हरिषेण किसके दरबारी कवि थे

  1. Rahim Das Ka Jivan Parichay
  2. गुप्त साम्राज्य
  3. कवि बिहारी किसके दरबारी कवि थे
  4. [Solved] हरिषेण, _____ के दरबार में कवि और मंत्री थे।
  5. बाणभट्ट किसके दरबारी कवि थे?
  6. AP Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 2 रहीम के दोहे – AP Board Solutions


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Rahim Das Ka Jivan Parichay

सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है Rahim Das Ka Jivan Parichay – खानजादा मिर्जा खान अब्दुल रहीम, जिन्हें केवल रहीम के नाम से जाना जाता है, की उपाधि खान-ए-खानन है। रहीम मुगल सम्राट अकबर के शासन के दौरान उनके दरबारी कवि थे। अकबर रहीम के गुरु भी थे। रहीम अकबर के दरबार में नौ महत्वपूर्ण मंत्रियों (दीवान) में से एक थे, जिन्हें नवरत्नों के नाम से भी जाना जाता है। रहीम का जीवन परिचय कुछ लोग बैरम खां से ईर्ष्या करते थे। वो लोग अक्सर बैरम खां के विरुद्ध अकबर के कान भरते रहते थे। इसी के चलते अकबर ने बैरम खां को परिवार सहित हज पर जाने का आदेश दिया। हज पर जाते समय गुजरात में उन पर अफगानों ने आक्रमण कर दिया और उनकी हत्या कर दी। उस समय रहीम की उम्र मात्र 4 साल थी। रहीम और बैरम खां की पत्नियों को उनके वफादार सही सलामत दिल्ली ले आये। उसके बाद रहीम की देख-रेख अकबर के सामने ही हुयी। पालन-पोषण रहीम और उनकी माँ के दरबार में लाये जाने के बाद अकबर ने उनकी माँ से विवाह कर लिया और इस तरह वह उनके सौतेले पिता भी बन गए। अकबर ने रहीम को उस समय की सर्वोच्च उपाधि ‘मीरअर्ज’ या ‘ मिर्ज़ा खां ’ दी थी। अकबर ने उनकी शिक्षा का ऐसा बढ़िया प्रबंध किया था कि वे अरबी, फारसी, तुर्की, संस्कृत और हिंदी में दक्षता प्राप्त कर ली। इतना ही नहीं बिना किसी सहायता के वे 11 वर्ष की आयु में काव्य रचना भी करने लगे थे। जिसे देख अकबर बहुत अचंभित हुए। • • इतिहास बताता है की जब अकबर के पुत्र सलीम को शेर अहमद, मीर कलाँ और दरबारी विद्वान अबुलफजलआदि शिक्षा देने में असफल रहे तब अकबर ने यह जिम्मेदारी रहीम को सौंपी। रहीम ने यह कार्य भी सफलतापूर...

गुप्त साम्राज्य

गुप्त साम्राज्य Q1. गुप्त साम्राज्य का संस्थापक कौन था ? Ans - श्रीगुप्त Q 2 गुप्त साम्राज्य के वास्तविक संस्थापक किसे कहा जाता है ? Ans - चन्द्रगुप्त प्रथम Q 3 महाधिराज की उपाधि किस गुप्त शासक ने धारण थी ? Ans- चन्द्रगुप्त प्रथम Q 4 गुप्त वंश के प्रथम प्रसिद्द शासक थे ? Ans-चन्द्रगुप्त प्रथम Q 5 गुप्त काल में पहली बार किस शासक ने चांदी (रजत) मुद्राओं को प्रचलन में लाया ? Ans -चन्द्रगुप्त प्रथम Q 6 गुप्त संवत किसने चलाया ? Ans -चन्द्रगुप्त प्रथम Q 7 चन्द्रगुप्त के उत्तराधिकारी कौन थे? Ans -समुद्रगुप्त Q 8 हरिषेण किसके दरबारी कवी थे ? Ans -समुद्रगुप्त Q 9 भारत का नेपोलियन जाता है ? Ans -समुद्रगुप्त Q 10 नालंदा विश्व विद्यालय की स्थापना किसने की ? Ans -कुमारगुप्त Q 11 चीनी यात्री फाह्यान किसके शासन काल में भारत आया था ? Ans -चन्द्रगुप्त द्वितीय Q 12 प्रयाग प्रसस्ति के लेखक कौन थे ? Ans -हरिषेण Q 13 समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन किसने कहा था ? Ans -व्ही ए स्मिथ Q 14 चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल में कला ,साहित्य ,विद्या का महँन केंद्र कौन था ? Ans -उज्जैन Q 15 मंदिर निर्माण कला का जन्म कब और किस युग में हुआ ? Ans -गुप्त Q 16 गुप्तकाल की राजदरबारी भाषा कौन सी थी ? Ans -संस्कृत Q 17 किस शासक ने हूणों के आक्रमण को रोका था ? Ans -स्कन्द गुप्त Q 18 किस गुप्त कालीन शासक को कविराज कहा गया है ? Ans - समुद्रगुप्त Q 19 स्कन्द गुप्त को किस लेख से 'शक्रोपम' कहा गया है ? Ans- कहौंम स्तम्भ लेख Q 20 भारत के किस रचना सर्वप्रथम यूरोपीय भाषा मेअनुवाद किया गया ? Ans- अभिज्ञानशाकुंतलम Q 21 बल विवाह की प्रथा कब प्रारम्भ हुआ ? Ans- गुप्तकाल में Q 22 सती प्रथा का उल्लेख कहाँ से मिलता है ? Ans-ए...

कवि बिहारी किसके दरबारी कवि थे

जयपुर-नरेश सवाई राजा जयसिंह अपनी नयी रानी के प्रेम में इतने डूबे रहते थे कि वे महल से बाहर भी नहीं निकलते थे और राज-काज की ओर कोई ध्यान नहीं देते थे। मंत्री आदि लोग इससे बड़े चिंतित थे, किंतु राजा से कुछ कहने को शक्ति किसी में न थी। बिहारी ने यह कार्य अपने ऊपर लिया। उन्होंने निम्नलिखित दोहा किसी प्रकार राजा के पास पहुंचाया – नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास यहि काल। अली कली ही सौं बंध्यो, आगे कौन हवाल॥ इस दोहे ने राजा पर मंत्र जैसा कार्य किया। वे रानी के प्रेम-पाश से मुक्त होकर पुनः अपना राज-काज संभालने लगे। वे बिहारी की काव्य कुशलता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने बिहारी से और भी दोहे रचने के लिए कहा और प्रति दोहे पर एक स्वर्ण मुद्रा देने का वचन दिया। बिहारी जयपुर नरेश के दरबार में रहकर काव्य-रचना करने लगे, वहां उन्हें पर्याप्त धन और यश मिला।

[Solved] हरिषेण, _____ के दरबार में कवि और मंत्री थे।

सही उत्तर समुद्रगुप्त है। Key Points • हरिषेण गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त के दरबारी कवि थे। • इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख, जिसे प्रयाग प्रशस्ति के नाम से भी जाना जाता है, में हरिषेण द्वारा रचित 33 पंक्तियों का उल्लेखहैं। • प्रयाग प्रशस्ति गुप्त वंश के राजनीतिक इतिहास के बारे में जानने के लिए महत्वपूर्ण अभिलेखीय स्रोतों में से एक है। • समुद्रगुप्त कई कवियों और विद्वानों का संरक्षक था, जिनमें से एक हरिषेण थे। • समुद्रगुप्त चंद्रगुप्त प्रथम का पुत्र और उत्तराधिकारी था और गुप्त वंश का सबसे महानशासक था। • उसने कुषाणों और अन्य छोटे राज्यों पर विजय प्राप्त की और गुप्त साम्राज्य का बहुत विस्तार किया। • वी ए स्मिथ ने उन्हें भारत का नेपोलियन कहा था। • उसने उत्तर भारत के राजाओं को हराने के बाद प्रदेशों पर कब्जा कर लिया लेकिन दक्षिण भारत पर कब्जा नहीं किया। • जावा, सुमात्रा और मलाया द्वीप पर उनका अधिकार साबित करता है कि उन्होंने एक मजबूत नौसेना बनाए रखी। • कहा जाता है कि उन्होंने कई कविताओं की रचना की थी। • उनके कुछ सिक्के पर उन्हें वीणा बजाते हुए प्रस्तुत किया गयाहै। • उन्होंने अश्वमेध यज्ञ भी किया। • चीनी सूत्रों के अनुसार श्रीलंका के शासक मेघवर्मा ने उनके पास गया में बौद्ध मंदिर बनाने की अनुमति लेने के लिए एक मिशनरी को भेजा था। • इलाहाबाद स्तंभ शिलालेख में धर्म प्रचार बंधु की उपाधि का उल्लेख है अर्थात वे ब्राह्मण धर्म के रक्षक थे। Additional Information • बाणभट्ट राजा हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे। • चं दबरदाई पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवि थे। • भवभूति कन्नौज के राजा यशोवर्मन के दरबारी कवि थे। DSSSB JE vacancies withdrawn (Civil) in Delhi Jal Board (post code - 801/22; sl no. 5) for advt no. ...

बाणभट्ट किसके दरबारी कवि थे?

संस्कृत भाषा के गद्य शैली के लेखक के रूप में बाण की महती ख्याति थी और आज भी है। इन्होंने दो ग्रंथों की रचना की थी, जिसका नाम है — 'हर्षचरित' और 'कादंबरी'। 'हर्षचरित' एक ऐतिहासिक रचना है जिसमें बाण ने अपने सम्राट हर्ष के आरंभिक जीवन का चाटुकारितापूर्ण चित्रण किया है। बाणभट्ट सम्राट हर्ष के राजदरबारी कवि थे। चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में 9 कवियां एवं विद्यानों की एक मंडली निवास करती थी, जिसमें कालिदास आदि प्रमुख थे। अशोक के शासन काल में उसके राज्य में कुछ बौद्ध विद्यान रहते थे, जिसमें मोग्गलिपुत्ततिस्स आदि थे। कनिष्क के राज्य में कुछ विद्यान जैसे — पार्श्व, वसुमित्र, अश्वघोष, नागार्जुन, चरक आदि रहते थे। Tags :

AP Inter 1st Year Hindi Study Material Poem 2 रहीम के दोहे – AP Board Solutions

Andhra Pradesh BIEAP AP Inter 1st Year Hindi Study Material 2nd Poem रहीम के दोहे भावार्थ प्रश्न 1. रहिमन धागा प्रेम का, मत तोडो झटकाय । (Imp.) टूटे से फिर ना जुरे, जेरे गाँठ पड जाय ॥ उत्तर: प्रसंग :- यह दोहा रहीम के द्वारा लिखी गयी दोहावली से लिया गया है । वे भक्तिकाल से सम्बन्धित कृष्ण भक्त कवि थे । सन्दर्भ :- इसमें कवि प्रेम की महानता के बारे में कह रहे हैं । व्याख्या :- रहीम का कहना है कि प्रेम रूपी कच्चे धागे को खींचकर मत तोडो । क्यों कि उसको फिर ठीक करना आसान नहीं है । यदि टे धागे को बाँधा भी जाय, फिर भी उसमे जोडने के गाँठ दिखाई पड़ते हैं । उसी प्रकार यदि प्रेम की भावना नही होती तो मानव सम्बन्ध भी ठीक से नही चलते । विशेषताए :- • सब के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करने का सन्देश कवि देते हैं। • उनकी भाषा व्रज भाषा है। प्रश्न 2. जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग। (Imp.) चंदन विष व्यापत नहीं, लपटे रहत भुजंग ।। उत्तर: प्रसंग :- यह दोहा रहीम के द्वारा लिखी गयी दोहावली से लिया गया है । वे भक्तिकाल से सम्बन्धित कृष्ण भक्त कवि थे । संदर्भ :- कवि इसमें सज्जन लोगों के लक्षणों के बारे मे कह रहे है। व्याख्या :- रहीम कहते हैं कि अच्छे स्वभाव वाले लोग बुरे लोगों के साथ मित्रता करने पर भी उनके स्वभाव मे कोई परिवर्तन नहीं होता । जैसे चंदन वृक्ष साँपों से लिपटे रहते पर भी विष व्याप्त नही करती । अपना सहज सुगन्ध को ही फैलाती है । उसी प्रकार अच्छे गुण वाले लोग बुरे लोगों से मित्रता करने पर भी अपनी सज्जनता को छोड नहीं सकते । विशेषताएँ :- • सज्जन लोगों की महानता के बारे में कवि कह रहे हैं । • उनकी भाषा व्रज भाषा हैं। प्रश्न 3. तरूवर फल नहीं खात है, सरवर पियहि न पान । (Imp.) कहि रहीम परका...