जटामांसी के फायदे

  1. Jatamansi ke fayde in Hindi
  2. चोबचीनी के फायदे ,गुण ,उपयोग और नुकसान
  3. जटामांसी (तपसवानी): लाभ, पोषण मूल्य और उपयोग
  4. Jatamansi ke Fayde
  5. Jatamansi Benefits and Uses
  6. जटामांसी के फायदे और नुकसान Jatamansi Powder & Oil Benefits in Hindi
  7. जटामांसी के फायदे, नुकसान एवं सेवन
  8. जटामांसी हर्ब के फायदे तथा 24 बेहतरीन औषधीय गुण जो कई रोगों को करे दूर
  9. योगेन्द्र रस के फायदे नुकसान
  10. Vedobi


Download: जटामांसी के फायदे
Size: 26.63 MB

Jatamansi ke fayde in Hindi

जटामांसी के चमत्कारी फायदे (Miraculous Benefits of Jatamansi):- आयुर्वेद में न जानें कितनी जड़ी बूटियो का जिक्र होता है। उन्हीं में से एक जड़ी बूटी है जटामांसी। जिसको बालछड़ (balchad ke fayde) के नाम से भी जाना जाता है। जटामांसी सहपुष्पी औषधीय पौधा होता है। किसी भी प्रकार की समस्या का इलाज करने के लिए जटामांसी उपयोगी है। पहाड़ों में पैदा होने वाली जटामांसी कै चूर्ण और जड़े दवाइयों के रूप में प्रयोग की जाती है। जटामांसी याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है और इसमें आराम और शांत करने वाले गुण भी हैं। जटामांसी क्या है? (What is Jatamansi in Hindi) जटामांसी की जड़ों में जटा या बाल जैसे तंतु लगे होते हैं इसलिए जटामांसी (बालझड़) कहा जाता है। जटामांसी का छोटा सुंगधित शाक होता है , जटामांसी एक फूल देने वाली जड़ी बूटी है। वे 1 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ते हैं। इस पौधे के फूल बेल के आकार के और गुलाबी रंग के होते हैं। प्राचीन समय में इसका उपयोग मुख्य रूप से त्वचा की देखभाल के रूप में और महिला प्रजनन अंग के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए किया जाता था। यह जड़ी-बूटी अभी भी तेल और पाउडर (jatamansi powder benefits) के रूप में बाजार में उपलब्ध है। स्वास्थ के लिए जटामांसी के फायदे :- ब्लड प्रेशर कम करता है:- जटामांसी रक्तचाप को कम करने में चमत्कार साबित हुए हैं। यह हृदय की कार्यप्रणाली को अनुकूलित करने और हृदय गति नियंत्रित करने का काम करता है। मुख्य रूप से जटामांसी शरीर में रक्त के परिसंचरण को नियंत्रित करता है , और उच्च रक्तचाप और हाइपोटेंशन दोनों का इलाज करता है। मासिक धर्म (Periods) के लिए:- मासिक धर्म से जुडी समस्या के लिए जटामांसी का पाउडर उपयोगी है, सालो से इसका उपयोग मासिक धर्म को...

