- Jai shiv omkara shiv aarti
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Jai shiv omkara shiv aarti
Jai shiv omkara | जय शिव ओंकारा • शिव जी मुख्य तीन देव (त्रिदेव) में से एक देव है। हिंदू धर्म के मुताबिक शिव जी त्रिनेत्र ( तीन आँखोंवाला ), भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ तथा देवों के देव महादेव आदि नामों से भी जाने जाते है। • शिव जी की आरती में बताया गया है कि उन्होंने अनेक प्रकार की मालाएं पहनी हुई है तथा चंदन और बाघ की खाल के वस्त्र आदि पहने हुए है। आरती में शिव जी को मनवान्छित फल प्रदान करने वाला बताया गया और उनसे आशीर्वाद बनाए रखने की कामना की गई है। शिव जी की आरती | shiv aarti ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा। ॐ जय शिव ओंकारा… एकानन चतुरानन पंचानन राजे, स्वामी पंचानन राजे। हंसासन गरूड़ासन, हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे। ॐ जय शिव ओंकारा… दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे, स्वामी दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखता, त्रिगुण रूप निरखता त्रिभुवन मन मोहे। ॐ जय शिव ओंकारा… अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी, स्वामी मुण्डमाला धारी। चन्दन मृगमद चंदा, चन्दन मृगमद चंदा भोले शुभ कारी। ॐ जय शिव ओंकारा… श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे, स्वामी बाघंबर अंगे। ब्रह्मादिक संतादिक, ब्रह्मादिक संतादिक भूतादिक संगे। ॐ जय शिव ओंकारा… कर मध्ये च’कमंडलु चक्र त्रिशूलधरता, स्वामी चक्र त्रिशूलधरता। जग कर्ता जग हरता, जग कर्ता जग हरता जगपालन करता। ॐ जय शिव ओंकारा… ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका, स्वामी जानत अविवेका। प्रणवाक्षर के मध्ये, प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका। ॐ जय शिव ओंकारा… त्रिगुणस्वामी जी की आरति, जो कोइ जन गावे, स्वामी जो कोइ जन गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे। ॐ जय शिव ओंकारा…...