जॉन्डिस क्या होता है

  1. पीलिया कैसे होता है पीलिया के प्रकार और उसके लक्षण और बचाव
  2. बच्चों में पीलिया (जॉन्डिस)
  3. जानिए क्यों होता है पीलिया (जॉन्डिस )
  4. नवजात शिशु में पीलिया (जॉन्डिस) के लक्षण, कारण और इलाज
  5. Jaundice Treatment : जाने जॉन्डिस या पीलिया से छुटकारा पाने के 17 असरदार और बेहतर उपचार, घर पर ही करें आसानी से जॉन्डिस या पीलिया का आसान उपाय
  6. जानें प्रेगनेंसी में जॉन्डिस के कारण क्या होते हैं? > Ujjawal Prabhat
  7. फोरप्ले क्या होता है करने के तरीके, फायदे और नुकसान
  8. Jaundice क्यों होता है? Piliya के लक्षण, कारण, 12 उपाय और इलाज। About Jaundice in Hindi
  9. पीलिया के लक्षण क्या हैं? जानने के लिए पढ़ें


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पीलिया कैसे होता है पीलिया के प्रकार और उसके लक्षण और बचाव

पीलिया कैसे होता है पीलिया के प्रकार और उसके लक्षण और बचाव पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसका यदि टाइम से इलाज न किया जाये तो किसी भी इन्सान की जान ले सकता है पीलिया एक तरह का ऐसा रोग होता है जिसमें मरीज की ऑंखें और त्वचा पीली पड़ जाती है इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है आज हम यंहा आपको बतायेंगे की पीलिया कैसे होता है और और यह कितने प्रकार का होता है और इस बीमारी से कैसे बचा जा सकते है और इसके क्या क्या लक्षण है क्योकि यदि आप खुद बचाव रखेंगे तो ही अपने आप को सही रख पाएंगे और डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नही पड़ेगी | पीलिया क्या है और यह कैसे होता है पीलिया एक प्रकार की बीमारी होती है इस बीमारी में इन्सान के शरीर में रक्त के अन्दर बिलीरूबीन के बढ़ जाने से त्वचा, नाखून और आंखों का रंग पीला नजर आने लगता है, इस स्थिति को पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं और यह एक ऐसी बीमारी जिसका यदि टाइम से इलाज न करवाया जाये तो यह बहुत बड़ी गंभीर समस्या बन सकती है यह एक ऐसी बीमारी जो किसी भी उम्र में हो सकती है और यह बीमारी कोई बहार से लगने वाली बीमारी नही है इस बीमारी का प्रमुख कारण हमारे शरीर में स्थित बिलीरुबिन नामक पदार्थ है बिलीरुबिन हमारे शरीर की रक्त कोशिकाओं में होता है यह तब बनता है जा लाल रक्त कोशिका टूट जाती है तो क्या होता है की इन मृत कोशिका को लीवर फ़िल्टर करता रहता है लेकिन जब लीवर में कुछ दिक्कत आ जाती है तो लीवर इनको फ़िल्टर नही करता है जिस से बिलीरुबिन रक्त में ज्यादा हो जाता है और त्वचा पीली नजर आने लगती है धीरे धीरे आंखे और उसके बाद पूरा शरीर पिला नजर आने लगता है ऐसे पीलिया होता है इस बीमारी में हमारे लीवर को सबसे ज्यादा नुकसान होता है इसका टाइ...

बच्चों में पीलिया (जॉन्डिस)