चोबचीनी के फायदे ,गुण ,उपयोग और नुकसान

चोबचीनी क्या है ? इसका सामान्य परिचय : Chobchini in Hindi चोबचीनी की जड़े चीन देश से यहां पर आती हैं। चीन में इनको ‘टूफूह” कहते हैं। इसका पेड़ जमीन पर बिछा हुआ होता है । डालियाँ पतली होती हैं । इसके पत्ते लम्ब-गोल, पतले और तेजपात के पत्तों से मिलते जुलते होते हैं । इसकी जड़े सुख माइल गुलाबी रंग की होती है । कोई-कोई सफेद और काली भी होती है । चीन के पहाड़ों के अतिरिक्त बंगाल में सिलहट के पहाड़ों पर और नेपाल के पहाड़ों पर भी यह पैदा होती है । मखजनल अदबिया में चोबचीनी का वर्णन करते हुए लिखा है कि एक जाति की लता की जड़ होती हैं जो चीन के तरफ से आती है । इसके टुकड़े प्रायः एक बालिश्त या उससे छोटे बड़े होते हैं। कोई टुकड़ा कम गठान वाला, कोई अधिक गठानों वाला, कोई चिकना, कोई खुरदरा, कोई वजनदार, कोई हलका, कोई सख्त, कोई मुलायम, कोई गुलाबी रंग का, कोई सफेद और कोई काला होता है । इन टुकड़ों में सबसे अच्छी चोबचीनी वही होती है, जिसका रंग लाल या गुलाबी हो, स्वाद मीठा हो, चमदार और चिकनी हो, जिसमें गाँठे कम हो और रेशे न हों । जो भीतर और बाहर से एक रंग की हो, जो स्वाद में कुछ मीठी हो और जो पानी में डालने से डब जाय । जो टुकड़े वजन में हलके और सफेद रंग के हों उनको कच्चे समझना चाहिये । और जो काले रंग के टेढ़े मेढे। और अनेक गठानों वाले हों उनको हलकी जाति के समझना चाहिये । विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत-द्वीपान्त रवचा, अमृतोपहिता । हिन्दी-चोबचीनी । बंगाल-तोपचीनी । मराठी-चोपचीनी । गुजराती । फारसी-बेकचीनी, एवन । अरबी–एवन । तेलगू–पटंगीचक्का । अंग्रेजी- China Root लेटिन-Smilax China । इसकी दो जातियाँ और होती हैं। जिन्हें लेटिन में Smilax Clabra और S. Zelenica कहते हैं। चोबचीनी के औषधीय गुण और प्रभाव...

जटामांसी (तपसवानी): लाभ, पोषण मूल्य और उपयोग

रिपोर्ट के मुख्य अंश • आपके स्वास्थ्य के लिए जटामांसी के बहुत सारे लाभ हैं • जटामांसी बालों के विकास को बढ़ावा देने और याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है • जटामांसी सिरदर्द और गले में खराश को ठीक करने में भी मदद कर सकती है जटामांसी, जिसे जटामांसी के नाम से भी जाना जाता है, आयुर्वेद [1] में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाली एक जड़ी-बूटी है। यह एक लुप्तप्राय, बौने और बालों वाले, बारहमासी पौधों की प्रजातियों से बना है। यह एक प्राकृतिक उत्तेजक के रूप में कार्य करता है जो आपके मस्तिष्क के कार्य और स्मृति को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण है जो कोशिका क्षति को रोकता है। यह आपके मस्तिष्क को भी शांत करता है और अनिद्रा और चिंता का प्रबंधन करता है शोध के अनुसार, जटामांसी आपकी त्वचा को लाभ पहुंचाती है और इसमें विभिन्न उपचार गुण होते हैं। जटामांसी का सेवन करने का सबसे अच्छा तरीका पाउडर के रूप में है। आप इसे शहद के साथ मिलाकर दिन में एक या दो बार ले सकते हैं। इस अभ्यास के लिए आपको जीवनशैली में कोई बड़ा बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का एक अच्छा तरीका है। बाजार में जटामांसी कैप्सूल और टैबलेट उपलब्ध हैं, लेकिन इसका चूर्ण अधिक प्रभावी होता है क्योंकि इसमें कच्ची जटामांसी होती है। आप जटामांसी के पाउडर के रूप में एक पेस्ट भी तैयार कर सकते हैं और त्वचा के संक्रमण को प्रबंधित करने और बढ़ती उम्र को रोकने के लिए इसे सीधे अपनी त्वचा पर लगा सकते हैं। इन रूपों के अलावा, जटामांसी एक आवश्यक तेल के रूप में उपलब्ध है, जिसका उपयोग आप अरोमाथेरेपी के लिए कर सकते हैं। जटामांसी के लाभों को समझने के लिए आगे पढ़ें। अतिरिक्त पढ़ें: लौंग के फ...

