कंबल वाले बाबा

  1. बागेश्‍वर महाराज के बाद काले कंबल वाले बाबा का चमत्कार, छूने से हो जाती बीमारी दूर!
  2. शरीर के जिस अंग पर लकवा, उस पर कंबल डालकर ठीक करने का दावा करता है बाबा
  3. kambal wale baba appeared in Rajasthan do treating by black blankets


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बागेश्‍वर महाराज के बाद काले कंबल वाले बाबा का चमत्कार, छूने से हो जाती बीमारी दूर!

Astrology: इन राशियों का शुरू होने जा रहा है गोल्डन टाइम, हाथ लगेगा कुबेर का खजाना! Kaale Kambal Vaale Baba: राजस्‍थान में काले कंबल वाले बाबा कंबल से चमत्‍कार करने का दावा कर रहे हैं. वे कहते हैं कि इस काले कंबल से वह बड़ी से बड़ी बीमारी ठीक कर सकते हैं. काले कंबल वाले बाबा लखपती हैं. © Zee News हिन्दी द्वारा प्रदत्त Kaale Kambal Vaale Baba: बागेश्‍वर महाराज अपने कथित चमत्‍कार को लेकर सुर्खियों में बने हुए है, वहीं, उनके इस चमत्‍कार का विवाद खत्म नहीं हुआ है कि अब राजस्थान के राजसमंद में कंबल बाबा हर बीमारी का मिनटों में इलाज करने का दावा कर रहे हैं . ये कंबल बाबा गुजरात के रहने वाले हैं, जिनका नाम गणेश भाई गुर्जर है. ये कंबल बाबा जगह-जगह जाकर 15 दिनों से कैंप लगा रहे हैं और दावा कर रहे है कि वह लोगों की उपचार मिनटों में कर सकते हैं. वहीं, कैंप में आए कई लोगों का कहना है कि हां बाबा के कंबल को स्पर्श करने और बाबा के हाथ लगने के बाद उनको स्वस्थ महसूस हो रहा है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें कोई आराम नहीं है. कंबल बाबा के शिविर में राजसमंद, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र कई राज्यों में लोग इलाज करवाने आते हैं. लोग इस कैंप में आने के लिए हजारों से लेकर लाखों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन शिविर 1 रुपया भी नहीं लिया जाता है. वहीं, कंबल वाले बाबा का कहना है कि उनके कंबल में आध्यात्मिक शक्ति है और किसी भी शख्स को कंबल में डालकर उसकी नाड़ी और शरीर को देखकर बीमारी पता चल जाती है. बाबा उस बीमारी का नाम बता देते हैं . कंबल वाले बाबा के कंधे पर हमेशा कंबल रहता है. उनके कैंप में लकवे से ग्रसित मरीज जाता आते हैं. बाबा कहते है और दावा करते हैं कि वह बड़ी से बड़ी बीमारी क...

शरीर के जिस अंग पर लकवा, उस पर कंबल डालकर ठीक करने का दावा करता है बाबा

शामियाने के नीचे एक के पीछे एक लकवा राेगी अपनी बारी की प्रतीक्षा में बैठे हैं। नंबर आते ही बाबाजी ऊपर कंबल डालते हैं। शरीर के जिस अंग में लकवा या सुन्नता है, उसे जोर से ऊपर-नीचे करते हैं। उसके बाद मरीज आगे निकल जाता है और दूसरा आ जाता है। इस तरह रोगी ठीक हो भी रहे या नहीं? यह महज आस्था है या अंध विश्वास? यह तो चिकित्सा या आयुष विभाग ही प्रमाणित कर सकता है लेकिन यहां हजारों की भीड़ बताती है कि आधुनिक चिकित्सा सुविधा के दाैर में भी बीमार या उसके परिजन क्या-क्या जतन करते हैं। सोमवार को एसडीएम व तहसीलदार ने भी यहां आकर माजरा देखा लेकिन आस्था का मामला बताकर चले गए। खोडीप में माइंस रोड स्थित स्कूल के मैदान में 5 मार्च से लकवा रोगियों के उपचार का दावा करते हुए चादर वाले बाबा का शिविर चल रहा है। वहां भीड़ लगी रहती है। रावतभाटा, भैसरोड़गढ़ में भी ऐसा शिविर लगने के बाद गांव के कुछ लोग बाबा को यहां भी लाए। बताते हैं 20 मार्च तक शिविर निशुल्क रहेगा। शिविर काे लेकर कई तरह की चर्चाएं है। सोमवार को भदेसर एसडीएम अंजु शर्मा, तहसीलदार भैरूलाल टेलर, गिरदावर उदयलाल रेबारी माैके पर पहुंचे। एसडीएम पांडाल में बाबाजी तक गईं और बिना कुछ बोले बाहर आ गईं। रोगियों पर चादर घूमाने का सिलसिला कई बार सुबह 11 बजे शुरू होता है तो तड़के की तीन बजे तक भी चलता रहता है। चादर या कंबल वाले बाबा के नाम से पहचान बना रहे ये बाबा खुद को गुजरात का बताते हैं। कहते हैं- उनका कहना है मैंने उपचार की यह विधि सिखी है। माता के आशीर्वाद से 38 साल से शिविर लगा रहे हैं। सारी व्यवस्था निशुल्क है। राहत मिल रही है, इसी वजह से इतनी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 10 बीघा में शामियाने, देशभर से एंबुलेंस लेकर भी आते हैं लोग शनिवार व रविवा...

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Rajsamand: राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित कुंवारिया थाना इलाके के फियावड़ी में कम्बल वाले बाबा उर्फ गणेश भाई अपने चमत्कारी कम्बल से लोगों के उपचार करने का दावा कर रहे हैं. कम्बल वाले बाबा अपना काला कम्बल शिविर में मौजूद मरीज के उपर फेरते हैं और 5 दिन शिविर में रूकने की बात कहते है. बता दें कि इन कम्बल वाले बाबा के पास कई प्रदेशों के लोग अपना उपचार करवाने के लिए आ रहे हैं और 5 से ​10 दिन तक वहां पर ही यानि जंगल में टेंट में रहने को मजबूर रहते हैं और मरीज के साथ आ रहे परिजन उम्मीद लगा के बैठे रहते हैं कि हमें भी मर्ज से छुटकारा मिलेगा. वहीं जब इस शिविर में जी मीडिया की टीम पहुंची तो वहां पर देखा कि हजारों की तादाद में लोग हाईवे के पास स्थित फियावड़ी के रोड किनारे एकांत जगह यानि खेत में अलग अलग टूकड़ों में शिविर लगा हुआ है. जी मीडिया की टीम इस कम्बल वाले बाबा उर्फ गणेश भाई की हकीकत जानने के लिए शिविर के सभी भागों में पहुंची और वहां मौजूद लोगों से विस्तार के साथ कम्बल वाले बाबा से भी बात की. शिविर में जैसे ही जी मीडिया की टीम पहुंची तो वहां से पता चला कि बाबा के उपचार करने का समय दोपहर 12 बजे का है. इसके बाद कम्बल वाले बाबा को ढूंढते हुए उनकी ​कुटिया में पहुंचे जहां पर वहां भोजन कर रहे थे. ऐसे जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रा और राजस्थान में शिविर लगा चुका हूं. उन्होंने बताया कि राजस्थान में पूर्व में पाली, सिरोही, चित्तोड़गढ़ में शिविर लगा चुका हूं अभी यह मेरा राजसमंद जिले में दूसरा शिविर है.पहला शिविर चारभुजा में लगाया था और अब दूसरा शिविर कुंवारिया के फियावड़ी में लगा है. इसके बाद मेरा बाड़मेर में शिव...