कृषि योग्य भूमि के निम्नीकरण के कारण लिखिए

  1. एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ
  2. 02: भूमि; मृदा; जल; प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन / Sansadhan avam Vikas (Bhugol)
  3. भारत में कृषि भूमि खरीदने के लिए कानूनी सुझाव
  4. Main Answer Writing Practice
  5. Class 12 Geography
  6. NCERT Solutions for Class 12 Geography India: People and Economy Chapter 5 (Hindi Medium)
  7. [Solved] भारत के सिंचित क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि _
  8. कृषि योग्य भूमि के निम्नीकरण के कारण लिखिए? Krishi yogya bhumi ke nimnikaran ke karan likhiye


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एनसीईआरटी समाधान कक्षा 12 भूगोल अध्याय 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

प्रदूषण: वायु, भूमि तथा जल में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति जो जीवों तथा पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है, वह प्रदूषण कहलाती है । उदाहरण – जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनी प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि। प्रदूषक: प्रदूषक पर्यावरण को तथा जीव- जन्तुओं को नुकसान पहुँचाते हैं। प्रदूषक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनके कारण पर्यावरण में प्रदूषण फ़ैलता है। उदाहरण – नाइट्रोजन के ऑस्साइड, कार्बन के ऑक्साइड, सल्फ़र के ऑक्साइड आदि। वायु प्रदूषण वर्तमान मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। वायु प्रदूषण के प्रमुख स्त्रोत: मिट्टी का तेल, कोयला, सिगरेट से निकलने वाला धुँआ आदि के जलने के दौरान निकलने वाली आम प्रदूषक गैसें कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), कार्बनडाईआक्साइड (CO₂), सल्फ़रडाइऑक्साइड (SO₂)आदि लगभग 90 प्रतिशत है। प्रदूषण के प्रमुख स्तोतो में बिजली तथा गर्मी उत्पादन, ठोस अपशिष्टों का जलना, औद्योगिक प्रक्रियाए तथा विशेष रूप से परिवहन है। भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याएँ: • नगरों में अभी भी सभी प्रकार के ठोस अपशिष्ट एक साथ एकत्रित किए जाते हैं जैसे कि धातु – शीशा, सब्जियों के छिलके, कागज आदि। जिससे इनको उचित ढंग से निपटाने में बाधा आती है। • तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या और उसके लिए अपर्याप्त सुविधाएँ और विभिन्न स्त्रेतों द्वारा अपशिष्ट की मात्रा में वृद्धि। • इलेक्ट्रॉनिक सामान के कबाड़, मकानों की टूट-फ़ूट/निर्माण से उत्पन्न मलबे ने इस अपशिष्ट के निपटान की समस्या को और गंभीर बना दिया है। • पृथक्करण न होने तथा पर्याप्त जागरूकता के अभाव में अपशिष्ट का पुनर्चक्रण नहीं हो पाता। मानव स्वास्थ पर वायु प्रदूषण के प्रभाव • वायु प्रदूषण के संपर्क में तीव्र (अल्पकालिक) तथा दीर्घकालिक दो...

02: भूमि; मृदा; जल; प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन / Sansadhan avam Vikas (Bhugol)

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भारत में कृषि भूमि खरीदने के लिए कानूनी सुझाव