Jatamansi ke Fayde

Contents • 0.1 जटामांसी का परिचय (Introduction of Jatamansi) • 1 जटामांसी क्या है? (What is Jatamansi in Hindi?) • 2 अन्य भाषाओं में जटामांसी के नाम (Name of Jatamasi in Different Languages) • 3 जटामांसी के फायदे (Benefits and Uses of Jatamansi in Hindi) • 3.1 गंजेपन और सफेद बालों के लिये फायदेमंद जटामांसी (Benefits of Jatamansi for Baldness in Hindi ) • 3.2 और पढ़े – गंजेपन में सारिवा के फायदे • 3.3 सिरदर्द से दिलाये राहत जटामांसी (Benefits of Jatamansi for Headache in Hindi) • 3.4 बालों का झड़ना करे कम जटामांसी (Jatamansi for Hair loss in Hindi) • 3.5 आँख संबंधी समस्याओं से राहत दिलाये जटामांसी (Benefits of Jatamansi for Eye diseases in Hindi) • 3.6 मुँह की दुर्गंध जैसी समस्याओं से दिलाये राहत जटामांसी (Jatamasi Benefits for Bad Breath in Hindi) • 3.7 हिचकी के उपचार में जटामांसी के फायदे (Benefits of Jatamansi for Hiccups in Hindi) • 3.8 खाँसी से दिलाये राहत जटामांसी (Jatamansi Benefits to Get Relief from Cough in Hindi) • 3.9 हृदयरोग के खतरे को करे कम जटामांसी (Benefits of Jatamansi for Heart diseases in Hindi) • 3.10 उल्टी के उपचार में जटामांसी के फायदे (Jatamansi Plant Benefits for Vomiting in Hindi) • 3.11 आध्मान (पेट फूलना) से दिलाये राहत जटामांसी (Nardostachys Jatamansi Benefits for Flatulance in Hindi) • 3.12 जलोधर के उपचार में जटामांसी के फायदे (Jatamasi Benefits for Ascitis in Hindi) • 3.13 वीर्यविकार या स्पर्म काउन्ट बढ़ाने में जटामांसी के फायदे (Nardostachys Jatamansi Benefits to Increase Sperm Count in Hindi) • 3.14 गठिया के दर्द से दिलाये आराम जटामांसी (Jatam...

Jatamansi Benefits and Uses

Written by |Published : May 13, 2022 3:08 PM IST • • • • • जटामांसी अनेक स्वास्थ्यवर्धक गुणों वाला एक खास औषधीय पौधा है, जो प्रमुख रूप से हिमालय के क्षेत्रों में उगता है। इसे बालछड़ के नाम से भी जाना जाता है और हजारों सालों से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल अनेक प्रकार की दवाएं बनाने के लिए किया जा रहा है। इतना ही नहीं ऐसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं जिन का इलाज घर पर ही जटामांसी से किया जा सकता है। आजकल मार्केट में जटामांसी की जड़, जड़ का चूर्ण व जटामांसी से बने अन्य प्रोडक्ट आसानी से मिल जाते हैं। जटामांसी के फायदे (Benefits of Jatamansi) जटामांसी में कई अलग-अलग प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं, जिससे प्राप्त होने वाले लाभों में आमतौर पर निम्न शामिल है - 1. उच्च रक्तचाप को कम करने में प्रभावी है जटामांसी Also Read • • • जटामांसी में कई एंटी-हाइपरटेंसिव गुण पाए जाते हैं, जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से उचित एक्सरसाइज के साथ जटामांसी का सेवन करना ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में काफी मदद कर सकता है। 2. जटामांसी के सेवन से बढ़ाएं पाचन क्रिया जटामांसी की जड़ में कई खास तत्व पाए जाते हैं, जो पेट में जाकर पाचन क्रिया को उत्तेजित कर देते हैं। इसके सेवन से खट्टी डकार, पेट फूलना और कब्ज जैसी कई समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है। 3. बालों को मजबूत बनाए जटामांसी जटामांसी की जड़ में कई खास प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाते हैं और बाल झड़ना काफी हद तक कम हो जाते हैं। साथ ही जटामांसी से बालों में रूसी की समस्या भी काफी कम हो जाती है। 4. जटामांसी है मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक जटामांसी में ऐसे खास तत्व होते हैं,...

