हेलो गूगल दिवाली कब है

  1. Diwali 2023
  2. Diwali 2023 Date in India Calendar and Lakshmi Puja Muhurat
  3. Diwali 2022 Date Shubh Muhurat And Importance Of Deepawali 2022
  4. 2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में
  5. Diwali 2021 When Is Diwali In 2021 Know The Date And Timing Of Lakshmi Puja
  6. दीपावली 2022 में कब है । Diwali 2022 Date In India । दीपावली 2023 Date In India
  7. 2023 में दीपावली कितने तारीख को है
  8. जारी रखने से पहले
  9. Diwali 2021 When Is Diwali In 2021 Know The Date And Timing Of Lakshmi Puja
  10. दीपावली 2022 में कब है । Diwali 2022 Date In India । दीपावली 2023 Date In India


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Diwali 2023

दीपों का पर्व दीपावली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा एवं प्रसिद्ध त्यौहार है जो हिन्दुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व भारतवासियों के लिए महत्वपूर्ण त्यौहार है जो भारत सहित दुनियाभर में उमंग, जोश तथा उत्साह से मनाया जाता है। दिवाली के त्यौहार की धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से अपनी विशिष्ट महत्ता है। इस पर्व के दौरान निरंतर पांच दिनों तक अलग-अलग त्यौहारों को मनाया जाता हैं जो इस प्रकार है: प्रथम दिन धनतेरस, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दीपावली, चौथे दिन गोवर्धन और पांचवें व अंतिम दिन भैया दूज आदि। दिवाली 2023 की तिथि एवं मुहूर्त दीपावली शरद ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्राचीन हिन्दू त्यौहार है जिसमे ‘दीप का अर्थ है "रोशनी" और ‘वली का अर्थ है पंक्ति’, अर्थात रोशनी की एक पंक्ति। हिन्दू पंचांग के अनुसार, दीपावली को प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को दिवाली या दीप उत्सव भी कहा जाता है। दीपावली की लक्ष्मी पूजा विधि • सर्वप्रथम पूजा स्थल पर चौकी स्थापित रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। • अब चौकी पर माँ लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। • भगवान विष्णु, कुबेर और इंद्र देव के लिए माता लक्ष्मी के समक्ष कच्चे चावल से 3 ढेरी का निर्माण करें। • लक्ष्मी पूजा का आरम्भ करने के लिए दीपक प्रज्जवलित करें व रात भर दीपक जलाकर रखें। इसके अलावा धूप बत्ती दिखाएं। • लक्ष्मी पूजा के दौरान श्रीगणेश का आवहान करें और गणेशजी की मूर्ति पर रोली व अक्षत का तिलक करें। • इसके बाद भगवान गणेश को सुगंध, फूल, धूप, मिठाई (नैवेद्य) और मिट्टी के दीपक अर्पित करें। • गणेश जी के बाद लक्ष्मी पूजन करें और माँ लक्ष्मी का रोली और चावल से तिलक करें। माता लक्ष्मी...

Diwali 2023 Date in India Calendar and Lakshmi Puja Muhurat

• • • • Diwali 2023 (Deepavali 2023) is on Sunday, November 12th in India. Diwali's date is determined by the India calendar and changes every year, ranging from October to November. It is observed on the 15th day of the 8th month (the month of Kartik) in India's calendar. The day is an Amavasya or 'new moon day'. Amavasya Tithi (the period when the moon opposes the sun's light by up to 12°) is from 02:44pm on November 12th to 02:56pm on November 13th in 2023. The Goddess Lakshmi (the god of wealth) is mainly worshiped during Diwali Puja for happiness, prosperity, and fame. For Diwali 2023, the Lakshmi Puja Muhurat (best time to worship Lakshmi) is the 1 hour 56 minutes from 05:40pm to 07:36pm on November 12th . Deepavali meaning 'Line of Lamps'. It is one of the most important The celebrations of Diwali 2023 last for 5 days. • Diwali Day 1: November 10th, 2023 Trayodashi - Dhanteras • Diwali Day 2: November 11th, 2023 Chaturdashi - Choti Diwali • Diwali Day 3: November 12th, 2023 Amavasya - Diwali • Diwali Day 4: November 13th, 2023 Pratipada - Padwa • Diwali Day 5: November 14th, 2023 Dwitiya - Bhai Duj I have never hear of this company… I have never hear of this company before , and after reading all these reviews ,I decided to give it a try . The professionalism and communicative skill received by one of the agent , Sharon of Asia Highlights , convince me that She was the right travel agent for my trip in Asia . Very quickly she communicated with me and got all the det...

Diwali 2022 Date Shubh Muhurat And Importance Of Deepawali 2022

Diwali 2022: सनातन धर्म की मान्यताओं के मुताबिक हर महीने कोई ना कोई पर्व-त्योहार और व्रत पड़ते ही हैं. कार्तिक मास की अमावस्या (Kartik Amavasya 2022) तिथि को दीवाली का पर्व मनाया जाता है. पैराणिक मान्यता है कि जब श्री राम लंका नरेश रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे तो उस समय समस्त अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर श्रीराम का स्वागत किया था. हिंदू धर्म में दीवाली (Diwali 2022) का त्योहार प्रमुख त्योहारों में से एक है. यह पर्व अंधकार पर प्रकाश के विजय का पर्व है. इसके साथ ही इस पर्व को नएपन और उल्लास के रूप में भी मनाया जाता है. साल 2022 में दिवाली कब है, इसे जानन के लिए लोग अभी से उत्सुक हैं. ऐसे में जानते हैं कि 2022 में दिवाली कब है और इसका क्या महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार, साल 2022 में कार्तिक मास की अमावस्या 24 और 25 अक्टूबर को है. हालांकि 25 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से पहले समाप्त हो रही है. जबकि 24 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या तिथि मौजूद रहेगी. इसके साथ ही इस दिन निशीथ काल में अमावस्या तिथि रहेगी. ऐसे में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर, 2022 को मनाया जाएगा. इसके अलावा छोटी दिवाली भी इसी दिन है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. दिवाली 2022 शुभ मुहूर्त | Diwali 2022 Shubh Muhurat पंचांग के अनुसार, 23 अक्टूबर को त्रयोदशी तिथि शाम 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी. चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट पर होगा. इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी. अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 19 मिनट तक रहेगी. दिवाली का महत्व | Importance of D...

2023 में दिवाली कब है New Delhi, India में

आइए जानते हैं कि 2023 में दिवाली कब है व दिवाली 2023 की तारीख व मुहूर्त। दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। धनतेरस से भाई दूज तक करीब 5 दिनों तक चलने वाला दिवाली का त्यौहार भारत और नेपाल समेत दुनिया के कई देशों में मनाया जाता है। दीपावली को दीप उत्सव भी कहा जाता है। क्योंकि दीपावली का मतलब होता है दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं। दिवाली कब मनाई जाती है? 1.कार्तिक मास में अमावस्या के दिन प्रदोष काल होने पर दीपावली (महालक्ष्मी पूजन) मनाने का विधान है। यदि दो दिन तक अमावस्या तिथि प्रदोष काल का स्पर्श न करे तो दूसरे दिन दिवाली मनाने का विधान है। यह मत सबसे ज्यादा प्रचलित और मान्य है। 2.वहीं, एक अन्य मत के अनुसार, अगर दो दिन तक अमावस्या तिथि, प्रदोष काल में नहीं आती है, तो ऐसी स्थिति में पहले दिन दिवाली मनाई जानी चाहिए। 3.इसके अलावा यदि अमावस्या तिथि का विलोपन हो जाए, यानी कि अगर अमावस्या तिथि ही न पड़े और चतुर्दशी के बाद सीधे प्रतिपदा आरम्भ हो जाए, तो ऐसे में पहले दिन चतुर्दशी तिथि को ही दिवाली मनाने का विधान है। दिवाली पर कब करें लक्ष्मी पूजा? मुहूर्त का नाम समय विशेषता महत्व प्रदोष काल सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम समय स्थिर लग्न होने से पूजा का विशेष महत्व महानिशीथ काल मध्य रात्रि के समय आने वाला मुहूर्त माता काली के पूजन का विधा...

Diwali 2021 When Is Diwali In 2021 Know The Date And Timing Of Lakshmi Puja

Diwali 2021 Date: दिवाली का पर्व पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. वर्ष 2021 में कार्तिक अमावस्या की तिथि 04 नवंबर, गुरुवार को है. दिवाली का पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक है. दिवाली के पर्व पर लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि दिवाली पर विधि पूर्वक लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन में यश-वैभव बना रहता है और जीवन में धन की कमी दूर होती है. 2021 में दिवाली कब है? (When is Diwali in 2021) दिवाली: 4नवंबर, 2021, गुरुवार अमावस्या तिथि प्रारम्भ: नवंबर 04, 2021 को प्रात: 06:03 बजे से. अमावस्या तिथि समाप्त: नवंबर 05, 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक. दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात्रि 08 बजकर 20 मिनट अवधि: 1 घंटे 55 मिनट प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक वृषभ काल: 18:10:29 से 20:06:20 तक दिवाली पर निशिता काल मुहूर्त निशिता काल: 23:39 से 00:31, नवम्बर 05 सिंह लग्न: 00:39 से 02:56, नवम्बर 05 दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त प्रात:काल मुहूर्त: 06:34:53 से 07:57:17 तक प्रात:काल मुहूर्त: 10:42:06 से 14:49:20 तक सायंकाल मुहूर्त: 16:11:45 से 20:49:31 तक रात्रि मुहूर्त: 24:04:53 से 25:42:34 तक लक्ष्मी पूजन की विधि (Diwali 2021 Lakshmi Pujan) दिवाली पर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए. इस वर्ष दिवाली पर्व प्रदोषयुक्त अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न और स्थिर नवांश है. शास्त्रों के अनुसार इन मुहूर्त में लक्ष्मी जी का पूजन करना शुभ माना गया है. इस दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूरे मनोयोग के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिए. पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती और मंत्रों का जाप करना ...

दीपावली 2022 में कब है । Diwali 2022 Date In India । दीपावली 2023 Date In India

सनातन धर्म में कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली पूजन (महालक्ष्मी पूजा) किए जाने का विधान है. दिपावली से पूर्व करवा चौथ, गौत्सव, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिपावली और फिर दिपावली का पर्व मनाया जाता है. दिपावली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव, भाई दूज और विश्वकर्मा पूजन किया जाता है. सनातन धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्व पर्व दिपावली का है. यह पर्व पूरी दुनिया में पांच दिनों तक मनाई जाती है. दोस्तों चलिए लेख के माध्यम से हम जानते हैं, दिवाली की तारीख कब है? ( Diwali 2022 Date In India) दिवाली 2022 गोवत्स द्वादशी त्योहार धनतरेस के एक दिन पहले मनाते हैं. गोवत्स द्वावदशी के दिन गाेवंशों का पूजन किया जाता है.गोवंशों को आटे का बना प्रसाद बनाकर खिलाया जाता है. गोवत्स द्वादशी को नंदिनी व्रत के नाम से जाना जाता है. गोवत्व द्वादशी 23 अक्टूब 2022 को है. दिपावली का महत्व (Importance Of Diwali Festival) धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि, त्रेतायुग में जब भगवान श्री राम रावण का वध करके अयोध्या लौट रहे थे. तो अयोध्यावासियों ने श्रीराम का दीप जलाकर स्वागत किया था. श्री राम के स्वागत को हर साल लोग दिपावली पर्व के रुप में मनाते हैं. इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजन का विधान है. दीपोत्सव के पूर्व लोग घरों की सफाई करते हैं.पर्व के दिन लोग द्वार पर रंगोली बनाकर और पूरे घर को दीपों से सजाकर मां लक्ष्मी के आगमन के लिए उनका अनुरोध पूर्वक पूजन करते हैं. भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजन के बाद खील और बतासे का प्रसाद बांटकर एक दूसरे को दिपोत्सव की शुभकामना देते हैं. इस दिन लोग अपने गहनों,पैसों और बहीखातों का भी पूजन करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी...

