Joshimath news in hindi

  1. Joshimath Sinking News Update Experts Said Joshimath Crisis Is Due To Landslide Not Subsidence
  2. DNA: How many cracks were filled in Joshimath in 6 months?
  3. Joshimath Sinking Live Update: जोशीमठ में होटल को गिराने की कार्रवाई शुरू, SDRF ने प्रदर्शनकारियों को हटाया
  4. Joshimath News: 2500 साल पुराने मंदिर में पड़ी दरार, शंकराचार्य के ज्योतिमर्ठ पर ख़तरा?
  5. Joshimath News: Joshimath में बदला मौसम, CM को देख फूट
  6. Joshimath News Live Update दो दर्जन मकानों के दरारों की चौड़ाई बढ़ी मुआवजे की मांग पर स्थानीय अड़े
  7. Joshimath sinking: कैसे बसा था जोशीमठ, क्या है वीरान होने की वजह, क्या बच पाएगा शहर, समझिए
  8. Joshimath Sinking: 43 साल पहले ही पता चल गया था कि डूब सकता है जोशीमठ, क्‍या रहेंगी वजह, ये भी बताया था...


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Joshimath Sinking News Update Experts Said Joshimath Crisis Is Due To Landslide Not Subsidence

Joshimath Sinking News: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. अभी भी इमारतों में दरार आने का सिलसिला जारी है. भूधंसाव के कारण लोगों में डर है. इस संकट पर ब्रिटेन के पृथ्वी वैज्ञानिक डेव पेटली ने विश्लेषण किया है और ये समझने की कोशिश की है कि आखिर जोशीमठ में इमारतों की दरार के पीछे असली कारण क्या है? पेटली का मानना है कि इमारतों और अन्य संरचनाओं में दरारें भूमि धंसने के कारण नहीं आई, बल्कि इसके पीछे की मुख्य वजह त्वरित भूस्खलन है. ब्रिटेन में हल यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डेव पेटली ने 23 जनवरी को अपने अमेरिकी भूभौतिकीय संघ ब्लॉग में इससे जुड़ी जानकारी साझा की. उन्होंने लिखा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक भूस्खलन है और शहर नीचे की ओर जा रहा है." उन्होंने आगे लिखा कि गूगल अर्थ इमेजरी स्पष्ट रूप से दिखाती है कि शहर एक प्राचीन भूस्खलन पर बना है. 'भू-धंसाव कहना गलत हो सकता है' एक प्रमुख भारतीय भूभौतिकीविद् भी इस दृष्टिकोण से सहमत हैं. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक कलाचंद सेन ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा "भूस्खलन ढलान वाले क्षेत्र में होता है. इसमें वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल दोनों तरह की गति शामिल होती है." बता दें कि कलाचंद ने 14 जनवरी को भी कहा था कि जोशीमठ संकट को भू-धंसाव का मामला कहना गलत हो सकता है. सेन के अनुसार ऐसे कई कारक हैं जिन्होंने इस तरह के स्लाइड में योगदान दिया होगा. इन कारणों से होता है भूस्खलन उन्होंने कहा, "फिलहाल, हम यह देखने के लिए भूभौतिकीय अध्ययन कर रहे हैं कि कैसे उपसतह कारकों ने सतह पर दरारों में योगदान दिया." सेन ने कहा कि क्षेत्र में बर्फबारी और खराब मौसम डेटा कलेक्शन को प्रभावित कर रहा है. उन्होंने कहा, "एक ढलान वाले...

DNA: How many cracks were filled in Joshimath in 6 months?

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Joshimath Sinking Live Update: जोशीमठ में होटल को गिराने की कार्रवाई शुरू, SDRF ने प्रदर्शनकारियों को हटाया

Joshimath Sinking Live Update: जोशीमठ में तेज बारिश, फिर रुका होटल को गिराने का काम Joshimath Sinking: धंसते जोशीमठ में अब SDRF का एक्शन शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध के बीच वहां होटल को गिराने का काम किया जा रहा है. वहां दो होटल एक दूसरे की तरफ झुक रहे हैं, जिनसे दूसरे इमारतों को भी खतरा हो सकता है. इसको देखते हुए सबसे पहले उनको गिराया जाएगा. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जोशीमठ का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि इन परिवारों को राहत दिलाना सरकार की प्राथमिकता है. जोशीमठ में भू धंसाव की त्रासदी को लेकर जनता से लेकर सरकार तक टेंशन में है. उधर, जोशीमठ में खराब होते मौसम ने सबकी चिंता को और बढ़ा दिया है. इस बीच वहां होटल को गिराने का काम शुरू हो गया है. इससे पहले मुआवजे पर लोगों के विरोध की वजह से ये काम शुरू हो नहीं हो पाया था. लोगों के गुस्से के बीच कल रात सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ के उस रिलीफ कैंप में पहुंचे, जहां प्रभावित परिवार के लोग हैं. धामी ने साफ कर दिया, अभी सिर्फ होटलों की इमारत को ढहाया जाएगा, न की असुरक्षित घरों को. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी जोशीमठ को लेकर आज गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक बुलाई थी. जोशीमठ में क्या है ताजा स्थिति? Posted by :- Vishnu Rawal जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के दृष्टिगत जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 760 प्रभावित भवनों को अभी तक चिन्हित किया गया है. जिसमे से 128 भवनों को असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है. सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 169 परिवारो...

Joshimath News: 2500 साल पुराने मंदिर में पड़ी दरार, शंकराचार्य के ज्योतिमर्ठ पर ख़तरा?

Joshimath News: उत्तराखंड के जोशीमठ में ज़मान धंसने का सिलसिला लगातार जारी है। लोगों के घरों में दरारें पड़ गई है। ज़मीन फटने लगी है। ज़मीन धंस गई है। और क़ुदरत के इस क़हर से वहां के मंदिर भी नहीं बचे।The process of land subsidence is continuing in Joshimath, Uttarakhand. People's houses have developed cracks. The ground is starting to crack. The ground has sunk. And even the temples there were not spared from this havoc of nature.#joshimath #joshimathnews #joshimathsinking #NTPCProjects #cmpushkarsinghdhami #news18indianational #hindinews #livenews #newslive #livenewshindi #news18india #news18indialive #news18indianation aaj ki taaja khabar | news18 live | aaj ka taaja khabar | आज की ताजा खबर | live news | news18 india live | news live | aaj ke taaja khabar | hindi hews | latest news | news in hindi | hindi samachar | hindi khabar | news18 | news18india | Today news | News live Hindi | Today news live | n18oc_statesन्यूज़18 इंडिया भारत का नंबर 1 न्यूज चैनल है। जो 24 घंटे आप तक देश और दुनिया की हर खबर पहुँचाता है। राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, खेल के साथ साथ आप तक वो हर खबर हम पहुँचाते हैं जो आपके लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए बने रहें हमारे साथ और सब्सक्राइब करें हमारा YouTube चैनल#News18IndiaNumber1News18 India is India's No.1 hindi News Channel. We bring you the latest, most relevant and the news that concerns you from all over the world. Politics, Entertainment, Bollywood, OTT, Sports, News to Use, Technology, all the news that is important for you to know, we bring you that. ...

