कृ धातु रूप

  1. 'कृ' धातोः लङ्‌ लकारस्य उत्तमपुरुष बहुवचने रूपं विद्यते
  2. शतृ प्रत्यय (सरल अध्ययन)
  3. पठ् धातु रूप
  4. गम्/गच्छ धातु के रूप
  5. Kri Dhatu Lat Lakar
  6. UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु
  7. Kri Dhatu Lat Lakar
  8. गम्/गच्छ धातु के रूप
  9. 'कृ' धातोः लङ्‌ लकारस्य उत्तमपुरुष बहुवचने रूपं विद्यते
  10. UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु


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'कृ' धातोः लङ्‌ लकारस्य उत्तमपुरुष बहुवचने रूपं विद्यते

Correct Answer - Option 3 : अकुर्म प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'कृ' धातु लङ्लकार उत्तमपुरुष बहुवचन में रूप होता है - स्पष्टिकरण - 'कृ' धातु लङ्लकार के विविध पुरुषों और वचनों में रूप होता है - 'कृ' धातु लङ्लकार पुरूष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरूष अकरोत् अकुरुताम् अकुर्वन् मध्यमपुरूष अकरोः अकुरुतम् अकुरुत उत्तमपुरूष अकरवम् अकुर्व अकुर्म

शतृ प्रत्यय (सरल अध्ययन)

मूलतः शतृ प्रत्यय का अर्थ वर्तमान काल है। वैसे तो संस्कृत भाषा में वर्तमान काल के लिए शतृ प्रत्यय का भी प्रयोग कर सकते हैं। और साथ ही शतृ प्रत्यय का प्रयोग भविष्यत् काल ( लृट् लकार) (Future tense) के लिए भी हो सकता है। शतृ प्रत्यय का प्रयोग विशेषण के रूप में भी करते हैं। इस प्रकार से शतृ प्रत्यय संस्कृत भाषा में एक बहूपयोगी प्रत्यय है। इस लेख में हम सरल प्रक्रिया के द्वारा शतृ प्रत्यय का अध्ययन करेंगे। जो की कक्षा ९ तथा १० आदि शालेय स्तर के छात्रों के लिए उपयुक्त है। यदि आप अधिक विस्तार से शतृ प्रत्यय का अभ्यास करना चाहते हैं तो ससूत्र अध्ययन) इस लेख को पढ़िए। शतृ प्रत्यय का अर्थ शतृ प्रत्यय का प्रयोग दो अर्थों में होता है। • लट् लकार – वर्तमान काल • लृट् लकार – भविष्यत् काल शतृ प्रत्यय का अर्थ वर्तमान काल है। आप तो जानते ही हैं कि संस्कृत भाषा में वर्तमान काल के लिए शतृ प्रत्यय का भी प्रयोग कर सकते हैं। जैसे कि – • रामः पठन् लिखति। इस वाक्य में पठन् यह शब्द शत्रन्त है। यानी पठ् धातु को शतृ प्रत्यय लगा है। इस वाक्य का अर्थ हुआ – राम पढ़ता है, राम लिखता है। अर्थात् राम पढ़ते हुए लिखता है। और साथ ही साथ एक विशेष बात यह है कि शतृ प्रत्यय का प्रयोग भविष्यत् काल ( लृट् लकार) (Future tense) के लिए भी हो सकता है। भविष्यकाल के लिए शतृप्रत्यय का प्रयोग बहुत सारे लोगों को पता नहीं है। जैसे कि – • रामः पठिष्यन् लिखिष्यति। इस वाक्य में हम देख सकते हैं कि पठिष्यन् इस रूप में शतृ प्रत्यय भविष्यत् काल को व्यक्त कर रहा है। शत्रन्त का निर्माण शत्रन्त का अर्थ है – जिस के अन्त में शतृ प्रत्यय लगा है वह। शतृ + अन्त – शत्रन्त (यण् सन्धि) धातु से शत्रन्त बनाने के लिए इन तीन बिन्दुओं को देखें – ...

पठ् धातु रूप

Table of Content • Path Dhatu Roop Sanskrit • Path Dhatu Roop in All Five Lakars • Path Dhatu Roop Lat Lakar • Path Dhatu Roop Lung Lakar • Path Dhatu Roop Lrit Lakar • Path Dhatu Roop Lot Lakar • Path Dhatu Roop Vidhiling Lakar • Path Dhatu Roop Important Question Answer Path Dhatu Roop in Sanskrit | पठ् धातु रूप संस्कृत में

गम्/गच्छ धातु के रूप

Gam, Gachchh Dhatu गम् – गच्छ धातु (जाना, to go): गम् – गच्छ धातु भ्वादिगणीय धातु शब्द है। अतः Gam, Gachchh Dhatu के Dhatu Roop की तरह गम् – गच्छ जैसे सभी भ्वादिगणीय धातु के धातु रूप ( गम् – गच्छ धातु का गण (Conjugation): भ्वादिगण (प्रथम गण – First Conjugation) गम् – गच्छ का अर्थ: गम् – गच्छ का अर्थ जाना, to go होता है। गम् – गच्छ के धातु रूप (Dhatu Roop of Gam, Gachchh) – परस्मैपदी गम् – गच्छ धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में गम् – गच्छ धातु रूप (Gam, Gachchh Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। लट् लकार – वर्तमान काल, Present Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गच्छति गच्छतः गच्छन्ति मध्यमपुरुषः गच्छसि गच्छथः गच्छथ उत्तमपुरुषः गच्छामि गच्छावः गच्छामः लिट् लकार – Past Perfect Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः जगाम जग्मतुः जग्मुः मध्यमपुरुषः जगमिथ/जगन्थ जग्मथुः जगम उत्तमपुरुषः जगम/जगाम जग्मिव जग्मिम लुट् लकार – First Future Tense or Periphrastic पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गन्ता गन्तारौ गन्तारः मध्यमपुरुषः गन्तासि गन्तास्थः गन्तास्थ उत्तमपुरुषः गन्तास्मि गन्तास्वः गन्तास्मः लृट् लकार – भविष्यत्, Second Future Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गमिष्यति गमिष्यतः गमिष्यन्ति मध्यमपुरुषः गमिष्यसि गमिष्यथः गमिष्यथ उत्तमपुरुषः गमिष्यामि गमिष्यावः गमिष्यामः लोट् लकार – अनुज्ञा, Imperative Mood पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गच्छतु/गच्छतात् गच्छताम् गच्छन्तु मध्यमपुरुषः गच्छ/गच्छतात् गच्छतम् गच्छत उत्तमपुरुषः गच्छानि गच्छाव गच्छाम लङ् लकार – भूतकाल, Past Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः अगच्छत् अ...

Kri Dhatu Lat Lakar

Table of Contents • • • Kri Dhatu Lat Lakar पठ् धातुएकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमः पुरुष:करोति कुरुतः कुर्वन्ति मध्यमः पुरुषःकरोषि कुरुथः कुरुथ उत्तमः पुरुष:करोमि कुर्वः कुर्मः लट् लकार इसे भी पढ़े: लट् लकार संस्कृत भाषा में वर्तमान काल (Present tense) को व्यक्त करने का तरीका है। हम लट् लकार से किसी भी वाक्य को वर्तमान काल में लिख या बोल सकते हैं। जैसे- राम घर जाता है- रामः गृहं गच्छति। इस वाक्य में ‘जाना’ क्रिया का प्रारम्भ होना तो पाया जाता है, लेकिन समाप्त होने का संकेत नहीं मिल रहा है। ‘जाना’ क्रिया निरन्तर चल रही है। अतः यहाँ वर्तमान काल है। लट् लकार में अनुवाद or लट् लकार के वाक्य • अहम् पठामि । मैं पढ रहा हूँ । • अहम् खादामि । मैं खा रहा हूँ। • अहम् वदामि । (मैं बोल रहा हूँ) • त्वम गच्छसि । (तुम जा रहे हो) • सः पठति। (वह पढता है) • तौ पठतः । (वे दोनो पढते हैं) Kri Dhatu Lat Lakar Video

