झूम खेती क्या है

  1. झूम खेती के बारे में आप क्या जानते हैं? Jhoom khetee ke baare mein aap kya jaanate hain?
  2. झूम खेती किसे कहते है?
  3. झूम खेती किसे कहते हैं? Jhum Kheti Kya Hai
  4. [Solved] झूम क्या है?
  5. झूम खेती किसे कहते हैं
  6. [Solved] "झूम" क्या है? 
  7. क्या आपने सुनी है खेती की ‘झूम’ पद्धति, जानिए खेती का तरीका और फायदा


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झूम खेती के बारे में आप क्या जानते हैं? Jhoom khetee ke baare mein aap kya jaanate hain?

सवाल: झूम खेती के बारे में आप क्या जानते हैं? झूम खेती प्राचीन समय से हो रही है, जिसमें के व्यक्ति एक स्थान के पेड़ पौधों को काटकर उसे जलाकर वहां पर खेती करता है, और जमा की उत्पादन क्षमता को कम हो जाती है, तो वह दूसरे स्थान पर खेती करने लगता है, ऐसी खेती को एवं झूम खेती कहते हैं। झूम खेती को घुमक्कड़ खेती भी कहते हैं। भारत में प्राचीन समय में कई जगह पर घुमक्कड़ खेती की जाती थी, खेती में किसी एक जगह पर लंबे समय तक नहीं की जा सकती थी।

झूम खेती किसे कहते है?

झूम खेती पुराने समय में बहुत ही प्रचलित खेती थी | भारत के कुल राज्यों में आज भी झूम खेती की जाती है | आखिर झूम खेती क्या है, झूम खेती किसे कहते हैं? (Jhoom Kheti यदि आप झूम खेती के बारें में और अधिक विस्तार से जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा पढे | मैंने झूम खेती के बारे में सभी प्रकार के प्रश्नों के उत्तर इस पोस्ट में आपको मिलने वाले है | Table of Contents • • • • • • • • झूम खेती किसे कहते हैं? (Jhoom Kheti Kise Kahate Hain) भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें प्राचीन काल से लेकर आज तक रोजगार के लिए लोग खेती पर निर्भर है | परंतु पुराने जमाने में की जाने वाली खेती और वर्तमान में की जाने वाली खेती में जमीन आसमान का अंतर है | प्राचीन काल में संसाधनों की कमी के कारण किसान खेत में उगने वाले पेड़ पोधों को काटकर नीचे गिरा देते थे फिर उन्हें जला देते थे | बाद में फिर लकड़ी के पुराने उपकरणों की सहायता से भूमि पर जुताई करके बीज बो देते थे और खेती करते थे | झूम खेती एक भूमि पर दो या तीन साल तक ही की जाती थी फिर उसे खाली छोड़ किया जाता था क्योंकि दो-तीन साल में खेती करने से भूमि की उर्वरक क्षमता लगभग खत्म हो जाती थी | अब किसानो को खेती करने के लिए एक नयी भूमि की जरूरत पड़ती थी जिसमें वही प्रक्रिया दोहराई जाती थी | इस प्रकार की जाने वाली खेती को झूम खेती कहा जाता है | झूम खेती को Slash-and-burn, शिफ्टिंग कृषिव स्थानांतरण खेती के नाम से भी जाना जाता है |

झूम खेती किसे कहते हैं? Jhum Kheti Kya Hai

यह एक प्रकार की खेती करने की विधि है जो आदिवासी लोग किया करते थे। झूम खेती में जंगलों के कुछ भाग को काटकर साफ किया जाता है तथा साफ किए गए भाग के घास तथा लकड़ियों को जलाकर उनके राख को उस जमीन पर छिड़क देते थे ऐसा करने से राख में उपस्थित पोटास जमीन को उपजाऊ बनाती है। आदिवासी खेती करने वाले इस जमीन को जोतने के बजाय कुरेदकर खेती करते थे।

[Solved] झूम क्या है?

सही उत्तर एक प्रकार की कृषि (खेती)है। Key Points झूम कृषि: • इसे स्लैश एंड बर्न कृषि भी कहा जाता है, यह फसल उगाने वाली कृषि गतिविधि का एक रूप है। • भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में , कृषि मुख्य रूप से झूम खेती पर आधारित है। • अंग्रेज चाहते थे कि आदिवासी समूह या झूम किसान बस जाएं और खेतिहर किसान बनें। • वास्तव में, झूमखेती करने वाले कृषकअक्सर पीड़ित होते थे, क्योंकि उनके खेतों में अच्छी पैदावार नहीं होती थी। • इसलिए उत्तर-पूर्वी भारत में झूम काश्तकारों ने अपनी पारंपरिक प्रथा को जारी रखने पर जोर दिया। Additional Information • झूम खेती के स्थानीय नामों की सूची: स्थानांतरण कृषि का नाम क्षेत्र झूम उत्तर-पूर्वी भारत दीपा बस्तर जिला (मध्य प्रदेश) ज़ारा और एरका दक्षिणी राज्य पोडू आंध्र प्रदेश कमान, विंगा और धवि उड़ीसा कुमारी केरल के पश्चिमी घाट का पहाड़ी क्षेत्र

झूम खेती किसे कहते हैं

Shifting Cultivation in hindi meaning definition झूम खेती किसे कहते हैं | झूम खेती की परिभाषा क्या है shifting cultivation is also known as ? शब्दावली उत्पादन वानिकी ः ऐसी वानिकी जिसमें उद्योग और वाणिज्य के लिए जरूरी इमारती लकड़ी की किस्मों (Production Forestry) का उत्पादन हो। झूम खेती (Shifting Cultivation) ः यह एक प्रकार की ढलान पर की जाने वाली खेती है। इसमें किसी भाग पर उगे हुए पेड़ों (अधिकांशतः केवल शाखाएँ) को खाद के लिए जला दिया जाता है। इस जमीन पर दो-तीन साल खेती की जाती है। इसके बाद इसे 18-20 साल के परती छोड़ दिया जाता है ताकि वहाँ फिर से वन उग सकें। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में झूम खेती कहते हैं। दक्षिणी उड़ीसा और ज्यादातर दक्षिण भारत में उसे पोडू कहते हैं। भारत की जनजातियों के लगभग 25 प्रतिशत लोग ऐसी खेती करते हैं। नकारात्मक निर्भरता ः किसी संसाधन पर ऐसी निर्भरता जो किसी संसाधन की कमी से या लाभ के उद्देश्य (Destructive Dependence) से हुई हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उपभोक्ता संसाधन को नष्ट करता है (जैसे वन का उपयोग जलाऊ लकड़ी या औद्योगिक कच्चे माल के लिए किया जाता है)। ऐसा करते समय उसे इस बात का ध्यान नहीं रहता कि वह संसाधन दुबारा फल-फूल सके। निर्वृक्षीकरण (Clearfeling) ः एक बार में पूरे के पूरे भूखण्ड पर उगे वृक्षों अथवा बाँस के लट्ठों को काट गिराना। पर्यावरण (Environment) ः वन, वन्य जीवन, वायु, जल, भूमि आदि वातावरण के ऐसे तत्त्व जिन पर मानव निर्भर है। पारितंत्र या पारिस्थितिक तंत्र ः फसली भूमियों, वन-भूमियों, चरागाहों और परती भूमियों का एक ऐसा समेकित तंत्र (Ecosystem) जिसमें भूमि के उपयोग का हर घटक आपस में एक-दूसरे के साथ इस प्रकार अन्योन्यक्रिया करे कि जब किसी एक घट...

[Solved] "झूम" क्या है? 

सही उत्तर कृषि का एक रूप है। Key Points • "झूम" कृषि का एक रूप है। • इस कृषि पद्धति में, फसल की खेती के लिए खेत बनाने के लिए एक विशेष भूमि पर मौजूद पेड़ों और अन्य वनस्पतियों को काट दिया जाता है। • "झूम"कृषि प्रणालियों की सबसे पुरानी प्रथाओं में से एक है। • झूम खेती को 'स्लैश एंड बर्न एग्रीकल्चर' या 'फायर-फॉलो कल्टिवेशन'के रूप में भी जाना जाता है। • यह ज्यादातर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड और बांग्लादेश के जिलों जैसे खगराचारी और सिलहट में आदिवासी समूहों द्वारा प्रचलित है। Additional Information खेती के प्रकार अर्थ आदिम निर्वाह कृषि यह कृषि कुदाल, दाव और खुदाई की छड़ें, और परिवार/सामुदायिक श्रम जैसे आदिम उपकरणों की मदद से की जाती है। पूरी फसल किसान के परिवार के उपभोग के लिए रखी जाती है। स्थानांतरण कृषि स्थानांतरित कृषि एक कृषि प्रणाली है जिसमें एक व्यक्ति भूमि के एक टुकड़े का उपयोग केवल थोड़े समय बाद प्रारंभिक उपयोग को छोड़ने या बदलने के लिए करता है। उदाहरण के लिए। - झूम रोपण कृषि रोपण कृषि एक प्रकार की व्यावसायिक खेती है जिसमें पूरे वर्ष के लिए एक ही फसल उगाई जाती है। गहन कृषि यह एक कृषि पद्धति है जहां प्रति इकाई क्षेत्र में उच्च उपज प्राप्त करने के लिए भूमि का गहन उपयोग किया जाता है।

क्या आपने सुनी है खेती की ‘झूम’ पद्धति, जानिए खेती का तरीका और फायदा

• Home • क्या आपने सुनी है खेती की ‘झूम’ पद्धति, जानिए खेती का तरीका और फायदा-नुकसान कुछ पद्धति ऐसी भी हैं जिनकी जानकारी शायद सभी को नहीं होगी, इन्हीं में से एक है झूम पद्धति, जो आज भी कई क्षेत्रों में की जा रही है. ऐसे में आपको खेती की झूम पद्धति से जुड़ी सभी जानकारी दे रहे हैं. जानिए खेती का तरीका, लाभ और हानि. झूम खेती करने का तरीका भारत एक कृषि प्रधान देश है और लगभग 60 फीसदी आबादी कृषि पर ही निर्भर है, इसलिए भारत में कृषि क्षेत्र को लेकर लगातार नए-नए प्रयोग किए जाते हैं. पुराने समय में तो कृषि यानी खेती-बाड़ी कई अलग-अलग तरीकों और पद्धतियों को अपनाकर की जाती थी और इन्हीं में शामिल कई अलग-अलग पद्धतियों को अपनाकर आज भी खेती की जाती है. जिनमें से एक है झूम पद्धति. बता दें झूम कृषि पुरानी कृषि का ही एक प्रकार है जो आज कल चर्चाओं में है. हालांकि झूम खेती को देश के कुछ क्षेत्रों में ही किया जा रहा है क्योंकि देश में बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें झूम खेती के बारे ज्यादा जानकारी नहीं है. जानकारी के अभाव में कई लोग इस पद्धति को नहीं अपना पा रहे हैं लेकिन जो किसान झूम खेती के बारे में जानते हैं झूम खेती का तरीका- झूम खेती करने का तरीका सबसे अलग है. खेती में जब एक फसल कट जाती है, तो उस जमीन को कुछ सालों के लिए खाली छोड़ देते हैं, इस खाली भूमि पर कुछ सालों में बांस या अन्य जंगली पेड़ उग जाते हैं फिर इस जंगल को गिराकर जला देते हैं, जो बाद में खाद की तरह काम करता है. हालांकि पहले से ही पेड़ या वनस्पति खड़े हैं, तो उन्हें भी जलाकर झूम खेती कर सकते हैं. वहीं जलाए जंगल की सफाई करने के बाद जुताई करके बीज की बुवाई की जाती है. बता दें यह पूरी तरह प्रकृति पर निर्भर रहती है. अब इस जमीन पर फिर ...