हर्षवर्धन का जीवन परिचय pdf

  1. हर्षवर्धन जैन का जीवन परिचय
  2. हर्षवर्धन की जीवनी व इतिहास Harshvardhan King History hindi
  3. [हिन्दी] हर्षवर्धन MCQ [Free Hindi PDF]
  4. हर्षवर्धन जैन की जीवनी
  5. स्वामी विवेकानंद की जीवनी PDF In Hindi Download
  6. ब्रह्मगुप्त का जीवन परिचय
  7. हर्षवर्धन जैन की जीवनी
  8. हर्षवर्धन की जीवनी व इतिहास Harshvardhan King History hindi
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हर्षवर्धन जैन का जीवन परिचय

हर्षवर्धन जैन का जीवन परिचय, जीवनी, उम्र, परिवार, पत्‍नी, बच्‍चे, बिजनेस, नेटवर्क मार्केटिंग, यूटयूब, सफलता की कहानी (Harshvardhan Jain biography in hindi, age, jeevani, height, weight, family, carrier, Net worth, Salary, Harshvardhan anmol vichar, Wife, Success Story in hindi) हर्षवर्धन जैन भारतीय नेटवर्क मार्केटिंग लीडर, बिजनेसमैन, मोटिवेशनल स्पीकर, यूट्यूबर और नेटवर्क मार्केटिंग के लीडर हैं। हर्षवर्धन जैन सर Network Marketing करते हैं यह एम आई लाइफस्टाइल कंपनी से जुड़े हैं इस कंपनी के सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाले पहले व्यक्ति हैं। यूट्यूब पर इनका चैनल भी हैं। वह इस चैनल पर मोटिवेशन वीडियो और नेटवर्क मार्केटिंग से जुड़े वीडियो बनाते हैं इनकी वीडियो को लाखों की संख्या में देखा जाता है। हर्षवर्धन जैन आज एक लग्जरी लाइफ जीते हैं इनके पास कई बीएमडब्ल्यू कार है और बड़े-बड़े बंगले हैं जिनके कीमत करोड़ों रुपए में है लेकिन उन्हें यह सब हासिल करने के लिए कई संघर्षों से गुजरना पड़ा है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • हर्षवर्धन जैन का जीवन परिचय नाम (Full Name) हर्षवर्धन जैन जन्‍म तारीख (Date of Birth) 21 अप्रैल 1980 जन्‍म स्‍थान (Birth Place) जयपुर, राजस्‍थान, भारत उम्र (Age) 42 साल गृहनगर (Hometown) जयपुर, राजस्‍थान, भारत शिक्षा (Education) एलएलबी स्‍कूल (School) सरकारी स्‍कूल कॉलेज (College) ज्ञात नहीं धर्म (Religion) जैन जाति (Caste) जैन राशि (Zodiac Sign) कर्क राशि नागरिकता (Nationality) भारतीय पेशा (Profession) यूटूबर, नेटवर्क मार्केटर, बिजनेस कोच नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी (Company) Mi Lifestyle Global Marketing PVT.LTD. ऑंखो का रंग (Eye Colour) काला बालों का र...