जटामांसी के फायदे और नुकसान Jatamansi Powder & Oil Benefits in Hindi

जटामांसी के फायदे और नुकसान Jatamansi Powder & Oil Benefits in Hindi – Side Effects (Nuksaan) जटामांसी हिमालय की एक प्रसिध्द औषधि है (Jatamansi Herb Is Famous Medicine) | यह कश्मीर, भूटान, सिक्किम, कुमाऊं आदि के पहाड़ी वाले ढलानों पर अपने आप पैदा होती है | इसे बालछड़ के नाम से भी अनेक क्षेत्रों में जाना जाता हैं | ठंडी जलवायु में उत्पन्न होने के कारण यह अन्यत्र नहीं मिलती | जटा की भांति इसके कंद में बाल जैसे तंतु लगे होने से इसे जटामांसी कहते है | एलोपैथिक डॉक्टर को इसके सारे गुण वेलेरियन (Velerian) नामक दवा में मिलते है | जटामांसी का पौधा (Jatamasi Plant) बहुवर्षीय होता है | इसका तना 4 से 24 इंच लम्बा होता है, जिससे 6-8 इंच लंबे मुलिय पत्ते लगे रहते हैं | तने से पत्ते 2-3 जोड़ों में 1 से 3 इंच लंबे, आयताकार होते हैं | पुष्प सफेद व गुलाबी या नीले रंग के गुच्छों में लगते है | फल सफेद रोमों से युक्त छोटे-छोटे गोल-गोल होते हैं | जड़ लंबी, गहरे भूरे रंग की सूत्रों से युक्त होती है | जटामांसी के विभिन्न भाषाओं में नाम Jatamasi Names In Other Languages • संस्कृत (jatamansi in Sanskrit) – जटामांसी | • हिंदी (jatamansi in hindi) -जटामांसी, बालछड़ | • मराठी (jatamansi in Marathi) – जटामांसी | • गुजराती (jatamansi in Gujarati) – बालछड़ा | • बंगाली (jatamansi in Bengali) – जटामांसी | • अंग्रेजी (jatamansi in English) – स्पाइक नार्ड (Spikenard ) | • लैटिन (jatamansi in Latin) – नाडों स्तेकिस जटामांसी (Nordostachys jatamansi) | जटामांसी के औषधीय गुण आयुर्वेदिक मतानुसार जटामांसी मधुर, कषाय व तिक्त रस वाली, लघु, स्निग्ध व तीक्ष्ण गुण युक्त, शीतल प्रकृति की, विपाक में कटु, त्रिदोष नाशक, शक्तिवर...

जटामांसी के फायदे, नुकसान एवं सेवन

जटामांसी के फायदे (Jatamansi ke Fayde) एवं नुकसान (Spikenard Benefits and Side Effects): जो लोग जटामांसी (Jatamansi Khane ke Fayde) के नाम से परिचित है वे इसके औषधीय गुणों के बारे में अवश्य ही जानते होंगे. लेकिन कुछ लोग इसके नाम और इसके और्वेदिक गुणों से परिचित नहीं है वे इस लेख को जरूर पढ़े. क्योकि इस आर्टिकल में जटामांसी के फायदे और नुकसान के बारें में विस्तर से जानकारी दी जा रही है. साथ ही इसके उपयोग करने के तरीको के बारे में भी चर्चा की जाएगी. आपको बता दें जटामांसी (Jatamansi Herb) औषधीय गुणों से भरपूर होती है जो शरीर को कई खतरनाक बीमारियों के जोखिम से बचने में महत्वपूर्ण योगदान निभा सकती है. तो चलिए सबसे पहले जानते है क्या है जटामांसी, जटामांसी में जाने वाले औषधीय गुणों और जटामांसी के नाम अन्य भाषा में जटामांसी क्या है ? (What is Jatamansi?) जटामांसी (Jatamansi in Hindi) एक बहुवर्षीय औषधीय पौधा होता है. जिसका वानस्पतिक नाम नारडोस्टैकिस जटामांसी (Nardostachys jatamansi) है. जटामांसी वैलेरिएनेसी (Valerianaceae) कुल से ताल्लुक रखता है. जटामांसी अपने जीवनकाल में 10-60 सेमी उचाई प्राप्त कर लेते है इसके फूल नीले या गुलाबी रंग के होते है. जटामांसी की दो किस्में मिलती पाई जाती है. 1. गन्धमांसी, 2.आकाशमांसी. जटामांसी भूटान, नेपाल, चीन, नेपाल और भारत में पाया जाता है. जटामांसी को राज्य स्तरीय भाषाओँ में किस नाम से जाना जाता है इसकी विस्तृत नीचे दी जा रिया है. Jatamansi Benefits and Side Effects in Hindi जटामांसी के नाम अन्य भाषाओँ में- • जटामांसी को हिंदी में (Jatamansi in Hindi) जटामांसी, बालछड़, बालचीर कहते है. • जटामांसी को अंग्रेजी में (Jatamansi in English) स्पाइक्नार्ड (Sp...

