जरा सी जिंदगी

  1. ज़रा सी ज़िन्दगी – Bhopali2Much
  2. 200+ Sher Shayari
  3. जरा सी जिंदगी...
  4. फिल्‍मी (पुराने) गाने— रागो पर आधारित
  5. 143+ Love Quotes In Hindi
  6. NEET topper bora varun air rank 1 got another good news a few hours after neet ug result share tips
  7. 143+ Love Quotes In Hindi
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  10. जरा सी जिंदगी...


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ज़रा सी ज़िन्दगी – Bhopali2Much

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200+ Sher Shayari

Looking for the best Sher Shayari in Hindi online? Well, you have come to the right place. We have compiled the best shero Shayari that you can find online into this extensive list. Also, check out our Best Sher Shayari with images Feel free to share these images on social media with your friends and family. 1 सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइ’ज़ हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है मानी नहीं जाती 2 जरूरी नही कुछ तोडने के लिये पथ्थर ही मारा जाए । लहजा बदल के बोलने से भी बहोत कुछ टूट जाता है ।। 3 मुझे मजबूर करती हैं यादें तेरी वरना शायरी करना अब मुझे अच्छा नहीं लगता 4 ढल रही हैं ज़िन्दगी बुझ गई शमा परवाने की अब वजह जीने की नहीं मिलती यहाँ ज़नाब आपको अब भी पड़ी हैं मुस्कराने की 5 शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना गमों की महफिल भी कमाल की जमती है 6 अकेले हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं 7 पुछ कर देख अपने दिल से की हमे भुलना चहाता है क्या अगर उसने हा कहा तो कसम से महोब्बत करना छोङ देगे 8 आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं 9 गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में जहाँ किरदार हल्का हो, कहानी डूब ही जाती है 10 तन्हाइयों का एक अलग ही सुरुर होता है इसमें डर नहीं होता.किसी से बिछड जाने का 11 जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है , कभी हँसाती है तो कभी रुलाती है , पर जो हर हाल में खुश रहते हैं , जिंदगी उन्ही के आगे सर झुकाती है। 12 थोड़ा मैं , थोड़ी तुम, और थोड़ी सी मोहब्बत बस इतना काफी है, जीने के लिये… 13 हदे शहर से निकली तो गाँव गाँव चली, कुछ यादें मेरे संग पांव-पांव चली, सफ़र जो धु...

जरा सी जिंदगी...

जरा सी जिंदगी के लिए, उम्र भर यूँ भटकते रह गए, मिली जो मंजिल भी मुसाफिर को, कदमों के निशान ढूँढते रह गए... अपनी सी जो हैं ये दुनिया कहीं, बस कहने की दो बातें हैं, मिले फिजूल का वक्त कहीं, ये मिलने को चले आते हैं.... तुम्हारे मकान का नंबर आज भी याद है हमें, चाहे कितने भी रंग बदल लो अपनी दीवारों के, धूल तो जमीं ही होगी कहीं एक कोने में, जहाँ पड़ीहोगी रद्दी अपनी ही यादों की.... नींद जरा सी सुकून देती हैं, पर नींद ही हरजाई रात भर आती नहीं, आँखों का पानी सुख भी जाए, बस कहानी तनहाई की खत्म होती नहीं.... अक्सर मिलना बिछड़ना एक खेल रहा तकदीर का, तेरी नीयत का जो मौसम बदला तो, रंग बदलता आया तेरी तस्वीर का..... अब के कहते हैं, इश्क ना दोहराना है, हसीन चेहरे तो हैं हजारों महफिल में, दो - चार नगमों के बाद, उनको भी उठकर चले जाना हैं.....