हर्षवर्धन की जीवनी व इतिहास Harshvardhan King History hindi

हर्षवर्धन का प्रशासन जीवनी व इतिहास | Harshvardhan King History Biography In Hindi: गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत की राजनितिक एकता समाप्त हो गई, यहाँ छोटे छोटे राज्य बन गये. ऐसे ही एक नये राजवंश की स्थापना प्रभाकर वर्धन ने की. इनके दो पुत्र थे राज्यवर्धन और हर्षवर्धन तथा एक पुत्री राजश्री थी. अपने बड़े भाई की मृत्यु के बाद 606 ई में हर्षवर्धन थानेश्वर का राजा बना, उसने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया और उसने कई वर्षों तक निरंतर युद्ध करके सम्पूर्ण उत्तरी भारत पर अधिकार कर लिया. हर्ष ने राज्य संभालने के साथ ही अपना राज्य एवं अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कई सैनिक अभियान चलाए. हर्ष एक वीर यौद्धा और विजेता था. उसके प्रमुख सैनिक अभियानों में बंगाल, पंजाब, चालुक्य और वल्लभी से हुए युद्ध भी शामिल हैं. वह सिंधु, नेपाल, उड़ीसा तक अपने अभियानों से अपना प्रभाव डालने में सफल रहा. हर्षवर्धन की धार्मिक नीति और कन्नौज का धर्म सम्मेलन (Harshavardhana Religious policy and Kannauj Dharma Sammelan) आरम्भ में हर्ष सूर्य और शिव का उपासक था, बाद में बौद्ध बन गया, किन्तु सभी धर्मों के प्रति उनकी निति उदार थी. उनके राज्यों में शैव, वैष्णव, जैन और बौद्ध धर्म स्वतंत्रता पूर्वक प्रचलित थे. उसने राज्य के उच्च पदों पर गैर बौद्धों को नियुक्त किया. दान देने अथवा किसी कार्य में वह धार्मिक भेद नही करता था. उसने कन्नौज में एक विशाल धर्म सम्मेलन का आयोजन किया. चीनी यात्री ह्वेनसांग को इसका अध्यक्ष बनाया. यह सम्मेलन 23 दिनों तक चला. अनेक बौद्ध भिक्षु, चीनी यात्री, राजा और विद्वानों ने इसमें भाग लिया. Telegram Group हर्षवर्धन की प्रयाग सभा, सिक्के मुहरे तथा दरबार के विद्वान व लेखक • प्रयाग सभा-हर्ष प्र...

[हिन्दी] हर्षवर्धन MCQ [Free Hindi PDF]

सही उत्‍तर गौड़ा है। Key Points • सम्राट हर्षवर्धन • उन्हें हर्ष के नाम से जाना जाता है, (590-647 ईस्वी) वर्धन साम्राज्य का अंतिम शासक था, जो इस्लामी आक्रमण से पहले प्राचीन भारत में अंतिम महान सम्राट था। • उन्होंने 606 ईस्वी से 647 ईस्वी तक शासन किया। हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद, हालांकि, वर्धन या पुष्यभूति राजवंश का अंत हो गया और उसका साम्राज्य भंग हो गया। • राज्यश्री हर्षवर्धन की बहन थीं। • राज्यश्री का विवाह मौखरि नरेश गृहवर्मन के साथ हुआ था। कई वर्षों के बाद, गृहवर्मन मालवा के राजा देवगुप्त द्वारा युद्ध में पराजित और मारा गया। • विधवा राज्यश्री को भी बंदी बना लिया गया। अपने परिवार के साथ ऐसी अनहोनी होते देख राज्यवर्धन ने मालवा पर आक्रमण कर दिया और देवगुप्त को पराजित कर दिया। • इसके बाद पश्चिम बंगाल के गौर वंश के शासक शशांक ने राज्यवर्धन से घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित कर लिए। लेकिन शशांक मालवा के राजा से मिल चुका था। • शशांक ने विश्वासघात कर राज्यवर्धन को मार डाला। • अपने भाई की मृत्यु के बाद, 16 वर्ष की आयु में, हर्षवर्धन थानेश्वर का निर्विवाद शासक बन गया और उसने अपने भाई का बदला लेने के लिए शशांक से युद्ध की घोषणा की और दिग्विजय के अभियान अर्थात दुनिया को जीतने के लिए (जिसका अर्थ है पूरे भारत को जीतना) की शुरुआत की। Additional Information • कान्यकुब्ज ब्राह्मण • यह मध्य भारत और पूर्व के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और उड़ीसा राज्यों में पाया जाने वाला एक ब्राह्मण समुदाय है। कन्यकुब्ज शब्द का अर्थ है कन्नौज क्षेत्र के ब्राह्मण। • जूनागढ़ • यह पश्चिमी भारतीय राज्य गुजरात का एक शहर है। • महाबत मकबरा एक स्थानीय शासक का ...

