जीवाश्म ईंधन क्या है

  1. जीवाश्म ईंधन क्या हैं इसका निर्माण कैसे होता हैं जीवाश्म ईंधन के लाभ और हानि
  2. [Solved] निम्नलिखित में से क्या जीवाश्म ईंधन नहीं है?
  3. जीवाश्म ईंधन क्या है


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जीवाश्म ईंधन क्या हैं इसका निर्माण कैसे होता हैं जीवाश्म ईंधन के लाभ और हानि

जीवाश्म ईंधन में मुख्य रूप से कार्बन युक्त ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस शामिल होते हैं। जीवाश्म ईंधन का उपयोग गांवों में हीटिंग स्टोव से लेकर बिजली प्लांट तक के लिए किया जाता है जो लाखों लोगों के लिए पर्याप्त बिजली पैदा करते हैं। कभी-कभी इसका उपयोग सीधे गैस स्टोव और ऑटोमोबाइल में किया जा सकता है लेकिन ज्यादातर समय बिजली पैदा करने के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग किया जाता है। थर्मल पॉवर प्लांट थर्मल पावर प्लांट एक बिजली उत्पादन स्टेशन है जो बिजली पैदा करने के लिए कोयला, पेट्रोलियम आदि जैसे जीवाश्म ईंधन का उपयोग करते है। यह ईंधन में संग्रहीत रासायनिक ऊर्जा का उपयोग करके, इसे जलाकर और फिर इसे यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करके ऐसा करता है। इस यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग बिजली उत्पन्न करने के लिए विद्युत जनरेटर को चलाने के लिए किया जाता है। ईंधन द्वारा छोड़ी गई तापीय ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए यहां जिस डिवाइस का उपयोग किया जाता है, उसे टर्बाइन कहा जाता है। टर्बाइन के हिलने से बिजली का उत्पादन होता है। जीवाश्म ईंधन का निर्माण कैसे होता हैं जीवाश्म ईंधन जीवाश्म ईंधन प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे मरे और दबे हुए जीवों के सड़ने या अपघटन से बनने वाले ईंधन हैं। जैसे-जैसे मरे हुए पेड़ पौधे और जानवर पृथ्वी की गहराई में दबने लगती है, वहा गर्मी और दबाव बढ़ती जाती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, जीवाश्म के अणु टूटने लगते हैं। शुरुआती में अणुओं के टूटने से भी ईंधन मिलता है लेकिन इनके पास कोयले और पेट्रोलियम की तुलना में कम ऊर्जा होती है। लाखों वर्षों के लिए भूमि में रहने के बाद यह जीवाश्म ईंधन में बदल जाते हैं। प्लैंकटन प्राकृतिक गैस और तेल में टूट हो जाता है, जबक...

[Solved] निम्नलिखित में से क्या जीवाश्म ईंधन नहीं है?

स्पष्टीकरण: जीवाश्म ईंधन: • जीवाश्म ईंधन प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे गर्मी और दबाव में दबे हुए जीवों के अवायवीय अपघटन द्वारा निर्मित होते हैं। • कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन में उच्च प्रतिशत कार्बन होता है। • जीवाश्म ईंधन गैर-नवीकरणीय संसाधन हैं और उनकी ऊर्जा को छोड़ने के लिए उन्हें जलाया जाना चाहिए। • यह वातावरण में सल्फर, नाइट्रोजन, कार्बन आदि गैसों को छोड़ता है जो ग्रीनहाउस प्रभाव और प्रदूषण का कारण बनता है। सही उत्तर लकड़ीहै। • कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे कुछ प्राकृतिक संसाधन • ये जीवित जीवों (जीवाश्म) के मृत अवशेषों से बने थे। • तो, ये सभी जीवाश्म ईंधन के रूप में जाने जाते हैं। • कोयला खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने वाले ईंधन में से एक है। • इससे पहले, इंजन को चलाने के लिए भाप का उत्पादन करने के लिए रेलवे इंजनों में इसका उपयोग किया जाता था। • थर्मल पावर प्लांट में भी इसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। विभिन्न उद्योगों में कोयले का उपयोग ईंधन के रूप में भी किया जाता है। • पेट्रोलियम का निर्माण समुद्र में रहने वाले जीवों से हुआ था। • जैसे-जैसे ये जीव मरते गए, उनके शरीर समुद्र के तल में बस गए और रेत और मिट्टी की परतों से ढँक गए। • लाखों वर्षों में, हवा की अनुपस्थिति, उच्च तापमान और उच्च दबाव ने मृत जीवों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस में बदल दिया। • एक प्राकृतिक ईंधन जैसे कोयला या गैस, जो जीवित जीवों के अवशेषों से भूगर्भीय अतीत में बनता है। कोयले या कच्चे तेल के विपरीत, लकड़ी एक प्रागैतिहासिक जीव का अवशेष नहींहै, और इसलिए यह जीवाश्म ईंधन नहीं है - यह सिर्फ ईंधन है।

जीवाश्म ईंधन क्या है

जीवाश्म की परिभाषा : धरती पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो धरती की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं वह जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्म से कार्बनिक विकास का प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है। इनके अध्ययन को जीवाश्म विज्ञान या पैलेन्टोलॉजी कहते हैं। विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि पृथ्वी पर अलग-अलग कालों में भिन्न-भिन्न प्रकार के जन्तु हुए हैं। प्राचीनतम जीवाश्म निक्षेपों में केवल सरलतम जीवों के अवशेष उपस्थित हैं किन्तु अभिनव निक्षेपों में क्रमशः अधिक जटिल जीवों के अवशेष प्राप्त होते हैं। जीवाश्म के प्रकार : जीवाश्म कुल 6 प्रकार के होते है... 1. सम्पूर्ण परिरक्षित प्राणी 2. प्राय 3. कार्बनीकरण 4. कंकालों का सांचा 5. अश्मिभवन 6. चिचिन्ह जीवाश्म का महत्व और उपयोग : • जीवाश्म विश्व के प्राचीन भूगोल के निर्माण में मदद करते हैं। • विकासीय संबंध स्थापित करने में जीवाश्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। • जीवाश्म विज्ञान प्राकृतिक वैज्ञानिक संकेतकों से अतीत की जलवायु का अध्ययन करता है। जीवाश्म के उदाहरण : • पेट्रोलियम उत्पाद • कोयला • प्राकृतिक गैस जीवाश्म इंधन : यह एक प्रकार का कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह लगभग 65 करोड़ वर्ष पूर्व जीवों के जल कर उच्च दाब और ताप में दबने से हुई है। यह ईंधन पेट्रोल, डीजल, घासलेट आदि के रूप में होता है। इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आदि में किया जाता है।