होलिका दहन कौन सी तारीख को है

  1. Holika Dahan 2021 Date: कब है होलिका दहन? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण विधि
  2. Holika Dahan 2021 Date & Time: कब है होलिका दहन, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा
  3. Holi 2022: कब है होली और होलिका दहन? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
  4. होली कितने तारीख को है 2022, 2023, 2024, 2025
  5. Holi Holashtak Has Already Started Know What Things You Have To Keep In Mind During This
  6. Holi 2022 : कब है होली, जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त , महत्व और पौराणिक कथा
  7. holika dahan 2022 live update date shubh muhurat holika dahan rules auspicious time pujan vidhi and samagri list sry tvi
  8. Holika Dahan 2023 Date: कब होगा होलिका दहन


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Holika Dahan 2021 Date: कब है होलिका दहन? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त एवं संपूर्ण विधि

Holika Dahan 2021 Date- हिंदू संस्कृति में होली का त्योहार, दो दिवसीय पर्व होता है. इसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है. होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को, मनाया जाता है. इस तरह से वर्ष 2021 में होलिका दहन 28 मार्च 2021 दिन रविवार को पूरे विधि-विधान अनुसार मनाया जाएगा. होलिका दहन के अगले दिन, होली का त्योहार मनाए जाने का विधान है. होलिका दहन के कुछ नियम ● होलिका दहन उसी दिन किया जाता है, जिस दिन भद्रा न हो. ● पूर्णिमा सूर्यास्त के पश्चात, तीनों मुहूर्तों में होनी चाहिए. ● भूलकर भी सूर्यास्त से पूर्व अथवा चतुर्दशी तिथि को, होलिका दहन नहीं करना चाहिए. कैसे होता है होलिका दहन होलिका दहन से कुछ दिन पहले, प्रत्येक इलाके में एक स्थान पर एक पेड़ रखा जाता है, जिसमें होली से एक दिन पूर्व आग लगा दी जाती है. आग लगाने से पूर्व श्रद्धालु उस पर लकड़ियां, घास, पुआल और गोबर के उपले रख देते हैं. फाल्गुन मास की पूर्णिमा आते-आते ये सारा ढेर सूख जाते हैं और जलने लायक हो जाते हैं. होलिका दहन के दिन इसी ढेर में आग लगा दिया जाता है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है. होलिका दहन कैसे करें होलिका पूजा के पश्चात, पुनः जल अर्पित करें. मुहूर्त के अनुसार होलिका में स्वयं अथवा परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित कराए. इस आग में किसी भी फसल को सेंक लें और अगले दिन उसे सपरिवार ग्रहण करें. मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार पर कोई बुरा साया नहीं पड़ता एवं साथ ही सदस्यों को रोगों से मुक्ति भी मिलती है. (साभार: astrosage.com) . Tags: , , ,

Holika Dahan 2021 Date & Time: कब है होलिका दहन, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पौराणिक कथा

holika dahan 2022 Holika Dahan 2021 Date&Time: होलिका दहन, हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें होली के एक दिन पहले यानी पूर्व संध्या को होलिका का सांकेतिक रूप से दहन किया जाता है. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है. होलिका दहन (Kab Hai Holika Dahan), होली त्योहार का पहला दिन, फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इसके अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है. इस साल होलिका दहन (Holika Dahan Shubh Muhurat) 28 मार्च को है. ऐसे में आइए जानते हैं इस दौरान किस मुहूर्त पर करें पूजा- Also Read: • • • होलिका दहन, जिसे होलिका दीपक और छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है. होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्यौहार के मुहूर्त से ज्यादा महवपूर्ण और आवश्यक है. यदि किसी अन्य त्यौहार की पूजा उपयुक्त समय पर न की जाये तो मात्र पूजा के लाभ से वञ्चित होना पड़ेगा परन्तु होलिका दहन की पूजा अगर अनुपयुक्त समय पर हो जाये तो यह दुर्भाग्य और पीड़ा देती है. होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan 2021 Shubh Muhurat) होलिका दहन रविवार, मार्च 28, 2021 को होलिका दहन मुहूर्त – 06:37 पी एम से 08:56 पी एम अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स भद्रा पूँछ – 10:13 ए एम से 11:16 ए एम भद्रा मुख – 11:16 ए एम से 01:00 पी एम होलिका दहन प्रदोष के दौरान उदय व्यापिनी पूर्णिमा के साथ पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 ए एम बजे पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 12:17 ए एम बजे होलिका दहन की पौराणिक कथा पुराणों के अनुसार दानवराज हिरण्यकश्यप ने जब देखा कि उसका पुत्र प्रह्लाद सिवाय विष्णु भगवान के किसी अन्य को नहीं भजता, तो वह क्रुद्ध ह...