हर्षवर्धन जैन की जीवनी

दोस्तों अगर आप हर्षवर्धन जैन के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते हैं और सर्च कर रहें हैं Harshvardhan Jain Biography in Hindi तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस आर्टिकल में मैं आपको हर्षवर्धन जैन के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बताऊंगा जिसमें आप इनके बचपन से लेकर अबतक की जीवन यात्रा के बारे में जानेंगे, तो दोस्तों अगर आप हर्षवर्धन जैन के जीवन से जुड़ी सभी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • Harshvardhan Jain Biography in Hindi नाम हर्षवर्धन जैन उपनाम हर्ष जन्म तिथि 21 अप्रैल 1980 जन्म स्थान जयपुर से 18 किमी दूर एक गांव में वर्तमान निवास जयपुर, राजस्थान, भारत शिक्षा स्नातक शौक तैराकी, क्रिकेट, एक्टिंग, सिंगिंग पेशा नेटवर्क मार्केटिंग, मोटिवेशनल स्पीकर कंपनी नाम Mi Lifestyle Marketing Global Private Limited कमाई 10-15 लाख महीना संपत्ति 50 करोड़ पुरुषकार Mi Lifestyle Company Top Earner वैवाहिक स्थिति वैवाहित धर्म हिंदू नागरिकता भारतीय Social Media Profile Facebook Instagram Twitter YouTube हर्षवर्धन जैन कौन हैं? हर्षवर्धन जैन भारत के सबसे बड़े हर्षवर्धन जैन का बचपन हर्षवर्धन का जन्म राजस्थान के जयपुर से 18 किमी दूर एक छोटे से गांव में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था इनके पिताजी जयपुर में एक veterinary डॉक्टर का काम करते थे जो की एक सरकारी नौकरी था तथा इनकी माताजी हाउसवाइफ थी। जब इनके पिताजी का शादी हुआ तब उन्हें 11 साल तक कोई संतान नहीं हुआ था और जब हमारे देश में किसी को संतान नहीं होता तो लोग ज्योतिष या पंडित जी को दिखाते हैं और जब इनके पिताजी पंडित जी से मिले तब उन्होंने बताया की धैर्य रखिए क्योंकि महा...

स्वामी विवेकानंद की जीवनी PDF In Hindi Download

Advertisements स्वामी विवेकानंद कौन थे इन हिंदी स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय इन हिंदी स्वामी विवेकानंद की जीवनी PDF in Hindi download – स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था स्वामी विवेकानंद जी को नरेंद्र के नाम से भी जाना जाता था स्वामी विवेकानंद जी के पिताजी वकालत करते थे। स्वामी विवेकानन्द के पिता जी एक विचारक अति उदार गरीबों के प्रति सहानुभूति रखने वाले तथा सामाजिक विषयों में व्यवहारिक और रचनात्मक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति थे। Advertisements स्वामी विवेकानंद जी की माता जी भुवनेश्वरी देवी जो सरल व अत्यंत धार्मिक महिला थी इनका जीवन बचपन से ही काफी संघर्ष भरा रहा है इन्होंने बहोत कम आयु में लगातार प्रयास और संघर्ष से 39 वर्ष की आयु में पूरे विश्व में छा गए थे । स्वमी विवेकानंद जी हिन्दू सभ्यता के शिरोमणि संत थे। स्वामी विवेकानंद का बचपन का नाम क्या था स्वामी विवेकानन्द जी बचपन से हैं चिंतनशील प्रवृत्ति के व्यक्ति थे उनके माता-पिता ने इसका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया। स्वामी विवेकानंद को विवेकानंद नाम किसने दिया था? स्वामी विवेकानंद का नाम विवेकानंद कैसे पड़ा स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस ने सपने में आकर धर्म संसद में जाने का संदेश दिया था लेकिन नरेंद्र नाथ के पास पश्चिम देशों मैं जाने के लिए पैसे नहीं थे इसीलिए नरेंद्र नाथ ने खेत्री के महाराज से संपर्क किया उन्हीं के सुझाव पर अपना नाम स्वामी विवेकानंद रख लिया। इस प्रकार नरेंद्र का नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा। स्वामी विवेकानंद के गुरु कौन थे स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण परमहंस थ...

ब्रह्मगुप्त का जीवन परिचय

ब्रह्मगुप्त प्राचीन भारत के महान ज्योतिशचार्य, खगोलशास्त्री और गणितज्ञ थे। प्राचीन काल में हमारे देश में आर्याभट्ट, वराहमिहिर जैसे अनेक विद्वान हुए। ब्रह्मगुप्त का काल ब्रह्मगुप्त की जीवनी में हम जानेंगे की उन्हें वराहमिहिर के बाद सबसे महान ज्योतिसचार्य के रूप में क्यों गिना जाता है। इस भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री का काल 598 से 668 ईस्वी के मध्य माना जाता है। ब्रह्मगुप्त के द्वारा गणित और खगोल विज्ञान पर लिखी गई दो रचनाएँ महत्वपूर्ण मानी जाती है। इन प्रसिद्ध रचनेओं के नाम “ब्रह्मस्फुट सिद्धांत और खण्डखाधक” हैं। ब्रह्मगुप्त को शून्य से गणना करने के नियम प्रतिपादित करने वाले प्रथम विद्वान माना जाता है। ब्रह्मगुप्त की जीवनी BRAHMAGUPTA ब्रह्मगुप्त महान गणितज्ञ भास्कर द्वारा ‘ गणक चक्र चूड़ामणि” सम्मान से सम्मानित हुए। आईये इस लेख में महान प्राचीन ज्योतिषी, खगोलविज्ञानी और गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त का jivan parichay विस्तार से जानते हैं। गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त का जीवन परिचय – Brahmagupta Biography in Hindi प्रारम्भिक जीवन महान ज्योतिषचार्य ब्रह्मगुप्त का जन्म 598 ईस्वी के आसपास माना गया है। कहते हैं की उनका जन्म वर्तमान राजस्थान के भीनमाल में हुआ था। भीनमाल प्राचीनकाल में भीलामाला के नाम से प्रसिद्ध था। विद्वानों के बीच उनके जन्म स्थान को लेकर मतांतर है। कुछ विद्वान उनका जन्म स्थान गुजरात में मानते हैं। ब्रह्मगुप्त के पिता जिष्णुगुप्त थे। उज्जैन वैधशाला के प्रमुख ब्रह्मगुप्त एक प्राचीन भारतीय गणितज्ञ, ज्योतिशविज्ञानी और खगोलशास्त्री थे। उनका अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और द्विघात समीकरणों के अध्ययन में उल्लेखनीय योगदान माना जाता है। READ मानव कंप्यूटर शकुंतला देवी की जीवनी - shakunta...

हर्षवर्धन जैन की जीवनी

दोस्तों अगर आप हर्षवर्धन जैन के जीवन परिचय के बारे में जानना चाहते हैं और सर्च कर रहें हैं Harshvardhan Jain Biography in Hindi तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस आर्टिकल में मैं आपको हर्षवर्धन जैन के जीवन परिचय के बारे में विस्तार से बताऊंगा जिसमें आप इनके बचपन से लेकर अबतक की जीवन यात्रा के बारे में जानेंगे, तो दोस्तों अगर आप हर्षवर्धन जैन के जीवन से जुड़ी सभी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • Harshvardhan Jain Biography in Hindi नाम हर्षवर्धन जैन उपनाम हर्ष जन्म तिथि 21 अप्रैल 1980 जन्म स्थान जयपुर से 18 किमी दूर एक गांव में वर्तमान निवास जयपुर, राजस्थान, भारत शिक्षा स्नातक शौक तैराकी, क्रिकेट, एक्टिंग, सिंगिंग पेशा नेटवर्क मार्केटिंग, मोटिवेशनल स्पीकर कंपनी नाम Mi Lifestyle Marketing Global Private Limited कमाई 10-15 लाख महीना संपत्ति 50 करोड़ पुरुषकार Mi Lifestyle Company Top Earner वैवाहिक स्थिति वैवाहित धर्म हिंदू नागरिकता भारतीय Social Media Profile Facebook Instagram Twitter YouTube हर्षवर्धन जैन कौन हैं? हर्षवर्धन जैन भारत के सबसे बड़े हर्षवर्धन जैन का बचपन हर्षवर्धन का जन्म राजस्थान के जयपुर से 18 किमी दूर एक छोटे से गांव में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था इनके पिताजी जयपुर में एक veterinary डॉक्टर का काम करते थे जो की एक सरकारी नौकरी था तथा इनकी माताजी हाउसवाइफ थी। जब इनके पिताजी का शादी हुआ तब उन्हें 11 साल तक कोई संतान नहीं हुआ था और जब हमारे देश में किसी को संतान नहीं होता तो लोग ज्योतिष या पंडित जी को दिखाते हैं और जब इनके पिताजी पंडित जी से मिले तब उन्होंने बताया की धैर्य रखिए क्योंकि महा...