अचल संपत्ति के किसी भी रूप में निवेश में सावधानीपूर्वक और चरण-दर-चरण प्रक्रिया शामिल है। थोड़ी सी भी गलती कई कानूनी अड़चनों को जन्म दे सकती है, जो आपको निवेश के बाद के चरणों में प्रभावित कर सकती है। यही हाल भारत में कृषि भूमि का है। कृषि भूमि आकर्षक दीर्घकालिक रिटर्न का वादा करती है; हालाँकि, यदि कोई निर्णय जल्दबाजी में लिया जाता है, तो इस तरह के गलत तरीके से किए गए कदम एक महत्वपूर्ण नुकसान का कारण बन सकते हैं। भारत में कृषि भूमि खरीदने में शामिल कानूनी प्रक्रियाओं के आवश्यक ज्ञान की कमी होने पर किसी व्यक्ति को आसानी से धोखा दिया जा सकता है। इसलिए, हमेशा यह सलाह दी जाती है कि आप अपना होमवर्क करें और कृषि भूमि खरीदने से पहले इसमें शामिल विभिन्न कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जानें। आपके लिए इस कठिन कार्य को और अधिक प्रबंधनीय बनाने के लिए, हमने भारत में कृषि भूमि खरीदते समय विचार करने के लिए कुछ आवश्यक कानूनी युक्तियों को सूचीबद्ध किया है। स्वामित्व सत्यापित करने के लिए कृषि भूमि के शीर्षक विलेख की जाँच करें भूमि का टाइटल डीड विक्रेता के नाम की पुष्टि करता है और जांचता है कि विक्रेता को संपत्ति बेचने का अधिकार है या नहीं। मान लीजिए कि वर्तमान टाइटल डीड और पिछले टाइटल डीड में मौजूदा कृषि भूमि के एक से अधिक मालिक हैं। उस मामले में, यह सुनिश्चित करने के लिए दस्तावेजों को पंजीकृत करने से पहले एक वकील द्वारा इसकी जांच करने का सुझाव दिया जाता है कि मालिक ने जमीन के माध्यम से दूसरों तक पहुंच नहीं दी है। दस्तावेजों को सत्यापित करें और भूमि बिक्री समझौते पर हस्ताक्षर करें सभी दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, विक्रेता और खरीदार मसौदा तैयार करते हैं और एक लिखित दस्तावेज पर हस्ताक्षर...

Main Answer Writing Practice

उत्तर : प्रश्न विच्छेद • प्रश्न का संबंध एक समस्या के रूप में मृदा निम्नीकरण से है। हल करने का दृष्टिकोण • मृदा निम्नीकरण एवं कारणों की चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ करें। • मृदा निम्नीकरण के विभिन्न प्रभावों की चर्चा करें। • समाधान बताते हुए निष्कर्ष लिखें। मृदा निम्नीकरण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है। सामान्यत: कृषि, उद्योग और शहरीकरण के लिये मृदा का अवैज्ञानिक प्रबंधन और अनावश्यक इस्तेमाल के कारण मृदा गुणवत्ता में भौतिक, रासायनिक और जैविक रूप से गिरावट को ही मृदा निम्नीकरण कहा जाता है। मृदा मौलिक प्राकृतिक संसाधन है और समस्त धरातलीय जीवन का आधार है। अत: मृदा निम्नीकरण का निराकरण किया जाना जीवन के स्वस्थ रहने के लिये आवश्यक है। अतिरेक मृदा निम्नीकरण के तात्कालिक और दीर्घकालिक नुकसान हैं। यद्यपि मृदा निम्नीकरण प्राकृतिक रूप से भी होता है, तथापि मानवीय कारक मृदा निम्नीकरण के लिये प्रमुख रूप से उत्तरदायी हैं। इन कारकों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है- • भौतिक कारक: वर्षा, बाढ़, पवन द्वारा अपरदन, सामूहिक संचलन। • जैविक कारक: मानवीय एवं पादप अभिक्रियाएँ, अवैज्ञानिक कृषि पद्धतियाँ। • विवनीकरण, अतिचारण और शहरीकरण। • उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग। • औद्योगिक एवं खनन गतिविधियाँ। • मृदा निम्नीकरण के प्रभावों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है- सामाजिक प्रभाव • कृषि योग्य भूमि का ह्रास, जो कृषकों की आत्महत्या के लिये उत्तरदायी है। • सूखा, बाढ़ और शुष्कता। आर्थिक प्रभाव • न्यून कृषि उत्पादन जिससे गरीबी में वृद्धि होती है। • कृषि संबंधी कच्चे माल की अनुपलब्धता के कारण महँगाई में अभिवृद्धि। • खाद्यान्न आपूर्ति हेतु आयातों में अभिवृद्धि। • मृदा निम्नीकरण के मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड...

Class 12 Geography

12 Class Geography – II Notes In Hindi Chapter 5 भू संसाधन तथा कृषि Land Resource and Agriculture Board CBSE Board, UP Board, JAC Board, Bihar Board, HBSE Board, UBSE Board, PSEB Board, RBSE Board Textbook NCERT Class Class 12 Subject Geography 2nd Book Chapter Chapter 5 Chapter Name भू संसाधन तथा कृषि Category Class 12 Geography Notes in Hindi Medium Hindi CBSE 12 Class Geography – II Revision Notes In Hindi Chapter 5 Land Resource and Agriculture इस अध्याय मे हम भू संसाधन तथा कृषि पाठ के बारे में पड़ेगे । जिसमे भू – उपयोग वर्गीकरण , साझा संपत्ति संसाधन , भारत में कृषि , हरित क्रान्ति , आदि जैसे विषयो के बारे में विस्तार से जानेंगे । Class 12 Geography – II Chapter 5 भू संसाधन तथा कृषि Land Resource and Agriculture Notes in Hindi 📚 अध्याय = 5 📚 💠 भू संसाधन तथा कृषि 💠 ❇️भू – उपयोग वर्गीकरण :- 🔹 भूराजस्व विभाग भू – उपयोग संबंधी अभिलेख रखता है । भू – उपयोग संवर्गों का योग कुल प्रतिवेदन ( रिपोर्टिंग ) क्षेत्र के बराबर होता है जो कि भौगोलिक क्षेत्र से भिन्न है । भारत की प्रशासकीय इकाइयों के भौगोलिक क्षेत्र की सही जानकारी देने का दायित्व भारतीय सर्वेक्षण विभाग पर है । ❇️भूराजस्व अभिलेख द्वारा अपनाया गया भू – उपयोग वर्गीकरण निम्न प्रकार है ❇️ ❇️ 1. वनों के अधीन क्षेत्र :- 🔹 ये क्षेत्र वनों के अधीन होते हैं , सरकार द्वारा वन क्षेत्रों का सीमांकन इस प्रकार किया जाता है जहाँ वन विकसित हो सकते हैं । ❇️ 2. गैर कृषि कार्यों में प्रयुक्त भूमि :- 🔹 इस वर्ग की भूमि में भूमि का उपयोग सड़कों , नहरों , उद्योगों , दुकानों आदि के लिए किया जाता है । ❇️ 3. बंजर एवं व्यर्थ भूमि :- 🔹 वह भूमि जो भ...

NCERT Solutions for Class 12 Geography India: People and Economy Chapter 5 (Hindi Medium)

• NCERT Solutions for Social Science • Class 10 Social Science in Hindi Medium • Class 9 Social Science in Hindi Medium • Class 8 Social Science in Hindi Medium • Class 7 Social Science in Hindi Medium • Class 6 Social Science in Hindi Medium • NCERT Solutions for Class 10 • NCERT Solutions for Class 9 • NCERT Solutions for Class 11 प्र० 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए। (i) निम्न में से कौन-सा भू-उपयोग संवर्ग नहीं है? (क) परती भूमि (ख) सीमांत भूमि (ग) निवल बोया क्षेत्र (घ) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि (ii) पिछले 40 वर्षों में वनों का अनुपात बढ़ने का निम्न में से कौन-सा कारण है? (क) वनीकरण के विस्तृत व सक्षम प्रयास (ख) सामुदायिक वनों के अधीन क्षेत्र में वृद्धि (ग) वन बढ़ोतरी हेतु निर्धारित अधिसूचित क्षेत्र में वृद्धि (घ) वन क्षेत्र प्रबंधन में लोगों की बेहतर भागीदारी (iii) निम्न में से कौन-सा सिंचित क्षेत्रों में भू-निम्नीकरण का मुख्य प्रकार है? (क) अवनालिका अपरदन (ख) वायु अपरदन (ग) मृदा लवणता (घ) भूमि पर सिल्ट का जमाव (iv) शुष्क कृषि में निम्न में से कौन-सी फसल नहीं बोई जाती? (क) रागी (ख) ज्वार (ग) मूंगफली (घ) गन्ना (v) निम्न में से कौन से देशों में गेहूं व चावल की अधिक उत्पादकता की किस्में विकसित की गई थीं? (क) जापान तथा आस्ट्रेलिया (ख) संयुक्त राज्य अमेरिका तथा जापान (ग) मैक्सिको तथा फिलीपींस (घ) मैक्सिको तथा सिंगापुर उत्तर: (i) (ख) सीमांत भूमि (ii) (क) वनीकरण के विस्तृत व सक्षम प्रयास (iii) (ग) मृदा लवणता (iv) (घ) गन्ना (v) (ग) मैक्सिको तथा फिलीपींस। प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए| (i) बंजर भूमि तथा कृषियोग्य व्यर्थ भूमि में अ...

[Solved] भारत के सिंचित क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि _

सही उत्‍तर अति-सिंचाई है। Key Points • भारत की कृषि योग्य भूमि अधिक सिंचाई के कारण लवणीयहोती जा रही है। • सघन खेती और सिंचाई के अत्यधिक उपयोग वाले क्षेत्रों में मिट्टी अपनी उर्वरता खो रही है और लवणीयहो रही है। • अत्यधिक सिंचाई वाली शुष्क जलवायु में केशिका क्रिया होती है जिससे मिट्टी की ऊपरी परत पर लवणका जमाव होता है जिससे यह लवणीय (खारी)हो जातीहै। • अधिक सिंचाई के कारण देश के कृषि योग्य भूमि का एक बड़ासिंचित क्षेत्र भागलवणीयहोता जा रहा है। Additional Information • लवणता : • सिंचित कृषि में आने वाली लवणता की समस्याएं अक्सर जमीन की सतह के एक से दो मीटर के भीतर एक अनियंत्रित जल स्तर से जुड़ी होती हैं। • उथले जल की पट्टीवाली अधिकांश मिट्टी में, जलकेशिका द्वारा सक्रिय जड़ क्षेत्र में उगता है और, यदि जल स्तरमें लवण होतेहै, तो यह जड़ क्षेत्र में लवणोंका निरंतर स्रोत बन जाता है क्योंकि फसल द्वारा जलका उपयोग किया जाता है या मिट्टी की सतह वाष्पित हो जातीहै। • इस स्रोत से लवणीकरण सिंचित क्षेत्रों में गर्म जलवायु में तेजी से हो सकता है जहां भूमि के कुछ हिस्से विस्तारित अवधि के लिए परती रहते हैं। • एक अनियंत्रित उथलेजल स्तर से मिट्टी की लवणता संचय की दर सिंचाई प्रबंधन, लवणोंकी सघनता और भूजल की गहराई, मिट्टी के प्रकार और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करेगी। • शुष्क और अर्ध-शुष्क जलवायु में, खराब जल निकासी के कारण या जटिल लवणता की समस्या को तब तक पर्याप्त रूप से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है जब तक कि जल स्तर को स्थिर और सुरक्षित - आमतौर पर कम से कम दो मीटरगहराई पर बनाए रखा नहीं जाता है।

कृषि योग्य भूमि के निम्नीकरण के कारण लिखिए? Krishi yogya bhumi ke nimnikaran ke karan likhiye

सवाल: प्रकाश के प्रकीर्णन को समझाइए? प्रकाश के प्रकीर्णन का मतलब होता है प्रकाश की चुम्बकीय या विभवात्मक विचरण की प्रक्रिया को समझना या वर्णित करना। यह एक विज्ञानिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रकाश एक स्रोत से उत्पन्न होता है, एक वस्तु से टकराता है और फिर इंगित करके या अन्य प्रकार के प्रकाश के साथ इंटरैक्ट करके हमें प्रतीत होता है। जब प्रकाश एक वस्तु पर पड़ता है, तो यह वस्तु इसे अवशोषित, परावर्तित, विकिरणित या अद्यावत कर सकती है। इन प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप, हम प्रकाश के विभिन्न गुणों जैसे रंग, आभा, उच्च या निम्न आयाम, विकिरण आदि को देख सकते हैं। यह प्रक्रिया मूल रूप से प्रकाश के वेवलेट और गुणों की विभिन्न प्रोपर्टीज़ पर निर्भर करती है। जब किसी वस्तु पर प्रकाश पड़ता है, तो उस वस्तु में मौजूद धातुओं और अणुओं के साथ इंटरैक्शन के परिणामस्वरूप विभिन्न गुणों का प्रकाश में प्रकट होने लगता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से हम उन वस्तुओं को देख, पहचान और अनुभव कर सकते हैं जो प्रकाश के प्रकीर्णन द्वारा हमें प्राप्त होती हैं। सवाल: कृषि योग्य भूमि के निम्नीकरण के कारण लिखिए? कृषि योग्य भूमि के निम्नीकरण का कारण मुख्य रूप से निम्नलिखित कारकों की वजह से होता है: 1. जल अपव्यय: जल संसाधनों की अपव्यय कृषि योग्य भूमि के निम्नीकरण का मुख्य कारण है। बिना सही सिंचाई प्रणाली या नियंत्रित जल संसाधनों के उपयोग के, जल की उपयोगिता में हानि हो सकती है और भूमि की प्रजनन क्षमता गिर सकती है। 2. तत्वों की खामी: कृषि योग्य भूमि का निम्नीकरण कार्बन, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे महत्वपूर्ण पौधा पोषक तत्वों की कमी के कारण हो सकता है। अगर ये तत्व भूमि में पर्याप्त मात्रा में नहीं होते हैं, तो पौधों ...