इस महीने की पूर्णिमा कब है

  1. Sharad Purnima 2022: अगले महीने इस तारीख को है शरद पूर्णिमा, कहते हैं रात में होती है अमृत वर्षा
  2. Purnima 2023: साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब
  3. When Is Paush Purnima 2023 Paush Purnima 2023 Date Shubh Muhurat And Snan Daan Importance Of Paush Purnima 2023 Paush Purnima Kab Hai
  4. पूर्णिमा कब की है 2023
  5. Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना, जानें विधि, मंत्र और महाउपाय
  6. Purnima 2022: कब है 2022 में पूर्णिमा? जानें तिथि एवं समय
  7. Purnima 2022: जानिए साल 2022 में कब है पूर्णिमा तिथि


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Sharad Purnima 2022: अगले महीने इस तारीख को है शरद पूर्णिमा, कहते हैं रात में होती है अमृत वर्षा

डीएनए हिंदी:Sharad Purnima 2022 Date,Timings, and Significance: हिंदू पंचांग के मुताबिक एक वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं, जिसमें शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2022) का विशेष महत्व है. माना जाता है कि सिर्फ शरद पूर्णिमा के दिन ही चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. शरद पूर्णिमा अगले महीने 9 अक्टूबर 2022 (Sharad Purnima 2022 date) को है. कहा जाता है इस दिन चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में अमृत घुला हुआ होता है. इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन से जुड़ी तमाम मुश्किलें दूर होती हैं. शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima 2022 Date and Timings) शरद पूर्णिमा अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 9 अक्टूबर 2022 को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से शुरू होगा जो कि अगले दिन 10 अक्टूबर 2022 सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. (शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम 05 बजकर 58 मिनट पर होगा ) यह भी पढ़ें- यह है महत्व (Sharad Purnima 2022 Significance) इस दिन चांद पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है इसलिए चारों दिशाओं में चन्द्रमा की रोशनी फैली हुई होती है. कहा जाता है कि इस दौरान माता लक्ष्मी भ्रमण के लिए निकलती हैं, इस वजह से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से अपार धन व वैभव काआशीर्वाद मिलता है. मान्यता है कि इस दिन आसमान से अमृत की वर्षा होती है इसलिए लोग रात में खुले आसमान के नीचे खीर बना कर रखते हैं. साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाया जाता है. यह भी पढ़ें- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की किरणें औषधीय ...

Purnima 2023: साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब

Purnima 2023 - हिन्दू धर्म और ज्योतिषशास्त्र में पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी क्योकिं पूर्णिमा (Purnima) के दिन धार्मिक अनुष्ठान, गंगा स्नान और दीप दान आदि उचित योग माना जाता है। पूर्णिमा को पूर्ण चंद्र यानी फुल मून के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा का दिन, हर महीने के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को माना जाता है। पूर्णिमा का महत्व इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकिं इस दिन हिन्दू धर्म के त्यौहार और व्रत भी पड़ते हैं। इस महत्वपूर्ण दिन को अलग-अलग भौगलिक स्थान पर अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। किसी स्थान पर इसे पूर्णिमा कहते हैं तो किसी स्थान पर पूर्णमासी। परन्तु महत्वपूर्ण बात ये है कि अलग-अलग नामों होने के बावजूद भी इस दिन का महत्व हर जगह एक समान और बेहद ख़ास माना जाता है। नए साल के शुभ अवसर पर नई ऊर्जा का आह्वान होने वाला है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर तिथि के साथ आपके कुंडली के सितारे भी बदलते रहते हैं। आईये जानते हैं नए साल 2023 में आने वाले पूर्णिमा की तिथियों (Purnima Tithi 2023) के बारें में और उन तिथियों के बारें में जिस तिथियों के अनुसार हम दान, पुण्य, पूजा, पाठ, और व्रत करने का विधान कर पाएंगे। इस दिन लोग तीर्थ स्थल के दर्शन और पवित्र नदियों में स्नान और अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान पुण्य भी करते हैं। साल 2023 में पूर्णिमा तिथि कब-कब है? • पौष पूर्णिमा - 06 जनवरी 2023, शुक्रवार:तिथिप्रारंभ- 02:14 रात, 06 जनवरी 2023सेतिथि ​​​समाप्त- 04 37 सुबह, 07 जनवरी 2023 • माघ पूर्णिमा - 05 फरवरी, 2023 (रविवार):तिथिप्रारंभ- 09:29 रात, 04 फरवरी 2023सेतिथिसमाप्त- 11:58 रात, 05 फरवरी 2023 • फाल्गुन पूर्णिमा- 07 मार्च, 2023 (मंगलवार):तिथिप्रारंभ- 04:17 दोपहर...