हर्षवर्धन की जीवनी व इतिहास Harshvardhan King History hindi

हर्षवर्धन का प्रशासन जीवनी व इतिहास | Harshvardhan King History Biography In Hindi: गुप्त साम्राज्य के पतन के बाद भारत की राजनितिक एकता समाप्त हो गई, यहाँ छोटे छोटे राज्य बन गये. ऐसे ही एक नये राजवंश की स्थापना प्रभाकर वर्धन ने की. इनके दो पुत्र थे राज्यवर्धन और हर्षवर्धन तथा एक पुत्री राजश्री थी. अपने बड़े भाई की मृत्यु के बाद 606 ई में हर्षवर्धन थानेश्वर का राजा बना, उसने कन्नौज को अपनी राजधानी बनाया और उसने कई वर्षों तक निरंतर युद्ध करके सम्पूर्ण उत्तरी भारत पर अधिकार कर लिया. हर्ष ने राज्य संभालने के साथ ही अपना राज्य एवं अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कई सैनिक अभियान चलाए. हर्ष एक वीर यौद्धा और विजेता था. उसके प्रमुख सैनिक अभियानों में बंगाल, पंजाब, चालुक्य और वल्लभी से हुए युद्ध भी शामिल हैं. वह सिंधु, नेपाल, उड़ीसा तक अपने अभियानों से अपना प्रभाव डालने में सफल रहा. हर्षवर्धन की धार्मिक नीति और कन्नौज का धर्म सम्मेलन (Harshavardhana Religious policy and Kannauj Dharma Sammelan) आरम्भ में हर्ष सूर्य और शिव का उपासक था, बाद में बौद्ध बन गया, किन्तु सभी धर्मों के प्रति उनकी निति उदार थी. उनके राज्यों में शैव, वैष्णव, जैन और बौद्ध धर्म स्वतंत्रता पूर्वक प्रचलित थे. उसने राज्य के उच्च पदों पर गैर बौद्धों को नियुक्त किया. दान देने अथवा किसी कार्य में वह धार्मिक भेद नही करता था. उसने कन्नौज में एक विशाल धर्म सम्मेलन का आयोजन किया. चीनी यात्री ह्वेनसांग को इसका अध्यक्ष बनाया. यह सम्मेलन 23 दिनों तक चला. अनेक बौद्ध भिक्षु, चीनी यात्री, राजा और विद्वानों ने इसमें भाग लिया. Telegram Group हर्षवर्धन की प्रयाग सभा, सिक्के मुहरे तथा दरबार के विद्वान व लेखक • प्रयाग सभा-हर्ष प्र...

[हिन्दी] हर्षवर्धन MCQ [Free Hindi PDF]

सही उत्‍तर गौड़ा है। Key Points • सम्राट हर्षवर्धन • उन्हें हर्ष के नाम से जाना जाता है, (590-647 ईस्वी) वर्धन साम्राज्य का अंतिम शासक था, जो इस्लामी आक्रमण से पहले प्राचीन भारत में अंतिम महान सम्राट था। • उन्होंने 606 ईस्वी से 647 ईस्वी तक शासन किया। हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद, हालांकि, वर्धन या पुष्यभूति राजवंश का अंत हो गया और उसका साम्राज्य भंग हो गया। • राज्यश्री हर्षवर्धन की बहन थीं। • राज्यश्री का विवाह मौखरि नरेश गृहवर्मन के साथ हुआ था। कई वर्षों के बाद, गृहवर्मन मालवा के राजा देवगुप्त द्वारा युद्ध में पराजित और मारा गया। • विधवा राज्यश्री को भी बंदी बना लिया गया। अपने परिवार के साथ ऐसी अनहोनी होते देख राज्यवर्धन ने मालवा पर आक्रमण कर दिया और देवगुप्त को पराजित कर दिया। • इसके बाद पश्चिम बंगाल के गौर वंश के शासक शशांक ने राज्यवर्धन से घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित कर लिए। लेकिन शशांक मालवा के राजा से मिल चुका था। • शशांक ने विश्वासघात कर राज्यवर्धन को मार डाला। • अपने भाई की मृत्यु के बाद, 16 वर्ष की आयु में, हर्षवर्धन थानेश्वर का निर्विवाद शासक बन गया और उसने अपने भाई का बदला लेने के लिए शशांक से युद्ध की घोषणा की और दिग्विजय के अभियान अर्थात दुनिया को जीतने के लिए (जिसका अर्थ है पूरे भारत को जीतना) की शुरुआत की। Additional Information • कान्यकुब्ज ब्राह्मण • यह मध्य भारत और पूर्व के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और उड़ीसा राज्यों में पाया जाने वाला एक ब्राह्मण समुदाय है। कन्यकुब्ज शब्द का अर्थ है कन्नौज क्षेत्र के ब्राह्मण। • जूनागढ़ • यह पश्चिमी भारतीय राज्य गुजरात का एक शहर है। • महाबत मकबरा एक स्थानीय शासक का ...

स्वामी विवेकानंद की जीवनी PDF In Hindi Download

Advertisements स्वामी विवेकानंद कौन थे इन हिंदी स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय इन हिंदी स्वामी विवेकानंद की जीवनी PDF in Hindi download – स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था। स्वामी विवेकानंद के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त था और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था स्वामी विवेकानंद जी को नरेंद्र के नाम से भी जाना जाता था स्वामी विवेकानंद जी के पिताजी वकालत करते थे। स्वामी विवेकानन्द के पिता जी एक विचारक अति उदार गरीबों के प्रति सहानुभूति रखने वाले तथा सामाजिक विषयों में व्यवहारिक और रचनात्मक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति थे। Advertisements स्वामी विवेकानंद जी की माता जी भुवनेश्वरी देवी जो सरल व अत्यंत धार्मिक महिला थी इनका जीवन बचपन से ही काफी संघर्ष भरा रहा है इन्होंने बहोत कम आयु में लगातार प्रयास और संघर्ष से 39 वर्ष की आयु में पूरे विश्व में छा गए थे । स्वमी विवेकानंद जी हिन्दू सभ्यता के शिरोमणि संत थे। स्वामी विवेकानंद का बचपन का नाम क्या था स्वामी विवेकानन्द जी बचपन से हैं चिंतनशील प्रवृत्ति के व्यक्ति थे उनके माता-पिता ने इसका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया। स्वामी विवेकानंद को विवेकानंद नाम किसने दिया था? स्वामी विवेकानंद का नाम विवेकानंद कैसे पड़ा स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस ने सपने में आकर धर्म संसद में जाने का संदेश दिया था लेकिन नरेंद्र नाथ के पास पश्चिम देशों मैं जाने के लिए पैसे नहीं थे इसीलिए नरेंद्र नाथ ने खेत्री के महाराज से संपर्क किया उन्हीं के सुझाव पर अपना नाम स्वामी विवेकानंद रख लिया। इस प्रकार नरेंद्र का नाम स्वामी विवेकानंद पड़ा। स्वामी विवेकानंद के गुरु कौन थे स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण परमहंस थ...