हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है

  1. हरिद्वार से केदारनाथ
  2. मोरबी से केदारनाथ की दूरी और यात्रा
  3. केदारनाथ धाम: 6 मई को खुलेंगे कपाट, दिल्ली से 452 किलोमीटर दूर है यह प्रसिद्ध मंदिर, शंकराचार्य ने कराया था निर्माण
  4. केदारनाथ यात्रा की A टू Z संपूर्ण जानकारी, Kedarnath Travel Guide In Hindi
  5. जानिए प्रमुख शहरों से केदारनाथ कितने किलोमीटर है?
  6. how to plan Kedarnath Dham


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Kedarnath

Kedarnath-Badrinath Trip: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले (Rudraprayag district of Uttarakhand) में हिन्दू मान्यता का प्रतीक केदारनाथ धाम है। केदारनाथ धाम की यात्रा करने के लिए भक्त साल भर इंतजार करते हैं। बादलों से घिरे पहाड़, निरंतर चढ़ाई के साथ आगे बढ़ते जाने का जूनून, ना खत्म होने वाले रास्ते, नदियां, संस्कृति, धर्म, इन सभी चीजों का मजा आपको इस यात्रा में मिल सकता है। केदारनाथ और बद्रीनाथ जाने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। जिसके लिए उतराखंड सरकार ने आसान तरीके से रजिस्ट्रेशन की सुविधा फ्री में मुहैया करा दी है। रजिस्ट्रेशन के बिना प्लान बनाना समझदारी वाला कदम नहीं कहा जा सकता है। लिहाजा वहां पहुंचने से पहले रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें। केदारनाथ की यात्रा के लिए सबसे पहले आपको हरिद्वार जाना होगा। इसके बाद आप ऋषिकेश जाएं। फिर ऋषिकेश से रूद्रप्रयाग या सोनप्रयाग की बस मिल जाएगी। ऋषिकेश से सोनप्रयाग तक बस से जाने पर करीब 500 रूपये खर्च हो जाएंगे। यह दूरी करीब 8 घंटे की है। इस रास्ते पर बड़े-बड़े पहाड़, खूहसूरत नदियां और लजीज गढ़वाली खाने का स्वाद भी चखा जा सकता है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड जाना होगा। इसकी दूरी 5 किमी है और एक व्यक्ति का किराया करीब 50 रुपये है। इसके बाद उस जगह पहुंच जाएंगे। जहां से बाबा केदार के मंदिर तक पहुंचने की 18 किलोमीटर की यात्रा शुरू की जाती है। गौरीकुंड के बाद जैसे-जैसे ऊपर चढ़ते जाएंगे। मंहगाई सरकारी आंकड़ों से भी अधिक बढ़ती जाएगी। पानी की बोतल मिलेगी 50-60 रूपये में और मैगी मिलेगी 60 रूपये में। दाल चावल की प्लेट 150 रूपये में और 4 रोटी और दाल 120 रुपये में मिलेगा। सामान्य तौर पर गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंचने के रास्ते में जंगलपट्टी, भीमबली,...

हरिद्वार से केदारनाथ

3 वर्ष पहले की बात है जब हमारे आफ़िस के सहकर्मी पहाड़ो पर घूमने जाने का प्रोग्राम बना रहे थे. इस तरह के टूर प्रोग्राम के लिए हमे कंपनी के डाइरेक्टर से छुट्टी लेनी थी. आमतौर पर हमे 3 दिन की छुट्टी मिलती थी. पर इस बार स्टाफ के कुछ लोगो ने डाइरेक्टर से 5 दिन की छुट्टी मनाली जाने के लिए ले ली. जब मुझे पता लगा तो मैने कहा अब जब 5 दिन की छुट्टी मिल गयी है तो मनाली से तो अच्छा है बद्रीनाथ धाम चलो. हमलोग 5 दिन मे बहुत आराम से बद्रीनाथ धाम हो कर आ सकते हैं. मनाली तो फिर कभी हो आएँगे ,पर उनके सर पर तो मनाली जाने का भूत सवार था. कुछ तो मेरी बात से सहमत भी हो गये पर अधिकतर मनाली जाने के मूड मे थे. बद्रीनाथ धाम के बारे मे मैने जो पढ़ा था वह ऑफीस स्टाफ के साथ मेल भेज कर शेयर भी किया . “It has been said that “there were many sacred spots of pilgrimage in the heaven, earth and The other world but neither is there any equal to Badrinath nor shall there be one.” With its great scenic beauty and attractive recreational spots in the vicinity, Badrinath attracts an ever-increasing number of secular visitors each year. पर आज कल के बहुत कम युवाओ मे धार्मिक भावनाए देखने को मिलती हैं.ज्यादातर मौज मस्ती के लिए हिल स्टेशन पर ही जाना पसंद करते है. एक तो बोला , मेरी माँ कहती हैं कि इन जगहों पर बूढ़े होने पर जाना चाहिए . कैसे – कैसे लोग और कैसी इनकी समझ. सुन कर इन कम बुद्धि वालों पर गुस्सा आता है .जबकि मै समझता हूँ कि युवावस्था मे ही इन स्थानो पर जाना चाहिए तभी यात्रा का असली आनंद लिया जा सकता है. बात आई गयी हो गयी पर मन मे यह बात बैठ गयी इस बार ना सही तो अगली बार बद्रीनाथ जाएँगे अवश्य अगले वर्ष फिर प्...

मोरबी से केदारनाथ की दूरी और यात्रा

मोरबी से केदारनाथ की दूरी कभी कामना की कि आप जीवन में एक बार आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर सकें? यह एक अनूठा तीर्थ है जिसने कई वर्षों से यात्रियों को आकर्षित किया है। हालांकि, आप वहां कैसे पहुंचे? मोरबी से केदारनाथ की यात्रा भारत में सबसे प्रसिद्ध है। विश्लेषण से पता चलता है कि मोरबी से केदारनाथ मंदिर के लिए हर साल 4600 आरक्षण किए जाते हैं। यह ब्लॉग पोस्ट आपको दिशा-निर्देश, दूरी के तथ्य, परिवहन के अनुशंसित तरीके और कोई अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के बारे में संक्षेप में 3,583 मीटर (11,755 फीट) की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ लगभग 1200 वर्षों के इतिहास वाला एक हिंदू मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। क्षेत्र के देवता का नाम संस्कृत शब्द “ केदार” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “ क्षेत्र” और “ नाथ”, जिसका अर्थ है “ भगवान”। 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊंचा और देवधामयात्रा के स्थलों में से एक केदारनाथ (चारधाम यात्रा) है। मंदिर मांडक के पास गढ़वाल क्षेत्र में हिमालय श्रृंखला में स्थित है मोरबी ( गुजरात) के बारे में गुजरात, भारत के मोरबी जिले में मोरबी शहर शामिल है, जिसे अक्सर मोरवी के नाम से जाना जाता है। काठियावाड़ के प्रायद्वीप पर स्थित है। 2011 में, शहर की जनसंख्या 194,947 होने का अनुमान लगाया गया था। राजकोट से 60 किलोमीटर और समुद्र से 35 किलोमीटर की दूरी पर, शहर मच्छू नदी पर स्थित है। हर साल 5,000 से अधिक लोग मोरबी से केदारनाथ की यात्रा करते हैं। मोरबी से केदारनाथ की दूरी, यात्रा • सड़क मार्ग से मोरबी से केदारनाथ की दूरी लगभग 1585 किलोमीटर है। • उड़ान हेलीकाप्टर सेवा के माध्यम से मोरबी से केदारनाथ की दूरी लगभग 1201 किलोमीटर है। • ट्रेन से मोरबी स...

केदारनाथ धाम: 6 मई को खुलेंगे कपाट, दिल्ली से 452 किलोमीटर दूर है यह प्रसिद्ध मंदिर, शंकराचार्य ने कराया था निर्माण

• • Travel • केदारनाथ धाम: 6 मई को खुलेंगे कपाट, दिल्ली से 452 किलोमीटर दूर है यह प्रसिद्ध मंदिर, शंकराचार्य ने कराया था निर्माण केदारनाथ धाम: 6 मई को खुलेंगे कपाट, दिल्ली से 452 किलोमीटर दूर है यह प्रसिद्ध मंदिर, शंकराचार्य ने कराया था निर्माण भगवान शिव के बेहद प्रसिद्ध मंदिर केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई की सुबह 6.25 बजे खुलेंगे. मंदिर के कपाट खोलने की तिथि शिवरात्रि के दिन घोषित की गई. Kedarnath Dham Uttarakhand: भगवान शिव के बेहद प्रसिद्ध और हिंदुओं के आस्था का प्रतीक मंदिर केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई की सुबह 6.25 बजे खुलेंगे. मंदिर के कपाट खोलने की तिथि शिवरात्रि के दिन घोषित की गई. शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में रावल भीमाशंकर की मौजूदगी में पंचांग गणना से की गई. ओंकारेश्वर मंदिर में शिवरात्रि पर सुबह 7 बजे ही विशेष पूजा-अर्चना हो गई है. धार्मिक यात्रा पर जाने वाले पर्यटक अब मई में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जा सकेंगे. Also Read: • • • केदारनाथ मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है और हर साल लाखों श्रद्धालु कपाट खुलने के बाद भगवान शिव के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं. यह मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल स्थित केदार नामक चोटी पर बना हुआ है. केदारनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विशेष शिव का धाम माना जाता है. इस पूरे क्षेत्र को केदारनाथ धाम के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की अपनी धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं हैं. मंदिर नर और नारायण पर्वत के बीच में बसा हुआ है. केदारनाथ मंदिर केदारनाथ मंदिर के संबंध में पौराणिक कथाएं पौराणिक कथा के मुताबिक हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवा...

केदारनाथ यात्रा की A टू Z संपूर्ण जानकारी, Kedarnath Travel Guide In Hindi

केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Yatra In Hindi) एक ऐसा स्थल है जो ना केवल अपनी धार्मिक आस्था के कारण श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय हैं जबकि अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण सैलानियों व ट्रेकर्स के बीच भी उतना ही प्रसिद्ध (Kedarnath Mandir Ki Yatra) है। वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई प्राकृतिक आपका के बाद इसकी प्रसिद्धि देश-विदेश में बहुत तेज गति से बढ़ी है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु व सैलानी केदारनाथ धाम की यात्रा पर आते हैं और भगवान शिव के बैल रुपी अवतार के पीठ भाग का दर्शन करते (Kedarnath Kaise Jaaye) हैं। यदि आप भी केदारनाथ की यात्रा पर जाने का सोच रहे हैं और इसके बारे में संपूर्ण जानकारी चाहते हैं तो इस लेख के माध्यम से हम आपको केदारनाथ मंदिर की यात्रा की संपूर्ण जानकारी देंगे। केदारनाथ मंदिर की यात्रा (Kedarnath Travel Guide In Hindi) सबसे पहले हम आपको भारत के किसी भी शहर से केदारनाथ तक पहुँचने का संपूर्ण मार्ग बता देते हैं। फिर एक-एक करके आपको बताएँगे कि आप अपनी यात्रा कैसे करे। #1. केदारनाथ के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून पहुंचना सर्वप्रथम हवाई, रेल या सड़क मार्ग के द्वारा भारत के किसी भी शहर से उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून पहुँच जाये। दिल्ली से केदारनाथ की दूरी (Delhi Se Kedarnath Kilometre) लगभग 452 किलोमीटर के आसपास है। #2. हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से सोनप्रयाग की दूरी फिर इन तीनों मुख्य शहरों से सोनप्रयाग के लिए स्थानीय बस, टैक्सी, कार इत्यादि ले। इन तीनों शहरों से सोनप्रयाग की दूरी 200 से 250 किलोमीटर के बीच है। आप चाहे तो यहाँ से गुप्तकाशी की बस लेकर वहां से भी सोनप्रयाग पहुँच सकते हैं। #3. सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी सोनप्रयाग से मंदाक...

जानिए प्रमुख शहरों से केदारनाथ कितने किलोमीटर है?

हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है: केदारनाथ की अपनी यात्रा पर हमें उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में रुकना चाहिए। हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है एक सामान्य प्रश्न है। क्योंकि हरिद्वार से केदारनाथ की यात्रा करना कुछ आसान हो जाता है। हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है? आइए पहले केदारनाथ मंदिर के बारे में थोड़ा जान लेते हैं। सबसे पवित्र हिंदू स्थलों में से एक केदारनाथ मंदिर है, जो उत्तराखंड में स्थित है और उत्तराखंड के चार धामों में से एक है। भगवान शिव केदारनाथ मंदिर के विषय हैं। भारत और अन्य देशों दोनों से हजारों श्रद्धालु यहां एक वर्ष यात्रा करते हैं। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में हिमालय पर्वतमाला के बीच समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकनी नदी के तट पर स्थित है। अधिकांश यात्री केदारनाथ के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश से प्रस्थान करते हैं। कृपया हरिद्वार और केदारनाथ के बीच किलोमीटर में दूरी के साथ-साथ कोई प्रासंगिक विवरण भी शामिल करें। हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है? केदारनाथ से लगभग 241 किलोमीटर अलग हरिद्वार। हरिद्वार से गौरीकुंड पहुंचने के बाद, केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आपको 16 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होगी। हरिद्वार से गौरीकुंड तक आपको बस से पहुंचने में लगभग 7 से 8 घंटे का समय लगता है। केदारनाथ मंदिर जाने के लिए आपको पैदल चलना होगा क्योंकि वहां कोई विश्वसनीय सड़क सुविधा नहीं है। इसके अलावा, यह स्थान उन बुजुर्गों के लिए घोड़ों और खच्चरों का उपयोग करता है जो चलने में असमर्थ हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ की दूरी कितनी है? गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच 16 किलोमीटर की दूरी है, जहां पैदल जाया जा सकता है। 2013 की बाढ़ आपदा के बाद से, यह दूरी केवल 14 कि...

how to plan Kedarnath Dham

ऋषिकेश। देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख ज्योतिर्लिंग एवं मिनी चार धाम में प्रमुख धाम केदारनाथ की यात्रा दीपावली तक जारी है। चार धाम यात्रा का ऑफ सीजन होने के कारण सितम्बर महीने में यहां की यात्रा करना सबसे ज्यादा सुटेबल माना जा सकता है। तो देर किस बात की है, बनाइए यात्रा का प्लान, हम आपको केदारनाथ यात्रा का रूट बता रहे हैं- पहले पहुंचिए हरिद्वार हरिद्वार को चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार कहा जाता है। आप हरिद्वार या फिर सीधे ही ऋषिकेश भी पहुंच सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सामने सौ कदम चलने पर चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन काउंटर स्थित है, जहां अपना आधार कार्ड दिखाकर फ्री बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन करा लीजिए। आप चाहें तो ऋषिकेश में बस स्टैंड पर स्थित रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी पंजीयन करा सकते हैं, लेकिन वहां भीड़ रहती है। हरिद्वार में बिल्कुल आसानी से रजिस्ट्रेशन हो जाता है। आते या जाते समय आप हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा स्नान व गंगा आरती का आनन्द भी उठा सकते हैं। बस बुकिंग ऋषिकेश में हरिद्वार से आपको ऋषिकेश आना होगा। यहां सामान्य बस स्टैंड के पास ही चार धाम यात्रा का बस स्टैंड स्थित है, जहां से आप अगले दिन सुबह की टिकट बुक करा सकते हैं। केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग का टिकट बुक कीजिए। प्रति यात्री ऋषिकेश से सोनप्रयाग का बस किराया 300 रुपए है। यहां ठहर सकते हैं चार धाम यात्रा बस स्टैंड पर ही उत्तराखंड पर्यटन विभाग का अतिथि गृह बना हुआ है। यहां आपको 600-800 रुपए में अच्छा कमरा मिल जाएगा। कमरे में कुछ देर विश्राम के बाद आप ऋषिकेश घूमने निकल सकते हैं। राम झूला, लक्ष्मण झूला, त्रिवेणी घाट पर गंगा स्नान और शाम को गंगा आरती आदि का आनंद उठाइए और रात में कमरे में आकर सो जाइए। ...