं - • छाती में भारीपन, दबाव, असुविधा या दर्द। (और पढ़ें - • ऊपरी शरीर में बार-बार दर्द होना जैसे कि हाथों, जबड़े, गर्दन, पीठ या पेट के ऊपरी भाग में। (और पढ़ें - • • • धड़कन में तेजी से वृद्धि (या अनियमित धड़कन)। • • स...

Heart Attack Causes Symptoms In Hindi

Heart Attack: क्या है हार्ट अटैक के कारण और सावधानियां साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) में किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है, तो हम आपको बताते हैं. हार्ट अटैक (Heart Attack) के करीब आधे मामले 'साइलेंट' होते हैं जो कि मौत के जोखिम को काफी बढ़ाते हैं. Heart Attack Symptoms in Hindi: हार्ट अटैक आज एक आम बीमारी हो चला है. ताजा आंकडों के अनुसार 30 से 40 उम्र के लोगों को दिल संबंधी बीमारियों होने लगी है. माना जाता है कि हार्ट अटैक का कारण स्ट्रेस यानी तनाव है. इसी तनाव से छुटकारे के लिए अक्सर लोग धूम्रपान, नींद की दवाएं या शराब वगैरह पीने लगते हैं. यह नई आदत दिल के रोगों को और बढ़ा देती है. दौरान दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने की स्थिति में यह जरूरी हो जाता है कि आप हार्ट अटैक के लक्षणों को पहचान कर प्राथमिक उपचार किया जाए. हार्ट अटैक के लक्षणों में हर बार सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, छाती में भिंचाव, सांस फूलने और अचानक पसीना आने जैसी शिकायत नहीं होती. आजकल 'साइलेंट' हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं. साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) में किसी तरह के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. अगर आप सोच रहे हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक क्या होता है, तो हम आपको बताते हैं. हार्ट अटैक (Heart Attack) के करीब आधे मामले 'साइलेंट' होते हैं जो कि मौत के जोखिम को काफी बढ़ाते हैं. हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको अपनी तरफ से जरूरी सावधानी बरतनी चाहिए. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि वो कौन सी बातें हैं जिनका आप ध्यान रख सकते है और आर्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं. यह भी पढ़ें • कैंसर से भी ज़्यादा घातक साबित हो रहा ह...

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APNAMEDICAL

पर प्रकाश डाला गया दूध में घी मिलाकर पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। दूध में घी मिलाकर पीने से भी पाचन तंत्र मजबूत होता है। दूध में घी मिलाकर पीना: खुद को स्वस्थ और फिट रखने के लिए हम कई तरह के तरीके अपनाते हैं। इसके लिए रोजाना ऐसे आहार लिए जाते हैं जो पोषक तत्वों और विटामिन से भरपूर हों। फल, सब्जियां समेत अन्य घरेलू तरीके अपनाने से शरीर स्वस्थ बनता है। बदलती जीवनशैली में छोटे-छोटे घरेलू उपायों से कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है। ऐसा ही एक उपाय है दूध पीना। रोजाना रात को दूध पीने से थकान दूर होती है। इसके अलावा दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। हल्दी वाला दूध तो आपने भी पिया होगा। लेकिन क्या आपने कभी दूध में घी मिलाकर पिया है? आइए आज हम आपको दूध में घी डालकर पीने से होने वाले फायदों के बारे में बताएंगे। 1. पाचन में सुधार: टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से पाचन क्रिया मजबूत रहती है. दूध में घी मिलाकर पीने से पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके सेवन से वजन कम करने में भी मदद मिलती है। अगर आपको भी कब्ज की समस्या है तो गाय के दूध में घी मिलाकर रोजाना पिएं। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसके सेवन से एसिडिटी दूर हो जाती है। यह पेट की सही तरीके से सफाई करने में सहायक होता है। 2. शक्ति बढ़ाएँ: दूध में देसी घी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। यह शरीर में ताकत बढ़ाता है। इसके इस्तेमाल से आप कोई भी काम लंबे समय तक कर पाते हैं। यह मांसपेशियों को भी ताकत प्रदान करता है। दूध में घी मिलाकर पीने से भी हड्डियां मजबूत होती हैं। इसे भी पढ़ें- पानी वाले नारियल की पहचान कैसे करें? इन 3 बेहद आसान तरी...