स्लाइडशो शिशु के फलने—फूलने के लिए जरुरी 10 चीजें पीलिया क्या है?पीलिया होने पर त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ जाता है। ऐसा खून और शरीर के ऊत्तकों में बिलिरुबिन नामक तत्व की मात्रा बढ़ने की वजह से होता है। बिलिरुबिन की मात्रा में यह वृद्धि कई अलग-अलग बीमारियों की वजह से हो सकती है। समस्या की जड़ चाहे कोई भी बीमारी हो, त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का पीला होना आमतौर पर पीलिया (जॉन्डिस) के नाम से जाना जाता है। बिलिरुबिन तब बनता है जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं अपने जीवन चक्र के अंतिम चरण पर पहुंच जाती हैं और टूटने लगती हैं। जब यकृत (लीवर) सही ढंग से कार्य कर रहा हो, तो यह बिलिरुबिन का संसाधन (प्रोसेस) करके इसे पाचन तंत्र में पहुंचा देता है। इसके बाद बिलिरुबिन पेशाब या मल के जरिये शरीर से बाहर निकल जाता है। जब यकृत उचित ढंग से काम न कर पा रहा हो या फिर शरीर में बहुत सारी लाल रक्त कोशिकाएं टूटने लगती हैं, तो खून में बिलिरुबिन की मात्रा बहुत बढ़ सकती है। इसे पीलिया कहा जाता है। पीलिया के मुख्य तीन प्रकार होते हैं: • हैप्टोसैलुलर जॉन्डिस, यह यकृत से जुड़ी बीमारी या चोट लगने पर होता है। • ऑब्सट्रक्टिव जॉन्डिस, यह पित्त वाहिनी (बाइल डक्ट) में अवरोध होने की वजह से होता है। क्योंकि इस कारण से बिलिरुबिन लीवर से बाहर नहीं निकल पाता। • हीमोलाइटिक जॉन्डिस, यह बहुत ज्यादा लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने की वजह से होता है। इससे रक्त में बिलिरुबिन की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। नवजात शिशु के पीलिया और बड़े बच्चों के पीलिया में क्या अंतर है?नवजात शिशुओं और बड़े बच्चों में पीलिया होने के कारण अलग होते हैं। पीलिया होने पर भी यदि आपका शिशु वैसे स्वस्थ है तो पीलिया से उसे नुकसान नहीं पह...

जानिए क्यों होता है पीलिया (जॉन्डिस )

जॉन्डिस (jaundice) को पीलिया भी कहते हैं। अक्सर ये बीमारी नवजात शीशू को ही प्रभावित करती है। जिसके कारण त्वचा पीली पड़ जाती है। इतना ही नहीं आंखे और पेशाब भी पीले रंग के ही होते हैं। वैसे बच्चों में पीलिया होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन अगर ये परेशानी बड़े व्यक्ति को हो तो ये चिंता का विषय हो सकता है। इस रोग के कारण पीड़ित व्यक्ति का खुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता है जिसके कारण व्यक्ति कमज़ोर होने लगता है। जॉन्डिस क्यों होता है? (Reasons of jaundice) पीलिया एक ऐसा रोग है जिसके करण शरीर पीला पड़ जाता है और खूजली भी होने लगती है। इस रोग का शिकार व्यक्ति अपने खाने-पीने की क्षमता को खो देता है। तो आइए जानते हैं जॉन्डिस होने के पीछे क्या कारण है? तो बता दे कि पीलिया (jaundice) तब होता है जब आपकी त्वचा और आपकी आंखें पीली हो जाती हैं। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ये रोग तब होता है जब बिलीरुबिन नामक एक पीला पदार्थ आपके शरीर में बिल्ड-अप हो जाता है। जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स एक तय पर समय टूटते हैं तो बिलिरुबिन नाम का एक बाई-प्रॉडक्ट बनता है। जो सबसे पहले लीवर में जाता है और फिर धीरे-धीरे पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन अगर किसी कारण से रेड ब्लड सेल्स तय समय में से पहले टूट जाते हैं तो लीवर में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। जिसके कारण पीलिया (piliya) रोग हो जाता है। ये भी पढे़ं- जॉन्डिस के लक्षण (Symptoms of jaundice) पीलिया (piliya) को एक गंभीर रोग भी कह सकते हैं। और हम इसका इलाज तभी करवा सकते हैं जब हमे इसके लक्षणों की जानकारी हो तो आज हम आपको पीलिया रोग के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे ध्यान में रख कर आप जॉन्डिस के लक्षणों को पहचा...

नवजात शिशु में पीलिया (जॉन्डिस) के लक्षण, कारण और इलाज

Newborn Baby Jaundice In Hindi नवजात शिशु में पीलिया एक सामान्य स्थिति है नवजात या शिशु को होने वाले पीलिया को चिकित्सा के क्षेत्र नवजात पीलिया (Newborn jaundice) कहते है। पीलिया शिशुओं में एक आम स्थिति है, जो लगभग 50 प्रतिशत से अधिक नवजात शिशुओं को प्रभावित करती है। गंभीर मामलों में इसका उचित इलाज न किया जाये तो नवजात शिशु में पीलिया से बच्चे को बहरापन, मस्तिष्क पक्षाघात (cerebral palsy), मस्तिष्क की क्षति और मृत्यु भी हो सकती है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको नवजात पीलिया क्या है, नवजात शिशु में पीलिया के कारण, लक्षण, बचाव, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपचार से अवगत कराएंगे। 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. नवजात शिशु में पीलिया (जॉन्डिस) क्या है – What Is Newborn Jaundice In Hindi नवजात पीलिया (Infant jaundice) एक ऐसी स्थिति है जिसमें एक बच्चे की त्वचा और आँखें पीली हो जाती है। यह स्थिति आमतौर पर बच्चे के जन्म के पहले सप्ताह से ही देखी जा सकती है। नवजात बच्चों में पीलिया (Newborn jaundice) बहुत सामान्य स्थिति है, और यह तब पैदा होती है जब बच्चों के पास रक्त में उच्च स्तर का बिलीरुबिन (bilirubin) पाया जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के सामान्य रूप से टूटने के दौरान उत्पन्न होने वाला एक पीला रंगद्रव्य है। यह रोग तब होता है जब रक्त के प्रवाह में से बिलीरुबिन को हटाने के लिए एक बच्चे का यकृत पर्याप्त परिपक्व या तैयार नहीं होता है। पीलिया (जॉन्डिस) समय से पहले जन्मे बच्चों में लड़कियों की तुलना में लड़कों को अधिक प्रभावित करता है। पूर्णकालीन या पूर्ण समय में पैदा होने वाले स्वस्थ बच्चों को पीलिया प्रभावित नहीं करता है। अच्छी खबर यह है कि ज्यादातर मामलों में, नवजात जॉन्डिस (Infant jaundi...

Jaundice Treatment : जाने जॉन्डिस या पीलिया से छुटकारा पाने के 17 असरदार और बेहतर उपचार, घर पर ही करें आसानी से जॉन्डिस या पीलिया का आसान उपाय

Dr. Arti Sharma is a certified BAMS doctor with at least 2 years of article writing experience on various medication and therapeutic lines. She is known for her best work in ayurvedic medication knowledge and there uses. Her hobbies including reading books and writing articles. With a good grip in sports, she uses to play for her university cricket team as a captain. Her work for ayurvedic is well known.डॉ आरती शर्मा एक प्रमाणित BAMS डॉक्टर है जिन्हे कम से कम 2 साल का विभिन्न दवाइयों और चिकित्सीय रेखाओं पर लेखन का अनुभव है। वह आयुर्वेदिक दवाओं के ज्ञान और उनके उपयोग में अपने बेहतरीन काम के लिए जानी जाती हैं। उनका शौक किताबें पढ़ना और लिखना है। खेलों में अच्छी पकड़ के साथ, वह एक कप्तान के रूप में अपनी विश्वविद्यालय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुकी हैं। आयुर्वेद के क्षेत्र में उनका काम अच्छी तरह से जाना जाता है। • • • • • • • • • • • • • • • • • • Jaundice Treatment: जाने जॉन्डिस या पीलिया से छुटकारा पाने के 17 असरदार और बेहतर उपचार, घर पर ही करें आसानी से जॉन्डिस या पीलिया का आसान उपाय जॉन्डिस या पीलिया रोग कई कारणों से हो सकता है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको jaundice ke gharelu upay के बारे में संपूर्ण जानकारियां देंगे। दोस्तों! हम सभी जानते हैं कि आजकल लोग कई बीमारीयों से घिरे जा रहे हैं| उनमें से एक जॉन्डिस भी है जिसे लोग सामान्य समझते हैं लेकिन यह जितनी साधारण दिखती है उतनी ही खतरनाक है| इस पोस्ट में आज हम आपको पीलिया से जुड़ी कुछ बातें बताने वाले हैं | पीलिया क्या है (What is Jaundice? ), उसके कारण और लक्षण क्या होते हैं ( causes and reasons of Jaundice) और उनके उपाय और...

