हरित क्रांति क्या है

  1. हरित क्रांति क्या है
  2. हरित क्रांति क्या है?
  3. हरित क्रांति क्या है? » Harit Kranti Kya Hai
  4. कौन थे हरित क्रान्ति के जनक?
  5. हरित क्रांति क्या है?
  6. हरित क्रांति और जीन क्रांति में क्या अंतर है
  7. हरित क्रान्ति किसे कहते है?
  8. हरित क्रांति क्या है? इसकी पूरी जानकारी 2023
  9. हरित क्रांति (भारत)
  10. हरित क्रांति क्या है इसके हानि?


Download: हरित क्रांति क्या है
Size: 53.2 MB

हरित क्रांति क्या है

इसके अंतर्गत उच्च-गुणवत्ता के बीजो का प्रयोग, खाद एवं उर्वरको का प्रयोग, सिंचाई के साधनों में वृद्धि, आधुनिक कृषि यंत्रो का प्रयोग, कृषि की नवीन तकनीकों का उपयोग, आपूर्ति एवं भण्डारण केन्द्रो का विकास, कृषि निवेश हेतु ऋण एवं कृषि के अधिकतम उपज हेतु विभिन तकनीकों का उपयोग शामिल है। इस क्रांति के फलस्वरूप देश में कृषि क्षेत्र के उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि हुयी है जिससे की हमारे देश में खाद्यान का उत्पादन कई गुना तक बढ़ा है। वर्तमान में भारत खाद्यान का एक प्रमुख उत्पादक देश है। हमारे देश में स्वयं की जरूरतों को पूरा करने के अतिरिक्त निर्यात करने के लिए भी खाद्यान उत्पादित किया जाता है जिससे की हम विश्व-बाजार में खाद्यान के एक बहुत बड़े निर्यातक के रूप में उभरकर आये है। यहाँ भी देखें -->> हालांकि हमेशा से ऐसा नहीं रहा है क्यूंकि द्वितीय भारत-पाक युद्ध के दौरान हमारे देश में स्वयं की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त खाद्यान नहीं था ऐसे में हमे अपनी खाद्यान जरूरतों के लिए विदेशो पर निर्भर रहना पड़ता था। तो ऐसे में यह जानना रोचक है की कैसे एक खाद्यान आयातक देश वर्तमान में खाद्यान निर्यातक देश बन गया है। इस सफर को जानने के लिए हमे हरित-क्रांति के बारे में जानना आवश्यक है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने वाले की हरित क्रांति क्या है? साथ ही भारत में श्वेत क्रांति का इतिहास क्या है यहाँ से जानें। Green Revolution Explained in Hindi. भारत में हरित क्रांति के जनक कौन है ? Green Revolution Explained in Hindi के अतिरिक्त आपको यहाँ हरित क्रांति के महत्वपूर्ण बिन्दुओ के बारे में भी जानकारी प्रदान की जाएगी। विभिन प्रतियोगी परीक्षाओ को तैयारी करने वाले छात्रों को भी इस टॉपिक ...

हरित क्रांति क्या है?