हार्ट अटैक के लक्षण

दिल की बीमारी बहुत ही घातक बीमारी होती है। दिल की बीमारी की वजह से कई लोगों की मौत भी हो जाती है। दिल की बीमारी का खतरा बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है। दिल की बीमारी में हार्ट अटैक (Heart Attack) ऐसा अटैक है, जो कभी भी कही भी आ सकता है। जिसकी वजह से तुरंत इंसान की मौत भी हो सकती है। लेकिन इसके लक्षण कुछ दिनों पहले से ही दिखने लगते हैं। अगर यह लक्षण दिखने पर लोग सावधान हो जाएं, तो हार्ट अटैक से बच सकते हैं। जानिए हार्ट अटैक के क्या-क्या लक्षण होते हैं। सीने में दर्द होना सीने में दर्द (Chest Pain) होना हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण माना जाता है। लेकिन सीने में दर्द कभी-कभी गैस के कारण भी हो सकता है। लेकिन जब हार्ट अटैक के लक्षण होंगे, तो सीने में जकड़न और भारी-भारी सा महसूस होगा। सीने पर भारीपन महसूस होना पैदल चलने पर या किसी काम को करने पर सीने में दर्द होता है। साथ ही सीने में भारीपन सा लगता है। लेकिन काम बंद करने के बाद ठीक हो जाता है। तो यह भी हार्ट अटैक के सामान्य लक्षणों में से एक माना जाता है। सांस फूलना सीढ़ी चढ़ने पर या कुछ दूर पैदल चलने पर अगर सांस फूलने लगे, तो यह भी दिल की बीमारी की ओर ही संकेत देता है। सीने से दर्द शुरू होकर हाथ की तरफ बढ़ना हार्ट अटैक में सीने से दर्द शुरू होकर बाहर हाथ की तरफ बढ़ने लगता है। अगर किसी को यह लक्षण दिखें तो तुरंत सर्तक हो जाएं। क्योंकि यह हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक है। थकान महसूस होना अगर किसी को बिना काम किए थकान महसूस होने लगे, तो यह हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। क्योंकि रक्त में कोलेस्ट्रॉल (Cholestrol) जमा हो जाता है। इस वजह से दिल को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिसकी वजह से अक्सर नींद आती है और थकान महसूस होती है। शर...

हार्ट ब्लॉकेज के कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपाय

पहले सिर्फ अधेड़ या फिर बुजुर्ग ही हृदय की समस्या से परेशान नजर आते थे। वहीं, अब जवान और किशोरों में भी हृदय की बीमारियां देखी जा सकती है। इसके लिए कुछ हमारा खान-पान जिम्मेदार है, तो कुछ हमारी जीवनशैली। हम सुविधाजनक लाइफ जीने के इस कदर आदी हो चुके हैं कि अपने शरीर को बीमारियों का घर बनाने लगे हैं। हार्ट ब्लॉकेज भी कुछ ऐसी ही समस्या है। इस अवस्था में दिल की धड़कन रुक-रुक कर चलती है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हार्ट ब्लॉकेज के कारण, हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण और हार्ट ब्लॉकेज के घरेलू इलाज बताने जा रहे हैं। उससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि हार्ट ब्लॉकेज का इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है। घरेलू उपाय केवल इलाज के प्रभाव को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। विषय सूची • • • • • • • • • • हार्ट ब्लॉकेज क्या है? हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को मेडिकल टर्म में कंडक्शन डिसऑर्डर के नाम से जाना जाता है। हार्ट ब्लॉकेज, हृदय में इलेक्ट्रिकल संकेतों से जुड़ी एक समस्या है। ये इलेक्ट्रिकल सिग्नल दिल के धड़कने की वजह बनते हैं और हृदय की गति को नियंत्रित करने का काम करते हैं। साथ ही यह हृदय को पूरे शरीर में रक्त पहुंचाने में भी मदद करते हैं। वहीं, समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हृदय के ऊपरी भाग (अट्रिया) से ये इलेक्ट्रिकल सिग्नल हृदय के निचले भाग (वेंट्रिकल्स) तक ठीक प्रकार से नहीं पहुंच पाते हैं। इसी समस्या को हार्ट ब्लॉकेज के नाम से जाना जाता है आगे पढ़ें लेख अब हम हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार जान लेते हैं। उसके बाद हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? इस बारे में बात करेंगे। हार्ट ब्लॉकेज के प्रकार – Types of Heart Blockage in Hindi मुख्य रूप से हार्ट ब्लॉकेज तीन प्रकार के होते हैं, जो हृदय क...