हनुमान चालीसा अर्थ सहित हिंदी में

  1. हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित
  2. हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित
  3. श्री हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित। Hanuman chalisa arth sahit meaning in Hindi 2023, Aarti hanuman ji
  4. हनुमान चालीसा अर्थ सहित
  5. श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित
  6. हनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद सहित
  7. हनुमान चालीसा पाठ हिंदी में


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हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित

यहाँ आप श्री हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित पाठ कर सकते हैं तथा Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi PDF को Download कर कभी भी हनुमान चालीसा का लाभ उठ सकते हैं। यहाँ हम आपको हनुमान चालीसा चौपाई से सम्बंधित सभी जानकारी उपलब्ध करने जा रहे हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार श्री हनुमान उन आठ व्यक्तित्यों में से एक हैं जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है। श्वेतेश्वर उपनिषद के अनुसार बल, बुद्धि और विद्या के प्रतिक राम भक्त श्री हनुमान भगवान् शिव का ही अवतार हैं जिन्हें रूद्र का एग्यारवां रूप कहा जाता है। त्र्यंबकेश्वर के पास ब्रह्मगिरि पहाड़ियों में चैत्र महीने के पूर्णिमा की रात भगवान् श्री हनुमान का जन्म हुआ था। उनकी माता का नाम अंजना होने के कारण श्री हनुमान को ‘अंजनेय’ के नाम से भी जाना जाता है। श्री हनुमान चालीसा संत तुलसीदास द्वारा रचित 40 छंदो का एक ऐसा संकलन है जिसमे श्री हनुमान के अद्भुत गुणों का वर्णन है। जिसके पाठमात्र से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है तथा सभी प्रकार के भय, रोग, कष्ट और विकारों का नाश हो जाता है। हनुमान चालीसा चौपाई का उच्चस्वर में किया गया पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है तथा निर्भयता प्रदान करने वाला होता है। इस लेख के माध्यम से आप सर्वप्रथम ध्यानपूर्वक हनुमान चालीसा चौपाई का पाठ करें तदुपरांत हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित पढ़ें और भगवान् श्री हनुमान की कृपा प्राप्त करें। Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi ।। अथ श्री हनुमान चालीसा ।। ॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार । बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार ॥ ॥ हनुमान चालीसा चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन स...

हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित

भारतवर्ष में जहां कहीं भी हनुमान जी की आराधना की जाती है, वहां हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है परंतु बहुत सारे लोगों को अभी तक हनुमान चालीसा का शाब्दिक अर्थ नहीं पता है। आज हम आपको हनुमान चालीसा का शुद्ध शाब्दिक अर्थ समझायेंगे जिसको जानने के पश्च्यात हनुमान चालीसा पढ़ने पर आप स्वयं को हनुमान जी के अति समीप महसूस करेंगे। हनुमान चालीसा सम्पूर्ण अर्थ सहित (Lyrics) Vishnu Sahasranamam Stotram Mahima ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः प्रिय भक्तों विष्णु सहस्त्रनाम भगवान श्री हरि विष्णु अर्थात भगवान नारायण के 1000 नामों की वह श्रृंखला है जिसे जपने मात्र से मानव के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की अगाध कृपा प्राप्त होती है। विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने में कोई ज्यादा नियम विधि नहीं है परंतु मन में श्रद्धा और विश्वास अटूट होना चाहिए। भगवान की पूजा करने का एक विधान है कि आपके पास पूजन की सामग्री हो या ना हो पर मन में अपने इष्ट के प्रति अगाध विश्वास और श्रद्धा अवश्य होनी चाहिए। ठीक उसी प्रकार विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय आपके हृदय में भगवान श्री विष्णु अर्थात नारायण के प्रति पूर्ण प्रेम श्रद्धा विश्वास और समर्पण भाव का होना अति आवश्यक है। जिस प्रकार की मनो स्थिति में होकर आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करेंगे उसी मनो स्तिथि में भगवान विष्णु आपकी पूजा को स्वीकार करके आपके ऊपर अपनी कृपा प्रदान करेंगे। भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों का पाठ करने की महिमा अगाध है। श्रीहरि भगवान विष्णु के 1000 नामों (Vishnu 1000 Names)के स्मरण मात्र से मनु हनुमान वडवानल स्रोत महिमा - श्री कैंची धाम | Hanuman Vadvanal Stotra Mahima - Shri Kainchi Dham श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र की रचना त्रेताय...

श्री हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित। Hanuman chalisa arth sahit meaning in Hindi 2023, Aarti hanuman ji

आज हम आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से भक्ति भंडार लेकर आए जिसमें हम आपको कलयुग के सिद्ध देवता हनुमान जी स्तुति हनुमान चालीसा लेकर आए हैं। Hanuman chalisa arth sahit meaning in Hindi हनुमान जी को कलयुग में सबसे सिद्ध देवता माना गया हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने से दुख, पीड़ा, भय दूर होते हैं। हनुमान चालीसा पढ़ने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और हमारे दुख रोग दूर करते हैं। Hanuman chalisa arth sahit , Hanuman chalisa meaning in Hindi , हनुमान चालीसा , हनुमान चालिसा पाठ, हनुमान चालीसा लिरिस्क, Hanuman chalisa Hindi mein likha hua, हनुमान चालिसा हिंदी Sri Hanuman Chalisa in english श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित Hanumaan ji photo दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। चौपाई : जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।। महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।। हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै। संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।। विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।। प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।। सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।। भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।। लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।। रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।। सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।। सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा...