When Is Paush Purnima 2023 Paush Purnima 2023 Date Shubh Muhurat And Snan Daan Importance Of Paush Purnima 2023 Paush Purnima Kab Hai

Paush Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, अभी पौष का महीना चल रहा है. यह महीना स्नान-दान जैसे धार्मिक कार्यों के लिए बेहद पवित्र होता है. यही वजह है कि लोग इस महीने में एक महीने तक के लिए किसी पवित्र नदी के किनारे वास करते हैं. इस दौरान रोजाना सुबह उठकर गंगा स्नान करते हैं. इसके बाद वहां मौजूद जरुरतमंदों के बीच दान भी करते हैं. आगामी 01 जनवरी से अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक नया साल शुरू हो जाएगा. इसी महीने की 06 तारीख को पौष माह की पूर्णिमा है. इस पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यही वजह है कि इस पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व है. आइए जानते हैं कि नए साल में पौष माह की पूर्णिमा कब है और इस दिन स्नान-दान का क्या खास महत्व है. यह भी पढ़ें • Buddha Purnima 2023: आज मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानिए मनाने का महत्व यहां • Budh purnima 2023 : 130 साल बाद बन रहा है विरला महासंयोग, इन राशि वालों की बदल रही है किस्मत, मां लक्ष्मी का होगा आगमन! • Buddha Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा 2023 पर लग रहा है साल का पहला Chandra Grahan, भूलकर भी ना करें ये काम, बनाएं ये खास पकवान हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 6 जनवरी 2023, शुक्रवार प्रात: 2 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रही है. अगले दिन यानी 7 जनवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर पौष पूर्णिमा का समापन होगा. मान्यता है कि पूर्णिमा का व्रत करने से पारिवारिक कलह और अशांति दूर होती है. आर्थिक समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है. साथ ही साथ मानसिक शांति भी मिलती है. पौष पूर्णिमा महत्व | Paush Purnima Significance धार्मिक मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर काशी, प्रयाग के त्रिवेणी संगम पर स्नान और दान करने से अक्षय फल की ...

पूर्णिमा कब की है 2023

Contents • 1 जनवरी में पूरनमाशी कब की है • 1.1 फरवरी में पूरनमाशी कब की है • 1.2 मार्च में पूरनमाशी कब की है • 1.3 अप्रैल में पूरनमाशी कब की है • 1.4 मई में पूरनमाशी कब की है • 1.5 जून में पूरनमाशी कब की है • 1.6 जुलाई में पूरनमाशी कब की है • 1.7 अगस्त में पूरनमाशी कब की है • 1.8 सितम्बर में पूरनमाशी कब की है • 1.9 अक्टूबर में पूरनमाशी कब की है • 1.10 नवंबर में पूरनमाशी कब की है • 1.11 दिसंबर में पूरनमाशी कब की है • 1.12 इस महीने की पूनम कब है? • 1.13 पूनम तिथि किस तारीख को है? जनवरी में पूरनमाशी कब की है जनवरी महीने में पौष (पोह) मास की पूरनमाशी तिथि 6 तारीख को शुक्रवार के दिन है. Hindi Tithi Date Purnima January 2023 6 January 2023 फरवरी में पूरनमाशी कब की है फरवरी महीने में माघ (माह) मास की पूरनमाशी तिथि 5 तारीख को रविवार के दिन है. Hindi Tithi Date Purnima February 2023 5 February 2023 मार्च में पूरनमाशी कब की है मार्च महीने में फाल्गुन (फागुन) मास की पूरनमाशी तिथि 7 तारीख को मंगलवार के दिन है. Hindi Tithi Date Purnima March 2023 7 March 2023 अप्रैल में पूरनमाशी कब की है अप्रैल महीने में चैत्र (चैत) मास की पूरनमाशी तिथि 6 तारीख को गुरुवार के दिन है. Hindi Tithi Date Purnima April 2023 6 April 2023 मई में पूरनमाशी कब की है मई महीने में बैशाख (वैशाख) मास की पूरनमाशी तिथि 5 तारीख को शुक्रवार के दिन है. Hindi Tithi Date Purnima May 2023 5 May 2023 जून में पूरनमाशी कब की है जून महीने में ज्येष्ठ (जेठ) मास की पूरनमाशी तिथि 4 तारीख को रविवार के दिन है. Hindi Tithi Date Purnima June 2023 4 June 2023 जुलाई में पूरनमाशी कब की है जुलाई महीने में आषाढ़ (साढ़) मास की पूरनमाशी तिथि ...

Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना, जानें विधि, मंत्र और महाउपाय

Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर किस पूजा से पूरी होगी मनोकामना, जानें विधि, मंत्र और महाउपाय सनातन परंपरा में प्रत्येक माह में पड़ने वाला पूर्णिमा का व्रत सुख-सौभाग्य दिलाने वाला माना गया है. जेठ के महीेने में यह व्रत कब पड़ेगा और इसमें किस विधि से करें भगवान विष्णु और चंद्र देवता की पूजा, जानने के लिए पढ़ें ये लेख. साल की 12 पूर्णिमा एक तरफ और ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा एक तरफ, हिंदू धर्म में पूर्णमासी का खास महत्व है. इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा 3 जून को है. पंचांग के मुताबिक दो दिन तक पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसीलिए स्नान और व्रत दोनों अलग-अलग दिनों में होगा.अगर किसी की कुंडली में चंद्र दोष है या चंद्र कमजोर है तो इस दिन पूजा पाठ करने से वह दूर हो जाता है. पूरे विधि-विधान से की गई पूर्णिमा की पूजा शुभफल दाने वाली होती है. क्या है ज्येष्ठ पूर्णिमा का शुभ महूर्त और किस विधि से करें भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा जाने यहां. कैसे करें पूर्णिमा का व्रत और पूजा अगर आप ज्येष्ठ पूर्णिमा या वट पूर्णिमा का व्रत रख रही हैं तो सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर व्रत करने का संकल्प लें. उसके बाद पूरे विधि-विधान से धूप-दीप और अक्षत से पूजा-पाठ करें.इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है. पूर्णिमा को चंद्रमा से जुड़ी सफेद चीजों जैसे चांदी, मोती, दही, चावल, सफेद कपड़े और सफेद फूल का दान करना चाहिए. जो लोग चंद्रमा से जुड़ी चीजें दान में देते हैं कुंडली में उनका चंद्रमा मजबूत होता है.शाम को समय चंद्रमा को जल का अर्घ्य दें, उसमें दूध, चीनी,चावल और फूल मिलाएं. इस विधि से पूजा करने से च...

Purnima 2022: कब है 2022 में पूर्णिमा? जानें तिथि एवं समय

हिन्दू धर्म के लोगों के जीवन में पूर्णिमा को विशेष स्थान प्राप्त है और हर वर्ष के 12 महीनों में 12 पूर्णिमा आती है। आने वाले नए साल में पूर्णिमा की तिथि एवं समय को जानने के लिए पढ़ें। पूर्णिमा के दिन को हिन्दू धर्म में अत्यधिक शुभ माना जाता है जो प्रत्येक माह आती है। हर महीने आने वाली पूर्णिमा क्या होती है पूर्णिमा? हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर माह में कुल 30 तिथियां होती है और इन्ही 30 तिथियों को चन्द्रमा की कला के आधार पर 15-15 दिन के दो पक्षों अर्थात भागो में बांटा गया है जो इस प्रकार है:“शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष। प्रत्येक पक्ष में 14 तिथियां और एक विशेष तिथि पूर्णिमा या अमावस्या होती है। कब होती है पूर्णिमा? हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, महीने के प्रथम भाग को शुक्ल पक्ष कहते है और शुक्ल पक्ष की पहली तिथि को प्रतिपदा या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा भी कहा जाता है। यह पक्ष प्रतिपदा (पड़वा), द्वितीया से लेकर चतुर्दशी (चौदस) तक निरंतर चलता है और इसकी अगली तिथि अर्थात शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा, पूरनमासी या शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कहते है। इस दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण आकार में दिखाई देता है। पूर्णिमा का धार्मिक महत्व हिन्दू सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन दान, धर्म के साथ-साथ व्रत करने की भी मान्यता है। कार्तिक वैशाख और माघ महीने की पूर्णिमा के अवसर पर धार्मिक स्थानों पर स्नान, दर्शन एवं दान-धर्म करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा का विधान है। पूर्णिमा का अत्यंत महत्व होने के कारण पूर्णिमा तिथि पर भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा आदि धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किये जाते हैं। इसके पीछे पौराणिक मान्यता है कि ऐसा करने से मनुष्य को हर तरह की सुख,शांति और समृद्...

Purnima 2022: जानिए साल 2022 में कब है पूर्णिमा तिथि

पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर अर्थात पूर्णिमातिथि (purnima tithi) का नाम सौम्य और बलिष्ट भी है, क्योंकि इस तिथि पर पूर्णिमा तिथि में जन्मे जातक पूर्णिमा यह भी पढ़ें : पूर्णिमा का महत्व पूर्णिमा तिथि हिंदू धर्म में बहुत मायने रखती है। बुध, कबीर, रैदास जैसी महान आत्माओं से लेकर क्या करें और क्या ना करें सुख, सम्पदा और श्रेय की प्राप्ति के लिए इस तिथि पर सत्यानारण का पाठ करवाना उत्तम रहता है।पूर्णिमा तिथि पर गृह निर्माण, नया वाहन, गहने या कपड़ों की खरीदारी, शिल्प, मांगलिक कार्य, उपनयन संस्कार, 2022में कब-कब हैं पूर्णिमा तिथि हिंदू वर्ष कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक मास में एक पूर्णिमा तिथि होती है। इस प्रकार 12 महीनों में 12 तिथियां पूर्णिमा की होती हैं। वर्ष 2022में पूर्णिमा (purnima 2022) की तिथियां इस प्रकार हैं- पूर्णिमा 2022 दिनांक जनवरी 17, 2022, सोमवार फरवरी 16, 2022, बुधवार मार्च 18, 2022, शुक्रवार अप्रैल 16, 2022, शनिवार मई 16, 2022, सोमवार जून 14, 2022, मंगलवार जुलाई 13, 2022, बुधवार अगस्त 12, 2022, शुक्रवार सितम्बर 10, 2022, शनिवार अक्टूबर 9, 2022, रविवार नवम्बर 8, 2022, मंगलवार मार्गशीर्ष पूर्णिमा दिसम्बर 8, 2022, बृहस्पतिवार ✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी