जय मां लक्ष्मी जी की आरती

  1. Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata Aarti Benefits
  2. लक्ष्मी जी की आरती
  3. Maa Laxmi ji ki Aarti: रोज करें मां लक्ष्मी की आरती , कभी नहीं रहेगी धन की कमी
  4. मां लक्ष्मी जी की आरती – jaibababaijnath.com
  5. माँ लक्ष्मी जी की आरती
  6. laxmi ji ki aarti lyrics om jai lakshmi mata maiya lyrics in hindi sry
  7. मां लक्ष्मीजी की आरती
  8. Maa Laxmi Ji Ki Aarti: यहां पढे़ं मां लक्ष्मी की आरती,जानें महत्व और लाभ


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Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata Aarti Benefits

Lakshmi Ki Aarti : शास्त्रों में लक्ष्मी जी धन की देवी बताया गया है. लक्ष्मी जी का संबंध वैभव, सुख-समृद्धि से है. माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जब प्राप्त होता है तो सुखों में वृद्धि होती है. मान सम्मान प्राप्त होता है. यही कारण है कि हर कोई लक्ष्मी जी का आशीर्वाद चाहता है. शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी का प्रिय दिन है. आज विशेष संयोग बना है. पंचांग के अनुसार 17 जून 2022, शुक्रवार को आषाढ़ मास की तृतीया तिथि है. जिसका समापन प्रात: 6 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. इसके बाद चतुर्थी की तिथि प्रारंभ होगी. ये तिथि गणेश पूजा के लिए उत्तम मानी गई है. इस दिन लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता की पूजा का भी संयोग बना हुआ है. इस दिन इस आरती का पाठ घर में सुख-समृद्धि लाता है और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. आइए यहां पढ़ते हैं लक्ष्मी जी की आरती- लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ki Aarti) ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जगमाता। सूर्य, चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। दुर्गा रूप निरंजनी, सुख संपत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। तुम पाताल निवासनी, तुम ही शुभ दाता। कर्म प्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता।। ओम जय लक्ष्मी माता। जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता। सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।। ओम जय लक्ष्मी माता। तुम बिन यज्ञ न होते, वस्तु न कोई पाता। खान पान का वैभव सब तुमसे आता।। ओम जय लक्ष्मी माता। शुभ्र गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहीं पाता।। ओम जय लक्ष्मी माता। महालक्ष्मी जी की आरती जो कोई नर गाता। उर आनंद समा...

लक्ष्मी जी की आरती

माता लक्ष्मी जी की आरती | जय लक्ष्मी माता आरती लिरिक्स | Jai Laxmi Mata Aarti Lyrics in Hindi दिवाली के दिन माता लक्ष्मी जी की आरती की जाती है मां लक्ष्मी की आरती करने से मन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और मां लक्ष्मी अपने भक्तों के सभी दुखों को हर लेती है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें दिवाली की पूजा करते समय माता लक्ष्मी की आरती करने से पहले जय लक्ष्मी माता आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता-2 ****** Jai Laxmi Mata Aarti Lyrics in Hindi गणेश जी की आरती पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें Jai Laxmi Mata Aarti Lyrics in Hindi हमें कमेंट में जरूर बताइएगा ताकि हम आगे यह भी आपके लिए इसी तरह से अनोखी जानकारियां और आरतियों का संग्रह लाते रहें।

Maa Laxmi ji ki Aarti: रोज करें मां लक्ष्मी की आरती , कभी नहीं रहेगी धन की कमी

Maa Laxmi ji ki Aarti: मां लक्ष्मी तो शुभ और सौभाग्य की देवी हैं, वो मोहक हैं और अपने सभी भक्तों से बहुत प्रेम करती हैं। उनका आशीष जिसे भी मिलता है उसे कभी दुख की कमी ही नहीं होती है। उसके घर में सुख-संपदा बनी रहती है। इनकी पूजा नियमित तौर पर रोज सुबह शाम करना चाहिए। मां लक्ष्मी को लड्डू का भोग लगाना चाहिए , अगर मां लक्ष्मी की पूजा गणेश जी या भगवान विष्णु के साथ करें तो भक्तों को दो गुने फल की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से भक्त की बुद्धि में इजाफा होता है और वो यश प्राप्त करता है। मां लक्ष्मी की पूजा विशेष आरती के साथ रोज करनी चाहिए। इससे इंसान के घर में कभी आर्थिक तंगी नहीं आती है और उसके घर में संपन्नता बनी रहती है। • ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। • तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। • सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। • जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। • कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। • सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ लक्ष्मी जी की आरती कितनी बार करनी चाहिए? लक्ष्मी जी आरती दिन में दो बार (सुबह-शाम) भी हो सकती है या एक बार ( सुबह ) के वक्त हो सकती है। लक्ष्मी जी की आरती करने के नियम लक्ष्मी जी की आरती करते वक्त आपका मन और तन दोनों स्वच्छ होना चाहिए। आप नहाधोकर स्वच्छ कपड़े पहनकर मां की पूजा करें। लक्ष्मी जी की कब और किस लिए करते हैं? लक्ष्मी जी की पूजा करने से इंसान क...

मां लक्ष्मी जी की आरती – jaibababaijnath.com

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता ॥ उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता । सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता । जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता । कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता । सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता । खान-पान का वैभव सब तुमसे आता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता । रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता । महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता । उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

माँ लक्ष्मी जी की आरती

जय लक्ष्मी माता की, प्रिय पाठकों मै आज आपको माँ लक्ष्मी जी की आरती के फायदे बताने जा रहा हूँ| जी हाँ, अगर आप दुखी है तो चिंता मत कीजिये आपकी परेशानियों का हल निकालने के लिये लक्ष्मी माता की आरती और भजन ही काफी है. जीवन में लोगों की सबसे जरूरी चीज है धन, पैसा आदि| सभी सुख चैन आपको आपके पैसों से ही मिलता है| आपको ज्ञान की जितनी जरूरत होती है उतनी ही धन की जरूरत भी होती है. बिना धन के जीवन की कल्पना करना भी असंभव है| आप लक्ष्मी जी की आरती से उन्हे प्रसन्न कर सकते हैं| लक्ष्मी माता की आरती सुबह शाम सुनने से मन में शांति रहती है और लक्ष्मी माता भी आपसे बहुत प्रसन्न रहती है. अगर आपको सुखी और सम्पन्न होना है तो बस लक्ष्मी माता की पूजा में लग जाइए| यकीन मानिए कुछ दिनों में ही आपको बहुत सारा आनंद आयेगा. लक्ष्मी माता ही हैं जो आपको गरीबी से निकाल सकती है| लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स – Mata Lakshmi Ji Ki Aarti #1. ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता ॐ जय लक्ष्मी माता || ॐ जय… || #2. उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… || #3. दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… || #4. तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… || #5. जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… || #6. तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता|| ॐ जय… || #7. शुभ-गुण मन्दिर सुन...

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Laxmi Ji Ki Aarti: 'ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता आरती', आज के दिन करें लक्ष्मी जी की आरती शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा में स्तुति, स्तोत्र और चालीसा के साथ माता की आरती जरूर करें. कहा जाता है कि पूजा के दौरान यदि माता लक्ष्मी की आरती नहीं की गई तो पूजा अधूरी रह जाती है. यहां देखें मां लक्ष्मी की आरती.

मां लक्ष्मीजी की आरती

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता...।। तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता...।। जिस घर तुम रहती सब सद्‍गुण आता सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता...।। तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता...।। शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता...।। महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ॐ जय लक्ष्मी माता...।। Sun transit in Gemini sign June 2023 : सूर्यदेव 15 जून 2023 की शाम को 06:07 बजे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर संक्रांति कहलाता है। ओड़िसा में मिथुन संक्रांति का महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य से अच्‍छी फसल के लिए बारिश की मनोकामना करते हैं। आओ जानते हैं कि कौनसी 4 राशियों की चमक जाएगी किस्मत। मिथुन संक्रांति 2023 सूर्य देव 15 जून 2023 को मिथुन में प्रवेश कर रहे हैं Sun Transit into Gemini जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहा जाता है। 15 जून को सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए इसे मिथुन संक्रांति कहा जाएगा। 15 जून 2023 को मिथुन संक्रांति का समय शाम को 06 बजकर 29 मिनट पर है। इस समय सूर्य देव मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस परिवर्तन का सारी राशियों पर असर होगा।

Maa Laxmi Ji Ki Aarti: यहां पढे़ं मां लक्ष्मी की आरती,जानें महत्व और लाभ

Maa Laxmi Ji Ki Aarti: शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। इस दिन लक्ष्मी जी की आरती करने से इंसान को धन-वैभव के साथ समस्त सुखों की भी प्राप्ति होती है। शुक्रवार के दिन का प्रारंभ मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना से ही करना चाहिए। मां की सच्चे मन से पूजा करने के बाद आपको आरती जरूर करनी चाहिए क्योंकि आरती के बाद ही पूजा संपन्न होती है। • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। • सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। • जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता। • कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। • सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। • खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। • रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। • उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥ • ओम जय लक्ष्मी माता॥ • सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय। • ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।। • श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा। • ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: • लक्ष्मी नारायण नम: • ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम: • धनाय नमो नम: • ॐ लक्ष्मी नम: • ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम: • पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन...