जय महाकाल साधु की पाठशाला

  1. Jai Mahakal Jai Mahakal Lyrics
  2. पाठ्यक्रम 21अ
  3. महाकाल
  4. जय बोलो महाकाल की भजन लिरिक्स
  5. जय महाकाल
  6. जय महाकाल जय महाकाल भजन Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
  7. साधु की महान् परम्परा और जिम्मेदारी


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Jai Mahakal Jai Mahakal Lyrics

Jai Mahakal Jai Mahakal Lyrics in Hindi जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल, जो पाप ताप का हरता है, जो युग परिवर्तन करता है, माँ आदिशक्ति को साथ लिए, जो बदल रहा है सृष्टि चाल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । जिसने सोतो को जगा दिया, जागों को जिसने चला दिया, चलतो को जिसने दौड़ाया, निष्ठा को दी प्रेरक उछाल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । छल द्वेष दंभ को दूर करो, सद्कर्मों का उत्थान करो, सब भेद विषमता नष्ट करो, है दुष्ट विनाशक महाज्वाल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । आओ देवत्व जगाने को, धरती को स्वर्ग बनाने को, अपनत्व सभी में विकसा दो, है सज्जन के मानस मराल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । सद्भाव और सद्ज्ञान भरो, सत्कर्मों का उत्थान करो, प्रज्ञा प्रकाश जग में भरदो, उज्जवल भविष्य की के मशाल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । तुम हो अनादि तुम ही अन्नत, तुमसे प्रेरित यह दीगंदिगंत, परिवर्तन के आधार तुम्ही, तुमसे प्रेरित यह जग विशाल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल, जो पाप ताप का हरता है, जो युग परिवर्तन करता है, माँ आदिशक्ति को साथ लिए, जो बदल रहा है सृष्टि चाल, जय महाकाल जय महाकाल, जय महाकाल जय महाकाल । Jai Mahakal Jai Mahakal Lyrics in English Jai Mahakal Jai Mahakal, Jai Mahakal Jai Mahakal, Jo Paap Tap Ka Harta Hai, Jo Yug Parivartan Karta Hai, Maa Adishakti Ko Saath Liye, Jo Badal Raha Hai Srishti Chal, Jai Mahakal Jai Mahakal, Jai Mahakal Jai Mahakal. Jisne Sote Ko Jaga Diya, Jagon Ko Jisne Chala Diya, Chalto Ko Jisne Doudaya, Nishtha Ko Di Prerak Uchhal, Jai Mahak...

पाठ्यक्रम 21अ

• Everywhere • This Category • This Record • Status Updates • Topics • Images • Albums • Files • Pages • Articles • Records • Records • प्रवचन संग्रह • Records • संस्मरण • Pages • काव्य • Records • Records • संयम कीर्ति स्तम्भ • प्रतियोगिता • Records • प्रवचन • Blog Entries • Events • Videos • Musicbox • Quizzes • Products • Members • स्वध्याय पाठ • • जो सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र रूप रत्नत्रय से युक्त होते हैं, सिद्ध पद की प्राप्ति हेतु निरन्तर साधना करते हैं ऐसे दिगम्बर मुद्रा धारी महापुरुष साधु कहलाते हैं। श्रमण, यति, मुनि, अनगार, वीतराग, संयत, ऋषि, जिनरूप धारी भिक्षु इत्यादि साधु के अपर नाम है। श्रमण के २८ मूलगुण जिनेन्द्र देव ने कहे हैं - • पाँच महाव्रत • पाँच समिति • पाँच इन्द्रियों को वश में करना (पंचेन्द्रिय विजय) • छह आवश्यक • सात विशेष गुण महाव्रत हिंसादि पाँच पापों का स्थूल एवं सूक्ष्म रूप से पूर्णत: त्याग करना महापुरुषों का महाव्रत है। महाव्रत पाँच होते हैं - १. अहिंसा महाव्रत, २. सत्य महाव्रत, ३. अचौर्य महाव्रत, ४. ब्रह्मचर्य महाव्रत, ५. अपरिग्रह महाव्रत • अहिंसा महाव्रत - आत्मा में रागद्वेष आदि विकारी भावों की उत्पति नहीं होने देना तथा षट्काय के जीवों की मन, वचन एवं काय से विराधना न करना 'अहिंसा महाव्रत' कहलाता है। • सत्य महाव्रत - रागद्वेष, मोह के कारण असत्य वचन तथा दूसरों को सन्ताप करने वाले ऐसे सत्य वचन को छोड़ना 'सत्य महाव्रत' है। • अचौर्य महाव्रत - बिना दिये हुए किसी भी प्रकार के पदार्थ एवं उपकरण का ग्रहण न करना 'अचौर्य महाव्रत' है। • ब्रह्मचर्य महाव्रत - स्त्री विषयक राग का, संपर्क का मन-वचन-काय से पूर्ण त्यागकर, ब्रह्म स्वरूप अपने आत्म तत...

महाकाल

बिबरन शक्तिसमागम तंत्र के हिसाब से महाकाली के जीवनसंगी बेहद भयावह होलें। महाकाल के चार गो बांह, तीन गो आँख बा आ एक करोड़ करिया आग के चमक के होला, आ ई आठ गो दाह संस्कार स्थल (श्मशान) के बीच में रहेलें। आठ गो मनुष्य के खोपड़ी से सजल, पाँच गो लाश पर बइठल, हाथ में त्रिशूल, ढोल, तलवार आ कटार बाटे। ऊ दाह संस्कार स्थल से मिलल राख से सजल बाड़ें आ उनुका चारो ओर कई गो जोर से चिल्लात गिद्ध आ गीदड़ बाड़ें उनकर बगल में उनकर पत्नी बाड़ी, जेकर प्रतीक महाकाल आ काली दुनों ब्रह्म के परम विनाशकारी शक्ति के प्रतिनिधित्व करे ला लोग आ ई कौनों नियम भा कानून से बन्हाइल ना होलें। इनहन लोग में समय आ स्थान के भी अपना में घुल जाए के शक्ति होला, आ ब्रह्मांड के विघटन के समय शून्य के रूप में ई लोग मौजूद होला। हर कल्प के अंत में ब्रह्मांड के विघटन खातिर ई लोग जिम्मेदार होला। जब दोसर देवता, देव, आ त्रिमूर्ति तक ना हो पावेलें त बड़हन बुराई आ बड़हन राक्षसन के सफाया करे के जिम्मेदारी भी ई लोग के होला। महाकाल आ काली पुरुष, नारी, बच्चा, जानवर, संसार आ पूरा ब्रह्मांड के बिना दया के सफाया कर देलें काहें से कि ऊ मूर्त रूप में काल भा समय हवें आ समय कवनो चीज से बान्हल ना होला आ समय दया ना देखावेला ना कवनो चीज भा केहू के इंतजार करीं। महाकाल के आमतौर पर नीला भा करिया रंग के चित्रण कइल जाला। जइसे सभ रंग के आत्मसात क के करिया रंग में घुल जाला, ओइसहीं सभ नाम आ रूप महाकाल के नाम आ रूप में पिघलल कहल जाला, जवन उनकर सर्वव्यापी, व्यापक स्वभाव के प्रतीक हवे। करिया रंग के कुल अभाव के भी प्रतिनिधित्व क सके ला आ फिर से एह मामला में ई महाकाल के प्रकृति के अंतिम भा निरपेक्ष वास्तविकता के रूप में बतावे ला। एह सिद्धांत के संस्कृत मे...

