जूते हुए खेत का प्रमाण

  1. एक जूते हुए खेत की खोज कहाँ से की गई थी
  2. आद्य ऐतिहासिक चरण/युग (Proto Historic phase/Age)
  3. ईटें, मनके तथा अस्थियाँ
  4. राजस्थान की प्रमुख प्रागैतिहासिक सभ्यतायें
  5. जूते हुए खेत का प्रमाण किस स्थान से मिला है? Doubt Answers
  6. सिंधु घाटी सभ्यता का सम्पूर्ण इतिहास /Paper
  7. वो चुनावी मैदान जहां छिना था 'सुहाग', पति की तस्वीर लेकर आई लेडी और ले गई 'जीत का प्रमाण'


Download: जूते हुए खेत का प्रमाण
Size: 23.32 MB

एक जूते हुए खेत की खोज कहाँ से की गई थी

उत्तर: [b] कालीबंगा में व्याख्या:कालीबंगा से हड़प्पा के साथ-साथ प्राक् हड़प्पा सभ्यता के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। कालीबंगा राजस्थान के गंगानगर जिले में घग्घर नदी के किनारे स्थित है। यहाँ शहर के दोनों भाग दुर्गीकृत है। यहां के घर कच्ची ईंटों के बने हैं। कालीबंगा का अर्थ काले रंग की मिट्टी की चूड़ियां होता है। यहां से लकड़ी के हल तथा जुते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं। जिनके कूड़ों के बीच का फासला पूर्व से पश्चिम की ओर सेमी. और उत्तर से दक्षिण 1.10 मीटर पर है। यहां कुछ अग्निकुण्ड मिले हैं जिन्हें वज्र प्रणाली से जोड़ा जाता है। दो फसलों को उगाने का प्रमाण यहां से मिला है। यहां के फर्श पर अलंकृत ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य मिला है।

आद्य ऐतिहासिक चरण/युग (Proto Historic phase/Age)

• 3500 ई0 पूर्व से 600 ई0 पूर्व का काल • पुरातात्विक साक्ष्य के आधार पर ही इतिहास निर्माण • कुछ संस्कृतियों में लेखन के प्रमाण- पढ़े नहीं जाने के कारण साक्ष्य नहीं • मुख्य रूप से ताम्र पाषाणिक युग एवं कास्य युग की संस्कृतियाँ • हड़प्पा संस्कृति/सभ्यता इसका प्रमुख उदाहरण है। I ताम्र पाषाण चरण • ताम्र पाषाण चरण I (Chalcolithic phase I) • 3500 ई0 पूर्व से 1200 ई0 पूर्व का काल • नव पाषाण काल के समानान्तर भी एवं बाद भी • पाषाण के साथ तांबा का प्रयोग tools निर्माण मे • कच्ची ईट का प्रयोग, नीब पर ध्यान, वस्ती के बाहर रक्षा प्राचीर • मृदभांड- कच्चे पके – सादे रंगे - चित्रण अंकन • कृषक पशुचारक ग्रामीण स्थानीय हड़प्पा पूर्व संस्कृतियाँ • अफगानिस्तान,पाकिस्तान एवं पश्चिमी भारत से प्रमाण • भारत मे पंजाब, राजस्थान, हरियाना से • अलग अलग क्षेत्रो से अलग अलग संस्कृतियों के प्रमाण • झोब संस्कृति (पाकिस्तान) • रानीघूंटई टीला – घोरे की अस्थियाँ / तांबे का पीन /सोने का प्याला/ कूबड़वाला बैल/ मदर गाडेस • आमरी संस्कृति (पाकिस्तान) • हड़प्पा पूर्व, हड़प्पा एवं हड़प्पा बाद के प्रमाण • Black & Red ware • कोटडीजी I संस्कृति (पाकिस्तान) • हड़प्पा पूर्व एवं हड़प्पा के प्रमाण • बार बार बसने उजरने (दो बार अग्नि कांड) के प्रमाण • हड़प्पा पूर्व रक्षा प्राचीर एवं कार्नेलियन मनके का प्रमाण • सोथी कालीबंगा I संस्कृति (राजस्थान / घघर तट) • हड़प्पा पूर्व ग्रामीण संस्कृति • जूते हुए खेत • Black & Red ware/ साधार बर्तन • चूड़ी निर्माण के प्रमाण • हड़प्पा पूर्व रक्षा प्राचीर एवं कार्नेलियन मनके का प्रमाण • क्वेटा संस्कृति मेहरगढ़ – • नवपाषाण, ताम्रपाषाण के हड़प्पा पूर्व एवं हड़प्पा • कपास की खेती का प्रमाण • कुली नाल संस्कृति म...

ईटें, मनके तथा अस्थियाँ

ईटें, मनके तथा अस्थियाँ-हड़प्पा सभ्यता, facts about harappa cibilization हड़प्पा सभ्यता 1.सिंधु घाटी की सभ्यता की खोज कब और किसने की ? ans. सिंधु घाटी की सभ्यता की खोज 1922-23 में श्री दयाराम साहनी तथा राखल दास बनर्जी ने की |परंतु इस खोज की घोषणा 1924 में जॉन मार्शल ने की | 2.हड़प्पा अथवा सिंधु घाटी सभ्यता की मुरहो की संक्षिप्त जानकारी दीजिए | ans.मुहरे हड़प्पा सभ्यता की सबसे विशिष्ट वस्तुए मानी जाती है |ये सेलखडीनामक पथर से बनी हुई है |इन पर प्राय: जानवरों के चित्र तथा एक ऐसी लिपि के चिह्न खुदे हुए है अभी तक पढ़ा नही जा सका हैइनका प्रयोग लम्बी दुरी के सम्पर्को को सुविधा जनक बनाने के लिए होता था | 3.हड़प्पा -पूर्व की बस्तियों की क्या विशेषताए थी ? कोई तीन लिखिए | ans.(1)हड़प्पा -पूर्व की बस्तियां प्राय :छोटी होती थी और इनमे बड़ी सरचनाए नाम मात्र ही थी | (2)इनकी अपनी विशिष्ट मृदभांड शैली थी | (3)इनमे कृषि तथा पशुपालन भी प्रचलित था|लोग शिल्पकारी भी करते थे | 4.हड़प्पा सभ्यता में सिचाई के लिए नेहरों के अवशेष कहा से मिले है ? सिंचाई के अन्य साधन कौन -कौन -से थे ? ans. हड़प्पा सभ्यता में सिंचाई के लिए नेहरों के अवशेष अफगानिस्तान में शोर्तुघई नामक पुरास्थल से मिले है |सिंचाई के अन्य साधन थे – • कुओं से प्राप्त जल. • जलाशयों में एकत्रित जल. • सिंधु घाटी सभ्यता (हड़प्पा) का सबसे पहले खोजा गया स्थल कौन सा था ? इसकी दुर्दशा का क्या कारण था ? उत्तर:- हडप्पा सभ्यता का सबसे पहले खोजा गया स्थल हड़प्पा ही था. इसकी दुर्दशा काकारण था ईंटो की चोरी इट चोरो ने इससे बुरी तरह से नष्ट कर दिया था is चोरी के कारण इस स्थल की कई प्राचीन सरंचनाये नष्ट कर दी गयी थी. • हडप्पा सभ्यता के लोग मृतकों का संस्कार किस प्...

राजस्थान की प्रमुख प्रागैतिहासिक सभ्यतायें

राजस्थान की प्रमुख प्रागैतिहासिक सभ्यतायें राजस्थान के प्रमुख पुरातात्विक स्थल • पाषाणकालीन सभ्यता – दर (भरतपुर), बागोर (भीलवाड़ा), तिलवाड़ा (बाड़मेर)। • हड़प्पा सभ्यता – कालीबंगा (हनुमानगढ़), आहड़ (उदयपुर), गिलुण्ड (राजसमंद) में। • ताम्रयुगीन सभ्यता – गणेश्वर (सीकर), बालाथल (उदयपुर), नोह (भरतपुर) आदि स्थलों पर। • कालीबंगा (हनुमानगढ़)–सरस्वती (दृषद्वती) नदी के तट पर (वर्तमान घग्घर नदी) विकसित। • कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ- काली चूड़ियाँ। • कालीबंगा सैन्धव सभ्यता का पाँचवा महत्वपूर्ण नगर था। • सर्वप्रथम खोज – 1951 ई. – अमलानन्द घोष द्वारा। 1961-69 ई. में – ब्रजवासी लाल व बालकृष्ण थापर द्वारा खुदाई। • सैन्धव सभ्यता से भी प्राचीन। • विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं के समकक्ष। • सैन्धव सभ्यता की तीसरी राजधानी कालीबंगा थी। (पहली-हड़प्पा, दूसरी-मोहनजोदड़ो) • यहाँ मकानों में साधारण चुल्हे के अलावा तन्दुरी चुल्हे के साक्ष्य भी प्राप्त हुए हैं। • यहाँ से प्राप्त एक मुहर पर व्याघ्र का अंकन है जबकि सिन्धु क्षेत्र में व्याघ्र नहीं मिलता है। • राजस्थान सरकार द्वारा यहाँ से प्राप्त पुरावशेषों के संरक्षण हेतु एक संग्रहालय की स्थापना की गयी। • यहाँ परकोटे के बाहर एक जुते हुए खेत के अवशेष मिले हैं, जो विश्व में जुते हुए खेत का पहला प्रमाण है। • यहाँ से प्राप्त जुते हुए खेत में चना व सरसों बोया जाता था। • कालीबंगा सैन्धव सभ्यता का एकमात्र ऐसा स्थल है, जहाँ से मातृ देवी की मूर्तियाँ प्राप्त नहीं हुई है। • यहाँ से ताँबे के बैल की आकृति, भूकम्प के प्रमाण तथा ईंटों के मकान के प्रमाण मिले हैं। • कालीबंगा में समकोण दिशा में जूते हुए खेत के साक्ष्य मिले हैं। • इसमें गेहूँ, जौ एक साथ बोई जाती थी। • कपास की खेती के ...

जूते हुए खेत का प्रमाण किस स्थान से मिला है? Doubt Answers

Disclaimer अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी

सिंधु घाटी सभ्यता का सम्पूर्ण इतिहास /Paper

सिंधु घाटी सभ्यता • परिचय • काल • क्षेत्रीय विस्तार • प्रमुख स्थल • नगर नियोजन • कृषि • सामाजिक स्थिति • शिल्पकला एवं उद्योग • व्यापार एवं वाणिज्य • धार्मिक जीवन • लिपि • सभ्यता का पतन परिचय- भारत के इतिहास में सिंधु घाटी सभ्यता प्रथम नगरीय सभ्यता थी इस सभ्यता की खुदाई सबसे पहले वर्तमान पाकिस्तान में स्थित ‘हड़प्पा’ नामक स्थल पर हुई थी। अतः इसे ‘हड़प्पा सभ्यता’ भी कहा गया। खुदाई में प्राप्त हुए अवशेषों के रेडियोकार्बन C14 जैसी नवीन विश्लेषण पद्धति के द्वारा सिंधु सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2400 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व मानी गयी है। इसका विस्तार त्रिभुजाकार है। इस सभ्यता की खोज का श्रेय ‘रायबहादुर दयाराम साहनी’ को जाता है। उन्होंने ही पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक ‘सर जॉन मार्शल’ के निर्देशन में 1921 में इस स्थान की खुदाई करवायी थी। यह सभ्यता दक्षिण एशिया के पश्चिमी भाग मैं फैली हुई थी,जो कि वर्तमान में पाकिस्तान तथा पश्चिमी भारत के नाम से जाना जाता है। यह सभ्यता मिस्र, मेसोपोटामिया, भारत और चीन की चार सबसे बड़ी प्राचीन नगरीय सभ्यताओं से भी अधिक उन्नत थी। यहाँ के लोगों की सोच अत्यंत विकसित थी। उन्होंने पक्के मकानों में रहना आरंभ कर दिया था। चूँकि इस सभ्यता का विकास सिंधु नदी व उसकी सहायक नदियों के आस पास के क्षेत्र में हुआ था, इसीलिए इसे ‘सिंधु घाटी सभ्यता’ का नाम दिया गया है। काल खंड- यदि हम सिंधु घाटी सभ्यता के कालखंड के बारे में बात करें तो इसके निर्धारण को लेकर विभिन्न विद्वानों के बीच गंभीर मतभेद हैं | उन्होंने सिंधु घाटी सभ्यता को तीन चरणों में विभक्त किया है, जो इस प्रकार हैं | • प्रारंभिक अथवा प्राक् हड़प्पा संस्कृति : 3200 ई.पू. से 2600 ई.पू. • परिपक्व हड...

वो चुनावी मैदान जहां छिना था 'सुहाग', पति की तस्वीर लेकर आई लेडी और ले गई 'जीत का प्रमाण'

Bihar Municipal By-Election: बिहार निकाय उपचुनाव में मधुबनी, गया, नवादा, जमुई, बांका समेत कई जगहों से चुनाव परिणाम आ चुके है। मधुबनी के पहले मेयर चुनाव के नतीजे आने के बाद उपद्रव देखा गया। राज्यसभा सांसद फैयाज अहमद के घर पर पथराव भी किया गया। वहीं बिहार निकाय उपचुनाव में नरकटियागंज की सीट चर्चा का विषय बनी है। जहां नगर परिषद चुनाव में पति की मौत की मौत के बाद हुए उप चुनाव में पत्नी ने जीत हासिल कर की है। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले की नरकटियागंज नगर परिषद के सभापति प्रत्याशी राजेश श्रीवास्तव की चुनाव के दौरान हत्या कर दी गई थी। जिसके के बाद निर्वाचन आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया था। अब उप चुनाव में उनकी पत्नी रीना देवी ने जीत दर्ज की है। रीना देवी को 7044 वोट मिले हैं। जबकि निवर्तमान सभापति राधेश्याम तिवारी दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें 3315 वोट प्राप्त हुए। वर्ष 2022 में हुए बिहार निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nikay Chunav) में नर्कटियागंज से प्रॉपर्टी डीलर राजेश श्रीवास्तव सभापति प्रत्याशी बनाए गए थे। लेकिन 2 दिसंबर 2022 को रात करीब आठ बजे नरकटियागंज में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कई लोग आरोपी बनाए गए। बाद में हात्याकांड के मुख्य आरोपी फिरदौस ने आत्मसमर्पण किया। पूछताछ में राजेश श्रीवास्तव की हत्या के षडयंत्र में निवर्तमान सभापति राधेश्याम तिवारी को भी आरोपी बनाया है। उन्हें मामले में गिरफ्तार कर कर जेल भेजा गया है। नरकटियागंज उप चुनाव में जीत के बाद राजेश श्रीवास्तव की पत्नी भावुक हो गईं। जब वे निर्वाचन अधिकारी के पास जीत का प्रमाण पत्र लेने पहुंची तो उनके हाथ में पति की तस्वीर थी। इस मौके पर रीना देवी ने कहा कि पति का सपना साकार किया है। रीना देवी ने बता...