जानें प्रेगनेंसी में जॉन्डिस के कारण क्या होते हैं? > Ujjawal Prabhat

प्रेगनेंसी के दौरान लिवर से जुड़ी कई बीमारियों का जोखिम रहता है। जिसमें पीलिया मतली उल्टी और पेट दर्द शामिल है। गर्भावस्था के दौरान लिवर से जुड़ी बीमारी न सिर्फ मां बल्कि बच्चे की जान के लिए भी ख़तरनाक साबित हो सकती है। प्रेगनेंसी वो समय है जो हर मां-बाप के लिए खास होता है। हालांकि, यह समय मां के लिए आसान नहीं होता, वह कई तरह के शारीरिक और हॉर्मोनल बदलावों से गुज़रती हैं। इसके अलावा स्वच्छता और खाने-पीने को लेकर विशेष सावधानी न बरती जाए, तो कई गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ सकता है। इन्हीं में से एक है पीलिया। तो आइए हेल्थ एक्सपर्ट्स से जानें कि गर्भावस्था में पीलिया किस तरह के जोखिमों का कारण बन सकता है। जॉन्डिस के कारण क्या होते हैं? परेल के मुंबई ग्लोबल हॉस्पिटल में स्त्री रोग सलाहकार, डॉ. अनघा छत्रपति ने बताया कि गर्भावस्था में पीलिया के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें हम दो भागों में बांट सकते हैं। पहला: गर्भावस्था से जुड़ा दूसरा: गर्भावस्था से संबंधित नहीं गर्भावस्था से संबंधित नहीं पहले हम बात करते हैं उन स्थितियों की जो प्रेगनेंसी से जुड़ी नहीं हैं। 1. वायरल हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस-ए और ई दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलते हैं। हेपेटाइटिस-ए एक हल्की बीमारी होती है, जो खुद ही ठीक हो सकती है। लेकिन हेपेटाइटिस-ई से संक्रमित महिलाओं में मृत्यु दर 20% तक बढ़ सकती है, जिससे लिवर पूरी तरह से विफल हो सकता हैं। 2. हेपेटाइटिस बी और सी आमतौर पर वे यौन क्रिया या हेमेटोजेनियस मार्ग से फैलने वाले पुराने संक्रमण होते हैं। इससे तीव्र हेपेटाइटिस हो सकता है, जिससे पीलिया हो सकता है। 3. दवा के कारण हेपेटाइटिस कुछ दवाएं जैसे पैरासिटामोल या तपेदिक रोधी दवाएं लीवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं। 4...

फोरप्ले क्या होता है करने के तरीके, फायदे और नुकसान

Foreplay In Hindi फोरप्ले सेक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वास्तव में सेक्स की शुरूआत फोरप्ले से ही की जाती है। सेक्स के दौरान पुरुषों की अपेक्षा विषय सूची 1. 2. • • • • • • • • 3. 4. फोरप्ले क्या होता है? – What Is Foreplay In Hindi सेक्स करने या शारीरिक संबंध (physical relation) बनाने से पहले एक दूसरे को उत्तेजित करने के लिए महिला और पुरुष के बीच जो भावनात्मक और शारीरिक उत्तेजना की क्रिया होती है उसे फोरप्ले कहा जाता है। आसान शब्दों में फोर प्ले का अर्थ सेक्स के लिए उत्तेजना (excitement) को तीव्र करना और सेक्स की इच्छा को चरम पर लाना होता है। सेक्स से पहले व्यक्ति को उत्तेजित करने के लिए फोरप्ले की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और आमतौर पर हर व्यक्ति फोरप्ले के माध्मम से ही अपने पार्टनर को सेक्स के लिए उत्तेजित करता है। यह एक ऐसी क्रिया है जिसमें महिला और पुरूष के संवेदनशील अंगों (sensitive organs) को छूकर, रगड़कर और सहलाकर एवं चूमकर एक दूसरे को उत्तेजित किया जाता है। (और पढ़े – अच्छा फोरप्ले कैसे करें – How To Do Good Foreplay In Hindi हर व्यक्ति अलग-अलग तरीके से फोरप्ले करके अपने पार्टनर को उत्तेजित करता है। हालांकि फोरप्ले की शुरूआत करना इस बात पर भी निर्भर करता है कि व्यक्ति के सेक्स पार्टनर को क्या अच्छा लगता है और वह क्या करने पर जल्दी उत्तेजित हो जाती है। यहां पर फोरप्ले करने के कुछ आसान से तरीके बता रहें हैं जिससे आप अपने पार्टनर को सेक्स के लिए उत्तेजित कर सकते हैं। (और पढ़े – फोरप्ले करने के लिए कमरे में हल्की रोशनी रखें – Keep Dim Room Light To Do Foreplay In Hindi Foreplay : फोरप्ले करने से पहले कमरे का वातावरण ठीक रखें ताकि फोरप्ले और सेक्स दोनों के लिए मूड बनाने...

Jaundice क्यों होता है? Piliya के लक्षण, कारण, 12 उपाय और इलाज। About Jaundice in Hindi

Main points • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Information About Jaundice in Hindi. आप सभी ने जॉन्डिस का नाम जरूर सुना होगा। Jaundice Meaning in Hindi होता है पीलिया। इस स्थिति में व्यक्ति की आंखे और त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है। कुछ लोग Piliya की बीमारी को गंभीरता से नहीं लेते। पीलिया का इलाज कराने की बजाय लोग पीलिया उतारने का मंत्र और पीलिया झाड़ना शुरू कर देते हैं। जिसकी वजह से बहुत से लोगों की पीलिया की वजह से जान भी चली जाती है। ऐसे में जरूरी यह भी है कि पीलिया के लक्षण, पीलिया के कारण और पीलिया होने की वजह समेत सभी चीजों को समझा जाए। इसलिए आज हम आपके सामने जॉन्डिस इन हिंदी में यानी पीलिया से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। आज हम आपको जॉन्डिस मीनिंग इन हिंदी से लेकर Piliya Ke Lakshan कारण और पीलिया के इलाज, दवा से जुड़ी तमाम जानकारियां देंगे। अगर आप भी पीलिया से जुड़ी किसी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख को अंत तक पढ़ें। क्या होता है पीलिया (जॉन्डिस) – What is Jaundice Meaning in Hindi About Jaundice in Hindi यानी Piliya। दरअसल पीलिया की बीमारी केवल शरीर के रंग से संबंधित नहीं है। बल्कि यह बीमारी सीधा लिवर का अस्वस्थ होना दर्शाता है। आपको बता दें कि पीलिया किसी भी व्यक्ति में तब पैदा होता है जब शरीर में बिीरूबिन की मात्रा सीमित से अधिक हो जाती है। इसी का प्रभाव लिवर पर भी पड़ता है। पीलिया के कारण लिवर अपनी कार्यक्षमता खोने लगता है। वहीं बिलीरुबिन धीरे धीरे पूरे शरीर में फैल जाता है जिससे व्यक्ति को पीलिया रोग बढ़ जाता है। पीलिया रोग की समस्या सबसे ज्यादा पैदा हुए शिशुओं में देखने को मिलती है। अगर आपको भी Piliya Ke lakshan दिखाई...

पीलिया के लक्षण क्या हैं? जानने के लिए पढ़ें

पीलिया क्या होता है? पीलिया जिसे अंग्रेजी में जॉन्डिस भी कहा जाता है, एक प्रकार की बीमारी है जो आपको तभी होती है जब आपके शरीर में बिलीरुबिन नाम के तत्व की मात्रा ज़रूरत से ज़्यदा बढ़ जाए। आपने सोचा है पीलिया क्यों होता है? डॉक्टरों के अनुसार बिलीरुबिन एक पीले रंग का तत्व है जो हमारे शरीर में सामान्य रूप मे टूटी-फूटी पुरानी लाल रक्त कोशिकाओं के उपोत्पाद से बनता है। लिवर से फ़िल्टर होकर बिलीरुबिन हमारे शरीर में प्रवेश करता है, परन्तु जब ऐसा नहीं हो पता तब इसकी मात्रा हमारे अंदर ज़्यादा बढ़ जाती है जो पीलिया का रूप ले लेती है। जानते हैं पीलिया के लक्षण एवं इसके इलाज के बारे में | पर पहले जानते हैं इसके अलग अलग प्रकार। Table of Contents • • • • • • • पीलिया के प्रकार पीलिया 3 प्रकार के होते है- • प्री हिपेटिक पीलिया: इस स्थिति में बिलीरुबिन लिवर से फ़िल्टर न हो पाने के कारण अधिक मात्रा में शरीर में बढ़ जाने लगता है और हमे पीलिया हो जाता है। • हेपेटोसेलुलर पीलिया: इस स्थिति में लिवर की कोशिकाएं ख़राब होने के कारण लिवर पूर्ण मात्रा में बिलीरुबिन उत्पादन करने में असफल होजाता है। और जब शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा कम हो तब भी पीलिया होने का जोखिम लगा रहता है। • पोस्ट – हिपेटिक पीलिया: इस स्थिति में पित्त नलिकाओं का जाम हो जाना उन्हें अंदरी हिस्से को सूजन देता है और यह पित्त हमारे पित्ताशय से पाचन तंत्र तक नहीं पहुंच पता और इस कारण भी लोगों को पीलिया हो जाता है। आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपके शरीर में पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए। हमारे शरीर में हमेशा पीलिया या बिलिरूबिन की मात्रा 1.2 मिलीग्राम/डीएल पॉइंट से कम ही होना चाहिए। पीलिया के लक्षण और बचाव नीचे पीलिया के लक्षण...