वैश्विक समुदाय में विकसित देश जहां औध्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप सफलता के सोपान चढ़ते रहे हैं, वहीं विकासशील देश इस काम के लिए कृषि पर निर्भर रहे हैं। पारंपरिक कृषि तकनीक में हरित क्रांति ने बड़े परिवर्तन कर दिये थे, जिनके कारण कृषि एक व्यवसाय से निकल कर उधयोग की श्रेणी में आ गई। भारत में शुरू हुई हरित क्रान्ति ने अन्य विभिन्न क्रांतियों के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया था। लेकिन वास्तव में हरित क्रांति क्या है और इसका जन्म कहाँ हुआ, इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। Know Your Best Career – Take a Free Counselling Session आइये हरित क्रांति के बारे में थोड़ा और जानने का प्रयास करते हैं: इस लेख में आप जानेंगे: • हरित क्रांति का अर्थ और इतिहास • हरित क्रांति की पृष्ठभूमि • हरित क्रान्ति के ध्वजवाहक • हरित क्रांति के दौरान • हरित क्रान्ति के क्रांतिकारी परिणाम • भारत में हरित क्रांति हरित क्रांति का अर्थ और इतिहास: हरित क्रांति शब्द का प्रयोग 1940 और 1960 के समयकाल में विकासशील देशों में कृषि क्षेत्र में किया गया था। इस समय कृषि के पारंपरिक तरीकों को आधुनिक तकनीक और उपकरणों के प्रयोग पर बल दिया गया। परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन में वृद्धि करने के प्रयास किए गए जिसके चमत्कारिक प्रभाव दिखाई देने लगे। कृषि क्षेत्र में निरंतर शोध के माध्यम से पारंपरिक कृषि तकनीक में परिवर्तन करके आधारभूत परिवर्तन किए जाने लगे। मूलतः हरित क्रान्ति के जनक अमरीकी कृषि वैज्ञानिक नौरमन बोरलॉग माने जाते हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद उन्होनें विकास की ओर कदम बढ़ाते हुए जापान को कृषि तकनीक में परिवर्तन के माध्यम से ही उन्होनें पुनर्निर्माण की राह पर खड़ा कर दिया था। इसके लिए उन्होनें न केवल फसलों के लिए नए और वि...

हरित क्रांति क्या है? » Harit Kranti Kya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। हरित क्रांति क्या है जो हरित क्रांति होती है यह किससे संबंधित होती है और हरित क्रांति का जो सबसे अधिक फायदा हुआ वही हुआ कि गेहूं और चावल की कृषि इससे अच्छी होने लगी अच्छी उपज देने की परत चावल की तुलना में गेहूं के उत्पादन में हरित क्रांति से अधिक बिल्डिंग भारत में जो हरित क्रांति के जनक है वह स्वामीनाथन एमएस स्वामीनाथन भारत में हरित क्रांति के जनक harit kranti kya hai jo harit kranti hoti hai yah kisse sambandhit hoti hai aur harit kranti ka jo sabse adhik fayda hua wahi hua ki gehun aur chawal ki krishi isse achi hone lagi achi upaj dene ki parat chawal ki tulna me gehun ke utpadan me harit kranti se adhik building bharat me jo harit kranti ke janak hai vaah swaminathan ms swaminathan bharat me harit kranti ke janak हरित क्रांति क्या है जो हरित क्रांति होती है यह किससे संबंधित होती है और हरित क्रांति का ज

कौन थे हरित क्रान्ति के जनक?

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1940-60 के मध्य पूरा विश्व अजीब से अवसाद व तनाव से गुज़र रहा था। इस समय सबसे अधिक नुकसान से गुजरने वाले जापान का जीर्णोद्धार करने की सबसे अधिक ज़रूरत थी। बिखरे जापान को पुनः खड़ा करने के लिए गई अमरीकी सेना में एक कृषि वैज्ञानिक एस सिसिल सेलमेन थे जिन्होनें विकास के लिए कृषि में विकास करने को आधार बनाया। उन्होनें विभिन्न शोधों और तकनीकों का प्रयोग करके एक विशेष प्रकार की गेंहू की किस्म तैयार की जिसका दाना काफी बड़ा था। उन्होनें इस गेंहू को आगे शोध के लिए अमरीका भेजा जहां नॉर्मन ब्लॉग ने मैक्सिको की किस्म के साथ संकरीत करके एक नयी किस्म की खोज की। इसके परिणामस्वरूप पूरे विश्व में कृषि के उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि दिखाई दी। इस प्रकार कृषि क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व शोध विकास, तकनीकी परिवर्तन व संबन्धित चरणों को ‘हरित क्रान्ति’ का नाम दिया गया। इस लेख में आप जानेंगे: • हरित क्रान्ति क्या थी? • हरित क्रान्ति के जनक कौन थे? • नोरमेन बोरलेग • एम एस स्वामीनाथन हरित क्रान्ति क्या थी? • विश्व में हरित क्रान्ति के विचार को जन्म देने वाले व्यक्ति के रूप में मैक्सिको के नोरमेन बोरलेग को माना जाता है। लेकिन शाब्दिक रूप में हरित क्रान्ति शब्द का प्रयोग सबसे पहले संयुक्त राज्य आंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी के डायरेक्टर विलियम गौड़ ने किया था। उन्होनें कृषि क्षेत्र में होने वाले अभूतपूर्व और क्रांतिकारी परिवर्तनों को एक क्रान्ति का नाम दिया और कृषि क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण इसे हरित क्रान्ति का नाम दे दिया। • द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात भुखमरी से परेशान विभिन्न देशों में अत्यधिक उत्पादन क्षमता वाले प्रोसेस्ड बीजों का उपयोग, कृषि के लिए आधुनिकतम उपकरणों का प्रयोग,...