हनुमान चालीसा अर्थ सहित

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जस जो दायक फल चारि । गुरु के चरणों पर लगे हुए रज से अपने मन को पवित्र कर के मैं चारों फलों को देने वाले श्रीराम जी के निर्मल यश का वर्णन करता हूं । बुद्धि हीन तनु जानिकै सुमिरौं पवनकुमार । बल बुधि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेश बिकार । मैं बुद्धि से हीन हूं । मैं आप - हनुमान जी का स्मरण करता हूं । आप मुझे बल दें , बुद्धि दें और विद्या दें । आप मेरी समस्याओं का निवारण करें । जय हनुमान ज्ञान गुण सागर । जय कपीश तिहुँ लोक उजागर ॥१। आप में अपार ज्ञान हैं । आप में अपार गुण हैं । आप वानरों में श्रेष्ठ हैं । आप तीनों लोकों में प्रसिद्ध हैं । आपकी जय हो । राम दूत अतुलित बल धामा । अंजनिपुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ आप श्रीराम जी के दूत हैं । आप का बल अतुल्य हैं । आप के दो प्रसिद्ध नाम है– अंजनीपुत्र और पवनसुत । महाबीर बिक्रम बजरंगी । कुमति निवार सुमति के संगी ॥३॥ आप महावीर हैं । आप पराक्रमी हैं । आप का शरीर वज्र के समान है । आप दुष्टों का विनाश करने वाले हैं । आप सज्जनों का साथ देने वाले हैं । कंचन बरन बिराज सुबेसा । कानन कुंडल कुंचित केसा ॥४॥ आप का शरीर का रंग सोने के समान है । आप का वेष सुंदर है । आप के कान में चमकते हुए कुण्डल हैं । आप के बाल घुंघराले हैं । हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै । काँधे मूँज जनेऊ छाजै ॥५॥ आप के हाथ में श्रीराम जी का ध्वज है । आप के कंधे पर यज्ञोपवीत है। शंकर स्वयं केसरीनंदन । तेज प्रताप महा जग बंदन ॥६॥ आप साक्षात् भगवान शंकर हैं । आप केसरी के पुत्र हैं । आप का अत्यधिक तेज है । आप संपूर्ण जगत से वंदित हैं । बिद्यावान गुणी अति चातुर । राम काज करिबे को आतुर ॥७॥ आप समस्त विद्योओं को जानते हैं । समस्त गुण आप में हैं...

श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित

Table of Contents • • • • • • • श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित | Shri Hanuman Chalisa Lyrics In Hindi Arth Sahit दोहा– श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि ! बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि !! बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार ! बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार !! अर्थ– श्रीगुरु महाराज के चरणकमलों की धूलि से मन रूपी दर्पण पवित्र कर रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है ! हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूं. आप जानते ही हैं कि मेरा शरीर, बुद्धि निर्बल है. मुझे शारीरिक बल, सद्‍बुद्धि और ज्ञान दीजिए. मेरे दुखों और दोषों का नाश कीजिए ! चौपाई– जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर !! रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा !! महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी !! कंचन वरन विराज सुवेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा !! अर्थ– श्री हनुमान जी! आपकी जय हो. आपका ज्ञान और गुण अथाह है, हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में कीर्ति है ! हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है ! हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले हैं, आप खराब बुद्धि दूर करते हैं, अच्छी बुद्धि वालों के साथी और सहायक हैं ! आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं ! हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै ! शंकर सुवन केसरीनंदन, तेज प्रताप महा जग वन्दन !! विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर ! प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया !! अर्थ– आपके हाथ में बज्र, ध्वजा और कन्धे पर मूंज के ज...

हनुमान चालीसा हिंदी अनुवाद सहित

कलयुग में हनुमान जी की आराधना शीघ्र फलदायी मानी जाती है और कहाँ जाता है की कलयुग में हनुमान जी अपने भक्त की छोटी सी साधना से भी प्रसन्न हो उठते है और उनकी इच्छा पूरी करते है | हनुमान जी को प्रतिदिन याद करने और उनके मंत्र जाप करने से मनुष्य के सभी भय दूर होते हैं। हनुमान जी की साधना में हनुमान चालीसा को बेहद प्रभावशाली माना जाता है। मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले साधक को शनि ग्रह की पीड़ा से शांति मिलती है। हनुमान चालीसा पढ़ने के साथ इसका अर्थ जानना भी बेहद जरूरी है। हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ सहित दोहा 1 : श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि | बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि || अर्थ: “शरीर गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे।” दोहा 2 : बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार | बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार || अर्थ: “हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।” जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥ अर्थ: “श्री हनुमान जी!आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।” राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥ अर्थ: “हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।” महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥ अर्थ: “हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप ख...

हनुमान चालीसा पाठ हिंदी में

अवधी भाषा में हनुमान चालीसा लिखी गई है। अवधी, जिसे औधी भी कहा जाता है, उत्तरी भारत में बोली जाने वाली इंडो-आर्यन भाषा परिवार की एक पूर्वी हिंदी भाषा है। यह मुख्य रूप से भारत के वर्तमान उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में बोली जाती है। अवध नाम प्राचीन शहर अयोध्या से जुड़ा है, जिसे हिंदू भगवान राम की मातृभूमि माना जाता है। हनुमान चालीसा अर्थसहित पढ़ने के लिए पोस्ट के आखरी हिस्से में जाए। हनुमान चालीसा का अर्थसहित पाठ हिंदी में पढ़ने के लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े। 4.1 Related हनुमान चालीसा दोहा श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार हनुमान चालीसा चौपाई जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥१॥ राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥२॥ महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥ कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा ॥४॥ हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे ॥५॥ शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन ॥६॥ विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर॥७॥ प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मनबसिया ॥८॥ सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा विकट रूप धरि लंक जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सवाँरे ॥१०॥ लाय सजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए ॥११॥ रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥ सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै ॥१३॥ सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ॥१४॥ जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते ॥१५॥ तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दी...