इटावा का टेंपरेचर

  1. चम्बल नदी
  2. Etawah Latest News, Updates in Hindi
  3. Best Tourist Places in Etawah
  4. Garmiyon Me Body Ko Thanda Kaise Rakhe Summer Cool Drink Mogra Sharbat
  5. इटावा


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चम्बल नदी

•ऊँचाई 122मी॰ (400फीट) लम्बाई 1,051कि॰मी॰ (653मील) जलसम्भर आकार 143,219कि॰मी 2 (1.54160 ×10 12वर्ग फुट) प्रवाह •औसत 456m 3/s (16,100घन फुट/सेकंड) •न्यूनतम 58.53m 3/s (2,067घन फुट/सेकंड) •अधिकतम 2,074.68m 3/s (73,267घन फुट/सेकंड) जलसम्भर लक्षण उपनदियाँ •बाएँ •दाएँ चम्बल (चंबल) नदी चूलीय जल प्रपातचम्बल (चंबल) नदी रावतभाटा जिले मे है चोलिया जलप्रपात की ऊंचाई 18 मीटर है और यह राजस्थान का सबसे ऊंचा जलप्रपात है। कुल लम्बाई 135। राजस्थान की औधोगिक नगरी यह एक बारहमासी नदी है। इसका उद्गम स्थल जानापाव की पहाड़ी (मध्य प्रदेश) है। चम्बल नदी कि सहायक नदियां ,बनास ,आहू,परवन, कालीसिंध, आदि है विस्तार से जानकारी के लिए यहां पढ़ें अनुक्रम • 1 अपवाह क्षेत्र • 2 सहायक नदियाँ • 3 मुहाना • 4 ग्रन्थों के अनुसार • 5 इन्हें भी देखें • 6 सन्दर्भ अपवाह क्षेत्र [ ] चम्बल के अपवाह क्षेत्र में चित्तौड़, कोटा, बूँदी, सवाई माधौपुर, करौली, धौलपुर इत्यादि इलाके शामिल हैं। तथा सवाई माधोपुर, करौली व धौलपुर से गुजरती हुई राजस्थान व मध्यप्रदेश की सीमा बनाते हुए चलती है जो कि 252 किलोमीटर की है। सहायक नदियाँ [ ] मुहाना [ ] उत्तर प्रदेश में बहते हुए 965 किलोमीटर की दूरी तय करके यमुना नदी में मिल जाती है। चम्बल नदी का कुल अपवाह क्षेत्र 19,500 वर्ग किलोमीटर हैं। [ ग्रन्थों के अनुसार [ ] महानदी चर्मराशेरूत्क्लेदात् ससृजेयतःततश्चर्मण्वतीत्येवं विख्याता स महानदी। कालिदास ने भी मेघदूत-पूर्वमेघ 47 में चर्मण्वती नदी को रंतिदेव की कीर्ति का मूर्त स्वरूप कहा गया है- आराध्यैनं शदवनभवं देवमुल्लघिताध्वा, सिद्धद्वन्द्वैर्जलकण भयाद्वीणिभिदैत्त मार्गः। व्यालम्बेथास्सुरभितनयालंभजां मानयिष्यन्, स्रोतो मूत्यभुवि परिणतां रंतिदेवस्...

Etawah Latest News, Updates in Hindi

इटावा इटावा (Etawah) भारतीय गणराज्य के प्रांत उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का एक जिला और शहर है. इस जिले का मुख्यालय भी यहीं है और ये कानपुर मंडल का हिस्सा है. इटावा दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर पश्चिमी-मध्य उत्तर प्रदेश में स्थित है. यह आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना नदी के तट पर बसा हुआ है. इस जिले का क्षेत्रफल 2,311 वर्ग किलोमीटर है(Geographical Area). इटावा जिले में एक संसदीय लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है (Lok Sabha Constituency). इसके अंतर्गत कुल तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं(Assembly Constituency). 2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक इटावा की जनसंख्या (Population) लगभग 16 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 684 लोग रहते हैं (Denisity). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 870 है. इटावा की 78.41 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 86.06 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 69.61 फीसदी है(Etawah Literacy). भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी का मायका कुन्दनपुर जो अब कुदरकोट के नाम से जाना जाता है, इसी जिले में है. यहां हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक किले के अवशेष भी हैं. इटावा का पुराना नाम इष्टिकापुर कहा जाता है. इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामा मस्जिद है(Etawah History). इस जिले में कपास और रेशम बुनाई के महत्वपूर्ण उद्योग औरतिलहन मिलें हैं. जिले में धान मिलें भी बहुत बड़ी संख्या में है(Economy). इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों से बने जलोढ़ भूभाग पर स्थित है और इस क्षेत्र की सिंचाई गंगा नहर प्रणाली की एक नहर द्वारा होती है. यहां की फसलों में गेहूँ, मकई, जौ और मोटा अनाज शामिल हैं(Agriculture). इटावा जिले के मुख्य पर्यटन स्थलों में सुमेर सिंह का कि...

Best Tourist Places in Etawah

इटावा जिला आकर्षक स्थल है इस बात से बिलकुल इंकार नहीं किया जा सकता और जब से यहाँ lion safari etawah बना है तब से लोगों में Best Tourist Places in Etawah के बारे में जानने की इच्छा और भी ज़ायदा बढ़ गयी है। अब लोग Etawah famous temple, etawah famous food, etawah famous places, etawah famous sweet, etawah famous school और etawah famous hanuman temple के साथ ही बहुत सी जानकारी लेना चाहते हैं। • • • • • • • • • • • • Best Tourist Places in Etawah: इटावा जिला आकर्षक स्थल के रूप में जाना जाता है। ये न सिर्फ एक ऐतहासिक स्थल है बल्कि पिछले कुछ समय में यहाँ बहुत ज्यादा विकास देखने को मिला है जिसका सीधा असर यहाँ के आकर्षक स्थलों पर पड़ा है। वैसे इटावा अंग्रेजों के ज़माने से ही लोकप्रिय होना शुरू हो गया था लेकिन अब इटावा की आवाज़ देश-विदेशों में भी गूंजती है। आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुकमणी का मायका कुन्दनपुर जो अब कुदरकोट के नाम से जाना जाता है इसी जिले में बसा हुआ है। तो आइये Best Tourist Places in Etawah के बारे में जानते हैं। 1. इटावा सफारी पार्क Etawah Safari Park को लोग Lion Safari Etawah के नाम से भी जानते हैं। इसका नाम पहले लायन सफारी इटावा था लेकिन अब इसका नाम बदलकर इटावा सफारी पार्क रख दिया गया है। 350 हैक्टेयर में फैला हुआ इटावा सफारी पार्क आकर्षक स्थल के रूप में जाना जाता है। Etawah Safari Park एशिया के सबसे बड़े सफारी पार्को में से एक है। Etawah Safari Park की खास बात यह है कि इसमें 4 तरह की सफारी की सुविदा उपलब्ध है जिसमें लायन सफारी, डियर सफारी, बेयर (bear) सफारी और लेपर्ड सफारी शामिल है। Etawah Safari Park का निर्माण मई 2012 में शुरू हुआ थ...

Garmiyon Me Body Ko Thanda Kaise Rakhe Summer Cool Drink Mogra Sharbat

Summer Drink: जैसे-जैसे टेंपरेचर बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे हम केवल ऐसे फूड आइटम्स और ड्रिंक्स ( Summer Drink) की तलाश मे रहते हैं जो हमारे शरीर को अंदर से ठंडा रखने में मदद कर सकें. तेज गर्मी हमारी एनर्जी लेवल पर असर डालती है और हमें डिहाइड्रेटेड और लेजी फील करा सकती हैं. बेशक, गर्मियों में हमें फ्रेश फील कराने के लिए बहुत सारी चीजे हैं, लेकिन हमारे दिलों में एक चीज जिसकी खास जगह होती है वो है क्लासिक शरबत. इस देसी कूलर का एक घूंट हमें तुरंत एनर्जी देने में मदद करता है. फिर वो चाहे गुलाब का शरबत हो, खरबूजे का शरबत हो, फालसा का शरबत हो या बेल का शरबत सभी का टेस्ट एक जैसा ही होता है. आज हम आपसे एक और टेस्टी शरबत की रेसिपी शेयर करने के लिए बहुत एक्साइटेड हैं जो निश्चित रूप से आपको पसंद आएगी. तो आप भी मोगरा शरबत के फ्रेश टेस्ट का आनंद लेने के लिए तैयार हो जाइए जैसा कि नाम से पता चलता है, ये समर कूलर मोगरा ड्रिंक (चमेली) की पत्तियों से बनाया जाता है. इस शरबत को बनाने के लिए आपको बस इतना करना है कि मोगरा के पत्तों को पानी में उबा लेना है फिर उन्हें छान लें और पानी में इलायची पाउडर और चीनी डाल कर मिक्स करें. यह इस शरबत को एक अलग टेस्ट देगा जो यकीनन आपको मंत्रमुग्ध कर देगा. आपको अपने समर डाइट में मोगरा शरबत को क्यों शामिल करना चाहिए? (Why Should You Include Mogra Sharbat In Your Summer Diet?) मोगरा शरबत आपको हाइड्रेटेड और ताज़ा रखने में मदद करता है, यही वजह है कि यह एक बेहतरीन समर कूलर ड्रिंक है. इस शरबत को पीने से पाचन में भी मदद मिल सकती है और वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है. चमेली इस शरबत में मेन इंग्रीटिएंट है, जो आपको रिलैक्स करने में और ब्लड प्रेशर में सुधार करने में मदद...