2023 में दीपावली कितने तारीख को है

पहला दिन धनतेरस पहले दिन को धनतेरस के रूप में जाना जाता है। “धन” का अर्थ है धन और “तेरस” हिंदू कैलेंडर पर एक चंद्र पखवाड़े के 13 वें दिन को संदर्भित करता है। यह दिन समृद्धि को मनाने के लिए समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से निकली हैं और उनका विशेष पूजा (अनुष्ठान) के साथ स्वागत किया जाता है। इसके अलावा, सोना पारंपरिक रूप से खरीदा जाता है, और लोग ताश और जुआ खेलने के लिए इकट्ठा होते हैं। आयुर्वेद चिकित्सक धन्वंतरी का सम्मान भी करते हैं, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, जिन्होंने इस दिन आयुर्वेद को मानव जाति में लाया। केरल और तमिलनाडु में धन्वंतरी और आयुर्वेद को समर्पित कई मंदिर हैं। दूसरा दिन छोटी दिवाली दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि देवी काली और भगवान कृष्ण ने इस दिन राक्षस नरकासुर का विनाश किया था। गोवा में जश्न में दानव के पुतले जलाए जाते हैं। तीसरा दिन दिवाली तीसरा दिन अमावस्या के रूप में जाना जाता है। महीने का यह सबसे काला दिन उत्तर और पश्चिम भारत में दिवाली त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन शाम को की जाने वाली विशेष पूजा के साथ लक्ष्मी की पूजा की जाती है। देवी काली की पूजा आमतौर पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में भी की जाती है (हालांकि काली पूजा कभी-कभी चंद्रमा के चक्र के आधार पर एक दिन पहले होती है)। चौथा दिन गोवर्धन पूजा चौथे दिन के भारत भर में विभिन्न अर्थ हैं। उत्तर भारत में, गोवर्धन पूजा उस दिन के रूप में मनाई जाती है जब भगवान कृष्ण ने गरज और बारिश के देवता इंद्र को हराया था। गुजरात में, इसे नए साल की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में, दानव रा...

जारी रखने से पहले

हम इन कामों के लिए • आपको Google की सेवाएं देना और उनका रखरखाव करना • ऐसे मामलों की निगरानी करना जब किसी रुकावट की वजह से, सेवा कुछ समय के लिए उपलब्ध नहीं होती. साथ ही, उपयोगकर्ताओं को स्पैम, थोखाधड़ी, और बुरे बर्ताव से बचाना • ऑडियंस की दिलचस्पी और साइट के आंकड़ों का आकलन करके, यह समझना कि हमारी सेवाओं का इस्तेमाल किस तरह किया जाता है. साथ ही, इस जानकारी की मदद से इन सेवाओं को बेहतर बनाना “सभी को स्वीकार करें” का विकल्प चुनने पर, हम इन कामों के लिए भी कुकी और डेटा का इस्तेमाल करेंगे • नई सेवाएं तैयार करना और उनमें सुधार करना • विज्ञापन दिखाना और उनके असर का आकलन करना • आपकी सेटिंग के आधार पर, आपके हिसाब से बनाया गया कॉन्टेंट दिखाना • आपकी सेटिंग के आधार पर, आपके हिसाब से बनाए गए विज्ञापन दिखाना आपके हिसाब से नहीं बनाए गए कॉन्टेंट के तौर पर आपको क्या दिखेगा, यह कई चीज़ों पर निर्भर करता है. जैसे, आपकी जगह की जानकारी, आप अभी कौनसा कॉन्टेंट देख रहे/रही हैं, और Search पर मौजूदा सेशन में आपने कौनसी गतिविधि की है. आपके हिसाब से नहीं बनाए गए विज्ञापन के तौर पर आपको क्या दिखेगा, यह आपकी जगह की जानकारी और इस बात पर निर्भर करता है कि आप अभी कौनसा कॉन्टेंट देख रहे/रही हैं. आपके हिसाब से बनाए गए कॉन्टेंट और विज्ञापनों में ज़्यादा काम के नतीजे, सुझाव, और आपकी दिलचस्पी के मुताबिक चुने गए विज्ञापन भी शामिल हो सकते हैं. ये विज्ञापन और कॉन्टेंट, इस ब्राउज़र पर की गई गतिविधियों के आधार पर होते हैं, जैसे कि Google पर की गई पिछली खोजें. ज़रूरत होने पर, आपकी उम्र के हिसाब से आपको सही अनुभव देने के लिए भी, कुकी और डेटा का इस्तेमाल किया जाता है. अपनी निजता सेटिंग को मैनेज करने के तरीके के साथ-साथ...

Diwali 2021 When Is Diwali In 2021 Know The Date And Timing Of Lakshmi Puja

Diwali 2021 Date: दिवाली का पर्व पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. वर्ष 2021 में कार्तिक अमावस्या की तिथि 04 नवंबर, गुरुवार को है. दिवाली का पर्व सुख, समृद्धि और वैभव का प्रतीक है. दिवाली के पर्व पर लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि दिवाली पर विधि पूर्वक लक्ष्मी जी की पूजा करने से जीवन में यश-वैभव बना रहता है और जीवन में धन की कमी दूर होती है. 2021 में दिवाली कब है? (When is Diwali in 2021) दिवाली: 4नवंबर, 2021, गुरुवार अमावस्या तिथि प्रारम्भ: नवंबर 04, 2021 को प्रात: 06:03 बजे से. अमावस्या तिथि समाप्त: नवंबर 05, 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक. दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात्रि 08 बजकर 20 मिनट अवधि: 1 घंटे 55 मिनट प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक वृषभ काल: 18:10:29 से 20:06:20 तक दिवाली पर निशिता काल मुहूर्त निशिता काल: 23:39 से 00:31, नवम्बर 05 सिंह लग्न: 00:39 से 02:56, नवम्बर 05 दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त प्रात:काल मुहूर्त: 06:34:53 से 07:57:17 तक प्रात:काल मुहूर्त: 10:42:06 से 14:49:20 तक सायंकाल मुहूर्त: 16:11:45 से 20:49:31 तक रात्रि मुहूर्त: 24:04:53 से 25:42:34 तक लक्ष्मी पूजन की विधि (Diwali 2021 Lakshmi Pujan) दिवाली पर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए. इस वर्ष दिवाली पर्व प्रदोषयुक्त अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न और स्थिर नवांश है. शास्त्रों के अनुसार इन मुहूर्त में लक्ष्मी जी का पूजन करना शुभ माना गया है. इस दिन स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूरे मनोयोग के साथ पूजा अर्चना करनी चाहिए. पूजा के बाद लक्ष्मी जी की आरती और मंत्रों का जाप करना ...

दीपावली 2022 में कब है । Diwali 2022 Date In India । दीपावली 2023 Date In India

सनातन धर्म में कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली पूजन (महालक्ष्मी पूजा) किए जाने का विधान है. दिपावली से पूर्व करवा चौथ, गौत्सव, धनतेरस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिपावली और फिर दिपावली का पर्व मनाया जाता है. दिपावली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा, अन्नकूट महोत्सव, भाई दूज और विश्वकर्मा पूजन किया जाता है. सनातन धर्म में सबसे बड़ा और महत्वपूर्व पर्व दिपावली का है. यह पर्व पूरी दुनिया में पांच दिनों तक मनाई जाती है. दोस्तों चलिए लेख के माध्यम से हम जानते हैं, दिवाली की तारीख कब है? ( Diwali 2022 Date In India) दिवाली 2022 गोवत्स द्वादशी त्योहार धनतरेस के एक दिन पहले मनाते हैं. गोवत्स द्वावदशी के दिन गाेवंशों का पूजन किया जाता है.गोवंशों को आटे का बना प्रसाद बनाकर खिलाया जाता है. गोवत्स द्वादशी को नंदिनी व्रत के नाम से जाना जाता है. गोवत्व द्वादशी 23 अक्टूब 2022 को है. दिपावली का महत्व (Importance Of Diwali Festival) धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि, त्रेतायुग में जब भगवान श्री राम रावण का वध करके अयोध्या लौट रहे थे. तो अयोध्यावासियों ने श्रीराम का दीप जलाकर स्वागत किया था. श्री राम के स्वागत को हर साल लोग दिपावली पर्व के रुप में मनाते हैं. इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजन का विधान है. दीपोत्सव के पूर्व लोग घरों की सफाई करते हैं.पर्व के दिन लोग द्वार पर रंगोली बनाकर और पूरे घर को दीपों से सजाकर मां लक्ष्मी के आगमन के लिए उनका अनुरोध पूर्वक पूजन करते हैं. भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजन के बाद खील और बतासे का प्रसाद बांटकर एक दूसरे को दिपोत्सव की शुभकामना देते हैं. इस दिन लोग अपने गहनों,पैसों और बहीखातों का भी पूजन करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी...