हरित क्रांति किसे कहते हैं

  1. हरित क्रांति के जनक कौन है?
  2. हरित क्रांति किसे कहते हैं? » Harit Kranti Kise Kehte Hain
  3. हरित क्रांति किसे कहते हैं, what is Green revolution?
  4. ऑनलाइन भरा तो फायदे में रहेंगे, अवेलेबल हैं ITR
  5. हरित क्रांति किसे कहते हैं, पीत क्रांति, श्वेत क्रांति, नील क्रांति, गुलाबी क्रांति
  6. हरित क्रांति क्या है
  7. Harit Kranti Kise Kahate Hain Origin and Characteristics


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हरित क्रांति के जनक कौन है?

यदिआप हरितक्रांतिकेजनककौनहै (Father of Green Revolution in Hindi) यानी हरितक्रांतिकेपिताकिसेकहाजाताहैकेबारेमेंजाननाचाहतेहैंतोइसलेखकोपूराजरूरपढ़े. भारतमेंदो–तिहाईआबादीकृषि (Agriculture) परनिर्भरकरतीहै. इसलिएकृषिविशेषज्ञोंकामाननाहैकिकृषिकाहालतमेंसुधारकेबिनादेशकीहालतमेंसुधारनहींहोसकता. हरितक्रांतिनेहमारेदेशकीकृषिमेंआमूलचूलपरिवर्तनकिए, जिससेदेशकेउत्पादनमेंकईगुनाकीवृद्धिहुई. हरितक्रांतिकेबादहीभारतअनाजकेमामलेमेंआत्मनिर्भरबनपाया. हरितक्रांतिकेपिताकिसेकहाजाताहै? हरितक्रांतिकेजनककौनहै? (Father of Green Revolution in Hindi) नाॅर्मनअर्नेस्टबोरलाॅगकोहरितक्रांतिकेजनककहाजाताहै. वेएकअमेरिकीकृषिविज्ञानीऔरनोबलपुरस्कारविजेताथे. नाॅर्मनबोरलाॅगउनव्यक्तियोंमेंमशहूरहै, जिन्हेंनोबेलशांतिपुरस्कार, स्वतंत्रताकाराष्ट्रपतिपदकऔरकांग्रेसकेगोल्डमेडलप्रदानकियागयाथा. उनकाजन्मअमेरिकामेंआयोवाकेएकसामान्यपरिवारमेंहुआथा. उन्होंनेकृषिविज्ञानमेंआधुनिकतकनीकेंईजादकीऔरदुनियाभरमेंसभीकोमुफ़्तमेंसाझाकीं. उनकेआधुनिकतकनीककीमददसेगेहूंकीउत्पादकतामें 700 गुनातकबढ़ोत्तरीहुई. साथहीगेहूंऔरधानकीकिस्मोंनेदुनियाभरमेंकरीबएकअरबआबादीकोभुखमरीसेबचाया. नाॅर्मनबोरलाॅगनेहरितक्रांतिकेपीछेकीप्रेरणाथे. उन्होंनेकृषिकेक्षेत्रमेंअपनाअतुलनीयभूमिकाअदाकिया, औरइसलिएउन्हें‘हरितक्रांतिकेजनक’कहाजाताहै. विश्वमेंहरितक्रांतिकेजनक नाॅर्मनबोरलाॅग जन्म 25 मार्च 1914, क्रेस्को, आइवा मृत्यु 12 सितंबर 2009, डलास, टेक्सास नागरिकता संयुक्तराज्यअमेरिका राष्ट्रीयता यूएसए शिक्षा मिनीसोटाविश्वविद्यालय उल्लेखनीयसम्मान नोबलशांतिपुरस्कार, स्वतंत्रताकाराष्ट्रपतिपुरस्कार, कांग्रेसनलगोल्डमेडल, विज्ञानकाराष्ट्रीयपुरस्कार, पद्मविभूषणऔर रोटरीइंटरनेशनलपुरस्कार प्रसिद्धि हर...

हरित क्रांति किसे कहते हैं? » Harit Kranti Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। क्रांति किसे कहते हैं लेकिन हरित क्रांति कृषि के क्षेत्र में खाद्यान्न के क्षेत्र में अप्रत्याशित एक वृद्धि को हरित क्रांति कहते हैं हरित क्रांति का प्रारंभ भी हिंदुस्तान में अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए ही किया गया था जो बहुत ही ज्यादा सफल रहा है kranti kise kehte hain lekin harit kranti krishi ke kshetra mein khadyann ke kshetra mein apratyashit ek vriddhi ko harit kranti kehte hain harit kranti ka prarambh bhi Hindustan mein anaaj ka utpadan badhane ke liye hi kiya gaya tha jo bahut hi zyada safal raha hai क्रांति किसे कहते हैं लेकिन हरित क्रांति कृषि के क्षेत्र में खाद्यान्न के क्षेत्र में अप्र

हरित क्रांति किसे कहते हैं, what is Green revolution?

हरित क्रांति हरित क्रांति भारत में एक महत्वपूर्ण आंदोलन है जो देश के किसानों और कृषि उत्पादकों के लिए जीवनीं बदलाव लाया है। यह आंदोलन 1960 के दशक में शुरू हुआ जब देश में खाद, बीज और तकनीकी उपयोग को बढ़ावा दिया गया था। इसके साथ ही नए जैव उत्पादों का विकास भी शुरू हुआ जो की कृषि उत्पादों के लिए नए अवसरों का निर्माण करने में मददगार साबित हुए। हरित क्रांति का उद्देश्य हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य था कि देश के किसानों को नए तकनीकी उपकरणों का प्रयोग करके उनकी खेती को मौजूदा तकनीक से अधिक उत्पादक बनाया जाए। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, एक समूह विशेषज्ञों और अन्य संगठनों ने एक स्वतंत्र कृषि संस्थान की स्थापना की जिसे "Indian Agricultural Research Institute (IARI)" के नाम से जाना जाता है। IARI का मुख्य उद्देश्य भारत में कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीकों के विकास और तथ्यों के आधार पर कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान करना है।IARI ने नए जैव उत्पादों जैसे कीटनाशकों, खादों, उच्च उत्पादक बीजों और अन्य उत्पादों के विकास के लिए भी काम किया है। IARI के अलावा भारत सरकार ने भी अन्य कृषि संस्थानों को शुरू किया, जो खेती के क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास के लिए लगातार अनुसंधान करते रहे। इनमें से कुछ नाम हैं: ➤ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद Indian Council of Agricultural Research (ICAR) ➤ राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD) ➤ कृषि उपज मंडी समिति Agricultural Produce Market Committee (APMC) ➤ नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India Ltd...

ऑनलाइन भरा तो फायदे में रहेंगे, अवेलेबल हैं ITR

ITR Filing Online: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने का सीजन शुरू हो चुका है. सैलरीड प्रोफेशनल्स के लिए अभी भी Form 16 रिलीज नहीं हो रहे हैं, लेकिन TR-1 और ITR-4 फॉर्म ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों अवेलेबल हो चुके हैं. ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरते हैं तो आप अभी टैक्स रिटर्न भरकर फायदे में रह सकते हैं. ऑनलाइन टैक्स रिटर्न भरने के कई फायदे हैं. लेकिन उसके पहले कुछ बेसिक बातें समझ लेते हैं. क्या होता है Income Tax Return? इनकम टैक्स रिटर्न एक फॉर्म है, जिसमें आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ये बताना होता है कि आपने पूरे फाइनेंशियल ईयर में कितनी कमाई की है, और उस हिसाब से आपके ऊपर कितना टैक्स बनता है. आपकी इनकम के हिसाब से देखा जाता है कि आप कि टैक्स ब्रेकेट में आते हैं, और आपको कितना टैक्स भरना होगा. ITR फाइल किसे करना होता है? इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, हर उस इंडिविजुअल या बिजनेस को हर साल टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है. अगर एक फाइनेंशियल ईयर में आपकी इनकम सैलरी से या बिजनेस, हाउस प्रॉपर्टी बेचने से या फिर डिविडेंड, कैपिटल गैन, या फिर इंटरेस्ट किसी भी दूसरे सोर्स से आई है, तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए. अगर आप बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से ऊपर आते हैं, तो आपको अनिवार्य रूप से आईटीआर फाइल करना होता है. आईटीआर फाइल करने का भी एक स्पेसिफिक पीरियड होता है, अगर आप इस दौरान आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको पेनाल्टी भरनी पड़ती है. ITR ऑनलाइन भरने के फायदे क्या हैं? ऑनलाइन आईटीआर भरने के प्रोसेस को ई-फाइलिंग भी कहते हैं, जिसमें आप इंटरनेट के जरिए आईटीआर फाइल करते हैं. आपको ई-फाइलिंग की सुविधा मिलती है. ई-फाइलिंग के कई फायदे भी हैं, जिससे ये मोड बहुत ही पॉपुलर है. आप अपन...

हरित क्रांति किसे कहते हैं, पीत क्रांति, श्वेत क्रांति, नील क्रांति, गुलाबी क्रांति

Table of Contents • • • • • • हरित क्रांति किसे कहते हैं हरित क्रांति का तात्पर्य कृषि उत्पादन में उस तीव्र वृद्धि से हैं जो अधिक उपज देने वाले बीजों रासायनिक उर्वरकों व नई तकनीक के प्रयोग के परिणाम स्वरूप हुई हैं ।इस हरित क्रांति के फलस्वरूप फसलों की उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है। भारतीय कृषि में उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है ।पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में गेहूं व चावल का अधिक उत्पादन उन्नत किस्म के बीजों की देन है हरित क्रांति की विशेषताएं निम्नलिखित है। हरित क्रांति के विशेषता • अधिक उपज देने वाले वीडियो का प्रयोग • रासायनिक उर्वरकों का उपयोग • कीटनाशक दवाओं का प्रयोग • कृषि यंत्रीकरण का विस्तार • लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार • भूमि संरक्षण की नई तकनीकों का प्रयोग • कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य का निर्धारण • कृषि शोध एवं भूमि परीक्षण को बढ़ावा • कृषि विपणन सुविधाओं में वृद्धि • कृषि वित्त एवं ऋण सुविधाओं का विस्तार श्वेत क्रांति श्वेत क्रांति का पशुपालन से निकट का संबंध है। श्वेत क्रांति का अर्थ है डेयरी विकास कार्यक्रमों के द्वारा दूध के उत्पादन में वृद्धि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में दूध का उत्पादन बढ़ाने का विशेष बल दिया गया है इसे ऑपरेशन फ्लड के नाम से जाना जाता है। सरकार द्वारा विदेशी नस्ल की गायों तथा स्थानीय गायों के संकरण से नई जातियों का विकास किया गया है जो अधिक दूध देती है ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों का गठन कर गांवों में दुग्ध उत्पादन ओके दूध को एकत्रित करके उसे बेचने का प्रबंध करती है। यह समितियां कर्ज देती है तथा पशुओं की चिकित्सा की व्यवस्था भी करती हैं। यह आंदोलन गुजर...

हरित क्रांति क्या है

प्रिय पाठकों! माय नियर एग्जाम डॉट इन में आपका स्वागत है। आज हम इस लेख में हरित क्रांति क्या है? हरित क्रांति के जनक कौन थे? इन प्रश्नों पर चर्चा करने वाले हैं। इस लेख में क्या-क्या पढ़ेंगे! हरित क्रांति क्या है? हरित क्रांति के जनक कौन थे? भारत में हरित क्रांति के चरण हरित क्रांति के लाभ हरित क्रांति के हानि/नुकसान हरित क्रांति की विशेषताएं क्या है? दूसरी हरित क्रांति की मुख्य बिंदु हरित क्रांति (Green Revolution) क्या है? आज के समय में भारत की सवा सौ करोड़ जनसंख्या का भोजन भारतीय कृषि पर निर्भर है। देश आजादी के बाद लगातार बढ़ती आबादी को को भोजन उपलब्ध कराना देश के लिए एक बड़ी समस्या थी। इस समस्या को हल करने के लिए भारतीय कृषि वैज्ञानिकों ने कम भूमि में उच्च पैदावार वाले उन्नत किस्म के फसलों का विकास किया। हरित क्रांति मुख्य रूप से गेहूं की फसल से संबंधित है। इस तरह देखते-देखते भारत में कृषि की अन्य फसलों की पैदावार में लगातार बढ़ोतरी हुई। जिसे हरित क्रांति का नाम दिया गया। हरित क्रांति उच्च गुणवत्ता वाले बीज रसायनिक उर्वरक व गहरी सिंचाई आधारित कृषि उत्पादन की एक नवीन प्रक्रिया थी। इस क्रांति को ' अधिक उपज देने वाली किस्मों का कार्यक्रम' (High Yielding Varieties Programme - HYVP) के नाम से भी जाना जाता है। हरित क्रांति का दूसरा नाम 'सदाबहार क्रांति' भी है। हरित क्रांति शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अमेरिका के डॉक्टर विलियम गॉड ने किया था हरित क्रांति कार्यक्रम के तहत रॉकफेलर एवं फोर्ड फाउंडेशन के तत्वधान में बोने फसल वाली गेहूं की एक ऐसी किस्म का विकास किया गया, जो - • पारंपरिक किस्मत से अधिक उपज वाली थी; • मौसम परिवर्तन से कम प्रभावित होती थी; • शीघ्र तैयार हो जाती थी; • उर्वर...

Harit Kranti Kise Kahate Hain Origin and Characteristics

हरित क्रांति – भारत की नई कृषि नीति सन् 1967-68 में लागू की गई, जिसमें अधिक उपज देने वाले बीजों को बोया गया तथा कृषि की नई तकनीकों का प्रयोग किया गया, जिससे फसल उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई, इसे ही हरित क्रांति कहा जाता है। भारत में हरित क्रांति के जनक – भारत में हरित क्रांति की शुरुआत सन 1966-67 के बीच में हुआ था। इसका श्रेय नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को समर्पित है। लेकिन भारत में हरित क्रांति का जनक एम० एस० स्वामीनाथन को कहा जाता है। हरित क्रांति से अभिप्राय है कि सिंचित व असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक मात्रा में उपज कर संकर व बोन बीजों का इस्तेमाल करके कृषि उत्पादन में वृद्धि करना। हरित क्रांति से ही भारत में कृषि के क्षेत्र में अत्यधिक वृद्धि हुई और साथ ही कृषि में हुए सुधार के चलते देश में कृषि का उत्पादन छमता बढ़ी है। हरित क्रांति की विशेषताएं – • लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार। • भूमि संरक्षण की नयी तकनीकों का प्रयोग। • कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य का निर्धारण। • अधिक उपज देने वाले बीजों का प्रयोग। • रासायनिक उर्वरकों का उपयोग। • कीटनाशक दवाओं का प्रयोग। • कृषि यंत्रीकरण का विस्तार। • कृषि शोध एवं भूमि परीक्षण को बढ़ावा। प्रथम हरित क्रांति विशेषताएं – • सिंचाई – नलकूप नहरों के द्वारा जलप्लावित विधि • खनिज – रासायनिक रूप से साधित व निर्यातित • नाश कीट नियंत्रण – रासायनिक कीटनाशी एवं शाकनाशी • ऊर्जा – जीवाश्म ईंधन एवं विद्युत पर निर्भरता • बीज – बाहर से खरीदे गये FAQ- Ques- हरित क्रांति किसे कहते हैं ? Ans-हरित क्रांति उस क्रांति को कहा जाता है, जिसका सीधा सम्बन्ध कृषि क्षेत्र में तीव्र वृद्धि से है, जिससे रासायनिक उर्वरक तथा बीज के अत्य...