ईद कब है 2023

  1. Bakrid 2023 Date: इस साल कब मनाई जाएगी बकरीद, जानें मुसलमानों के लिए क्यों मायने रखता है ये दिन


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Bakrid 2023 Date: इस साल कब मनाई जाएगी बकरीद, जानें मुसलमानों के लिए क्यों मायने रखता है ये दिन

इस्लामी कैलेन्डर के अनुसार, 12 वें माह के ज़ुअल-हज्जा की 10वीं तारीख को बकरीद का त्योहार मनाया जाता है। रोमन कैलेन्डर के अनुसार यह तारीख हर साल बदलती है। यह तारीख ईद उल फितर से 70 दिन बाद की होती है। ईद उल अजहा का चांद 10 दिन पहले ही नजर आ जाता है। अनुमान के मुताबिक़ 19 जून से बकरीद का चाँद दिखना शुरू हो सकता है। ईद उल अजहा इस वर्ष 29 जून को मनाई जा सकती है। हज़रत मोहम्मद अल्लाह के पैगम्बर थे। उन्होंने इस्लाम धर्म बुनियाद को मज़बूत करने में अहम् भूमिका निभाई। एक दफ़ा अल्लाह ने पैगम्बर मोहम्मद का इम्तिहान लेने के लिए उनसे उनके ख्वाब में आकर कहा कि वो अपनी सबसे प्यारी चीज़ कुर्बानी में दे दें। पैगम्बर के जीवन की सबसे प्यारी चीज़ उनका बेटा था। वह अल्लाह के प्रति अपनी श्रद्धा कायम रखने के लिए अपने बेटे की कुर्बानी देने को राज़ी हो गए। वे अपने बेटे को लेकर कुर्बानी देने जा ही रहे थे कि रास्ते में शैतान मिलें। उस शैतान ने कहा कि अपने बेटे की जगह किसी जानवर की कुर्बानी दी जा सकती है। लेकिन पैगम्बर किसी बेगुनाह जानवर की कुर्बानी के पक्ष में नहीं थे। वे अपने बेटे की ही कुर्बानी के लिए तैयार हुए और अल्लाह के इस काम में पुत्र मोह आड़े ना आए इसके लिए उन्होंने अपने आँखों पर पट्टी बाँध ली। जैसे ही कुर्बानी के बाद पैगम्बर ने अपनी आँखों से पट्टी हटाई तो उन्होंने देखा कि उनका बेटा सही सलामत खड़ा है और एक बकरे की कुर्बानी हो गई है। दरअसल अल्लाह ने पैगम्बर को इम्तिहान में सफ़ल पाया और उनके बेटे की जान बचाई। पैगम्बर मोहम्मद अल्लाह के लिए अपने जीवन के अनमोल रत्न की कुर्बानी देने को भी तैयार थे। ईद उल अजहा के पीछे इस धार्मिक कहानी के कारण ही इस त्यौहार को त्याग और समर्पण का पर्व माना जाता है। यह पर्व सिखा...