झांसी की रानी का चित्र

  1. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का इतिहास
  2. खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी
  3. Jhanshi Ki Rani Lakshmibai। झांसी की रानी
  4. झांसी की रानी पाठ योजना
  5. jhansi ki rani class 6


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झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का इतिहास

झांसीकीरानीलक्ष्मीबाईकाइतिहास– Rani Laxmi Bai History in Hindi Rani Laxmi Bai Image रानीलक्ष्मीबाईकीजानकारी– Rani Lakshmi bai Information in Hindi नाम (Childhood Name) रानीलक्ष्मीबाई (मणिकर्णिकातांबे) मनुबाई जन्म (Birthday) 19 नवंबर 1828 जन्मस्थान (Birthplace) वाराणसी, उत्तरप्रदेश, भारत माताकानाम (Mother Name) भागीरथीबाई पिताकानाम (Father Name) मोरोपंततांबे विवाहतिथि (Marriage) 19 मई 1842 पति (Husband Name) झांसीनरेशमहाराजगंगाधररावनेवालकर संतान (Son Name) दामोदरराव, आनंदराव (दत्तकपुत्र) घराना उल्लेखनीयकार्य 1857 कास्वतंत्रतासंग्राम धार्मिकमान्यता हिन्दू जाति मराठीब्राह्मण राज्य झांसी शौक घुड़सवारीकरना, तीरंदाजी मृत्यु (Death) 18 जून 1858 मृत्युस्थल कोटाकीसराय, ग्वालियर, मध्यप्रदेश, भारत Watch Jhansi Ki Rani Video Biography झांसीकीरानीकाजीवनपरिचय– About Rani Laxmi Bai in Hindi वीरांगनारानीलक्ष्मीबाईजिन्होनेंअपनेसाहसीकामोंसेनेसिर्फइतिहासरचदियाबल्कितमाममहिलाओंकेमनमेंएकसाहसीऊर्जाकासंचारकियाहैरानीलक्ष्मीबाईजिन्होनेंअपनेसाहसकेबलपरकईराजाओंकोहारकीधूलचटाई।महारानीलक्ष्मीबाईनेअपनेदेशकीस्वतंत्रताकेलिएकईलड़ाईलड़करइतिहासकेपन्नोंपरअपनीविजयगाथालिखीहै। रानीलक्ष्मीबाईनेअपनेराज्यझांसीकीस्वतंत्रताकेलिएब्रिटिशराज्यकेखिलाफलड़नेकासाहसकियाऔरवेबादमेंवीरगतिकोप्राप्तहुईं।लक्ष्मीबाईकेवीरताकेकिस्सेआजभीयादकिएजातेहैं।रानीलक्ष्मीबाईनेअपनेबलिदानोंऔरसाहसीकामोंसेनसिर्फभारतदेशकोबल्किपूरीदुनियाकीमहिलाओंकासिरगर्वसेऊंचाकियाहै।झांसीकीरानीलक्ष्मीबाईकीजीवनदेशभक्ति, अमरऔरबलिदानकीएकअनुपमगाथाहै। रानीलक्ष्मीबाईकाप्रारंभिकजीवन– Rani Laxmi Bai History in Hindi रानीलक्ष्मीबाईकाजन्म 19 नवंबर 1828 को उनकेपिताकानाममोरोपन्तत...

खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी

महारानी लक्ष्मीबाई उन महान क्रांतिकारी योद्धाओ में से हैं जिनके बलिदान के फलस्वरूप ही आज भारत आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म महाराष्ट्र से काशी आकर रहने लगे मोरोपंत तांबे के घर 19 नवंबर सन 1834 को हुआ था। बचपन में लक्ष्मीबाई को प्यार से मनु कहा जाता था। जब बालिका मनु 4 वर्ष की थी तब उसकी मां भागीरथी बाई का काशी में देहांत हो गया। मनु के पिता को उसके पालन-पोषण के लिए कोई सहारा नहीं दिखाई दे रहा था तभी बाजीराव पेशवा ने उन्हें अपने पास बिठूर बुलवा लिया। यहां पर मनु के पिता उसको अपने साथ पेशवा बाजीराव द्वितीय के दरबार में ले जाने लगे। मनु स्वभाव से बहुत चंचल और सुंदर भी थी लोग उसे प्यार से छबीली कहकर बुलाते थे। मनु को बिठूर में शस्त्र और शास़्त्र दोनों की शिक्षा प्राप्त हुई। सन 1842 में उनका विवाह झांसी के मराठा राजा गंगाधर राव नेवालकर के साथ हुआ और वह इस प्रकार झांसी की रानी बन गयीं विवाह के बाद ही उनका नाम रानी लक्ष्मीबाई रखा गया। रानी लक्ष्मीबाई ने एक पुत्र को जन्म दिया लेकिन दुर्भाग्यवश अज्ञात बीमारी से बालक की अकाल मृत्यु हो गयी। सन 1853 में उनके पति राजा गंगाधर राव का स्वास्थ्य भी बेहद नाजुक रहने लग गया था तब उन्हें दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गयी। पुत्र गोद लेने के बाद 21 नवंबर 1853 को राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गयी। उस समय अंग्रेज राज्य हड़प नीति पर चल रहे थे और अपनी इसी नीति के अंतर्गत बालक दामोदर राव के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। मुकदमे में बहुत बहस हुई लेकिन अदालत ने अंग्रेजी कानून के अंतर्गत दामोदर राव के अधिकार को खारिज कर दिया। अंग्रेज सरकार ने राज्य का खजाना जब्त कर लिया और उनके पति के कर्ज को रानी के सालाना खर्च में से क...

Jhanshi Ki Rani Lakshmibai। झांसी की रानी

Rani Laxmi Bai – दोस्तों अपने ब्लॉग पर सब का स्वागत करता हूं। दोस्तों आज हम उस वीरांगना की बात करेंगे जिसने अंग्रेजों के सामने अपने आप को एक पत्थर की सील मिसाल किया। जिसने उनकी गुलामी से बेहतर अपनी जान देने का फैसला किया और जहां तक जब तक सांस चली उन्होंने अपने इस फैसले से मुंह नहीं मोड़ा। ऐसे वीरांगना को हमारा शत-शतनमन तो चलिए दोस्तो चलते हैं हम अपनी पोस्ट के तरफ " " जी हाँ मराठा शासित राज्य झाँसी की रानी थी। जो उत्तर-मध्य भारत में स्थित है। रानी लक्ष्मीबाई 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना थी जिन्होंने अल्पायु में ही ब्रिटिश साम्राज्य से संग्राम किया था। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का इतिहास– Rani Laxmi Bai History नाम –रानी लक्ष्मीबाई (मणिकर्णिका तांबे, मनु, छबिली तथा "ली") उपनाम –मनु बाई जन्म –19 नवंबर 1835 जन्म स्थान –वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत पिता का नाम –मोरोपंत तांबे माता–भागीरथी बाई विवाह तिथि–19 मई 1842 पति–झांसी नरेश महाराज गंगाधर राव नेवालकर संतान –दामोदर राव, आनंद राव (दत्तक पुत्र) घराना–मराठा साम्राज्य उल्लेखनीय कार्य –1857 का स्वतंत्रता संग्राम धार्मिक मान्यता–हिन्दू जाति–मराठी ब्राह्मण राज्य –झांसी शौक –घुड़सवारी करना, तीरंदाजी मृत्यु–18 जून 1858 मृत्यु स्थल –कोटा की सराय, ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत महारानी लक्ष्मी बाई झांसी की रानी झांसी की रानी का जीवन परिचय – About Rani Laxmi Bai वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई जिन्होनें अपने साहसी कामों से ने सिर्फ इतिहास रच दिया बल्कि तमाम महिलाओं के मन में एक साहसी ऊर्जा का संचार किया है रानी लक्ष्मी बाई जिन्होनें अपने साहस के बल पर कई राजाओं को हार की धूल चटाई। महारानी लक्ष्मी बाई ने अपने देश की स्वतंत्रता...

झांसी की रानी पाठ योजना

• इस पाठ से छात्र झांसी की रानी की वीरता से परिचित होंगे । • इस अध्याय में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में बताया गया है । • छात्र दैनिक जीवन में भारत के महापुरुषों के आदर्शों का प्रयोग करना । सामान्य उद्देश्य :- • छात्र विषय वस्तु का प्रत्यास्मरण कर सकेंगे । • छात्र प्रत्यय के प्रयोग के बारे में जान सकेंगे । • पाठ श्रवण में मनोयोग , पूर्वक सुनने की क्षमताओं का विकास करना । • छात्रों में कल्पना शक्ति का विकास करना । • छात्रों को क्रिया के प्रयोग के साथ मौखिक अभिव्यक्ति का विकास करना । विशिष्ट उद्देश्य :- • छात्र कविता के पदों को समझ सकेंगे । • छात्र कविता में आए पदों को कंठस्थ कर कक्षा में सुनाने में रुचि का अनुभव करेगें । • छात्र कविताओं के अन्य पुस्तकें एवं पत्र पत्रिकाएं पढ़ने में रुचि लेंगे । • छात्र त्याग व बलिदान की भावना का विकास कर सकेंगे । सहायक सामग्री :- • श्वेत वर्तिका • लपेट फलक • चित्र • चार्ट्स • संकेतक • अन्य कक्षा कक्ष शिक्षण में उपयोगी सहायक सामग्री । अनुदेशात्मक सामग्री – विषय से संबंधित चार्ट पूर्व ज्ञान परीक्षण – छात्र अध्यापक विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान हेतु निम्नलिखित प्रश्न पूछेंगी | छात्राध्यापक क्रिया छात्र क्रिया 1. हमारे देश में अंग्रेजों के विरुद्ध पहली क्रांति कब हुई थी ? सन् 1857 में 2. सन् 1857 की क्रांति में किस महिला ने अंग्रेजों से लोहा लिया था ? रानी लक्ष्मी बाई 3. लक्ष्मी बाई कहां की रानी थी ? झांसी की 4. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में आप क्या जानते हैं ? समस्यात्मक प्रश्न उद्देश्य कथन :– अच्छा बच्चों ! आज हम झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे । प्रस्तुतीकरण :– छात्र अध्यापक व्याख्यान विधि व चार्ट क...

jhansi ki rani class 6

• राजवंशों ने = राजा-महाराजाओं ने। • भृकुटी = भौंहें (क्रोध में भर उठे थे)। • गुमी हुई = खोई हुई। • फिरंगी = अंग्रेजों ने। • सन्तान = पुत्र-पुत्री। • गाथाएँ = कहानियाँ। • कृपाण = तलवार। • वैभव = सम्पन्नता। • विरुदावलि– प्रशंसा के गीत। • भवानी = पार्वती जी। • उदित = उदय। • मुदित = प्रसन्न। • उजियाली = चमक,खुशियाँ। • कालगति = मृत्यु की गति। • काली घटा = दु:ख के बादल। • कर हाथ। • विधि=विधाता। • शोक= दुःख। • हर्षाया = प्रसन्न हुआ। • दुर्ग = किला। • लावारिस = जिसका कोई उत्तराधिकारी न हो। • वारिस = उत्तराधिकारी। • वीरानी = परायी। • घात = निशाना लगाना। • विसात – ताकत। • बज-निपात = बिजली टूटना। • गाथा = कथा, कहानी। • द्वन्द्व = दो व्यक्तियों का परस्पर युद्ध। • असमान = बराबर नहीं। • अजब = अनोखा। • निरंतर = लगातार । • तत्काल = तुरन्त, जल्दी ही। • सिधार = मरकर। • रजधानी = राजधानी। • विजय = जीत। • सम्मुख = सामने। • मुँह की खाना = पराजित होना। • सैन्य = सेना। • विषम = भयानक। • सवार = घुड़सवार सैनिक । • वीरगति = युद्ध में बहादुरी से लड़ते हुए मृत्यु को प्राप्त हो जाना। • सिधार = स्वर्ग सिधार गई। • दिव्य = अलौकिक, दैवीय। • तेज = प्रकाश (आत्मा का प्रकाश परमात्मा के प्रकाश से मिल गया)। • मनुज = मनुष्य। • अवतारी = अवतार लेने वाली देवी। • स्वतन्त्रता नारी= स्वतन्त्रता की देवी। • पथ-रास्ता। • सीख = शिक्षा। प्रथम पद में कवयित्री ने झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के साहस और बलिदान का वर्णन करते हुए कहा है कि किस तरह उन्होंने गुलाम भारत को आज़ाद करवाने के लिए हर भारतीय के मन में चिंगारी लगा दी थी। रानी लक्ष्मी बाई के साहस से हर भारतवासी जोश से भर उठा और सबके मन में अंग्रेजों को दूर भगाने की भावना पैदा...