Holi 2022: कब है होली और होलिका दहन? जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

Holi 2022: रंगों का त्योहार होली हर साल फाल्गुन माह में मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार होली मार्च में खेली जाती है. दुनियाभर में भारत की होली मशहूर है. फाल्गुन माह चल रहा है और होली भी आने वाली है. होली से एक दिन पूर्व रात्रि में होलिका दहन होता है. उसके अगले दिन होली और धुलेंडी होती है. इस साल होली (Holi) और होलिका दहन (Holi Dahan) कब है, आइए जानते हैं उसकी सही तारीख (Date) और शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat) के बारे में. होलिका दहन 2022 तारीख और शुभ मुहूर्त पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन होता है. होलिका दहन के लिए प्रदोष काल का समय चुना जाता है, जिसमें भद्रा का साया न हो. इस साल होलिका दहन 17 मार्च दिन गुरुवार को है. 17 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त रात 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक है. इस समय में भद्रा की पूंछ रहेगी. यह भी पढ़ें: ज्योतिषशास्त्र में भद्रा के मुख समय में होलिका दहन अशुभ होता है, लेकिन भद्रा पूंछ में होलिका दहन कर सकते हैं, ऐसे में 17 मार्च को रात 09 बजकर 06 मिनट से होलिका दहन हो सकता है. इस दिन भद्रा का समापन देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर होगा. यदि भद्रा के बाद होलिका दहन करना चाहते हैं, तो इसके लिए मुहूर्त देर रात 01:12 बजे से 18 मार्च को सुबह 06:28 बजे तक है. 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ होगा और इसका समापन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर होना है. यह भी पढ़ें: होली 2022 तारीख और शुभ मुहूर्त होलिका दहन के अगली सुबह होली और धुलेंडी खेली जाती है. 17 मार्च को होलिका दहन है, तो होली का त्योहार 18 मार्च को मनाया जाएगा. इस दिन लोग एक दूसरे को रंग और ...

होली कितने तारीख को है 2022, 2023, 2024, 2025

2022 में होली 18 मार्च दिन शुक्रवार को है। इससे एक दिन पूर्व 17 मार्च को होलिका दहन होगा। रंगों का त्यौहार होली (Holi) फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन धुलेंडी या धूलिवंदन में लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। वही, फाल्गुन कृष्ण अष्टमी से होलाष्टक की शुरुआत हो जाएगी। होलाष्टक आठ दिनों को होता है। होलिका दहन भद्रा के बाद ही करना शुभ है। ऐसा माना जाता है कि भद्रा में होलिका दहन नहीं किया जाता है। होलिका दहन कब है? होलिका दहन मार्च 17, 2022, बृहस्पतिवार होलिका दहन मार्च 7, 2023, मंगलवार होलिका दहन मार्च 24, 2024, रविवार होलिका दहन मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवार होलिका दहन मार्च 3, 2026, मंगलवार होलिका दहन मार्च 21, 2027, रविवार होलिका दहन मार्च 10, 2028, शुक्रवार होलिका दहन फरवरी 28, 2029, बुधवार होलिका दहन मार्च 19, 2030, मंगलवार होलिका दहन मार्च 8, 2031, शनिवार होलिका दहन मार्च 26, 2032, शुक्रवार होली कब है? होली मार्च 18, 2022, शुक्रवार होली मार्च 8, 2023, बुधवार होली मार्च 25, 2024, सोमवार होली मार्च 14, 2025, शुक्रवार होली मार्च 4, 2026, बुधवार होली मार्च 22, 2027, सोमवार होली मार्च 11, 2028, शनिवार होली मार्च 1, 2029, बृहस्पतिवार होली मार्च 20, 2030, बुधवार होली मार्च 9, 2031, रविवार होली मार्च 27, 2032, शनिवार Tags : विश्वकर्मा जयंती 2023 में 17 सितंबर दिन रविवार को है। हर साल माघ महीने में भारत (Vishwakarma Jayanti in India) के उत्तर त...

Holi Holashtak Has Already Started Know What Things You Have To Keep In Mind During This

होलाष्टक शुरू हो चुके हैं. होलिका दहन से आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है. इस बार 10 मार्च 2022 दिन गुरुवार को होलाष्टक प्रारंभ हो चुका है और होलिका दहन इस बार 17 मार्च 2022 को रहेगा. उस दिन भी गुरुवार ही है और जो रंग वाली होली खेली जाती है वह होलिका दहन के ठीक दूसरे दिन 18 मार्च 2022, दिन शुक्रवार को होगी. होली में एक नवीन उत्साह आ जाता है. बसंत ऋतु का आगमन आता है और प्रकृति निखर उठती है. होली में होलाष्टक का एक विशेष महत्व होता है. जिसके बारें में आज हम आपको विस्तार रूप से बताने जा रहे हैं. होलाष्टक 10 मार्च 2022 से शुरू हो चुके हैं. इस समय विधि विधान धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और सिर्फ मनोरंजन रह गया है. हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पहले इस बात को समझा की प्रेम कितनी बड़ी चीज है. होली प्रेम का उत्सव है. होली मिलन का उत्सव है और जब ऋतुओं का परिवर्तन होता है तो अनेकों प्रकार के संक्रामक रोग उत्पन्न होते हैं. होलिका दहन के दिन उसमें कई प्रकार की औषधियां, जड़ी बूटियां, द्रव्य इत्यादि जो होलिका में डाली जाती है उससे वातावरण शुद्ध होता है. वायु शुद्ध हो जाती है. आकाशमंडल शुद्ध हो जाता है. जिससे कई प्रकार के रोग नष्ट हो जाते हैं. अब वे सब चीजें गायब होती जा रही हैं. जहां-जहां होली होती है बहुत अच्छा है. तो चलिए जानते है होलाष्टक के दौरान क्या नहीं करना चाहिए. • शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए. • विवाह, शादी और मांगलिक कार्यो को नहीं करना चाहिए. • नए भवन के नींव का पत्थर नहीं रखना चाहिए. • कुछ लोग तो इस दौरान घर में पूजा पाठ भी बंद कर देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. रोजमर्रा घर में उपयोग होने वाली वस्तुओं में पाबंदी लगाना गलत है बल्कि इस दौरान भगवान को अधिक स्मरण कर...

Holi 2022 : कब है होली, जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त , महत्व और पौराणिक कथा

होलिका दहन 2022 शुभ मुहूर्त और तिथि ( Holi 2022 Date And Holika Dahan Shubh Muhurat) होलिका दहन तिथि – 17 मार्च 2022 होलिका दहन शुभ मुहूर्त- 17 मार्च को रात 9 बजकर 20 मिनट से रात 10 बजकर 31 मिनट तक होलिका दहन की अवधि- करीब एक घंटा और 10 मिनट होली – 18 मार्च 2022 होलिका दहन विधि (Holika Dahan Vidhi) होलिका दहन का तैयारी कई दिनों पहले से होने लगती हैं। होलिका दहन वाले स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने वाली चीजों को एकत्रित किया जाता है। इसके बाद होलिका दहन के शुभ मुहूर्त पर विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगाई जाती है। फिर होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री को होलिका में डाला जाता है। होलिका दहन कितने बजे हैं 2022 में। 2022 में होलिका दहन 17 मार्च दिन गुरुवार को है होलिका दहन 2022 का शुभ मुहूर्त रात 9:20 55 सेकंड से शुरू होकर 10:31 9 सेकंड तक होलिका दहन किस समय रहेगी। होलिका दहन फागुन महीना की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होलिका दहन कौन सी दिशा में है? होलिका दहन लो पर कई मनाता है। होलिका दहन करते समय लो पूर्व दिशा की ओर उठे तो रोजगार और स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है और होलिका दहन पश्चिम दिशा में उठे तो आर्थिक स्थिति में सुधार आ सकता है और अच्छा रहता है उत्तर की ओर जाए तो सुख शांति बनी रहती है और कोई चीज का टेंशन उतना नहीं रहता है वहीं दक्षिण की ओर जाए तो अच्छा नहीं माना जाता है हानि ही करता है। होली पर निबंध। होली एक ऐसा रंग रंग बिरंग पर्व है जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मौज मस्ती के साथ मनाए जाते हैं प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर तरफ समुदाय जाति के बंधन खोलकर भाईचारे का संदेश देता है और इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर गले लगते ...

holika dahan 2022 live update date shubh muhurat holika dahan rules auspicious time pujan vidhi and samagri list sry tvi

बरगद, शमी, आंवला, बेल, नीम, पीपल, आम और केला के पेड़ की लकड़ियों का प्रयोग होलिका दहन के दौरान नहीं करना चाहिए. हिंदू धर्म में इन पेड़ों को काफी पवित्र और पूज्यनीय माना गया है. इनकी पूजा की जाती है और इनकी लकड़ियों का प्रयोग यज्ञ, अनुष्ठान जैसे अत्यंत शुभ कार्यों के लिए किया जाता है. होलिका दहन को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस कार्य में इन पूज्यनीय पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वंदितासि सुरेन्द्रेण ब्रह्मणा शंकरेण च. अतस्त्वं पाहि मां देवी! भूति भूतिप्रदा भव.. साथ ही होली की भस्म के लिए एक मान्यता ये भी है कि इसे घर में लाने से घर से नकारात्मक और अशुभ शक्तियों का प्रभाव खत्म होता है. इसलिए लोग इसे घर में लाकर रखते हैं .. वहीं कुछ लोग इसे ताबीज में भरकर घारण करते हैं, ताकि नकारात्मक शक्तियों और तंत्र-मंत्र के प्रभाव से बच सकें. हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल में कोई भी शुभ काम न करने की सलाह दी गई है. भद्राकाल देर रात 12:57 बजे तक रहेगा. ऐसे में देखा जाए तो होलिका दहन का शुभ समय तो 12:57 बजे के बाद ही है. यानी12:58 बजे से 02:12 बजे तक होलिका दहन किया जा सकता है. इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी. लेकिन कुछ ज्योतिष विद्वानों का मत है कि होलिका दहन रात 09:06 बजे से लेकर 10:16 बजे के बीच भी किया जा सकता है क्योंकि इस समय भद्रा की पूंछ रहेगी. हालांकि भद्रा की पूंछ में होलिका दहन किया जा सकता है. 1- मान्यता है कि होली की भस्म शुभ होती है और इसमें देवताओं की कृपा होती है. इस भस्म को माथे पर लगाने से भाग्य अच्छा होता है और बुद्धि बढ़ती है. 2 -एक मान्यता यह भी है कि भस्म में शरीर के अंदर स्थित दूषित द्रव्य सोख लेने की क्षमता होती है, इस कार...

Holika Dahan 2023 Date: कब होगा होलिका दहन

हर साल फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) को होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है, इसके बाद ही अगले दिन प्रतिपदा तिथि को रंगों की होली खेली जाती है. होलिका दहन के लिए प्रदोष काल का समय अच्‍छा माना जाता है. इस साल पूर्णिमा तिथि 6 मार्च से शुरू होगी और 7 मार्च को खत्‍म होगी. दोनों ही दिन पूर्णिमा तिथि प्रदोष काल (Pradosh Kaal) को स्‍पर्श करेगी. ऐसे में तमाम लोगों में इस बात को लेकर कन्‍फ्यूजन बना हुआ है कि आखिर होलिका दहन किस दिन करना चाहिए. यहां जानिए ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का इस मामले में क्‍या कहना है और कौन सी तिथि शास्‍त्र सम्‍मत है. जानें होलिका दहन का शुभ समय ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 7 मार्च 2023 मंगलवार 06:09 मिनट तक रहेगी. लेकिन होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन के लिए शुभ समय 7 मार्च 2023 को शाम 6:24 मिनट से रात 8:51 मिनट (Holika Dahan Shubh Muhurat) तक है. इसके बाद 8 मार्च को रंगों की होली (Holi of Colours) खेली जाएगी. स्मृतिसार नामक शास्त्र के मुताबिक जिस वर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि दो दिन के प्रदोष को स्पर्श करे, तब दूसरी पूर्णिमा यानी अगले दिन में होली जलाना चाहिए. इस बार भी पूर्णिमा तिथि 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन प्रदोष काल को स्‍पर्श कर रही है, ऐसे में 7 मार्च को होलिका दहन करना शुभ होगा. 6 मार्च को इसलिए नहीं जलेगी होली 6 मार्च को होलिका दहन न होने का एक और कारण ये है कि इस दिन पूर्णिमा तिथि पर भद्रा (Bhadra on Purnima) का साया रहेगा. 6 मार्च सोमवार में शाम 4:18 मिनट से भद्रा शुरू हो जाएगी और 7 फरवरी 2023 को सुबह 05:15 बजे तक रहेगी. भद्रा ...