Joshimath News: Joshimath में बदला मौसम, CM को देख फूट

Joshimath Sinking : जोशीमठ में ऊपरी इलाकों में आज मौसम बदल गया है। ऊपरी इलाकों में बर्फबारी (Snowfall) का असर जोशीमठ शहर में देखा जा सकता है। बुधवार रात राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद जोशीमठ पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। उन्होंने रिलीफ कैंपस में पहुंचकर लोगों की समस्याएं जानी और उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन किया। रिलीफ कैंप में खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) को अपने बीच देख कई महिलाएं रोने लगीं। लोगों ने मुख्यमंत्री से तुरंत सहायता की अपील की। आइए आपको बताते हैं जोशीमठ से जुड़े लेटेस्ट अपडेट। मुख्यमंत्री जोशीमठ में हालातों को लेकर आज गृहमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में पूजा की थी। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने भगवान से राज्य की रक्षा करने और इस संकट को हल करने की प्रार्थना की। जैसा कि हमने पहले ही कहा कि सरकार संकटग्रस्त लोगों के लिए सर्वोत्तम संभव राहत पैकेज तैयार करेगी क्योंकि यह एक प्राकृतिक आपदा है।” जोशीमठ में भारतीय सेना को भी नुकसान हुआ है। यहां भारतीय सेना की 25 से 28 इमारतों में भी दरारें आई हैं। सेना प्रमुख मनोज पांडे ने गुरुवार को बताया कि यहा जिन सैनिकों की पोस्टिंग है, उनमें से कुछ को अस्थायी तौर पर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। अगर जरूरत पड़ी तो सैनिकों को स्थायी रूप से औली शिफ्ट किया जा सकता है। • मुखपृष्ठ • चुनाव 2023 • भारत न्यूज़ • ब्रेकिंग न्यूज़ • वीडियो • अंतरराष्ट्रीय • व्यापार • बजट • खेल • क्रिकेट • फ़ुटबॉल • IPL 2023 • विशेष • राज्य • नई दिल्ली • मुंबई • पुणे • लखनऊ • कोलकाता • बेंगलुरु • जयपुर • अहमदाबाद • चेन्‍नई • नोएडा • चंडीगढ़ • ...

Joshimath News Live Update दो दर्जन मकानों के दरारों की चौड़ाई बढ़ी मुआवजे की मांग पर स्थानीय अड़े

Joshimath News Live Update : उत्तराखंड के जोशीमठ में हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। भूधंसाव के कारण घरों और होटलों में आई दरारों के बीच अब इन्हें जमीदोंज किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज होटल मलारी इन और माउंट व्यू को ढहाया जाना है। इधर होटल मालिक और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। ताजातरीन अपडेट के लिए पेज को रिफ्रेश करते रहें। उत्तराखंड: कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर के कई घरों में दरारें दिखाई दीं। उत्तराखंड: कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर के कई घरों में दरारें दिखाई दीं। स्थानीय एक व्यक्ति ने बताया, "2 साल पुराना हमारा घर है और एक साल से इसमें दरारें आने शुरू हुई हैं इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपए दिए हैं।" मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में आई आपदा को देखते हुए अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने को निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ को बचाने और आपदा प्रभावितों के समुचित पुनर्वास के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा भी इस आपदा से निपटने के लिए पूरा सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह हम सबका दायित्व है कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों के दुख दर्द को बांटने के लिए पूरी शिद्दत के साथ आगे आएं। दूसरी ओर सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया िक सचिवालय के सभी संवर्ग के अिधकारियों व कर्मचारियों का एक िदन का वेतन आपदा राहत कोष में िदया जाएगा।

Joshimath sinking: कैसे बसा था जोशीमठ, क्या है वीरान होने की वजह, क्या बच पाएगा शहर, समझिए

