इस महीने की पूर्णिमा कब है 2022

  1. इस महीने के पूर्णिमा कब है?
  2. Buddha Purnima 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi And Significance Know Vaishakh Purnima Auspicious Time
  3. Kartik Purnima 2022: इस दिन है कार्तिक पूर्णिमा, नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, स्नान
  4. buddha purnima 2022 date time importance significance know the reason behind celebrating this day gautam buddha sry


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इस महीने के पूर्णिमा कब है?

Purnima 2022 List In Hindi: नया साल 2022 (New Year 2022) का शुभारंभ हो चुका है. साल 2021 की आखिरी पूर्णिमा (Last Purnima of year 2021)18 दिसंबर को थी, जोमार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) थी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद अगली पूर्णिमा अंग्रेजीकैलेंडर के नए साल 2022 के जनवरी माह में आ रही है. उस समय हिन्दी कैलेंडर का पौष माह का शुक्ल पक्ष है, उस पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहाजाता है. नए साल 2022 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा 07 दिसंबर दिन मंगलवार को होगी. मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2021 को ध्यान में रखकर आपको नए साल2022 के पूर्णिमा तिथि एवं व्रत के बारे में जानकारी दी जा रही है. यहां पर आप सबसे पहले 2022 के पूर्णिमा तिथियों को जान सकते हैं. आइएजानते हैं कि नए साल 2022 में पूर्णिमा कब-कब है और व्रत कब रखा जाएगा? विषयसूची Show • • • • • • • • • • नए साल 2022 की पूर्णिमा व्रत तिथियां 17 जनवरी, दिन: सोमवार: पौष पूर्णिमा 16 फरवरी, दिन: बुधवार: माघ पूर्णिमा 17 मार्च, दिन: गुरुवार: फाल्गुन पूर्णिमा 16 अप्रैल, दिन: शनिवार: चैत्र पूर्णिमा 15 मई, दिन: रविवार: वैशाख पूर्णिमा 14 जून, दिन: मंगलवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा 13 जुलाई, दिन: बुधवार: आषाढ़ पूर्णिमा 11 अगस्त, दिन: गुरुवार: श्रावण पूर्णिमा 10 सितंबर, दिन: शनिवार: भाद्रपद पूर्णिमा 09 अक्टूबर, दिन: रविवार: आश्विन पूर्णिमा 08 नवंबर, दिन: मंगलवार: कार्तिक पूर्णिमा 07 दिसंबर, दिन: बुधवार: मार्गशीर्ष पूर्णिमा यह भी पढ़ें: मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरु होगा पौष माह, देखें व्रत एवं त्योहार नए साल 2022 के प्रमुख पूर्णिमा व्रत धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो सभी पू​र्णिमा तिथियां व्रत एवं स्नान-दान के लिए महत्वपूर्ण होती हैं. पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी...

Buddha Purnima 2022 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi And Significance Know Vaishakh Purnima Auspicious Time

Buddha Purnima 2022: पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में खास महत्व है. प्रत्येक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा ( Purnima) तिथि में व्रत और पूजन का के अलग-अलग नियम हैं. माना जाता है कि पूर्णिमा के व्रत (Purnima Vrat) से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वैशाख मास की पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) कहा जाता है. इस महीने पूर्णिमा व्रत 16 मई को रखा जाएगा. पौराणिक मान्याताओं के मुताबिक सुदामा (Sudama) भगवान श्रीकृष्ण (Krishna) से मिलने के लिए द्वारका आए तो भगवान ने उन्हें पूर्णिमा व्रत (Purnima Vrat) का महत्व बताया. कहा जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से ही सुदामा की दरिद्रता दूर हो गई. इसलिए इस व्रत का खास महत्व है. इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुध का जन्म हुआ था. इस कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है. यह भी पढ़ें • VIDEO: ग्रेटर नोएडा में सिगरेट पीने को लेकर गार्ड और छात्रों के बीच जमकर मारपीट • गर्लफ्रेंड और पैसे मांगने 12 हजार किमी यात्रा करके विशाल बुद्ध के पास पहुंचा चीनी शख्स, भगवान से अनोखे अंदाज़ में की प्रार्थना • Buddha Purnima 2023: आज मनाई जाएगी बुद्ध पूर्णिमा, जानिए मनाने का महत्व यहां बुद्ध पूर्णिमा कब है ( Buddha Purnima 2022) पंचांग के मुताबिक वैशाख मास की पूर्णिमा 16 मई, 2022 सोमवार को है. इस पूर्णिमा पर चंद्र दर्शन करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध जयंती भी मानाई जाती है. बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 15 मई दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से 16 मई को सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक है. उदया तिथि होने के कारण पूर्णिमा का व्रत 16 मई को रखा जाएगा. वैशाख पूर्णिमा के दिन किन भगवान की करें पूजा वैशाख मास की ...

Kartik Purnima 2022: इस दिन है कार्तिक पूर्णिमा, नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, स्नान

डीएनए हिंदी: Kartik Purnima Snan, Puja vidhi, Tithi, Significance-सनातन धर्म में सभी मास में कार्तिक माह को बेहद खास और पवित्र माना जाता है. विष्णु पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही मत्स्यावतार धारण किया था जिसे श्रीहरि का पहला अवतार माना जाता है. इसलिए ही कार्तिक माह के पूर्णिमा तिथि को (Kartik Purnima 2022 Date) बेहद खास माना जाता है. कार्तिक माह में भगवान विष्णू और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए लोग पवित्र नदी में स्नान करते हैं. मान्यता है कि इस महीने में दीपदान और पूर्णिमा का व्रत करने से श्रीहरि का शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है. चलिए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा कब है, इसका शुभ मुहूर्त और इस दिन स्नान-दान करने का क्या महत्व है... कार्तिक पूर्णिमा तिथि (Kartik Purnima 2022 Date) कार्तिक पूर्णिमा तिथि- 8 नवंबर 2022 दिन मंगलवार कार्तिक पूर्णिमा प्रारंभ तिथि- 7 नवंबर शाम 4.15 मिनट से कार्तिक पूर्णिमा समाप्त तिथि- 8 नवंबर शाम 4.31 मिनट तक कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Shubh Muhurat) इस बार कार्तिक पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त 8 नवंबर 2022 को शाम 4.57 मिनट से शुरू होकर 5.49 मिनट तक है. ऐसे में इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त लगभग 52 मिनट तक होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्योदय से पूर्व स्नान का विशेष महत्व है ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.57 - सुबह 05.49 (8 नबंबर 2022) यह भी पढ़ें- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और स्नान के बाद उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. कार्तिक पूर्णिम...

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Buddha Purnima 2022: वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाएगा. इस दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध को बोधगया में ज्ञान प्राप्त हुआ था. इस साल बुद्ध पूर्णिमा सोमवार, 16 मई को मनाई जाएगी. गौतम बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था. बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार बताया गया है. गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में सिद्धार्थ गौतम के रूप में हुआ था. वह एक वास्तविक ऐतिहासिक व्यक्ति थे, जो कि शाकाल के एक राजकुमार थे, जो आधुनिक भारत और नेपाल की सीमा से लगे एक छोटे से राज्य के लोग थे. वह समृद्धि और सामाजिक सुधार के समय में रहते थे. सोलह वर्ष की आयु में, सिद्धार्थ ने एक सुंदर महिला से शादी की और उनका एक बेटा था. बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के लोग बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं. गौतम बुद्ध एक अभूतपूर्व व्यक्ति थे - एक दार्शनिक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक, धार्मिक नेता, ध्यानी, जिन्होंने बोधगया में बोधि (बरगद) के पेड़ के नीचे 49 दिनों तक निरंतर ध्यान के बाद ज्ञान प्राप्त किया; और 'पीड़ा' को समाप्त करने के रहस्य को उजागर किया. उन्होंने कहा, समाधान चार आर्य सत्यों में निहित है. गौतम ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था. उन्होंने 45 वर्षों तक 'धर्म', अहिंसा, सद्भाव, दया, 'निर्वाण' के मार्ग का उपदेश दिया. बौद्ध धर्म भगवान बुद्ध ( Lord Buddha) की शिक्षाओं पर आधारित है, जो 'सुत्त' नामक संकलन है.