जिस

  1. अधिगम
  2. जिस (Jis) meaning in English
  3. हिंदी वर्णमाला ( स्वर और व्यंजन ) संपूर्ण जानकारी
  4. कारक: परिभाषा, चिन्ह, भेद, उदाहरण
  5. Class 10th Hindi Grammer वर्ण


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अधिगम

सीखना या अधिगम ( learning) एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन के दौरान वह अपने अनुभवों से अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया को उदाहरणार्थ - छोटे बालक के सामने जलता दीपक ले जानेपर वह दीपक की लौ को पकड़ने का प्रयास करता है। इस प्रयास में उसका हाथ जलने लगता है। वह हाथ को पीछे खींच लेता है। पुनः जब कभी उसके सामने दीपक लाया जाता है तो वह अपने पूर्व अनुभव के आधार पर लौ पकड़ने के लिए, हाथ नहीं बढ़ाता है, वरन् उससे दूर हो जाता है। इसीविचार को स्थिति के प्रति प्रतिक्रिया करना कहते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि अनुभव के आधार पर बालक के स्वाभाविक व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है।अधिगम का सर्वोत्तम सोपान अभिप्रेरणा है अनुक्रम • 1 अधिगम की परिभाषायें • 2 सीखने के नियम • 2.1 अधिगम के मुख्य नियम • 2.2 गौण नियम • 3 अधिगम की विशेषता • 3.1 शास्त्रीय अनुबंधन- साहचर्य के द्वारा सीखना • 3.2 क्रियाप्रसूत अनुबन्धन- पुनर्बलन के द्वारा सीखना • 3.3 पुनर्बलन और प्रेक्षण द्वारा सीखना • 3.3.1 सकारात्मक पुनर्बलन • 3.3.2 नकारात्मक पुनर्बलन • 3.4 प्रेक्षणात्मक (ऑब्ज़रवेशनल) अधिगम प्रतिरूपण • 3.5 वाचिक अथवा शाब्दिक सीखना • 3.6 संप्रत्ययों को सीखना • 3.7 कौशलों का सीखना • 4 प्रशिक्षण का स्थानान्तरण • 5 बाहरी कड़ियाँ • 6 सन्दर्भ अधिगम की परिभाषायें [ ] • बुडवर्थ के अनुसार - ‘‘सीखना विकास की प्रक्रिया है।’’ • B.F.स्किनर के अनुसार - ‘‘सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।’’ • जे॰पी॰ ...

जिस (Jis) meaning in English

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हिंदी वर्णमाला ( स्वर और व्यंजन ) संपूर्ण जानकारी

हिंदी वर्णमाला, स्वर और व्यंजन पूरी की जानकारी पाने के लिए यह पोस्ट पूरा अंत तक जरूर पढ़िए. मानव द्वारा प्रकट की गई सार्थक ध्वनियों को भाषा कहा जाता है। भाषा का मूल रूप मनुष्य के मस्तिक में बोधन और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास करता है। भाषा विज्ञान के अनुसार मनुष्य के द्वारा प्रकट की गई ध्वनियों को शब्द चिन्ह के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है जिन्हें ‘ वर्ण ‘ कहा जाता है। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • हिंदी वर्णमाला की परिभाषा और भेद हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं। Hindi varnamala swar aur vyanjan image हिंदी वर्णमाला के भेद उदाहरण सहित वर्ण क्या है ? भाषा की लघुतम इकाई ध्वनि है। ध्वनि को लिखित रूप में वर्ण द्वारा प्रकट किया जाता है , वर्ण शब्दों का प्रयोग ध्वनि और ध्वनि चिन्ह के लिए किया जाता है। इस प्रकार वर्ण भाषा के मौखिक और लिखित दोनों रूपों के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है , इसे अक्षर भी कहा जाता है। “वर्ण या अक्षर वह छोटी से छोटी ध्वनि है जिसके टुकड़े नहीं किए जा सकते।” देवनागरी लिपि के अनुसार वर्णमाला – स्वर स्वर मात्रा संकेत सहित – अ , आ ( ा ) , इ ( ि ) , ई ( ी ) , उ (ु ) , ऊ (ू ) , ऋ (ृ ) , ए (े ) , ऐ (ै ) , ओ (ो ) , औ (ौ ) अनुस्वर – अं विसर्ग – अः (ाः ) व्यंजन क वर्ग – क , ख , ग , घ , डं च वर्ग – च , छ , ज , झ , ञ ट वर्ग – ट , ठ , ड , ढ , ण , ड़ , ढ़ त वर्ग – त , थ , द , ध , न प वर्ग – प , फ , ब , भ , म अंतः स्थल वर्ग – य , र , ल , व उष्म वर्ग – श , ष , स , ह संयुक्त वर्ग – क्ष , त्र , ज्ञ , श्र , गृहीत ...

कारक: परिभाषा, चिन्ह, भेद, उदाहरण

हिंदी ग्रामर में कारक का सम्बन्ध संज्ञा या सर्वनाम से होता है. अर्थात एक कार्य दुसरे से सम्बंधित होता है. बिना Karak के किसी अन्य शब्द से सम्बन्ध व्यक्त करना संभव नही है. इसलिए, हिंदी का अध्ययन विस्तार से करने के लिए “ Karak के बारे में पढ़ना” आवश्यक है. वाक्यों में कारक का शाब्दिक अर्थ “ करने वाला” होता है, जो दुसरें वाक्यों एवं शब्दों से सम्बन्ध व्यक्त करता है. अर्थात् क्रिया को पूरी तरह सम्पन्न करने में किसी न किसी प्रकार की भूमिका को निभाने वाला या संज्ञा या सर्वनाम से सम्बन्ध व्यक्त करने वाला. यहाँ Karak in Hindi Grammar से सम्बंधित परिभाषा, चिन्ह यानि विभक्ति, भेद, नियम और उदाहरण के बारे में अध्ययन करेंगे जिसका आवश्यकता एग्जाम के समय होता है. ये ऐसा टॉपिक है जिससे अकादमिक और प्रतियोगिता एग्जाम में अक्शर प्रश्न पूछा जाता है और यह एग्जाम में अच्छा मार्क्स दिलाने में भी कारगर है. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • कारक की परिभाषा संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो वाक्य के अन्य शब्दों, खासकर क्रिया से अपना सम्बन्ध प्रकट करता है, वह कारक कहलाता है. जैसे; • राम ने रावण को मारा • उसने उसको पढ़ाया प्रथम वाक्य में दो संज्ञा शब्द (राम तथा रावण) और एक क्रिया शब्द (मारा) है. दोनों संज्ञा शब्दों का आपस में सम्बन्ध है ही, मुख्य रूप से उनका सम्बन्ध किया से है. दूसरे शब्दों में: कारक किसे कहते है? संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से इसका रावण को किसने मारा? राम ने राम ने किसको मारा? रावण को यहाँ मरने की क्रिया राम करता है, अतः राम ने = कर्ता कारक और मारने का फल रावण पर पड़ता है, अतः रावण को = कर्म कारक. स्पष्ट है कि करने वाला कर्ताकारक हुआ. इसका चिन्ह “ने” है और जिसपर फल पड़ा, व...

Class 10th Hindi Grammer वर्ण

क्लास 10th के लिए हिंदी व्याकरण Hindi grammar का महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिया गया है। जो वर्ण विचार चैप्टर का है। और आपके बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साथ में क्लास 10TH हिंदी व्याकरण का ऑनलाइन टेस्ट नीचे दिया गया है। जिससे आप मैट्रिक बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। वर्ण-विचार Class 10th Hindi Grammer Question Answer भाषा-व्यक्ति द्वारा सार्थक उच्चरित वाणी को भाषा कहते हैं। वर्ण– उस ध्वनि को कहते हैं जिसके और टुकड़े नहीं किए जा सकते। वर्ण का प्रयोग-वर्ण का प्रयोग ध्वनि चिह्न तथा लिपि चिह्न दोनों के लिए होता है। इस प्रकार ये वर्ण भाषा के मौखिक तथा लिखित दोनों रूपों के प्रतीक हैं। अक्षर- किसी एक ध्वनि या ध्वनि-समूह की उच्चरित न्यूनतम इकाई को अक्षर कहते हैं। अक्षर का उच्चारण वायु के एक झटके के साथ होता है। वर्णमाला-वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं। स्वर – जिन ध्वनियों के उच्चारण के समय हवा बिना किसी रुकावट के मुंह से निकलती है, उन्हें स्वर कहते हैं। ह्रस्व स्वर – जिन स्वरों के उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। जैसे अ, इ। दीर्घ स्वर –जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व से दुगना समय लगे, उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। जैसे आ, ई । व्यंजन – जिस वर्ण के उच्चारण में स्वर की सहायता लेनी पड़ती है, उसे व्यंजन कहते हैं। जैसे क = क् + अ। व्यंजन-गुच्छ –जब दो या दो से अधिक व्यंजन एकसाथ एक श्वास के झटके से बोले जाते हैं, तो उन्हें व्यंजन-गुच्छ कहते हैं। जैसे क्यारी, स्मरण। . अंत:स्थ व्यंजन – जिन वर्णों के उच्चारण में जीभ, तालु, दाँत तथा ओठ आपस में हल्का स्पर्श करते हैं। उसे अंत:स्थ व्यंजन कहते हैं। जैसे य, र, ल, व। बलाघात –किसी शब्द ...