हरित क्रांति क्या है?

हरित क्रांति से आशय (harit kranti se ashay)कृषि उत्पादकता में उस वृद्धि से है जो देश में थोड़े समय में अधिक से अधिक मात्रा में उच्च पैदावार वाले बीजों और उर्वरकों के सफल प्रयोगों के फलस्वरूप हुई है। इसके अंतर्गत बीज व खाद के संयोग को सफल बनाने के लिए अन्य आवश्यक साधनों जैसे- सिंचाई, मशीनें, कीटनाशक दवाएँ आदि का प्रबंध भी विशेष तौर पर किया जाता है। हरित क्रांति कब आई? (when green revolution started in india) तो हम बता दें कि Harit kranti ki shuruaat हरित क्रांति की शुरुआत सन 1966-67 (लगभग 1960 से 1970 के दशक के मध्य) से हुई। विश्व स्तर पर हरित क्रांति के जनक के रूप में प्रोफ़ेसर नारमन बोरलॉग को माना जाता है। इन्हें हरित क्रांति का पिता Father of green revolution in hindi कहा जाता है। एक प्रश्न उठता है कि हरित क्रांति को क्यों लागू किया गया? हरित क्रांति लागू करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? तो आइए हम हरित क्रांति की आवश्यकता को सटीक शब्दों में समझते हैं। स्वतंत्रता के समय देश की लगभग 75% जनसंख्या केवल कृषि पर आश्रित थी। किसानों के पास आधारिक संरचना का अभाव और कृषि में पुरानी तकनीक का प्रयोग, उत्पादकता में कमी का प्रमुख कारण थी। अधिकांश किसान, कृषि हेतु मानसून पर निर्भर रहते थे क्योंकि सिंचाई सुविधा कुछ ही किसानों के पास उपलब्ध थीं। वित्त की कमी के कारण बाक़ी के किसान अपने लिए अच्छी सुविधाओं की व्यवस्था करने में असमर्थ थे। जिस कारण लगातार पैदावार का स्तर निम्न हो चला था। इस विकट परिस्थिति से उबरने के लिए किसी ऐसी योजना की आवश्यकता थी जिससे कृषि की उत्पादकता में संतोषजनक वृद्धि लायी जा सके। उच्च पैदावार वाले बीजों के उपयोग से उत्पादन में आश्चर्यजनक तेज़ी लाने की प्रक्रिया को ही हरित क...

हरित क्रांति और जीन क्रांति में क्या अंतर है

हरित क्रांति और जीन क्रांति के बीच मुख्य अंतर यह है कि हरित क्रांति पारंपरिक प्रजनन विधियों पर निर्भर एक गहन संयंत्र प्रजनन कार्यक्रमों का परिणाम थी, जबकि जीन क्रांति सूक्ष्मजीवविज्ञानी तकनीकों के आधार पर हेरफेर की गई फसल विशेषताओं का परिणाम है। हरित क्रांति और जीन क्रांति पिछले चार दशकों के दौरान कृषि प्रौद्योगिकी में विकास की दो लहरें थीं। हरित क्रांति की शुरुआत मेक्सिको के नए गेहूं और फ़िलीपींस के चावल से हुई, जबकि अमरीका में पहली ट्रांसजेनिक प्लांट, हर्बिसाइड-प्रतिरोधी तंबाकू के उत्पादन के साथ जीन क्रांति शुरू हुई। प्रमुख क्षेत्रों को कवर किया 1. हरित क्रांति क्या है - परिभाषा, विकास, कमियां 2. जीन क्रांति क्या है - परिभाषा, विकास, कमियां 3. हरित क्रांति और जीन क्रांति के बीच समानताएं क्या हैं - आम सुविधाओं की रूपरेखा 4. हरित क्रांति और जीन क्रांति के बीच अंतर क्या है - प्रमुख अंतर की तुलना मुख्य शर्तें जैव प्रौद्योगिकी, जीन क्रांति, जीएमओ, हरित क्रांति, पारंपरिक प्रजनन पद्धति हरित क्रांति क्या है हरित क्रांति गहन संयंत्र प्रजनन कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र का विकास था। पारंपरिक प्रजनन विधियों के अनुप्रयोगों के परिणामस्वरूप हरित क्रांति हुई। 1943 में, रॉकफेलर फाउंडेशन ने स्थानीय गेहूं की किस्मों को बेहतर बनाने के लिए मैक्सिकन सरकार के साथ मिलकर उत्तरी मेक्सिको में एक शोध परियोजना स्थापित की। अनुसंधान स्टेशन CIMMYT था, और इसने 1960 में दुनिया को बीज जारी करना शुरू किया। बाद में 1970 में, इसके निर्देशक ने अपने काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीता। इसके अलावा 1960 में, IRRI (अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान) की स्थापना फिलीपींस में रॉकफेलर और फोर्ड फाउंडेश...

हरित क्रान्ति किसे कहते है?

हरित क्रांति किसे कहते है (harit kranti kise kahte hai) हरित क्रांति का तात्पर्य कृषि उत्पादन मे उस तीव्र वृद्धि से है, जो अधिक उपज देने वाले (high yieding varity) बीजों, रासायनिक उर्वरकों व नई तकनीक के प्रयोग के परिमामस्वारूप हुई है। इस हरित क्रांति के फलस्वरूप फसलों की उत्पादकता मे काफी वृद्धि हुई है। भारतीय कृषि मे उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश व तेलंगाना मे गेहूँ व चावल का अधिक उत्पादन उन्नत किस्म के बीजों की देन है। हरित क्रांति की विशेषताएं 1. अधिक उपज देने वाले बीजों का प्रयोग। 2. रासायनिक उर्वरकों का उपयोग। 3. कीटनाशक दवाओं का प्रयोग। 4. कृषि यंत्रीकरण का विस्तार। 5. लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार। 6. भूमि संरक्षण की नयी तकनीकों का प्रयोग। 7. कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य का निर्धारण। 8. कृषि शोध एवं भूमि परीक्षण को बढ़ावा। 9. कृषि विपणन सुविधाओं मे वृद्धि। 10. कृषि एवं ॠण सुविधाओं का विस्तार। आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए; आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए;

हरित क्रांति क्या है? इसकी पूरी जानकारी 2023

हरित क्रांति भारत में 1960 के दशक में एक कृषि क्रांति थी, जिसका उद्देश्य था फसल उत्पादन में वृद्धि करना और खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य को पूरा करना। इस क्रांति के माध्यम से नए तकनीकी उपकरणों, बीजों और उर्वरकों का उपयोग करके फसल उत्पादन बढ़ाया गया था। इससे प्राप्त होने वाले लाभों में से एक था फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, जो खाद्य सुरक्षा के लक्ष्य को पूरा करने में मददगार रहा। इस क्रांति ने भारत के कृषि उद्योग को बदल दिया था और भारत ने फसल उत्पादन में स्वयं का पर्याप्तता दर्ज कराने में मदद की। हरित क्रांति को लाल रेवोल्यूशन या तेजी से विकास की क्रांति भी कहा जाता है। इस क्रांति की शुरुआत भारतीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. मंजी सिंह ने की थी, जो अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन बोरलॉग के साथ संयुक्त रूप से कृषि उन्नयन के लिए काम कर रहे थे। इस क्रांति में नई तकनीकों और विशेष विधियों का उपयोग करके ताकतवर और जटिल जातियों की फसलों का निर्माण करने की कोशिश की गई। हरित क्रांति एक महत्वपूर्ण आंदोलन है जो पर्यावरण संरक्षण के लिए लड़ा जाता है। निम्नलिखित हैं कुछ तथ्य जो हरित क्रांति से जुड़े हैं: • हरित क्रांति एक भारतीय आंदोलन है जो 1970 के दशक में शुरू हुआ था। • हरित क्रांति का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, वन संरक्षण और ग्रामीण विकास को सुनिश्चित करना है। • आंदोलन का नेतृत्व चिपको आंदोलन के नेता सुंदरलाल बहुगुणा थे। • हरित क्रांति ने भारत के ग्रामीण भागों में वनों को बचाने के लिए एक नई तकनीक का प्रचलन करवाया जिसे चिपको टेक्निक कहा जाता है। • चिपको टेक्निक के तहत, वृक्षों को लगातार फसल बुआई के बाद नहीं काटा जाता है, बल्कि उन्हें बढ़ावा दिया जाता है ताकि वे तेजी से बढ़ सकें। • हरित क्रांति का प्रभाव न केव...

हरित क्रांति (भारत)

अनुक्रम • 1 हरित क्रांन्ति के चरण • 2 हरित क्रांन्ति की विशेषताएं • 3 हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव • 4 हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य • 5 वाह्य सूत्र हरित क्रांन्ति के चरण [ ] • प्रथम चरण (१९६६-६७ से १९८०-८१) • दूसरा चरण (१९८०-८१ से १९९६-९७) हरित क्रांन्ति की विशेषताएं [ ] • अधिक उपज देने वाली किस्में • सुधरे हुए बीज • • गहन क्रषि जिला कार्यक्रम • लघु सिंचाई • • • • • किसानों को बेंको की सुविधायं हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव [ ] • • • हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य [ ] • • • • • • • • वाह्य सूत्र [ ] • •

हरित क्रांति क्या है इसके हानि?

Table of Contents Show • • • • • • • • • • • • • अनुक्रम • 1 हरित क्रांन्ति के चरण • 2 हरित क्रांन्ति की विशेषताएं • 3 हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव • 4 हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य • 5 वाह्य सूत्र हरित क्रांन्ति के चरण[संपादित करें] • प्रथम चरण (१९६६-६७ से १९८०-८१) • दूसरा चरण (१९८०-८१ से १९९६-९७) हरित क्रांन्ति की विशेषताएं[संपादित करें] • अधिक उपज देने वाली किस्में • सुधरे हुए बीज • रासायनिक खाद • गहन क्रषि जिला कार्यक्रम • लघु सिंचाई • कृषि शिक्षा • पौध संरक्षण • फसल चक्र • भूसंक्षण • किसानों को बेंको की सुविधायं हरित क्रांन्ति का फसलों पर प्रभाव[संपादित करें] • रबी की फसल • खरीफ की फसल • ज़ायद की फसल हरित क्रांन्ति से प्रभावित राज्य[संपादित करें] • पंजाब • हरियाणा • उत्तर प्रदेश • मध्य प्रदेश • बिहार • हिमाचल प्रदेश • आन्ध्र प्रदेश • तमिलनाडु वाह्य सूत्र[संपादित करें] • क्या हरित क्रांति असफल रही? (बीबीसी की हिन्दी सेवा) • हरित क्रांति के जनक हरित क्रांति, हरित एवं क्रांति शब्द के मिलने से बना है। क्रांति से तात्पर्य किसी घटना में तेजी से परिवर्तन होने तथा उन परिवर्तनों का प्रभाव आने वाले लम्बे समय तक रहने से है। हरित शब्द कृषि फसलों का सूचक है। अत: हरित क्रांति से तात्पर्य कृषि उत्पादन में अल्पकाल में विशेष गति से वृद्धि का होना तथा उत्पादन की वह वृद्धि दर आने वाले समय तक बनाये रखने से है। भारतीय कृषि के संदर्भ में हरित क्रांति से आशय छठे दशक के मध्य कृषि उत्पादन में हुई उस भारी वृद्धि से है जो थोड़े से समय में उन्नतिशील बीजों, रासायनिक खादों एवं नवीन तकनीकों के फलस्वरूप हुई। अन्य शब्दों में, हरित क्रांति भारतीय कृषि में लागू की गई उस विकास विधि का परिणाम है ...