फिल्‍मी (पुराने) गाने— रागो पर आधारित

फिल्‍मी गाने— और रागो ना जइयो 2 सौतन घर सैया अभोग अभोगी जिया लगे क्या करू सजना – अभोगी अभोगी राधिके तूने बंसरी चुरायी- बेटी कट्टर अदाना अदाना झनक झनक पायल बाजे झनक झनक पायल बाजे – अदाना अदाना मनमोहन मन में हो तुम्ही -कैसे कहूंअदाना अदाना चाह बर्बाद करेगी – शाहजहां बागेश्री बागेश्री शुभ घड़ी आई रे- बागेश्री बागेश्री दीवाने तुम कि दीवाने हम -बागेश्री बागेश्री जा रे बेईमान तुझे जन लिया- बागेश्री बागेश्री बेदर्दी हुआ बलमा -बागेश्री बागेश्री दगाबाज्ज तू नहीं बलमा मोरा बागेश्री राधा ना बोले ना बोले आजाद बागेश्री बागेश्री जाग दर्द ए इश्क जाग- अनारकली बागेश्री बागेश्री चमन में रंग ए बहार उतरा तो मैंने देखा – ग़ज़ल गुलाम अली बागेश्री बागेश्री पूछता जा मेरे मरघट से गुजरने वाले घाव का निशान गुलाम अली बागेश्री द्वारा ग़ज़ल बागेश्री हमसे आया ना गया -देख कबीरा रोया बागेश्री बागेश्री घड़ी घड़ी मेरा दिल धडके- मधुमती बागेश्री बागेश्री आजा रे परदेसी -मधुमती बागेश्री बागेश्री छलक राही बूँदें- बागेश्री बागेश्री जाओ जाओ नंद के लाला -रंगोली बागेश्री बागेश्री सकल बाना गगन चलत पुरवाई – ममता बहार बहार छम छम नाचत आई बहार- छाया बहार बहार रे रे बहार आई – बहार बहार खाई है रे हमने कसम -तलाश बरवा बरवा मान की बिन मतवारी बाजे- शबाब बसंत बसंत केतकी गुलाब जूही चम्पक वन फुले बसंत बहार बसंत बसंत ढाई शाम रोक ली (कहे छेड़ छेड़ मोहे )- देवदास बसंत बसंत वादा कार ले साजना -हाथ की सफाई बसंत मुखारी बसंत मुखारी ओ बसंती पवन पागल मैं -जिस देश में गंगा बहती है बसंत मुखारी जागो मोहन प्यारे- जागते रहो भैरव भैरव सूर्य री पवन पवन पुरवैया – अनुराग भैरव भैरव मोहे भूल गए सांवरिया – बैजू बावरा भैरव भैरव अलबेला साजन आयो रे -हम दिल...

143+ Love Quotes In Hindi

मेरा नाम है अखिल कुमार मै इस वेबसाइट का संस्थापक हूँ। मुझे कोट्स पढ़ना और लिखना बहुत अच्छा लगता है। मैंने इस वेबसाइट की शुरुआत अच्छे-अच्छे कोट्स शेयर करने के लिए की है। जिससे यूजर को अच्छा कोट्स पढ़ने को मिल सके। www.motivationalquotesguru.com पर सप्ताह में 2 आर्टिकल पब्लिश की जाती है, और हमेशा कोट्स को अपडेट भी किया जाता है।

NEET topper bora varun air rank 1 got another good news a few hours after neet ug result share tips

नीट टॉपर बोरा वरुण चक्रवर्ती ने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हेंमहज 12 घंटों के भीतर एक और बड़ी खुशखबरी मिलेगी। बुधवार को घोषित किए गए एपी ईएएमसीईटी (आंध्र प्रदेश इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एंड फार्मेंसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) रिजल्ट में बोरा वरुण ने दूसरी रैंक हासिल की है। अपनी उपलब्धि का श्रेय पिता बी राजेन्द्र को देते हुए वरुण ने कहा कि यह सब पापा के बगैर मुमकिन नहीं हो पाता। वरुण ने बताया कि जब वह 13 साल के थे, तो उनके पिता ने उनकी बेहतर पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे शहर में शिफ्ट कर दिया था। उनके पिता का मानना था कि जिस शहर में शिक्षा पाने की ज्यादा सुविधाएं व संसाधन होंगे, वहां रहकर अच्छा भविष्य बन सकेगा। बोरा वरुण आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के पोलाकी मंडल एक छोटे से गांव थोटाडा के रहने वाले हैं। उनके पिता ने उन्हें कक्षा 9वीं और 10वीं विशाखापट्टनम और 11वीं व 12वीं की पढ़ाई विजयवाड़ा से करवाई। स्कूल लाइफ में हुए इन बदलावों ने उनकी कामयाबी की इबारत लिखी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बोरा वरुण ने कहा, 'कक्षा 5वीं में अच्छा स्कोर करने के बाद मेरे पिता ने सुझाव दिया कि मैं बेहतर शैक्षिक सुविधाओं वाले शहर में चला जाऊं। मैंने विज़ाग में 9वीं 10वीं और विजयवाड़ा में इंटरमीडिएट पूरी की। दोनों श्री चैतन्य कैंपस थे। मेरे पिता और माता निरंतर प्रेरणा के स्रोत रहे हैं, जो मुझे अकादमिक रूप से उत्कृष्ट बनने के लिए प्रेरित करते हैं।' NEET: कोरोना में पिता की मौत, पर नहीं टूटी हिम्मत, नीट में बिहार के सेकेंड टॉपर शशांक सिन्हा की कहानी बोरा वरुण के माता-पिता दोनों सरकारी स्कूल में टीचर हैं। पिता राजेन्द्र ने बताया, 'वरुण रोजाना 9 घंटे पढ़ता था। हम उसके नीट में अच्छे स्कोर के लिए आश्वस...

143+ Love Quotes In Hindi

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200+ Sher Shayari

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NEET topper bora varun air rank 1 got another good news a few hours after neet ug result share tips

नीट टॉपर बोरा वरुण चक्रवर्ती ने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हेंमहज 12 घंटों के भीतर एक और बड़ी खुशखबरी मिलेगी। बुधवार को घोषित किए गए एपी ईएएमसीईटी (आंध्र प्रदेश इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर एंड फार्मेंसी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट) रिजल्ट में बोरा वरुण ने दूसरी रैंक हासिल की है। अपनी उपलब्धि का श्रेय पिता बी राजेन्द्र को देते हुए वरुण ने कहा कि यह सब पापा के बगैर मुमकिन नहीं हो पाता। वरुण ने बताया कि जब वह 13 साल के थे, तो उनके पिता ने उनकी बेहतर पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे शहर में शिफ्ट कर दिया था। उनके पिता का मानना था कि जिस शहर में शिक्षा पाने की ज्यादा सुविधाएं व संसाधन होंगे, वहां रहकर अच्छा भविष्य बन सकेगा। बोरा वरुण आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के पोलाकी मंडल एक छोटे से गांव थोटाडा के रहने वाले हैं। उनके पिता ने उन्हें कक्षा 9वीं और 10वीं विशाखापट्टनम और 11वीं व 12वीं की पढ़ाई विजयवाड़ा से करवाई। स्कूल लाइफ में हुए इन बदलावों ने उनकी कामयाबी की इबारत लिखी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बोरा वरुण ने कहा, 'कक्षा 5वीं में अच्छा स्कोर करने के बाद मेरे पिता ने सुझाव दिया कि मैं बेहतर शैक्षिक सुविधाओं वाले शहर में चला जाऊं। मैंने विज़ाग में 9वीं 10वीं और विजयवाड़ा में इंटरमीडिएट पूरी की। दोनों श्री चैतन्य कैंपस थे। मेरे पिता और माता निरंतर प्रेरणा के स्रोत रहे हैं, जो मुझे अकादमिक रूप से उत्कृष्ट बनने के लिए प्रेरित करते हैं।' NEET: कोरोना में पिता की मौत, पर नहीं टूटी हिम्मत, नीट में बिहार के सेकेंड टॉपर शशांक सिन्हा की कहानी बोरा वरुण के माता-पिता दोनों सरकारी स्कूल में टीचर हैं। पिता राजेन्द्र ने बताया, 'वरुण रोजाना 9 घंटे पढ़ता था। हम उसके नीट में अच्छे स्कोर के लिए आश्वस...

जरा सी जिंदगी...

जरा सी जिंदगी के लिए, उम्र भर यूँ भटकते रह गए, मिली जो मंजिल भी मुसाफिर को, कदमों के निशान ढूँढते रह गए... अपनी सी जो हैं ये दुनिया कहीं, बस कहने की दो बातें हैं, मिले फिजूल का वक्त कहीं, ये मिलने को चले आते हैं.... तुम्हारे मकान का नंबर आज भी याद है हमें, चाहे कितने भी रंग बदल लो अपनी दीवारों के, धूल तो जमीं ही होगी कहीं एक कोने में, जहाँ पड़ीहोगी रद्दी अपनी ही यादों की.... नींद जरा सी सुकून देती हैं, पर नींद ही हरजाई रात भर आती नहीं, आँखों का पानी सुख भी जाए, बस कहानी तनहाई की खत्म होती नहीं.... अक्सर मिलना बिछड़ना एक खेल रहा तकदीर का, तेरी नीयत का जो मौसम बदला तो, रंग बदलता आया तेरी तस्वीर का..... अब के कहते हैं, इश्क ना दोहराना है, हसीन चेहरे तो हैं हजारों महफिल में, दो - चार नगमों के बाद, उनको भी उठकर चले जाना हैं.....