जय बोलो महाकाल की भजन लिरिक्स

जय बोलो महाकाल की, दोहा – आदिदेव महादेव का, जो करते है गुणगान, जनम मरण का उनको निज ही, हो जाता सब ज्ञान। काल से रक्षा करते, शिवजी काटे सब जंजाल, हरपल भजते रहो रे भक्तो, जय जय जय महाकाल। आओ मिलकर गाये महिमा, हम कालो के काल की, जय बोलो महाकाल की जय बोलो, जय बोलो महांकाल की जय बोलो, दसो दिशाओ में होती, जयकार यहाँ महाकाल की, जय बोलो महांकाल की जय बोलो, जय बोलो महांकाल की जय बोलो।। इस जग के है कर्ता धर्ता, आदिदेव शिवशंकर, शिवशंकर से रचा बसा है, इस धरती का कण कण, ब्रम्हा बनकर रचते जग को, विष्णु बन पालन करते है, शिव बनकर हर लेते माया, इक्छा है कल्याण की, जय बोलो अवंतिका नगरी में है प्रभु, शिवशंकर का वास, महाकाल के रूप में शिवजी, करते यहाँ निवास, पूण्य सलिला क्षिप्रा तट पर, शिवजी बैठे ध्यान लगाकर, माया अपरंपार है, इन मायापति महाकाल की, जय बोलो महांकाल की जय बोलो।। कुम्भ पर्व पर क्षिप्रा में, स्नान पूण्य दायी है, क्षिप्रा और महाकाल की महिमा, ऋषि मुनियो ने गायी है, यह अवसर भक्तो मत छोड़ो, महाकाल से नाता जोड़ो, बड़े भाग्य से मिलती है ये, भक्ति इन महाकाल की, जय बोलो महांकाल की जय बोलो।। महाकुम्भ में महाकाल के, दर्शन जो करते है, उन भक्तो के देखो भोले, पाप शाप हरते है, जो नित पूजन अर्चन करते, महाकाल का नाम जो रटते, जनम जनम तीर जाये जिसपर, कृपा बने महाकाल की, जय बोलो महाकाल की जय बोलो।। आओ मिलकर गाये महिमा, हम कालो के काल की, जय बोलो महांकाल की जय बोलो, जय बोलो महांकाल की जय बोलो, दसो दिशाओ में होती, जयकार यहाँ महाकाल की, जय बोलो महांकाल की जय बोलो, जय बोलो महांकाल की जय बोलो।। गायक – मनीष तिवारी जी।

जय महाकाल

वह अज्ञानी का ज्ञान भी वह है वही है भिघ्नाओ को हरने वाला वही है ब्रह्माण्ड को रचने वाला वही है भोले महेश्वराये भी वह है जिसकी कोई थाह नहीं है वही अर्द्धनारीश्वर रूप है जिसके रोम रोम में शिव है वही सत्य है नीलकंठ भी वह है जिसके प्रकोप से थर थर कांपे पापी मेरा कोई क्या बिगाड़ेगा लिखा किस्मत ही उसने जो है देवो के देव जिसका नाम महादेव। ___मनीषा सिंह चौहान - हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए विशेष • Kavya Cafe: Rachit Dixit Poetry- ब्रेक अप के बाद लड़के • Hindi Kavita: नवीन सागर की कविता 'अपना अभिनय इतना अच्छा करता हूँ' • Urdu Poetry: नसीर तुराबी की ग़ज़ल 'दिया सा दिल के ख़राबे में जल रहा है मियाँ' • Parveen Shakir Poetry: वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया • अल्हड़ बीकानेरी की हास्य कविता- समय का फेर • Social Media Shayari: ढक कर चलता हूं, ज़ख्मों को आजकल

जय महाकाल जय महाकाल भजन Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

जय महाकाल जय महाकाल भजन लिरिक्स Jay Mahakal Jay Mahakal Bhajan जय महाकाल जय महाकाल भजन लिरिक्स (हिन्दी) जय महाकाल जय महाकाल, जय महांकाल जय महांकाल, जो पाप ताप का हरता है, जो युग परिवर्तन करता है, माँ आदिशक्ति को साथ लिए, जो बदल रहा है सृष्टि चाल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। जिसने सोतो को जगा दिया, जागों को जिसने चला दिया, चलतो को जिसने दौड़ाया, निष्ठा को दी प्रेरक उछाल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। छल द्वेष दंभ को दूर करो, सद्कर्मों का उत्थान करो, सब भेद विषमता नष्ट करो, है दुष्ट विनाशक महाज्वाल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। आओ देवत्व जगाने को, धरती को स्वर्ग बनाने को, अपनत्व सभी में विकसा दो, है सज्जन के मानस मराल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। सद्भाव और सद्ज्ञान भरो, सत्कर्मों का उत्थान करो, प्रज्ञा प्रकाश जग में भरदो, उज्जवल भविष्य की के मशाल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। तुम हो अनादि तुम ही अन्नत, तुमसे प्रेरित यह दीगंदिगंत, परिवर्तन के आधार तुम्ही, तुमसे प्रेरित यह जग विशाल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। जय महाकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल, जो पाप ताप का हरता है, जो युग परिवर्तन करता है, माँ आदिशक्ति को साथ लिए, जो बदल रहा है सृष्टि चाल, जय महांकाल जय महांकाल, जय महांकाल जय महांकाल।। प्रेषक विजय गोथरवाल। 9826447996 Download PDF (जय महाकाल जय महाकाल भजन ) Download the PDF of song ‘Jay Mahakal Jay Mahakal Bhajan ‘. Jay Mahakal Jay Mahakal Bhajan Lyrics (English Transliteration) jaya mahAkAla jaya mahAkAla, jaya mahAMkAla jaya mahAMkAla, jo pApa tApa kA hara...

साधु की महान् परम्परा और जिम्मेदारी

भारत वर्ष की साधुता विश्व-विख्यात है। यहां साधु-सन्तों का सदा से बाहुल्य रहा है। गृहस्थों के रूप में भी और विरक्तों के रूप में भी। साधु सज्जन को कहते हैं। जिसमें निष्कलंक सज्जनता है, उसे साधु ही कहा जायगा। यह सज्जनता का उच्चतम स्तर है कि अपने समय, श्रम, ज्ञान एवं मनोभाव अपने व्यक्तिगत एवं पारिवारिक प्रयोजनों में सीमित न रखकर उसे समस्त विश्व के लिये समर्पित कर दें। अपने व्यक्तित्व को सार्वजनिक सम्पत्ति समझें और उसका उपयोग इस प्रकार करें कि उसका लाभ अपने शरीर को ही नहीं, वरन् समस्त विश्व को प्राप्त हो। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की उदारता एवं महानता जिस किसी अन्तःकरण में उदय हो रही होगी, वह अपनी आन्तरिक महानता के कारण इस धरती का देवता माना जायगा, इसे साधु-महात्मा कहकर पूजा जायगा। ज्ञान के प्रकाश में अरुणोदय — साधु गेरुआ वस्त्र पहनते हैं। यह रंग प्रातःकाल की ऊषा का है। अरुणोदय के समय सर्वत्र लालिमा छाई रहती है, यही भगवा रंग है। ब्रह्म-मुहूर्त की पूर्व से उदय होने वाली लालिमा संसार में नव-जीवन का संचार करने, नई स्फूर्ति उत्पन्न करने, जागरण का सन्देश देने एवं प्रकाश उत्पन्न करने आया करती हैं। साधु का जीवनोद्देश्य भी यही होता है। अपने उद्देश्य एवं कार्यक्रम की जानकारी सर्व-साधारण को कराने के लिये वह वस्त्र पहने जाते हैं। जिस प्रकार फौज या पुलिस की वर्दी पहने हुए व्यक्ति को हर कोई आदमी आसानी से पहचान लेता है और यदि उससे कुछ प्रयोजन होता है, तो उसकी सूचना उन्हें देता है। बड़े रेलवे स्टेशनों पर मुसाफिरों की सेवा सहायता एवं मार्गदर्शन के लिये कुछ कर्मचारी नियत रहते हैं। उनकी भुजा पर एक पट्टी लगी रहती है, जिसमें उनका परिचय लिखा होता है। यह इसलिये कि जिन मुसाफिरों को उनकी आवश्यकता हो, वे उन्...