कृष्ण भजन डायरी

  1. श्री कृष्ण भजन
  2. आरती: ॐ जय जगदीश हरे
  3. ये बाबा की निशान यात्रा भजन लिरिक्स


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श्री कृष्ण भजन

कृष्ण चक्रधारी कृष्ण दुःख शोक हारी (Krishna Chakrdhari Krishna Dukh Shok Haari )गीत अनूराधा पौडवाल द्वारा प्रस्तुत किया गया हे | श्रीकृष्णा रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है | द्रौपदी का कौरवों द्वारा भरी सभा में चिर हरण हो रहा था तो वह सभी से अपनी रक्षा की पुकार लगाती है लेकिन जब उसकी वहाँ कोई भी रक्षा नहीं करता तो वह श्री कृष्ण से अपनी रक्षा के लिए गुहार लगाती है और श्री कृष्ण उसकी कैसे रक्षा करते हैं देखें इस गीत मे। Krishna Chakrdhari Krishna Dukh Shok Haari Song Detail: गीत / Song कृष्ण चक्रधारी कृष्ण दुःख शोक हारी निर्देशक / Director रामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर ( स्वर / Lyrics सतीश डेहरा, चंद्रानी मुखर्जी और साथी संगीत / Music रवींद्र जैन ( नेटवर्क / Network दूरदर्शन नेशनल ( शैली / Genre श्रीकृष्ण भजन ( सहायक निर्देशक / Asst. Directors राजेंद्र शुक्ला / श्रीधर जेट्टी / ज्योति सागर (Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar) पटकथा और संवाद / Screenplay & Dialogues रामानंद सागर (Ramanand Sagar) कैमरा / Camera अविनाश सतोसकर (Avinash Satoskar) गीतकार / Lyrics रवींद्र जैन (Ravindra Jain) पार्श्व गायक: (Playback Singers) सुरेश वाडकर / हेमलता / रवींद्र जैन / अरविंदर सिंह / सुशील (Suresh Wadkar / Hemlata / Ravindra Jain / Arvinder Singh / Sushil) संपादक / Editor गिरीश दादा / मोरेश्वर / आर मिश्रा / सहदेव (Girish Daada / Moreshwar / R. Mishra / Sahdev) निर्माता / Producers रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम...

आरती: ॐ जय जगदीश हरे

Read in English दुनियाँ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा सन् १८७० में लिखी गई थी। यह आरती मूलतः भगवान विष्णु को समर्पित है फिर भी इस आरती को किसी भी पूजा, उत्सव पर गाया / सुनाया जाता हैं। कुछ भक्तों का मानना है कि इस आरती का मनन करने से सभी देवी-देवताओं की आरती का पुण्य मिल जाता है। ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का, स्वामी दुःख बिनसे मन का । सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी, स्वामी शरण गहूं मैं किसकी । तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी । पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता । मैं मूरख फलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति । किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे । अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ, द्वार पड़ा तेरे ॥ ॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥ विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा । श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥ ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे । भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥ आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयि...

ये बाबा की निशान यात्रा भजन लिरिक्स

ये बाबा की निशान यात्रा, भक्तो का करे बेडा पार, यें बाबा की निशान यात्रा।। एक हाथ में ध्वजा उठाओ, दूजे में गुलाब ले आओ, आओ भगतों सारे मिलकर, बाबा का जयकारा लगाओ, इत्र की कर दो बौछार, यें बाबा की निशान यात्रा।। भगतों ने भण्डारा लगाया, कढी कचोरी रज-रज खाया, कोई जिमाये दूध जलेबी, कोई छप्पन भोग ले आया, भरे रहे भण्डार, यें बाबा की निशान यात्रा।। रंग अबीर गुलाल उडाओ, झूमों नाचो खुशिया मनाओं, डीजे वाले भईया सुनलों, डीजे का तुम बेस बढाओं, बाबा है लखदातार, यें बाबा की निशान यात्रा।।