जटामांसी हर्ब के फायदे तथा 24 बेहतरीन औषधीय गुण जो कई रोगों को करे दूर

आयुर्वेद में जटामांसी का प्रयोग अनेक बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है खासतौर पर बालों से जुडी समस्याओं के निवारण के लिए | यह औषधि दिमाग तेज करने में रामबाण उपाय है यह याद रखने की क्षमता बढ़ती है साथ ही यह तनाव, हिस्टीरिया, मिर्गी, नाडी का धीमी गति से चलना, मन बेचैन होना आदि समस्याओ को दूर करने में भी बहुत लाभकारी होती है | जटामांसी कोई फल या सब्जी नहीं बल्कि एक हर्ब (जड़ी-बूटी ) है। इसका जमीन से बाहर का पत्तों वाला हिस्सा औषधि नहीं है। धरती के नीचे वाला हिस्सा ही केवल औषधि के काम आता है। जटामांसी की खास मोटाई नहीं होती, यह मात्र उँगली जितनी मोटी होती है तथा इसका रंग भूरा होता है इसे बालछड़ भी कहते है। इस पर अनेक छोटे-छोटे बालों की तरह जड़े भी होती हैं। इससे हर समय एक मीठी सुगंध निकलती रहती है। यह धीमी-धीमी सुगंध बहुत अच्छी लगती है। यह हर्ब हिमालय क्षेत्र में काफी अधिक पाई जाती है। गंगा तटवर्ती क्षेत्र जो पश्चिम बंगाल में आता है, वहाँ भी जटामांसी जड़ी-बूटी पाई जाती है। जटामांसी हर्ब की खोज बहुत पहले ही हो गई थी इसको सर्पगंधा से भी बहुत पहले ढूंढ़ निकाला गया था। प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों में भी जटामांसी का वर्णन मिलता है। तथा इसके महत्त्व को उसमें दर्शाया गया है। बाबर ने जिन हस्तलिखित ग्रंथों की रचना की, उनमें भी जटामांसी का वर्णन मिलता है। जटामासी को ही भूतजटा तथा तपस्वी नाम भी दिए गए हैं। इसका जिक्र फार्मकोपिया-औषधि विज्ञान में भी पाया गया है। यह एक युरोपीय ग्रंथ है, जिसका नाम हिप्पोक्रेट है। अतः यह बहुत पुरानी हर्ब है। भले ही इस के नाम से आम आदमी जानकार न हो, मगर वैद्य-हकीम इसका खूब प्रयोग करते रहे हैं। जटामांसी जड़ी बूटी • यह रोधक है, स्वाद में मीठी तथा कटु है। जटाम...

