इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है

  1. इतिहास (History)
  2. भारतीय इतिहासकार इतिहास को कितने काल खंडों में बांटा गया है? » Bharatiya Itihaaskar Itihas Ko Kitne Kaal Khando Me Baata Gaya Hai
  3. प्राचीन इतिहास को कितने भागों में बांटा गया
  4. इतिहास


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इतिहास (History)

‘ इतिहास‘ शब्द की उत्पत्ति संस्कर्त के तीन शब्दो से ( इति+ ह+ आस) से मिलकर हुई है। ‘ इति‘ का अर्थ है ‘ जैसा हुआ वैसा ही,’ ह‘ का अर्थ है ‘ सचमुच‘ तथा ‘ आस‘ का अर्थ है ‘ निरन्तर रहना या ज्ञान होना‘। वास्तव मे परम्परा से प्राप्त उपाख्यान समूह ही इतिहास है। ‘ हिस्टरी (History)‘ शब्द का प्रयोग हेरोडोटस ने अपनी पहली पुस्तक ‘ हिस्टोरिका‘ (Historical) मे किया था। इसीलिए हेरोडोटस को ‘ इतिहास का जनक‘ माना जाता है। इतिहास के जनक ‘ हिस्टरी (History)‘ शब्द का प्रयोग हेरोडोटस ने अपनी पहली पुस्तक ‘ हिस्टोरिका‘ (Historical) मे किया था। इसीलिए हेरोडोटस को ‘ इतिहास का जनक‘ माना जाता है। Itihas Janane Ke Srot इतिहास के श्रोत भारत में इतिहास के दो ही मुख्य श्रोत माने जाते हैं- (1) ‘ पुरातत्व श्रोत‘ जैसे अभिलेख, शिलालेख आदि (2) ‘ साहित्यिक श्रोत‘ जैसे देशी साहित्य और विदेशी साहित्य आदि। देशी साहित्य के अंतर्गत धार्मिक और गैर धार्मिक दोनों प्रकार का साहित्य आता है। भारतीय इतिहास का वर्गीकरण भारतीय इतिहास भारत के इतिहास को इतिहासकरों ने अध्ययन की दृष्टि से तीन भागों में विभाजित किया – प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, और आधुनिक इतिहास। मध्यकालीन इतिहास को पुनः दो भागों में बांटा गया है – पूर्व मध्यकालोत्तर, मध्यकाल। सिन्धु घाटी की सभ्यता पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में 1921 में हड़प्पा (पंजाब, पाकिस्तान) और 1922 में मोहनजोदड़ो (सिन्ध, पाकिस्तान) नामक नगरों का पता चला। ये मुख्यत नगरीय सभ्यता थी। इसकी अवधि 2500-1750 ई. पू. बताई जाती है। नगर सुनियोजित तरीके से बसाये गये थे। मकान पक्की ईंटों के बने थे। लोग कपास व ऊन के वस्त्र पहनते थे। गेहूँ, जौ, मटर, तरबूज आदि की कृषि करते थे। स्त्रियाँ स्कर्...

भारतीय इतिहासकार इतिहास को कितने काल खंडों में बांटा गया है? » Bharatiya Itihaaskar Itihas Ko Kitne Kaal Khando Me Baata Gaya Hai

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। नमस्कार मैं मनीष भार्गव आपका प्रश्न है भारतीय इतिहासकार इतिहास को कितने काल खंडों में बांटा गया है हमें भी अध्ययन की दृष्टि से देखें तो भारतीय इतिहास को भूलता तीन भागों में बांटा गया है इसमें सबसे पहले प्राचीन भारत उत्पाद मध्यकालीन भारत और स्वराज ने कहा कि यदि आप और ज्यादा अध्यन करना चाहे यदि जाएं एकेडमिक रूप में देखें तो सिर्फ और भी कई भागों में बांटा गया है इसमें प्राचीन भारत को ही पांच भागों में बांटा गया है मध्यकाल को अलग बांटा गया है और आधुनिक भारत को भी दो भागों में बांटा गया है पर यह अभी जरूरत थी तब आप एकेडमी ग्रुप में ज्यादा गहराई से अध्ययन करना चाहे अन्यथा आपका काम इन तीन भागों से ही चल जाएगा जिन्हें प्राचीन भारत मध्यकालीन भारत और आधुनिक भारत कहा जाता है धन्यवाद namaskar main manish bhargav aapka prashna hai bharatiya itihaaskar itihas ko kitne kaal khando me baata gaya hai hamein bhi adhyayan ki drishti se dekhen toh bharatiya itihas ko bhulta teen bhaagon me baata gaya hai isme sabse pehle prachin bharat utpaad madhyakalin bharat aur swaraj ne kaha ki yadi aap aur zyada adhyan karna chahen yadi jayen academic roop me dekhen toh sirf aur bhi kai bhaagon me baata gaya hai isme prachin bharat ko hi paanch bhaagon me baata gaya hai madhyakaal ko alag baata gaya hai aur aadhunik bharat ko bhi do bhaagon me baata gaya hai par yah abhi zarurat thi tab aap academy group me zyada gehrai se adhyayan karna chahen anyatha aapka kaam in teen bhaagon se hi ch...

प्राचीन इतिहास को कितने भागों में बांटा गया

इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है:दोस्तों अपने इतिहास को विद्यालयों में स्कूल में या फिर कॉलेज में पढ़ा होगा लेकिन आपको क्या पता है हमारे इतिहासकारों ने इतिहास को कितने भागों में बांटा है अगर नहीं जानते तो इस पोस्ट को आगे तक जरूर पढ़ना हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है. तो चलिए शुरू करते है. इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है हमारे भारत का इतिहास बहुत प्राचीन काल से आया है.और हमारे भारत को प्राचीन इतिहास का जनक भी कहा जाता है.तो इसी इतिहास को हमारे इतिहासकारों ने किस-किस भागो द्वारा विभाजन किया है के बारे में इस पोस्ट में हम जानकारी प्राप्त करेंगे. इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है दोस्तों अगर आपको पता नहीं है कि इतिहासको किस कितने हिस्सों में बांटा है तो आपको बता दो भारत के इतिहास को इतिहासकारों ने तीन हिस्सों में बांटा है.हा दोस्तों भारत के इतिहास का वर्गीकरण में तीन हिस्सों में किया जाता है. जिसके बारे में हम निचे जानेगे. इतिहास के भाग : • प्राचीन काल इतिहास (Ancient History) • मध्यकालीन इतिहास (Midevable History) • आधुनिक इतिहास (Morden History) इन तीन हिस्सों में भारत के इतिहास को बांटा गया है. तो इसी तरह सभी कालको अपने मौजूदा इतिहास के अनुसार बांटा गया है जिससे कि एक प्राचीन काल का इतिहास, एक मध्यकालीन का इतिहास और एक आधुनिक कालीन का इतिहास. प्रौद्योगिकी काल: प्रौद्योगिकी काल कों हम काल इसका पुरातात्विक साक्ष मोजूद है पर साहित्य या लिखित साहित्य / साक्ष उपलब्ध नहीं है उसे हम प्रौद्योगिकी काल कह सकते है. उदहारण : पाषाण काल आध ऐतिहासिक : आधुनिक काल को हम कह सकते हैं कि जिसका पुरातात्विक सोत्र मौजूद है तथा लिखित / साक्ष...

इतिहास

इतिहास की परिभाषा– इतिहास का अगर हम संधि विच्छेद करें तो यह (इति+ह+आस) होता है जिसका अर्थ है “यह निश्चय था”। ग्रीस के लोग इसे हिस्तरी बोलते थे जिसका अर्थ है “बुनना”। यानी कि किसी भी ज्ञात घटनाओं को सुसज्जित ढंग से व्यवस्थित करना। इतिहास को अलग-अलग इतिहासकारों ने अपने-अपने रूप से परिभाषित किया है, किंतु सबका मत इस पर है कि “प्राचीन काल से नवीन काल की ओर आने वाली मानव जाति से संबंधित घटनाओं का वर्णन इतिहास कहलाता है” इतिहास का जनक हेरोडोटस को कहा जाता है इतिहास को मुख्यतः तीन भागों में बांटा गया है जो निम्नलिखित हैं- • प्रागैतिहासिक • आद्यएतिहासिक • ऐतिहासिक 1.प्रागैतिहासिक (Pre-historic)- यह इतिहास का वह कालखंड है जिसका कोई लिखित स्रोत उपलब्ध नहीं है। इसका केवल पुरातात्विक स्रोत मिलता है। जैसे मानव के कंकाल, पहिया,पत्थर के औजार इत्यादि। इसे पाषाण काल भी कहा जाता है। चित्र संख्या 1 2.आद्यएतिहासिक (proto-historic)- यह इतिहास का वह कालखंड है जिसका लिखित स्रोत उपलब्ध है किंतु वह पढ़ा नहीं जा सकता। उदाहरण के लिए सिंधु घाटी की सभ्यता जिसे हम हड़प्पा सभ्यता भी कहते हैं। पुरातत्ववेत्ताओं को सिंधु घाटी सभ्यता के कई लेख प्राप्त हुए किंतु उनमें इतनी जटिल भाषा का प्रयोग किया गया है जिसे समझ पाना नामुमकिन है। इस कालखंड के बारे में भी पुरातात्विक स्रोतों से ही पता लगाया जा सकता है। चित्र संख्या 2 3. ऐतिहासिक (historic)- यह इतिहास का वह कालखंड है जिसका पुरातात्विक स्रोत तो है ही और साथ ही साथ लिखित स्रोत भी उपलब्ध है। जिनका अध्ययन करके इनके बारे में अधिक से अधिक और सटीक जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके अंतर्गत हम निम्नलिखित भागों का अध्ययन करते हैं। (क) प्राचीन इतिहास (ख) मध्यकालीन इतिहा...