इस्कॉन मंदिर उज्जैन

  1. Famous Temples in Ujjain in Hindi
  2. जानिए ''उज्जैन'' शहर के इन 12 प्राचीन मंदिर की विशेषताएँ
  3. इस्कॉन मंदिर में गुरू को सही जवाब देने वाले 12 देशों के 132 शिष्यों को मिली दीक्षा
  4. इंदौर की ऐतिहासिक रथ यात्रा में 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ रहेगा आकर्षण का केंद्र, 25 जून को निकाली जाएगी यात्रा
  5. इस्कॉन मंदिर
  6. Famous Temples in Ujjain in Hindi
  7. इस्कॉन मंदिर में गुरू को सही जवाब देने वाले 12 देशों के 132 शिष्यों को मिली दीक्षा
  8. इंदौर की ऐतिहासिक रथ यात्रा में 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ रहेगा आकर्षण का केंद्र, 25 जून को निकाली जाएगी यात्रा
  9. जानिए ''उज्जैन'' शहर के इन 12 प्राचीन मंदिर की विशेषताएँ
  10. इस्कॉन मंदिर


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Famous Temples in Ujjain in Hindi

Famous Temples in Ujjain in Hindi: भारत के हृदय राज्य मध्य प्रदेश में बसा उज्जैन एक प्राचीन शहर है, जो पवित्र नदी ‘क्षिप्रा’ के किनारे बसा है. ये शहर अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. महापर्व कहा जाने वाला ‘कुंभ मेला’ प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के बाद यहीं उज्जैन में लगता है. इसलिए इस शहर का महत्व और बढ़ जाता है. इसके अलावा, ये शहर प्राचीन हिन्दू तीर्थस्थल महाकालेश्वर मंदिर (Ancient Temples in Ujjain) के लिए भी जाना जाता है, जो महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. आइये, इस कड़ी में दर्शन करते हैं प्राचीन शहर उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों की. आइये, अब विस्तार से नज़र डालते हैं उज्जैन के मौजूद मंदिरों ( Famous Temples in Ujjain in Hindi) पर. 1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग Image Source: Famous Shiva Temple in Ujjain: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है. साथ ही बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस तीर्थस्थल को भोलेनाथ का पवित्र निवास माना जाता है, जिसके दर्शन करने के लिए न सिर्फ़ देश बल्कि विश्व भर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है. ये तीर्थस्थल शिप्रा नदी के किनारे स्थित है. 2. चौबीस खंभा माता मंदिर Image Source: Famous Mandir in Ujjain: उज्जैन में मौजूद ये भी एक प्राचीन मंदिर है. यहां एक बड़ा प्रवेश द्वार है, जिसे चौबीस खंभा कहा जाता है. ये महाकालेश्वर मंदिर से बाज़ार जाने के मार्ग पर पड़ता है. द्वार के दोनों तरफ़ महालाया और महामाया नाम की दो देवियों की मूर्ति स्थापित है. ऐसा कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य इन देवियों की पूजा किया करते थे. 3. इस्कॉन टेंपल उज्जैन Image Source: Famous Temples in Ujjain: भगवान कृष्ण...

जानिए ''उज्जैन'' शहर के इन 12 प्राचीन मंदिर की विशेषताएँ

उज्जैन (Ujjain) भारत (India)के मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में स्थित एक प्राचीन शहर है, जो पवित्र नदी 'क्षिप्रा' के तट पर स्थित है। यह शहर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। 'कुंभ मेला', जिसे महापर्व कहा जाता है, प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के बाद यहां उज्जैन में आयोजित किया जाता है। इसलिए इस शहर का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा यह शहर प्राचीन हिंदू तीर्थ स्थल महाकालेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जाता है, जो महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आइए अब हम उज्जैन के मौजूदा मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - Mahakaleshwar Jyotirlinga महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस तीर्थ स्थान को भोलेनाथ का पवित्र धाम माना जाता है, जिसके दर्शन के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं। यह तीर्थस्थल शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। 2. चौबीस स्तंभ माता मंदिर - Twenty Four Pillar Mata Temple यह भी उज्जैन में मौजूद एक प्राचीन मंदिर है। यहां एक बड़ा प्रवेश द्वार है, जिसे चौबीस स्तंभ कहते हैं। यह महाकालेश्वर मंदिर से बाजार के रास्ते में पड़ता है। दरवाजे के दोनों ओर महालय और महामाया नाम की दो देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य इन देवियों की पूजा किया करते थे। 3. इस्कॉन मंदिर उज्जैन - ISKCON Temple Ujjain भगवान कृष्ण को समर्पित एक इस्कॉन मंदिर भी प्राचीन शहर उज्जैन में मौजूद है। यह मंदिर उज्जैन जंक्शन से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को राधा मदन मोहन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 4. श्री मंगलनाथ मंदिर - Shr...

इस्कॉन मंदिर में गुरू को सही जवाब देने वाले 12 देशों के 132 शिष्यों को मिली दीक्षा

उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में सोमवार को 12 देशों के कुल 132 शिष्यों को दीक्षा दी गई. गुरू ने सभी दीक्षार्थियों से सवाल-जवाब किए और सही उत्तर देने वालों को हरि दीक्षा दी गई. सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम शाम पांच बजे खत्म हुआ. भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में सोमवार का दिन खास रहा. आज यूके,अमेरिका,जर्मनी और नेपाल सहित 12 देशों के 132 लोगों की हरि दीक्षा का इंतजार खत्म हो गया. इस्कॉन दीक्षा कार्यक्रम के लिए इस्कॉन मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया था. महाराज को उनके भक्त फूल बिछे मार्ग से इस्कॉन के प्रबंधक राघव पंडित ने बताया कि दीक्षार्थियों ने छह माह पूर्व ही मांस और शराब जैसे व्यसन छोड़ दिए थे. आज भक्तों का मुंडन संस्कार हुआ और उनके नाम परिवर्तन हुए. भक्तों को यहां ढोंगी बाबाओं से दूर रहने की भी सलाह दीक्षा के दौरान दी गई. अब भक्त रोजाना 16 माला हरे कृष्ना मंत्र जाप करेंगे. . Tags:

इंदौर की ऐतिहासिक रथ यात्रा में 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ रहेगा आकर्षण का केंद्र, 25 जून को निकाली जाएगी यात्रा

अभिलाष मिश्रा / इंदौर. इंदौर में इस्कॉन की रथयात्रा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इंदौर में ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली जाने वाली है, जिसमें 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ आकर्षण का केंद्र बनने वाला है. यह यात्रा 25 जून को निकाली जानी है. सबसे विशेष बात यह है कि इस रथ में भगवान कृष्ण के साथ, बलराम और सुभद्रा भी विग्रह रूप मे विराजमान रहेंगी. शहर के कई समाज भी जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं. यात्रा का स्वरूप तय करने के लिए इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु के सान्निध्य और महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में आयोजन समिति की महत्पूर्ण बैठक हो चुकी है. जिसमें शहर के अनेक समाजों और धार्मिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों भी सम्मिलित हो चुके हैं. रथयात्रा 25 जून को राजमोहल्ला स्थित खालसा स्टेडियम से राजबाड़ा गोपाल मंदिर तक निकाली जाएगी. 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ आकर्षण का मुख्य केंद्र इस्कॉन मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन पीडी अग्रवाल, रथयात्रा संयोजक हरि अग्रवाल और व्यवस्थापक निकेनतदास ने बताया कि रथयात्रा में 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगा, जिसमें भगवान के साथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रह भी विराजित रहेंगे. रथ को शहर के श्रद्धालु दोनों ओर से रस्सों से खींचते हुए चलेंगे. सीएम शिवराज सिंह भी हो सकते हैं शामिल रथ के आगे-आगे स्वर्ण झाड़ से यात्रा मार्ग की सफाई भी की जाएगी. यात्रा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित अनेक राजनेताओं और सभी समाजों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है. रथयात्रा में इस्कॉन से जुड़े अनेक विदेशी और स्वदेशी संत भी इंदौर आएंगे. इस य...

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है, जो श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम को समर्पित है। इस्कॉन मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर उत्तरप्रदेश राज्य के मथुरा जिले के वृन्दावन में भक्तिवेदांत स्वामी मार्ग, रमन रेती में स्थित है। सन. 1975 में इस्कॉन मंदिर की स्थापना इस्कॉन संस्था के संस्थापक श्री स्वामी प्रभुपद द्वारा व्यक्तिगत रूप से की गयी थी। इस मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है, जहाँ पर श्री कृष्ण 5000 वर्ष पहले अन्य बच्चों के साथ में खेला करते थे तथा अपने भाई बलराम के साथ में यमुना नदी के पास रमन रेती पर अपनी गायों के समूह के साथ आया करते थे। इस्कॉन मंदिर को बनाने में सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी और पेंटिग भी की गई है, जिसमें श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी घटनाओं को विस्तार से बताया गया है। वृन्दावन में श्री कृष्ण के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इस्कॉन मंदिर सभी मंदिरों से अलग है। इस मंदिर में भक्त पूजा करने आते हैं और साथ में पवित्र श्रीमद् भागवत गीता के पाठ का जप भी करते हैं। इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए बहुत दूर-दूर से आते हैं, विशेषकर विदेशों से भी पर्यटक यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। भारतीयों से ज्यादा विदेशी पर्यटक यहाँ अध्यात्म और ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते हैं। अंग्रेजी भाषा में भी यहाँ वैदिक ज्ञान के बारे में बताया जाता है। मंदिर का वातावरण बहुत ही आध्यात्मिक और भक्तिमय है, जिसमें भक्तों को आनंद की प्राप्ति होती है। इस्कॉन मंदिर में आयोजित श्री कृष्ण की आरती (प्रार्थना) बहुत लोकप्रिय है। इस मंदिर का प्रसिद्ध गीत ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण’ ‘कृष्ण क...

Famous Temples in Ujjain in Hindi

Famous Temples in Ujjain in Hindi: भारत के हृदय राज्य मध्य प्रदेश में बसा उज्जैन एक प्राचीन शहर है, जो पवित्र नदी ‘क्षिप्रा’ के किनारे बसा है. ये शहर अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक महत्व के लिए भी जाना जाता है. महापर्व कहा जाने वाला ‘कुंभ मेला’ प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के बाद यहीं उज्जैन में लगता है. इसलिए इस शहर का महत्व और बढ़ जाता है. इसके अलावा, ये शहर प्राचीन हिन्दू तीर्थस्थल महाकालेश्वर मंदिर (Ancient Temples in Ujjain) के लिए भी जाना जाता है, जो महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. आइये, इस कड़ी में दर्शन करते हैं प्राचीन शहर उज्जैन के प्रसिद्ध मंदिरों की. आइये, अब विस्तार से नज़र डालते हैं उज्जैन के मौजूद मंदिरों ( Famous Temples in Ujjain in Hindi) पर. 1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग Image Source: Famous Shiva Temple in Ujjain: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है. साथ ही बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. इस तीर्थस्थल को भोलेनाथ का पवित्र निवास माना जाता है, जिसके दर्शन करने के लिए न सिर्फ़ देश बल्कि विश्व भर से श्रद्धालुओं का आगमन होता है. ये तीर्थस्थल शिप्रा नदी के किनारे स्थित है. 2. चौबीस खंभा माता मंदिर Image Source: Famous Mandir in Ujjain: उज्जैन में मौजूद ये भी एक प्राचीन मंदिर है. यहां एक बड़ा प्रवेश द्वार है, जिसे चौबीस खंभा कहा जाता है. ये महाकालेश्वर मंदिर से बाज़ार जाने के मार्ग पर पड़ता है. द्वार के दोनों तरफ़ महालाया और महामाया नाम की दो देवियों की मूर्ति स्थापित है. ऐसा कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य इन देवियों की पूजा किया करते थे. 3. इस्कॉन टेंपल उज्जैन Image Source: Famous Temples in Ujjain: भगवान कृष्ण...

इस्कॉन मंदिर में गुरू को सही जवाब देने वाले 12 देशों के 132 शिष्यों को मिली दीक्षा

उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में सोमवार को 12 देशों के कुल 132 शिष्यों को दीक्षा दी गई. गुरू ने सभी दीक्षार्थियों से सवाल-जवाब किए और सही उत्तर देने वालों को हरि दीक्षा दी गई. सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुआ कार्यक्रम शाम पांच बजे खत्म हुआ. भरतपुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में सोमवार का दिन खास रहा. आज यूके,अमेरिका,जर्मनी और नेपाल सहित 12 देशों के 132 लोगों की हरि दीक्षा का इंतजार खत्म हो गया. इस्कॉन दीक्षा कार्यक्रम के लिए इस्कॉन मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया था. महाराज को उनके भक्त फूल बिछे मार्ग से इस्कॉन के प्रबंधक राघव पंडित ने बताया कि दीक्षार्थियों ने छह माह पूर्व ही मांस और शराब जैसे व्यसन छोड़ दिए थे. आज भक्तों का मुंडन संस्कार हुआ और उनके नाम परिवर्तन हुए. भक्तों को यहां ढोंगी बाबाओं से दूर रहने की भी सलाह दीक्षा के दौरान दी गई. अब भक्त रोजाना 16 माला हरे कृष्ना मंत्र जाप करेंगे. . Tags:

इंदौर की ऐतिहासिक रथ यात्रा में 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ रहेगा आकर्षण का केंद्र, 25 जून को निकाली जाएगी यात्रा

अभिलाष मिश्रा / इंदौर. इंदौर में इस्कॉन की रथयात्रा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इंदौर में ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली जाने वाली है, जिसमें 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ आकर्षण का केंद्र बनने वाला है. यह यात्रा 25 जून को निकाली जानी है. सबसे विशेष बात यह है कि इस रथ में भगवान कृष्ण के साथ, बलराम और सुभद्रा भी विग्रह रूप मे विराजमान रहेंगी. शहर के कई समाज भी जगन्नाथ रथ यात्रा को लेकर काफी उत्साहित हैं. यात्रा का स्वरूप तय करने के लिए इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु के सान्निध्य और महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में आयोजन समिति की महत्पूर्ण बैठक हो चुकी है. जिसमें शहर के अनेक समाजों और धार्मिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों भी सम्मिलित हो चुके हैं. रथयात्रा 25 जून को राजमोहल्ला स्थित खालसा स्टेडियम से राजबाड़ा गोपाल मंदिर तक निकाली जाएगी. 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ आकर्षण का मुख्य केंद्र इस्कॉन मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन पीडी अग्रवाल, रथयात्रा संयोजक हरि अग्रवाल और व्यवस्थापक निकेनतदास ने बताया कि रथयात्रा में 51 फीट ऊंचा हाइड्रोलिक रथ आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगा, जिसमें भगवान के साथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रह भी विराजित रहेंगे. रथ को शहर के श्रद्धालु दोनों ओर से रस्सों से खींचते हुए चलेंगे. सीएम शिवराज सिंह भी हो सकते हैं शामिल रथ के आगे-आगे स्वर्ण झाड़ से यात्रा मार्ग की सफाई भी की जाएगी. यात्रा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित अनेक राजनेताओं और सभी समाजों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है. रथयात्रा में इस्कॉन से जुड़े अनेक विदेशी और स्वदेशी संत भी इंदौर आएंगे. इस य...

जानिए ''उज्जैन'' शहर के इन 12 प्राचीन मंदिर की विशेषताएँ

उज्जैन (Ujjain) भारत (India)के मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में स्थित एक प्राचीन शहर है, जो पवित्र नदी 'क्षिप्रा' के तट पर स्थित है। यह शहर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। 'कुंभ मेला', जिसे महापर्व कहा जाता है, प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक के बाद यहां उज्जैन में आयोजित किया जाता है। इसलिए इस शहर का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा यह शहर प्राचीन हिंदू तीर्थ स्थल महाकालेश्वर मंदिर के लिए भी जाना जाता है, जो महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आइए अब हम उज्जैन के मौजूदा मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 1. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग - Mahakaleshwar Jyotirlinga महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस तीर्थ स्थान को भोलेनाथ का पवित्र धाम माना जाता है, जिसके दर्शन के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं। यह तीर्थस्थल शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। 2. चौबीस स्तंभ माता मंदिर - Twenty Four Pillar Mata Temple यह भी उज्जैन में मौजूद एक प्राचीन मंदिर है। यहां एक बड़ा प्रवेश द्वार है, जिसे चौबीस स्तंभ कहते हैं। यह महाकालेश्वर मंदिर से बाजार के रास्ते में पड़ता है। दरवाजे के दोनों ओर महालय और महामाया नाम की दो देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य इन देवियों की पूजा किया करते थे। 3. इस्कॉन मंदिर उज्जैन - ISKCON Temple Ujjain भगवान कृष्ण को समर्पित एक इस्कॉन मंदिर भी प्राचीन शहर उज्जैन में मौजूद है। यह मंदिर उज्जैन जंक्शन से लगभग 5 किमी की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर को राधा मदन मोहन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। 4. श्री मंगलनाथ मंदिर - Shr...

इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है, जो श्री कृष्ण और उनके बड़े भाई बलराम को समर्पित है। इस्कॉन मंदिर को श्री कृष्ण बलराम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर उत्तरप्रदेश राज्य के मथुरा जिले के वृन्दावन में भक्तिवेदांत स्वामी मार्ग, रमन रेती में स्थित है। सन. 1975 में इस्कॉन मंदिर की स्थापना इस्कॉन संस्था के संस्थापक श्री स्वामी प्रभुपद द्वारा व्यक्तिगत रूप से की गयी थी। इस मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है, जहाँ पर श्री कृष्ण 5000 वर्ष पहले अन्य बच्चों के साथ में खेला करते थे तथा अपने भाई बलराम के साथ में यमुना नदी के पास रमन रेती पर अपनी गायों के समूह के साथ आया करते थे। इस्कॉन मंदिर को बनाने में सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है। मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशी और पेंटिग भी की गई है, जिसमें श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी घटनाओं को विस्तार से बताया गया है। वृन्दावन में श्री कृष्ण के अनेक मंदिर हैं, लेकिन इस्कॉन मंदिर सभी मंदिरों से अलग है। इस मंदिर में भक्त पूजा करने आते हैं और साथ में पवित्र श्रीमद् भागवत गीता के पाठ का जप भी करते हैं। इस्कॉन मंदिर में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए बहुत दूर-दूर से आते हैं, विशेषकर विदेशों से भी पर्यटक यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। भारतीयों से ज्यादा विदेशी पर्यटक यहाँ अध्यात्म और ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते हैं। अंग्रेजी भाषा में भी यहाँ वैदिक ज्ञान के बारे में बताया जाता है। मंदिर का वातावरण बहुत ही आध्यात्मिक और भक्तिमय है, जिसमें भक्तों को आनंद की प्राप्ति होती है। इस्कॉन मंदिर में आयोजित श्री कृष्ण की आरती (प्रार्थना) बहुत लोकप्रिय है। इस मंदिर का प्रसिद्ध गीत ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण’ ‘कृष्ण क...