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु-रूप-प्रकरणे are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 11 Subject Sahityik Hindi Chapter Chapter 2 Chapter Name धातु-रूप-प्रकरणे Number of Questions 21 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु-रूप-प्रकरणे धातु-रूप-प्रकरण पाठ्यक्रम में निर्धारित धातु-रूप निम्नवत् हैं (1) परस्मैपदी धातु ‘स्था’ (ठहरना) (2) परस्मैपदी ‘पा’ (पीना) (3) नी (ले जाना) (4) कृ (करना) [ध्यान दें-नीचे दिये जा रहे धातु रूप पाठ्यक्रम में निर्धारित नहीं है, परन्तु अनुवाद में सहायक होने के कारण यहाँ दिये जा रहे हैं। ] (5) चुर् (चुराना) (6) दा (देना) (7) गम् (जाना) (8) भू (होना) (9) पेच् (पकाना) (10) हस् (हँसना) (11) पठ् (पढ़ना) (12) दिव (क्रीड़ा, जीतने की इच्छा, जुआ खेलना आदि) (13) प्रच्छ (पूछना) (14) अस् (होना) (15) अद् (खाना) (16) खाद् (भोजन करना) (17) कथ् (कहना) पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ में आये धातु-रूपों के हल पाठ 5: पाठ 6: पाठ 7: पाठ 8: पाठ 9: पाठ 10: विशेष– धातु रूपों से सम्बन्धित बहुविकल्पीय प्रश्नों के प्रारूप-ज्ञान के लिए कुछ प्रश्न नीचे दिये जा रहे है [ संकेत- काले अक्षरों में छपे विकल्प को उचित विकल्प समझे।। ] (1) ‘स्था’ धातु लृट् लकार, उत्तम पुरुष बहुवचन का रूप होगा (i) स्थास्यतः (ii) स्थास्यामः (iii) स्थास्यथ (iv) स्थास्यसि (2) ‘नये:’ रूप होता है, ‘नी’ धातु के (i) लट् लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन का (ii) लोट् लकार, उत्तम पुरुष, द्विवचन का (iii) लृट् लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन का (iv) विधिलिङ, मध्यम पुरुष, एकवचन का (3) ‘तिष्ठेताम्’ धातु रूप है-स्था धातु के ……….. का। (i) लोट् लकार, प्रथम पु...

Kri Dhatu Lat Lakar

Table of Contents • • • Kri Dhatu Lat Lakar पठ् धातुएकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमः पुरुष:करोति कुरुतः कुर्वन्ति मध्यमः पुरुषःकरोषि कुरुथः कुरुथ उत्तमः पुरुष:करोमि कुर्वः कुर्मः लट् लकार इसे भी पढ़े: लट् लकार संस्कृत भाषा में वर्तमान काल (Present tense) को व्यक्त करने का तरीका है। हम लट् लकार से किसी भी वाक्य को वर्तमान काल में लिख या बोल सकते हैं। जैसे- राम घर जाता है- रामः गृहं गच्छति। इस वाक्य में ‘जाना’ क्रिया का प्रारम्भ होना तो पाया जाता है, लेकिन समाप्त होने का संकेत नहीं मिल रहा है। ‘जाना’ क्रिया निरन्तर चल रही है। अतः यहाँ वर्तमान काल है। लट् लकार में अनुवाद or लट् लकार के वाक्य • अहम् पठामि । मैं पढ रहा हूँ । • अहम् खादामि । मैं खा रहा हूँ। • अहम् वदामि । (मैं बोल रहा हूँ) • त्वम गच्छसि । (तुम जा रहे हो) • सः पठति। (वह पढता है) • तौ पठतः । (वे दोनो पढते हैं) Kri Dhatu Lat Lakar Video

गम्/गच्छ धातु के रूप

Gam, Gachchh Dhatu गम् – गच्छ धातु (जाना, to go): गम् – गच्छ धातु भ्वादिगणीय धातु शब्द है। अतः Gam, Gachchh Dhatu के Dhatu Roop की तरह गम् – गच्छ जैसे सभी भ्वादिगणीय धातु के धातु रूप ( गम् – गच्छ धातु का गण (Conjugation): भ्वादिगण (प्रथम गण – First Conjugation) गम् – गच्छ का अर्थ: गम् – गच्छ का अर्थ जाना, to go होता है। गम् – गच्छ के धातु रूप (Dhatu Roop of Gam, Gachchh) – परस्मैपदी गम् – गच्छ धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में गम् – गच्छ धातु रूप (Gam, Gachchh Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। लट् लकार – वर्तमान काल, Present Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गच्छति गच्छतः गच्छन्ति मध्यमपुरुषः गच्छसि गच्छथः गच्छथ उत्तमपुरुषः गच्छामि गच्छावः गच्छामः लिट् लकार – Past Perfect Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः जगाम जग्मतुः जग्मुः मध्यमपुरुषः जगमिथ/जगन्थ जग्मथुः जगम उत्तमपुरुषः जगम/जगाम जग्मिव जग्मिम लुट् लकार – First Future Tense or Periphrastic पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गन्ता गन्तारौ गन्तारः मध्यमपुरुषः गन्तासि गन्तास्थः गन्तास्थ उत्तमपुरुषः गन्तास्मि गन्तास्वः गन्तास्मः लृट् लकार – भविष्यत्, Second Future Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गमिष्यति गमिष्यतः गमिष्यन्ति मध्यमपुरुषः गमिष्यसि गमिष्यथः गमिष्यथ उत्तमपुरुषः गमिष्यामि गमिष्यावः गमिष्यामः लोट् लकार – अनुज्ञा, Imperative Mood पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः गच्छतु/गच्छतात् गच्छताम् गच्छन्तु मध्यमपुरुषः गच्छ/गच्छतात् गच्छतम् गच्छत उत्तमपुरुषः गच्छानि गच्छाव गच्छाम लङ् लकार – भूतकाल, Past Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरुषः अगच्छत् अ...

'कृ' धातोः लङ्‌ लकारस्य उत्तमपुरुष बहुवचने रूपं विद्यते

Correct Answer - Option 3 : अकुर्म प्रश्न का हिन्दी अनुवाद - 'कृ' धातु लङ्लकार उत्तमपुरुष बहुवचन में रूप होता है - स्पष्टिकरण - 'कृ' धातु लङ्लकार के विविध पुरुषों और वचनों में रूप होता है - 'कृ' धातु लङ्लकार पुरूष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमपुरूष अकरोत् अकुरुताम् अकुर्वन् मध्यमपुरूष अकरोः अकुरुतम् अकुरुत उत्तमपुरूष अकरवम् अकुर्व अकुर्म

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु

UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु-रूप-प्रकरणे are part of Board UP Board Textbook NCERT Class Class 11 Subject Sahityik Hindi Chapter Chapter 2 Chapter Name धातु-रूप-प्रकरणे Number of Questions 21 Category UP Board Solutions UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi धातु-रूप-प्रकरणे धातु-रूप-प्रकरण पाठ्यक्रम में निर्धारित धातु-रूप निम्नवत् हैं (1) परस्मैपदी धातु ‘स्था’ (ठहरना) (2) परस्मैपदी ‘पा’ (पीना) (3) नी (ले जाना) (4) कृ (करना) [ध्यान दें-नीचे दिये जा रहे धातु रूप पाठ्यक्रम में निर्धारित नहीं है, परन्तु अनुवाद में सहायक होने के कारण यहाँ दिये जा रहे हैं। ] (5) चुर् (चुराना) (6) दा (देना) (7) गम् (जाना) (8) भू (होना) (9) पेच् (पकाना) (10) हस् (हँसना) (11) पठ् (पढ़ना) (12) दिव (क्रीड़ा, जीतने की इच्छा, जुआ खेलना आदि) (13) प्रच्छ (पूछना) (14) अस् (होना) (15) अद् (खाना) (16) खाद् (भोजन करना) (17) कथ् (कहना) पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ में आये धातु-रूपों के हल पाठ 5: पाठ 6: पाठ 7: पाठ 8: पाठ 9: पाठ 10: विशेष– धातु रूपों से सम्बन्धित बहुविकल्पीय प्रश्नों के प्रारूप-ज्ञान के लिए कुछ प्रश्न नीचे दिये जा रहे है [ संकेत- काले अक्षरों में छपे विकल्प को उचित विकल्प समझे।। ] (1) ‘स्था’ धातु लृट् लकार, उत्तम पुरुष बहुवचन का रूप होगा (i) स्थास्यतः (ii) स्थास्यामः (iii) स्थास्यथ (iv) स्थास्यसि (2) ‘नये:’ रूप होता है, ‘नी’ धातु के (i) लट् लकार, प्रथम पुरुष, एकवचन का (ii) लोट् लकार, उत्तम पुरुष, द्विवचन का (iii) लृट् लकार, मध्यम पुरुष, द्विवचन का (iv) विधिलिङ, मध्यम पुरुष, एकवचन का (3) ‘तिष्ठेताम्’ धातु रूप है-स्था धातु के ……….. का। (i) लोट् लकार, प्रथम पु...