डीएनए हिंदी: जोशीमठ (Joshimath) में हो रहे भू-धंसाव को रोक पाना बेहद मुश्किल है.इस त्रासदी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को इस पवित्र नगरी के होटलों और घरों को गिराना शुरू कर दिया है. जोशीमठ में जमीन धंसने का आंकलन करने वाले एक विशेषज्ञ पैनल ने क्षतिग्रस्त इमारतों के विध्वंस की सिफारिश की थी. जोशीमठ में जमीन धंसने से अब तक 678 घरों में दरारें आ चुकी हैं. इतना ही नहीं कई जगहों पर सड़कें भी धंस चुकी हैं. जमीन के नीचे से लगातार पानी निकल रहा है. जोशीमठ से आ रही तस्वीरें और वीडियो शहर की भयावह स्थिति और सरकार की अक्षमता को दर्शाती हैं. जोशीमठ की तबाही की कहानी सब जानते हैं, पर इसके बसने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है. जब देश में जैन और बुद्ध दर्शन तेजी से लोकप्रिय हो रहे थे, दुनिया में इस्लाम का विस्तार हो रहा था, तब जोशीमठ में सनातन धर्म के एकीकरण की भूमिका तैयार हो रही थी. आठवीं से नौंवीं शताब्दी के बीच आदि शंकराचार्य की तपस्थलि रही यह भूमि आज दरक रही है. इस शहर की स्थापना में आदि शंकराचार्य की अहम भूमिका रही है. आदि शंकराचार्य ने चार दिशाओं में चार मठों की स्थापना की थी. पूरब में उड़ीसा के पुरी में वर्धन मठ, पश्चिम में द्वारिका का शारदा मठ, दक्षिण में मैसूर का श्रृंगेरी मठ और उत्तर में ज्योतिर्मठ यानी जोशीमठ. यहीं से जोशीमठ के बनने की कहानी शुरू होती है. यह शहर इससे भी पुराना है लेकिन इसकी पुनर्स्थापना शंकराचार्य ने ही की थी. आदि शंकराचार्य की तपस्थलि डूब रही है जोशीमठ आदि शंकराचार्य की तपस्थलि रही है. जोशीमठ में समय बिताने के बाद उन्होंने बद्रीनाथ में नारायण मंदिर के पुननिर्माण के लिए काम किया. केदारनाथ में उनका निधन हुआ. ऐसा कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य को ज्ञान ज...

Joshimath Sinking: 43 साल पहले ही पता चल गया था कि डूब सकता है जोशीमठ, क्‍या रहेंगी वजह, ये भी बताया था...

करीब 50 साल पहले केंद्र सरकार ने गढ़वाल के तत्कालीन कलेक्टर एमसी मिश्रा को यह पता लगाने के लिए नियुक्त किया था कि जोशीमठ क्यों डूब (Joshimath Sinking) रहा है? उनके नेतृत्‍व वाली 18 सदस्यीय समिति द्वारा इस बाबत एक रिपोर्ट पेश की गई. इसमें साफ तौर पर बताया गया कि उत्‍तराखंड (Uttarakhand) में जोशीमठ एक पुराने भूस्खलन क्षेत्र (Joshimath landslide) पर स्थित है और अगर विकास जारी रहा तो यह डूब सकता है. रिपोर्ट में सिफारिश की गईं कि जोशीमठ में निर्माण प्रतिबंधित किया जाए, वरना यह डूब जाएगा. रिपोर्ट इससे अधिक भविष्यसूचक नहीं हो सकती थी. अब जब जोशीमठ इस कगार पर आ खड़ा हुआ है तो हमें यह जानने की सख्‍त जरूरत है कि आखिर इस रिपोर्ट में ऐसा क्‍या-क्‍या कहा गया, जिस पर उस तरीके से विचार नहीं किया गया, जैसे क‍ि होना चाहिए था… आइये जानते हैं रिपोर्ट की प्रमुख बातें … -moneycontrol के अनुसार, जैसा कि 1976 की मिश्रा समिति की रिपोर्ट ने बताया था… जोशीमठ एक प्राचीन भूस्खलन पर स्थित है, जो चट्टान नहीं बल्कि रेत और पत्थर के जमाव पर टिका है. अलकनंदा और धौली गंगा नदियां.. नदी के किनारों और पहाड़ के किनारों को मिटाकर भूस्खलन को ट्रिगर करने में अपनी भूमिका निभाती हैं. निर्माण गतिविधि में वृद्धि और बढ़ती आबादी क्षेत्र में लगातार भूस्खलन में योगदान देंगी. -रिपोर्ट में कहा गया कि “जोशीमठ रेत और पत्थर का जमाव है – यह मुख्य चट्टान नहीं है – इसलिए यह एक बस्ती के लिए उपयुक्त नहीं था. ब्लास्टिंग, भारी यातायात आदि से उत्पन्न कंपन से प्राकृतिक कारकों में असंतुलन पैदा होगा…” -उचित जल निकासी सुविधाओं का अभाव भी भूस्खलन का कारण बनता है. सोख्ता गड्ढों का अस्तित्व, जो पानी को धीरे-धीरे जमीन में सोखने की अनुमति देता...