इटावा

अनुक्रम • 1 विवरण • 2 इतिहास • 3 यातायात और परिवहन • 3.1 वायु मार्ग • 3.2 रेल मार्ग • 3.3 सड़क मार्ग • 4 उद्योग और व्यापार • 5 कृषि और खनिज • 6 शिक्षण संस्थान • 7 पर्यटन • 8 प्रमुख व्यक्तित्व • 9 इन्हें भी देखें • 10 सन्दर्भ विवरण इटावा एक प्रमुख शहर एवं इतिहास इटावा में 16वीं शताब्दी में निर्मित जामी मस्जिद है, जिसका निर्माण एक ऊँचे आधार पर पुराने हिन्दू भवनों के अवशेषों से किया गया है। यहाँ हिन्दू मंदिरों से घिरे 15वीं शताब्दी के एक क़िले का अवशेष भी है। इटावा का पुराना नाम इष्टिकापुर कहा जाता है। हिन्दी के प्रसिद्ध कवि देव, इटावा निवासी थे। उन्होंने स्वयं ही लिखा है- 'द्यौसरिया कविदेव को नगर इटावी वास। यातायात और परिवहन वायु मार्ग इटावा का सबसे निकटतम हवाई अड्डा आगरा और ग्वालियर में हैं। रेल मार्ग इटावा रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त इटावा ज़िले में अन्य 6 रेलवे स्टेशन सराय भूपत (8 किलोमीटर), जसवंतनगर (16 किलोमीटर), बलराय (26 किलोमीटर), एकदिल (10 किलोमीटर), समहो (28 किलोमीटर) और भरथना (19 किलोमीटर) स्थित है। सड़क मार्ग भारत के कई प्रमुख शहरों से इटावा सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इटावा ज़िला उद्योग और व्यापार इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के महत्त्वपूर्ण उद्योग व तिलहन मिलें हैं। जिले में धान मिलें भी बहुत बड़ी संख्या में हैं। इटावा घी का वितरण केंद्र भी है। कृषि और खनिज इटावा यमुना और इसकी सहायक नदियों द्वारा अपवाहित जलोढ़ भूभाग पर स्थित है और इस क्षेत्र की सिंचाई गंगा नहर प्रणाली की एक नहर द्वारा होती है। यहाँ की फ़सलों में गेहूँ, मकई, जौ और मोटा अनाज शामिल हैं। विशालकाय खड्डों के इस क्षेत्र में नदियों के किनारे मिट्टी के अपर...

MP

मैनपुरी में 8 साल का बच्चा नानी को बता रहा पत्नी, पूर्वजन्म का किया जा रहा दावा © News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "MP-UP के बीच शुरू होगी पहली मेमू ट्रेन, 7 मई से कर सकेंगे सफर, जानें टाइमिंग" ग्वालियर. चंबल के इलाके में रहने वालों को भारतीय रेलवे बड़ा तोहफा देने जा रहा है. रेलवे की यह पहल इसलिए भी खास है क्योंकि एमपी से यूपी को जोड़ने वाली पहली मेमू ट्रेन का सपना साकार होने जा रहा है. इसी महीने की 7 तारीख से ग्वालियर से इटावा तक के लिए पहली मेमू ट्रेन की शुरुआत होने जा रही है. इस ट्रेन के शुरू होने से ग्वालियर से इटावा तक का सफर महज 4 घंटे का रह जाएगा. दोनों शहरों के बीच की 120 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन 4 घंटे में तय करेगी. MP से UP के बीच चलने वाली पहली मेमू ट्रेन (मल्टीपल इलेक्ट्रिकल यूनिट ट्रेन) की शुरुआत होने से ग्वालियर से सफर करने वाले रेलयात्रियों में खुशी का माहौल है. यहां के लोगों को अब इटावा जाने के लिए दिल्ली के रास्ते या अन्य वैकल्पिक मार्गों से सफर नहीं करना पड़ेगा. अभी ग्वालियर से इटावा जाने में लोगों को कई घंटों का सफर करना पड़ता है. इस मेमू ट्रेन के शुरू होने के बाद आम रेल यात्रियों के लिए ग्वालियर से इटावा का सफर आसान हो जाएगा. ग्वालियर से शाम, इटावा से सुबह में चलेगी ट्रेन ग्वालियर-इटावा मेमू ट्रेन के टाइम टेबल का भी ऐलान कर दिया गया है. ग्वालियर से यह ट्रेन जहां शाम के समय इटावा के लिए रवाना होगी. वहीं इटावा से ग्वालियर के लिए रवानगी का समय सुबह में तय किया गया है. इटावा-ग्वालियर मेमू ट्रेन इटावा स्टेशन से सुबह 7.10 बजे चलेगी और दोपहर होने से पहले 11.30 बजे ग्वालियर पहुंचेगी. वहीं, ग्वालियर से यह ट्रेन शाम के 5.30 बजे रवाना होगी और रात 9.30 बजे यात्रियों को...