योगेन्द्र रस के फायदे नुकसान

Table of Contents • • • • • • • • परिचय योगेन्द्र रस पूर्णतया सुरक्षित और आयुर्वेदिक रसायन औषधि है। स्वर्ण भस्म या वर्क, कान्त लोह भस्म, अभ्रक भस्म, मोती भस्म और बंग भस्म आदि उत्तम धातुओं के योग से बना हुआ यह रसायन हृदय रोग, प्रमेह, शूल, अम्लपित्त और राज्यक्षमा के लिए बहुत गुणकारी औषधि है। यह बल, वीर्य, स्मृति वर्धक तथा अनेक रोगनाशक अर्थात अनेकों बिमारियों का नाश करने वाली बहुत ही चमत्कारी दवा है। बिमारी के बाद की कमजोरी और साधारण कमजोरी को दूर कर बल बढ़ाने के लिए इसका उपयोग अधिकतर किया जाता है इसलिए आज हम योगेन्द्र रस के फायदे नुकसान, गुण उपयोग और सेवन विधि ( Yogendra Ras Benefits and Side Effects in Hindi ) के बारे में जानेंगे। तो आइये जानते हैं – योगेन्द्ररस के फायदे नुकसान, गुण उपयोग और सेवन विधि ( Yogendra Ras Benefits and Side Effects in Hindi ) के बारे में। योगेन्द्र रस के मुख्य घटक |Yogendra Ras’s main ingredients योगेन्द्र रस के फायदे नुकसान, गुण उपयोग और सेवन विधि | Yogendra Ras Benefits and Side Effects in Hindi 1- यह उन्माद, मूर्छा, हिस्टीरिया, वातज – पित्तज रोग, गृध्रसी, 10- सभी प्रकार के प्रमेह का उपचार न करने पर पुराने होकर मधुमेह के रूप में परिणत हो जाते हैं। मधुमेह पुराना हो जाने पर धातुओं की निर्बलता होकर वायु का प्रकोप, गृध्रसी, पक्षाघात, दण्डापतानक, अपतानक, अन्तरायाम, वाहिरायाम आदि कई कठिन वात रोग हो जाते हैं। ऐसी स्थिति मेंयोगेंद्र रस को 3-4 महीने तक लगातार सेवन करने से आश्चर्य जनक रूप से फायदा होता है। Yogendra Ras Benefits in Hindi योगेन्द्र रस की मात्रा, अनुपान और सेवन विधि |Dosage and intake method of Yogendra Ras • एक – एक गोली सुबह-शाम मधु और अदर...

Vedobi

जटामांसी के अनसुने फायदे और नुकसान 2022-05-24 14:59:42 जटामांसी एक छोटा, सुंगधित शाक होती है। यह हिमालयी क्षेत्र में पाए जाने वाली जड़ी-बूटी होती है।जोपहाड़ों पर बर्फ में पैदा होती है। इसको जटामांसी इसलिए कहा जाता है। क्योंकि इसकीजड़ों में जटा या बाल जैसे तंतु लगे होते हैं। इसका पौधा 10-60 सेमी ऊंचा, सीधा, बहुवर्षायु और शाकीय होता है। इसके तने का ऊपरीभाग रोम वाला औरआधा भाग रोमहीन होता है। भूमि के ऊपर जटामांसी की जड़ों से कई शाखाएं निकलती हैं। जो 6-7 अंगुल तक सघन, बारीक, जटाकार औररोमयुक्त होती हैं। जटामांसी के पत्ते भी हर्बल और पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किए जाते हैं। दुर्गन्ध, शामक, रोगाणुरोधी और सूजन को कम करने वाले गुणों की वजह से इसको आवश्यक तेल के रूप में प्रयोग किया जाता है। जटामांसी औषधीय जड़ी-बूटी का इस्तेमाल तीक्ष्ण गंध वाला परफ्यूम और दवा बनाने के लिए भी किया जाता है। जटामांसी एक लुप्‍तप्राय आयुर्वेदिक चिकित्सा जड़ी-बूटी है। जिसका उपयोग कई औषधीय उद्देश्यों के लिए प्राचीन समय से किया जा रहा है। जटामांसी की जड़ें इसका मुख्य औषधीय हिस्सा है। यह तनाव को कम करने, संज्ञानात्‍मक कार्य (cognitive function) और नींद में सुधार करने की क्षमता के लिए जानी जाती है। इस पर किए गए शोध बताते हैं कि, जटामांसी का उपयोग स्मृति में सुधार, सूजन और अनिद्रा का इलाज करने में किया जाता है। जटामांसी के फायदे बहुत अधिक हैं। आयुर्वेद में इसका उपयोग मिर्गी (epilepsy), आवेग और हिस्‍टीरिया (hysteria) के लिए किया जाता है। बाजार में यह जड़, तेल और पाउडर के रूप में उपलब्ध है। इसकी दो प्रजातियां गन्धमांसी तथा आकाशमांसी होती है। जटामांसी के फायदे: मानसिक थकावट को दूर करती है जटामांसी- जटामांसी मानसिक थक...